*MC Commissioner Amit Kumar leads intensive sanitation challan drive to boost City Cleanliness* 

हनुमान जन्मोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ

12-04-2025

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hanuman ji
hanuman ji

हनुमान जन्मोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ

जय श्री बाला जी

मंगल को जन्मे, मंगल ही करते मंगलमय भगवान।
श्री हनुमान जी महाराज के पावन जन्मोत्सव की सभी मित्रों को सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं।

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भारत बना चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 का विजेता

09-03-2025

भारत बना चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 का विजेता

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न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हराया

भारत तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी का विजेता बना

12 साल बाद चैम्पियंस ट्रॉफी पर कब्जा

भारत ने ICC KnockOut Trophy 2000 में न्यूजीलैंड से हार का बदला लिया

TEAM INDIA HAVE WON THE CHAMPIONS TROPHY AFTER 12 YEARS

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*जिला के 19378 किसानों के खाते में भेजी पीएम सम्मान निधि की 19वीं किस्त – श्रवण गर्ग*

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पंचकूला, 24 फरवरी – गौसेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण गर्ग की अध्यक्षता में आज पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस सेक्टर-1 पंचकूला में किसान सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। बिहार के भागलपुर से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 19वीं किस्त देशभर के किसानों के खातों में डीबीटी के माध्यम से भेजीं। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने झज्जर में आयोजित प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम में शिरकत की।

गौसेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण गर्ग ने बताया कि जिला पंचकूला के 19378 किसान का पीएम किसान सम्मान निधि के लिए पंजीकृत हैं। जिन्हें आज लगभग तीन करोड़ 87 लाख 56 हजार रूप्ये 19वीं किस्त प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सीधे डीबीटी के माध्यम से खातों में पहुंचाकर लाभ दिया है। उन्होंने बताया कि इस योजनाओं को भाजपा सरकार ने वर्ष 2019 में शुरू किया था। इसके अलावा किसानों के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू किया हुआ है। 

कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों के लिए प्रदेश में लागू योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर नगर निगम मेयर कुलभूषण गोयल, भाजपा जिलाध्यक्ष दीपक शर्मा, अतिरिक्त उपायुक्त निशा यादव, एसडीएम चंद्रकांत कटारिया, कृषि उप निदेशक डा. सुरेन्द्र यादव सहित किसान व अधिकारीगण मौजूद रहे।

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जोनल मैनेजर ने किया सरस मेले का दौरा

स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की तारीफ की
एलडीएम पंचकूला ने जोनल मैनेजर श्री राजेश प्रसाद का किया स्वागत

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पंचकूला, 22 नवंबर 15 नवंबर से 26 नवंबर तक चलने वाले सरस मेले में आज जोनल मैनेजर श्री राजेश प्रसाद ने दौरा किया। उन्होने इस अवसर पर सभी स्टाॅलों का निरीक्षण किया और वंहा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा लगाए गए स्टालों में निर्मित उत्पादों की तारीफ की और कहा उनकी उपस्थिति आरएसईटीआई में प्रशिक्षण प्रदान करके पीएनबी द्वारा स्थानीय कारीगरों और ग्रामीण विकास का समर्थन करने के महत्व का प्रमाण थी।
जोनल मैनेजर ने मेले में विभिन्न राज्यों के व्यंजनों का भी स्वाद चखा। उन्होने कहा कि ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पाद उनकी मेहनत, रचनात्मकता व स्वावलंबन का प्रतीक हैं।  उन्होने कहा कि सरस मेले के माध्यम से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को एक बडा प्लैटफार्म मिला है। इस मेले के माध्यम से पंचकूला के लोगों को भी नई नई चीजें, व्यंजन खाने व खरीदने का अवसर मिलेगा।

एलडीएम पंचकूला श्रीमती गजल शर्मा ने जोनल मैनेजर श्री राजेश प्रसाद का स्वागत किया। इस अवसर पर आरएसईटीआई प्रमुख अशोक कुमार भी उपस्थित थे।

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श्री माता मनसा देवी – पंचकूला

पंचकूला:

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भारत की सभ्यता एवं संस्कृति आदिकाल से ही विश्व की पथ-प्रदर्शक रही है और इसकी चप्पा-चप्पा धरा को ऋषि मुनियों ने अपने तपोबल से पावन किया है। हरियाणा की पावन धरा भी इस पुरातन गौरवमय भारतीय संस्कृति, धरोहर तथा देश के इतिहास एवं सभ्यता का उदगम स्थल रही है। यह वह कर्म भूमि है, जहां धर्म की रक्षा के लिए दुनिया का सबसे बड़ा संग्राम महाभारत लड़ा गया था और गीता का पावन संदेश भी इसी भू-भाग से गुंजित हुआ है। वहीं शिवालिक की पहाडिय़ों से लेकर कुरूक्षेत्र तक के 48 कोस के सिंधुवन में ऋषि-मुनियों द्वारा पुराणों की रचना की गई और यह समस्त भूभाग देवधरा के नाम से जाना जाता है।


इसी परम्परा में हरियाणा के जिला पंचकूला में ऐतिहासिक नगर मनीमाजरा के निकट शिवालिक पर्वत मालाओं की गोद में सिन्धुवन के अतिंम छोर पर प्राकृतिक छटाओं से आच्छादित एकदम मनोरम एवं शांति वातावरण में स्थित है – सतयुगी सिद्घ माता मनसा देवी का मंदिर। कहा जाता है कि यदि कोई भक्त सच्चे मन से 40 दिन तक निरंतर मनसा देवी के भवन में पहुंच कर पूजा अर्चना करता है तो माता मनसा देवी उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करती है। माता मनसा देवी का चैत्र और आश्विन मास के नवरात्रों में मेला लगता है।


माता मनसा देवी के मंदिर को लेकर कई धारणाएं व मान्यताएं प्रचलित हैं। श्री माता मनसा देवी का इतिहास उतना ही प्राचीन है, जितना कि अन्य सिद्घ शक्तिपीठों का। इन शक्ति पीठों का कैसे और कब प्रादुर्भाव हुआ इसके बारे में शिव पुराण में विस्तृत वर्णन मिलता है। धर्म ग्रंथ तंत्र चूड़ामणि के अनुसार ऐसे सिद्घ पीठों की संख्या 51 है, जबकि देवी भागवत पुराण में 108 सिद्घ पीठों का उल्लेख मिलता है, जो सती के अंगों के गिरने से प्रकट हुए। श्री माता मनसा देवी के प्रकट होने का उल्लेख शिव पुराण में मिलता है। माता पार्वती हिमालय के राजा दक्ष की कन्या थी व अपने पति भगवान शिव के साथ कैलाश पर्वत पर उनका वास था। कहा जाता है कि एक बार राजा दक्ष ने अश्वमेध यज्ञ रचाया और उसमें सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया, परन्तु इसमें भगवान शिव को नहीं बुलाया, इसके बावजूद भी पार्वती ने यज्ञ में शामिल होने की बहुत जिदद की। महादेव ने कहा कि बिना बुलाए वहां जाना नहीं चाहिए और यह शिष्टाचार के विरूद्घ भी है। अन्त मे विवश होकर मां पार्वती का आग्रह शिवजी को मानना पड़ा। शिवजी ने अपने कुछ गण पार्वती की रक्षार्थ साथ भेजे। जब पार्वती अपने पिता के घर पहुंची तो किसी ने उनका सत्कार नहीं किया। वह मन ही मन अपने पति भगवान शंकर की बात याद करके पश्चाताप करने लगी। हवन यज्ञ चल रहा था। यह प्रथा थी कि यज्ञ में प्रत्येक देवी देवता एवं उनके सखा संबंधी का भाग निकाला जाता था। जब पार्वती के पिता ने यज्ञ से शिवजी का भाग नहीं निकाला तो पार्वती को बहुत आघात लगा। आत्म सम्मान के लिए गौरी ने अपने आपको यज्ञ की अग्नि में होम कर दिया। पिता दक्ष प्रजापति के यज्ञ में प्राणोत्सर्ग करने के समाचार को सुन शिवजी बहुत क्रोधित हुए और वीरभद्र को महाराजा दक्ष को खत्म करने के लिए आदेश दिए। क्रोध में वीरभद्र ने दक्ष का मस्तक काटकर यज्ञ विघ्वंस कर डाला। शिवजी ने जब यज्ञ स्थान पर जाकर सती का दग्ध शरीर देखा तो सती-सती पुकारते हुए उनके दग्ध शरीर को कंधे पर रखकर भ्रान्तचित से तांडव नृत्य करते हुए देश देशातंर में भटकने लगे।


भगवान शिव का उग्र रूप देखकर ब्रहमा आदि देवताओं को बड़ी चिंता हुई। शिवजी का मोह दूर करने के लिए सती की देह को उनसे दूर करना आवश्यक था, इसलिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से लक्ष्यभेद कर सती के शरीर को खंड-खंड कर दिया। वे अंग जहां-जहां गिरे वहीं शक्तिपीठों की स्थापना हुई और शिव ने कहा कि इन स्थानों पर भगवती शिव की भक्ति भाव से आराधना करने पर कुछ भी दुलर्भ नहीं होगा क्योंकि उन-उन स्थानों पर देवी का साक्षात निवास रहेगा। हिमाचल प्रदेश के कांगडा के स्थान पर सती का मस्तक गिरने से बृजेश्वरी देवी शक्तिपीठ, ज्वालामुखी पर जिव्हा गिरने से ज्वाला जी, मन का भाग गिरने से छिन्न मस्तिका चिन्तपूर्णी, नयन से नयना देवी, त्रिपुरा में बाई जंघा से जयन्ती देवी, कलकत्ता में दाये चरण की उंगलियां गिरने से काली मदिंर, सहारनपुर के निकट शिवालिक पर्वत पर शीश गिरने से शकुम्भरी, कुरूक्षेत्र में गुल्फ गिरने से भद्रकाली शक्ति पीठ तथा मनीमाजरा के निकट शिवालिक गिरिमालाओं पर देवी के मस्तिष्क का अग्र भाग गिरने से मनसा देवी आदि शक्ति पीठ देश के लाखों भक्तों के लिए पूजा स्थल बन गए हैं।


एक अन्य दंत कथा के अनुसार मनसा देवी का नाम महंत मंशा नाथ के नाम पर पडा बताया जाता है। मुगलकालीन बादशाह सम्राट अकबर के समय लगभग सवा चार सौ वर्ष पूर्व बिलासपुर गांव में देवी भक्त महंत मन्शा नाथ रहते थे। उस समय यहां देवी की पूजा अर्चना करने दूर-दूर से लोग आते थे। दिल्ली सूबे की ओर से यहां मेले पर आने वाले प्रत्येक यात्री से एक रुपया कर के रूप में वसूल किया जाता था। इसका मंहत मनसा नाथ ने विरोध किया। हकूमत के दंड के डर से राजपूतों ने उनके मदिंर में प्रवेश पर रोक लगा दी। माता का अनन्य भक्त होने के नाते उसने वर्तमान मदिंर से कुछ दूर नीचे पहाडों पर अपना डेरा जमा लिया और वहीं से माता की पूजा करने लगा। महंत मंशा नाथ का धूना आज भी मनसा देवी की सीढियों के शुरू में बाई ओर देखा जा सकता है।
आईने अकबरी में यह उल्लेख मिलता है कि जब सम्राट अकबर 1567 ई. में कुरूक्षेत्र में एक सूफी संत को मिलने आए थे तो लाखों की संख्या में लोग वहां सूर्य ग्रहण पर इकटठे हुये थे। महंत मंशा नाथ भी संगत के साथ कुरूक्षेत्र में स्नान के लिये गये थे। कहते हैं कि जब नागरिकों एवं कुछ संतों ने अकबर से सरकार द्वारा यात्रियों से कर वसूली करने की शिकायत की तो उन्होंने हिंदुओं के प्रति उदारता दिखाते हुए सभी तीर्थ स्थानों पर यात्रियों से कर वसूली पर तुरंत रोक लगाने का हुकम दे दिया, जिसके फलस्वरूप कुरूक्षेत्र एवं मनसा देवी के दर्शनों के लिए कर वसूली समाप्त कर दी गई।

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श्री माता मनसा देवी के सिद्घ शक्तिपीठ पर बने मदिंर का निर्माण मनीमाजरा के राजा गोपाल सिंह ने अपनी मनोकामना पूरी होने पर लगभग पौने दो सौ वर्ष पूर्व चार वर्षाे में अपनी देखरेख में सन 1815 ईसवी में पूर्ण करवाया था। मुख्य मदिंर में माता की मूर्ति स्थापित है। मूर्ति के आगे तीन पिंडीयां हैं, जिन्हें मां का रूप ही माना जाता है। ये तीनों पीडिंया महालक्ष्मी, मनसा देवी तथा सरस्वती देवी के नाम से जानी जाती हैं। मंदिर की परिक्रमा पर गणेश, हनुमान, द्वारपाल, वैष्णवी देवी, भैरव की मूर्तियां एवं शिव लिंग स्थापित है। इसके अतिरिक्त श्री मनसा देवी मंदिर के प्रवेश द्वार पर माता मनसा देवी की विधि विधान से अखंड ज्योत प्रज्जवलित कर दी गई है। इस समय मनसा देवी के तीन मंदिर हैं, जिनका निर्माण पटियाला के महाराज द्वारा करवाया गया था। प्राचीन मदिंर के पीछे निचली पहाडी के दामन में एक ऊंचे गोल गुम्बदनुमा भवन में बना माता मनसा देवी का तीसरा मदिंर है। मदिंर के एतिहासिक महत्व तथा मेलों के उपर प्रति वर्ष आने वाले लाखों श्रद्घालुओं को और अधिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए हरियाणा सरकार ने मनसा देवी परिसर को 9 सितम्बर 1991 को माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड का गठन करके इसे अपने हाथ मे ले लिया था।
श्री माता मनसा देवी की मान्यता के बारे पुरातन लिखित इतिहास तो उपलब्ध नहीं है, परन्तु पिंजौर, सकेतडी एवं कालका क्षेत्र में पुरातत्ववेताओं की खोज से यहां जो प्राचीन चीजे मिली हैं, जो पाषाण युग से संबंधित है उनसे यह सिद्घ होता है कि आदिकाल में भी इस क्षेत्र में मानव का निवास था और वे देवी देवताओं की पूजा करते थे, जिससे यह मान्यता दृढ होती है कि उस समय इस स्थान पर माता मनसा देवी मदिंर विद्यमान था। यह भी जनश्रुति है कि पांडवों ने बनवास के समय इस उत्तराखंड में पंचपूरा पिंजौर की स्थापना की थी। उन्होंने ही अन्य शक्तिपीठों के साथ-साथ चंडीगढ के निकट चंडीमदिंर, कालका में काली माता तथा मनसा देवी मदिंर में देवी आराधाना की थी। पांडवों के बनवास के दिनों में भगवान श्री कृष्ण के भी इस क्षेत्र में आने के प्रमाण मिलते हैं। त्रेता युग में भी भगवान द्वारा शक्ति पूजा का प्रचलन था और श्री राम द्वारा भी इन शक्ति पीठों की पूजा का वर्णन मिलता है।


हरिद्वार के निकट शिवालिक की ऊंची पहाडियों की चोटी पर माता मनसा देवी का एक और मदिंर विद्यमान है, जो आज देश के लाखों यात्रियों के लिये अराध्य स्थल बना हुआ है, परन्तु उस मदिंर की गणना 51 शक्तिपीठों में नहीं की जाती। पंचकूला के बिलासपुर गांव की भूमि पर वर्तमान माता मनसा देवी मदिंर ही सिद्घ शक्ति पीठ है, जिसकी गणना 51 शक्ति पीठों में होने के अकाट्य प्रमाण हैं। हरिद्वार के निकट माता मनसा देवी के मदिंर के बारे यह दंत कथा प्रसिद्घ है कि यह मनसा देवी तो नागराज या वासुकी की बहिन, महर्षि कश्यप की कन्या व आस्तिक ऋषि की माता तथा जरत्कारू की पत्नी है, जिसने पितरों की अभिलाषा एवं देवताओं की इच्छा एवं स्वयं अपने पति की प्रतिज्ञा को पूर्ण करने तथा सभी की मनोकामना पूर्ण करने के लिए वहां अवतार धारण किया था, सभी की मनोकामना पूर्ण करने के कारण अपने पति के नाम वाली जरत्कारू का नाम भक्तों में मनसा देवी के रूप में प्रसिद्घ हो गया। वह शाक्त भक्तों में अक्षय धनदात्रि, संकट नाशिनी, पुत्र-पोत्र दायिनी तथा नागेश्वरी माता आदि नामों से प्रसिद्घ है।

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*MC Chandigarh Celebrates “Swachh Basant Utsav”*

*Organizes in-house competition for its employees/safaimitras*

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*Chandigarh, February 13:-* Aiming to foster sustainability, the MC Chandigarh, in its commitment to promoting cleanliness and environmental awareness, joyously celebrated this year’s Basant Panchmi as “Swachh Basant Utsav.” The event aimed to inspire citizens to embrace sustainable practices and create a cleaner, greener future for all.

A special symbolic kite dedicated to the pride of the city, Safaimitras, was also part of the event. It was hand-painted by the SHGs. This gesture recognized the invaluable contribution of Safaimitras in keeping the city clean and highlighted their role in maintaining the cleanliness of Chandigarh.

MX Kajal Mangalmukhi, Brand Ambassador of Swachh Bharat Mission, also graced the occasion and celebrated Swachh Basant Utsav while spreading the message of Swachhata.

Ms. Anindita Mitra, IAS Commissioner said that MC Chandigarh is committed to creating a cleaner, greener, and more sustainable environment for the citizens of Chandigarh. Through various initiatives, MC Chandigarh strives to promote cleanliness, environmental awareness, Community engagement and sustainable practices in the city.

To infuse additional excitement into the “Swachh Basant Utsav” celebration, MC Chandigarh organized two competitions – kite flying and mehndi. These competitions witnessed enthusiastic participation from MC officers, employees, Safaimitras and SHG’s group, showcasing their commitment to cleanliness and environmental consciousness.

Each kite that soared into the sky bore a Swachhata Message, emphasizing the importance of source segregation, avoiding littering, reducing plastic usage, and adopting home composting. The use of eco-friendly kite strings further highlighted the event’s focus on sustainable practices and the ‘Reduce, Reuse, Recycle’ (RRR) principle.

Employing a zero-waste approach, the event underscored the crucial importance of sustainability. It aimed to inspire citizens to embrace cleanliness and environmentally conscious practices for the betterment of the community and the environment as a whole. The event also featured kite-shaped floral topiaries, adding to its visual appeal.

Incorporating the spirit of peace, prosperity, and positive energy, the event radiated the ‘yellow color’ element throughout the decor and attire, setting a vibrant and cheerful ambiance. The yellow color symbolizes hope, optimism, and the desire for a brighter and cleaner future.

MC Chandigarh takes pride in orchestrating the “Swachh Basant Utsav” and pledges to continue fostering a cleaner, greener, and more sustainable future for all citizens. By organizing such events, MC Chandigarh aims to create awareness and encourage active participation in the journey towards a cleaner and environmentally responsible Chandigarh.

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*MC Chandigarh initiates Mission Teerath Swachhata near places of worship, on Makar Sakaranti*

*MC to deep cleanse surroundings of all places of worship in the city*

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*Chandigarh, January 14:-* With the aim of developing communities and maintaining a clean, sustainable, and vibrant city, MC Chandigarh has set up the “PRARAMBH” stall—an eco-friendly and sustainable products initiative in collaboration with ARPAN SHG—outside Sai Temple, Sector 29, on the auspicious occasion of Makar Sankranti.

Additionally, a comprehensive cleaning drive of worship places is being conducted, involving sweeping, litter picking, cleaning dustbins, and collecting floral waste. This proactive approach highlights MC Chandigarh’s unwavering commitment to maintaining cleanliness and hygiene in all public spaces.

M C Commissioner Ms. Anindita Mitra expressed her enthusiasm for the initiative, saying that PRARAMBH represents a significant step towards sustainable development and waste management in the city. By recycling floral waste and promoting eco-friendly products, the MCC not only preserving the environment but also creating livelihood opportunities for women. She encouraged residents and visitors to support PRARAMBH and contribute to collective efforts towards a greener and cleaner Chandigarh.

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She said that by supporting such initiatives, citizens contribute to a cleaner and greener environment while encouraging sustainable practices in their daily lives. The initiative serves as a reminder of the importance of responsible waste management and highlights how small actions can have a positive impact on the community and the environment.

ARPAN SHG focuses on collecting, segregating, and recycling floral waste generated by religious institutions. Through innovative techniques, the initiative aims to transform these discarded flowers into useful products such as incense cones, Govardhan diyas, and various other recycled items. This not only addresses the issue of waste management but also promotes the concept of a circular economy.

The MC Chandigarh urged everyone to support and actively participate in the sustainable revolution to keep the city clean. Together, citizens can create a greener, cleaner, and more prosperous future for generations to come.

MC Chandigarh continues to pursue various initiatives and partnerships to create a harmonious and eco-friendly environment for its residents and visitors.

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Sandeep Narang ji को न्यूज़ 7 वर्ल्ड टीम की तरफ से आपको जन्मदिन की शुभकामनाएँ !

News 7 World Exclusive:

Chandigarh 01-11-2023

For Detailed News-

Wishing many happy birthday wishes to the Chief Editor of News 7 World, Mr. Sandeep Narang. Get all the happiness in the coming years and get all your wishes.

न्यूज़ 7 वर्ल्ड के मुख्य संपादक श्री संदीप नारंग को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं। आने वाले वर्षों में सभी खुशी प्राप्त करें और अपनी सभी इच्छाओं को प्राप्त करें।

call 9914976044

News 7 World is being seen in the country and abroad due to the immense struggle of Mr. Sandeep Narang ji, which is being praised everywhere.

न्यूज़ 7 वर्ल्ड श्री संदीप नारंग जी के बेहद संघर्ष की वजह से देश ओर विदेश मे देखा जा रहा है जिसकी हर तरफ प्रशंसा की जा रही है।

Mr. Sandeep Narang ji has struggled a lot in his life, today he is at this stage due to which we are very happy to honor him.

श्री संदीप नारंग जी ने अपने जीवन में बेहद संघर्ष किया है आज वो इस मुक़ाम पर है जिस वजह से हमें उन्हें सम्मानित करने में बेहद ख़ुशी है।

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संस्कृत सभी भाषाओ की जननी, प्रिंसीपल

प्रतियोगिता में प्रथम हिमांशी  द्वित्तीय  रही नेहा गौतम

पंचकुला, 13

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राजकीय महाविद्यालय कालका की प्राचार्या कामना के कुशल नेतृत्व में लिटरेरी क्लब शब्द शिल्प की ओर से संस्कृत में श्लोक उच्चारण प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया। प्राचार्या कामना ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि संस्कृत भाषा देव वाणी कहलाती है। संस्कृत सभी भाषाओ की जननी है, यह न केवल भारत की ही महत्वपूर्ण भाषा है अपितु विश्व  की प्राचीनतम व श्रेष्ठतम भाषा मानी जाती है। संस्कृत भाषा का लक्ष्य व्यक्ति का विकास और प्रकृति का संतुलन करना है। प्रस्तुत कार्यक्रम संस्कृत विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर प्रदीप कुमार वैदिक रिसर्चर के मार्गदर्शन और  दिशा निर्देशन में किया गया। निर्णायक सदस्या प्रोफेसर डॉक्टर बिंदु रही। श्लोक उच्चारण में प्रथम स्थान  बी.ए.प्रथम वर्ष की हिमांशी ने  प्राप्त किया। द्वित्तीय स्थान पर बी.ए.तृतीय  वर्ष की नेहा गौतम रही।  तृतीय स्थान  बी.ए.प्रथम वर्ष के भूषण ने प्राप्त किया।

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हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल 2 सितंबर को जन संवाद कार्यक्रम में करेंगे शिरकत

– जन संवाद कार्यक्रम में लोगों की समस्याएं सुनते हुए उपस्थित अधिकारियों को देंगे आवश्यक दिशा निर्देश

– जारी दौरा कार्यक्रम अनुसार पंचकूला के चार गांवो में आयोजित किया जाएगा जन संवाद कार्यक्रम

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पंचकूला 1 सितंबर। हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर 2 सितंबर , शनिवार को पंचकूला में विभिन्न स्थानों पर आयोजित किए जाने वाले जन संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे । इस दौरान शिक्षा मंत्री जिला के चार अलग-अलग क्षेत्रो  में जाकर आम जन की समस्याएं सुनेंगे। इस मौके पर उनके साथ विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित होंगे।

जारी दौरा कार्यक्रम अनुसार शिक्षा मंत्री प्रातः 10:00 बजे गांव नानकपुर के कम्युनिटी हॉल में लोगों की समस्याएं सुनेंगे। इसके बाद वे दोपहर 12:00 बजे गांव चिकन में आयोजित किए जाने वाले जन संवाद कार्यक्रम में जनता से रूबरू होंगे। इसी प्रकार दोपहर 3:00 बजे वह गांव टिब्बी में लोगों की समस्याएं सुनेंगे । सांय 4:30 बजे शिक्षा मंत्री गांव मंडलाय में जाकर लोगों के साथ संवाद करेंगे। इस दौरान वे मौके पर उपस्थित अधिकारियों को ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान संबंधी आवश्यक दिशा निर्देश भी देंगे।

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