*MP Manish Tewari inaugurates Open Air Gym at Central Park, Sector 63, Chandigarh*

भारतीय वायु सेना ने अग्निपथ योजना के तहत चयन परीक्षा के लिए आवेदन आमंत्रित

-31 मार्च, 2023 तक किया जा सकता है आॅनलाइन पंजीकरण

For Detailed

पंचकूला, 21 मार्च-                 भारतीय वायु सेना ने अग्निपथ योजना के तहत अविवाहित युवक-युवतियों से अग्निवीर वायु इनटेक 02/2023 कीे चयन परीक्षा के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं।


     इस संबंध में जानकारी देते हुए कमांडिंग आॅफिसर 1एएससी एयर फोर्स अंबाला विंग कामंडर आशीष दूबे ने बताया कि इसके लिए इच्छुक युवक व युवतियां आॅनलाईन पोर्टल ीजजचेरूध्ध्ंहदपचंजीअंलनण्बकंबण्पद पर 31 मार्च, 2023 तक पंजीकरण कर सकते हैं। पंजीकरण और परीक्षा शुल्क 250 रूपए निर्धारित किया गया है।


उन्होंने बताया कि आॅनलाइन परीक्षा 20 मई, 2023 से आयोजित की जाएगी। आवेदक की जन्म तिथि 26 दिसंबर 2002 और 26 जून 2006 के मध्य की होनी अनिवार्य है।


    उन्होंने बताया कि विज्ञान विषय के आवेदक ने मैथ, फिजिक्स व अंग्रेजी विषयों के साथ इंटरमीडिएट/12वीं/समकक्ष परीक्षा कम से कम 50 प्रतिशत अंक और अंग्रेजी में 50 प्रतिशत अंक के साथ उत्तीर्ण की हो  अथवा सरकार से मान्यता प्राप्त पोलिटैक्निक इंस्टीट्यूट से न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक और अंग्रजी में 50 प्रतिशत अंक के साथ इंजिनियरिंग में तीन साल का कोर्स पास किया हो या सीओबीएसई में सूचीबद्ध राज्य शिक्षा बोर्ड/काउंसिल से फिजिक्स और मैथेमैटिक्स जैसे नाॅन वोकेशनल विषयों के साथ दो साल का वोकेशनल कोर्स किया जो जिसमें कुल न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक और अंग्रेजी में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हों ।


     उन्होंने बताया कि विज्ञान विषय के अलावा न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक तथा अंग्रेजी में 50 प्रतिशत अंकों के साथ सीओबीएसई सदस्य के रूप में सूचीबद्ध केंद्र/राज्य शिक्षा बोर्ड द्वारा अनुमोदित किसी भी स्ट्रीम/विषय में इंटरमीडिएट/12वीं या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण की हो या सीओबीएसई में सूचीबद्ध राज्य शिक्षा बोर्ड/काउंसिल से दो साल का वोकेशनल कोर्स किया जो जिसमें कुल न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक और अंग्रेजी में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हों।

https://propertyliquid.com/

*MP Manish Tewari inaugurates Open Air Gym at Central Park, Sector 63, Chandigarh*

विश्व कविता दिवस एवं नवसंवतसर के उपलक्ष्य में काव्य गोष्ठी का किया आयोजन

For Detailed

पंचकूला, 21 मार्च- हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा आज सेक्टर 14 स्थित अकादमी परिसर में एक अनूठे ढंग से विश्व कविता दिवस एवं नवसंवतसर मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित कविता-गोष्ठी में प्रमुख स्थानीय कवियों के अलावा अकादमी के सभी कर्मियों ने कविता-पाठ किया। अकादमी अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने अपने संदेश में इस विशिष्ट आयोजन के लिए सभी प्रतिभागियों को बधाई दी और कहा कि कविता, संवेदना के धरातल पर एक सुखद यात्रा है।


इस अवसर पर अपने उद्बोधन में निदेशक डाॅ. चन्द्रत्रिखा ने बताया कि ‘विश्व कविता दिवस’, पूरे विश्व में यूनेस्को के घोषित मानदंडों के आधार पर मनाया जाता है और उन्होंने श्री रामधारी सिंह दिनकर के इस कथन को दोहराया कि कविता, शब्द नहीं, शांति है कोलाहल नहीं, मौन है। कुछ अवसरों पर यह देवलोक के मधुर संगीत की गूंज समान लगती है। कविता, कल्पना, विचारों तथा शब्दों के बेहतरीन तालमेल का नाम है। काव्यकार तब तक अपनी कलम नहीं चलाता जब तक स्याही प्रेम की आहों में सराबोर नहीं हो जाती।


इस संगोष्ठी में संतोष गर्ग, संगीता बैनीवाल, नीलम नारंग, जितेन्द्र परवाज ने विश्व कविता दिवस एवं नवसंवतसर को समर्पित रचनाएं प्रस्तुत की। अकादमी के कर्मियों मनीषा नांदल, मूर्ति देवी, किरन खेड़ा, संजीता कुमारी, संजय कुमार, दिनेश कुमार, प्रदीप शर्मा, विजेन्द्र कुमार, उमेद राम ने भी स्वरूचि की कविताओं का पाठ किया। कविता गोष्ठी का संचालन श्रीमती मनीषा नांदल ने किया।

https://propertyliquid.com/

*MP Manish Tewari inaugurates Open Air Gym at Central Park, Sector 63, Chandigarh*

वन के बिना जीवन की कल्पना नहीं- डा. टीपी सिंह

-हरित क्षेत्र मानव जीवन को बनायेगा खुशहाल- एचएसवीपी प्रशासक धर्मवीर सिंह

-मुख्य वक्ता के रूप में भावना शेखर ने बताया प्रकृति और साहित्य का रिश्ता

-कोई ऐसी वनस्पति नहीं जो औषधि नहीं-डा. सांत्वना

For Detailed

पंचकूला, 21 मार्च- हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की पहल पर स्कूल शिक्षा विभाग के माध्यम से  जल संसांधन प्राधिकरण हरियाणा के सानिध्य में आज ईन्द्रधनुष आडिटोरियम के ‘‘कान्फ्रेन्स हाल’’ में विश्व जल दिवस के  उपलक्ष्य में ‘‘जल संवाद’’ विषय पर  दो दिवसीय विमर्श का आयोजन किया गया।


हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के हरि के अरण्य हरियाणा के सपने को साकार करने के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक श्री अजीत बालाजी जोशी के मार्गदर्शन में आज आयोजित इस विमर्श में ‘‘जल संवाद’’ विषय को आधार बनाया गया।


आज वानिकी दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में शिरकत करते हुए वन विभाग हरियाणा के सचिव डा. टीपी सिंह ने कहा कि वन के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि  हम सभी को  समस्त प्राणी जगत के कल्याण के लिए ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करना होगा। हम सभी को ज्ञात है कि वृक्षों से ही आॅक्सीजन है, वृक्षों से समस्त प्राणी जगत का कल्याण है। वन ही वर्षा ऋतु की आहट है। जलवायु परिवर्तन के खतरों से निजात पाने का पौधारोपण करना और रोपे गये पौधों को संवारकर वृक्ष बनाना ही एकमात्र विकल्प है।


इस अवसर पर विमर्श की अध्यक्षता करते हुए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के प्रशासक श्री धर्मवीर सिंह ने कहा कि धरती को हरित क्षेत्र बनाने से सभी के जीवन में खुशहाली आयेगी। उन्होंने कहा कि जब पर्यावरण संरक्षण जन-जन के जीवन में आत्मसात होगा तभी हरित क्षेत्र का सपना साकार होगा।


इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि  पुलिस महानिरीक्षक आईटीबीपी श्री ईश्वर सिंह दुहन ने कहा कि हम सब वन के महत्व से भलि-भांति परीचित हैं। वन सिर्फ मनुष्य के जीवन-यापन का साधन ही नहीं है बल्कि असंख्य जीव-जंतुओे का बसेरा भी है। हमें इस धरा को उसके असली गहने से सजाना-सवांरना होगा।  


मुख्य वक्ता श्रीमती भावना शेखर ने प्रकृति और साहित्य के अन्त संबन्धों के बारे में बताते हुए कहा कि कवियों ने प्रकृति के सम्मान में कितने काव्य, महाकाव्यों की रचना की। उन्होंने कहा कि साहित्य समाज  का दर्पण है इसलिए हमें प्रकृति सरक्षण के लिए साहित्य को भी आधार बनाना होगा।


आयुष विभाग से डा. सान्त्वना ने कहा धरती पर विद्यमान कोई भी वृक्ष ऐसा नहीं है जो औषधि नहीं है । हमें धरती पर विद्यमान प्रत्येक जीव की सेहत को ठीक करने के लिए ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करना होगा। उन्होंने कहा कि हमारी धरती कितनी उदार है, वह हमें जीवन जीने के लिए बिना मांगे सब कुछ उपहार में प्रदान करती है। परन्तु हम स्वार्थ के वंशीभूत होकर धरती की सेहत को ही खराब कर रहे हैं और जब धरती ही बीमार होगी तो हम भला कैसे स्वस्थ रह पायेंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा को हरि का अरण्य कहा गया है। हमें पौधारोपण कर फिर से इस उक्ति को चरितार्थ करना होगा। उन्होंने कहा कि वन हमारी संभ्यता व संस्कृति का रक्षक है। उन्होंने कहा कि आज के शिक्षकों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।


इस अवसर पर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के कार्यकारी अभियंता श्री अशोक राणा,  श्री उमेश, श्री चमन, श्रीमती रीता राय के साथ-साथ हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारी, कर्मचारी व पंचकूला के स्कूल शिक्षा विभाग के  सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों ने हिस्सेदारी निभायी।

https://propertyliquid.com/

*MP Manish Tewari inaugurates Open Air Gym at Central Park, Sector 63, Chandigarh*

उपायुक्त ने जिला में मोटे अनाज के उत्पादन व खान-पान में प्रयोग को बढावा देने के लिये प्रचार वैन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

-कृषि विभाग के कर्मचारी गांव-गांव जाकर सभी नागरिकों को मोटे अनाज के प्रयोग व फायदों के बारे में करेंगें जागरूक

For Detailed

पंचकूला, 21 मार्च- उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने आज सेक्टर-1 स्थित लघु सचिवालय से जिला में मोटे अनाज के उत्पादन व खान-पान में प्रयोग को बढावा देने के लिये कृषि तथा किसान कल्याण विभाग, पंचकूला की प्रचार वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर कृषि तथा किसान कल्याण विभाग, पंचकूला के उपनिदेशक डाॅ सुरेंद्र यादव भी उपस्थित थे।


डाॅ सुरेंद्र सिंह यादव ने उपायुक्त को अवगत करवाया कि हाल में किए गए अनुसंधान निष्कर्षों से यह पता चला है कि ज्वार-बाजरा में मधुमेह रोधी गुण होते है तथा मिलेटस् आधारित खाद्य प्रदार्थों में ग्लूकोज लेवल तथा गलाइकोसिलेटिड हिमोग्लोबिन भी कम होता है। इस वैन के माध्यम से सभी नागरिकों को जागरूक किया जाएगा कि सभी मोटे अनाज को अपने खान-पान में उपयोग करे जोकि स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त लाभकारी है। इससे इन फसलों के उत्पादन में वृद्धि भी होगी तथा किसानों की आय भी बढेगी। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग मोटे अनाज के प्रयोग को बढावा देने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार कर रहा है। इस अभियान के तहत गांव-गांव जाकर कृषि विभाग के कर्मचारी सभी नागरिकों को जागरूक करेंगें तथा विभिन्न माध्यमों से जागरूक करने हेतु जगह-जगह फलैक्स बैनर, वाल पेंटिग व कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जायेगा। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023 पोषक अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।


      उन्होंने बताया कि मोटे अनाज एवं कदन्नों का पौष्टिक मुल्य उच्च होता है तथा ये फसलें प्रतिकूल कृषि जलवायु परिस्थितियों का सामना करने में सक्षम है। इन्हें पौष्टिक व जलवायु अनुकूल फसलें भी कहा जाता है। इन फसलों का विभिन्न उधमों में उपयोग किया जा सकता है, जिससे गरीब किसानों की आय में वृद्धि होगी तथा हमारे पोषण का स्तर भी बढेगा।


इस मौके पर विभाग से श्री रविन्द्र हुडडा, गुण नियंत्रक विशेषज्ञ श्री उपेन्द्र सहरावत, सहायक संाख्यिकी अधिकारी श्री अशोक राठी, विषय विशेषज्ञ व श्री ओम प्रकाश, सहायक कृषि अभियंता भी मौजूद रहे।

https://propertyliquid.com/