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संस्कार भारती द्वारा की गई चित्रकला कार्यशाला में कलाकारों ने चित्रों में सजीव की भारतीय संस्कृति

*पंचकूला 10 नवंबर –

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संस्कार भारती, पंचकूला इकाई व कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग, हरियाणा तथा स्काईवर्ल्ड स्कूल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तर की चित्रकला कार्यशाला मे चित्रकारो द्वारा बनाई गई एक से एक क्रर्तियो को प्रत्येक दर्शक ने विशेष सराहना की।
इसमें विभिन्न प्रदेशों से आए प्रतिष्ठित एवं उभरते हुए कलाकार ने अपनी चित्रकला के माध्यम से भारतीय संस्कृति के विषयों जैसे हरियाणा की ओढ़नी, माथे की बिंदिया, फूलों का गुच्छा, बांसुरी बेचता बांसुरी वाला, मां सरस्वती का शिल्पकार चित्र, मनुष्य के अंदर मंदिर, पारंपरिक गांव का दृश्य, इत्यादि सर्जनात्मक चित्रों द्वारा विचारों का प्रदर्शन किया

आज के समापन समारोह के मुख्य अतिथि प्रोफेसर कुलदीप चंद अग्निहोत्री जी (वाइस चेयरमैन- हरियाणा साहित्य और संस्कृतअकादमी) ने संस्कार भारती के अद्भुत प्रयासों व कला को नई दिशा देने की कोशिश का में व आज विशेष जिक्र किया तथा आज की दशा मे बदलाव को भारतीय दिशा में लाने का प्रयास कर रही है। चित्रकला कार्यशाला के बारे में बताते हुए प्रशंसा करते हुए कहा कि ” नए कलाकारों को अपनी प्रतिभा के माध्यम से भारतीय संस्कारों को दर्शाने के मौके देने का कदम भी काफी सराहनीय है। “
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ एम एस कंबोज (प्रेसिडेंट- आर एस डब्लू) व श्री दीपक राणा जी (डायरेक्टर- एनआईएफटी, पंचकूला) भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
स्काई वर्ल्ड स्कूल के बच्चों के गीतों व नर्तयो की सामूहिक प्रस्तुतियां ने वातावरण को भारतीय कर दिया ।

चित्रकला प्रतियोगिता के सर्वश्रेष्ठ चित्रकलाओं को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
सभी अतिथियों व कलाकारों को भी संस्कार भारती व स्काईवर्ल्ड स्कूल के अधिकारियों द्वारा सम्मानित किया गया।
समाज के विभिन्न वर्गों में कला के द्वारा राष्ट्रभक्ति एवं योग्य संस्कार जगाने, विभिन्न कलाओं का प्रशिक्षण व नवोदित कलाकारों को प्रोत्साहन देकर इनके माध्यम से सांस्कृतिक प्रदूषण रोकने के उद्देश्य से संस्कार भारती कार्य कर रही है। इसी दिशा में यह कार्यक्रम चित्रकला विद्या के माध्यम से आयोजित किया जा रहा है।
कलाकारों से मिलने व उनकी चित्रकारी देखने के लिए क्षेत्र के लोगों का तांता दिन भर लग रहा।
सभी चित्रकारों ने अपने मन की गहराइयों से अपने विचारों को व्यक्त किया जैसे “युवाओं और बच्चों के के लगन व इच्छा को देखकर मन प्रसन्न हो गया”, “भारतीय संस्कारों को चित्रकला के माध्यम से उतारना हमारे लिए यह एक विशेष अनुभव रहा”, ” विभिन्न क्षेत्रों से आए कलाकारों से अपनी चित्रकला के विषय में तथा उनसे उनकी चित्रकला के विषय में जानकारी प्राप्त करके बहुत कुछ सीखने को मिला”

दर्शकों ने सम्पूर्ण कार्यक्रम की जम कर सराहना की।

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कैप्टन रोहित कौशल का 29वां शहीदी दिवस सोमवार, 11 नवंबर, 2024 को जलौली पंचकुला में शहीद स्मारक पर मनाया जाएगा।

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18 पंजाब बटालियन द्वारा गार्ड-ऑफ-ऑनर; पंचकुला विधायक, मेयर और आईजी आईटीबीपी बीटीसी भानु के नेतृत्व में पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी; शहीद कैप्टन रोहित कौशल सीनियर सेकेंडरी स्कूल जलौली के विद्यार्थी शहीद पर संस्मरण प्रस्तुत करेंगे

कैप्टन रोहित कौशल, सेना मेडल (वीरता) का 29वां शहीदी दिवस सोमवार, 11 नवंबर, 2024 को सुबह 11 बजे जलौली (पंचकूला-बरवाला हाईवे) में बने उनके स्मारक पर मनाया जाएगा। 18वीं पंजाब रेजिमेंट के कैप्टन रोहित ने 11 नवंबर 1995 को जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में उग्रवाद से लड़ते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया था। 5 अगस्त, 1968 को अंबाला कैंट में पैदा हुए कैप्टन रोहित कौशल, वीना शर्मा और एसएस कौशल के इकलौते बेटे थे। कैप्टन रोहित ने हमेशा अपने सैनिकों का नेतृत्व किया और मातृभूमि की एकता और अखंडता के लिए उग्रवाद और आतंकवाद से लड़ने में सबसे आगे रहे। 27 नवंबर 1995 को उनकी शादी होनी थी, लेकिन ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था। 10-11 नवंबर, 1995 की भयावह रात को कैप्टन रोहित ने अपनी टुकड़ी के साथ आतंकवादियों के ठिकानों पर छापा मारा। डोडा जिले के गंदोह इलाके में हुई मुठभेड़ में उन्होंने साहसपूर्वक लड़ते हुए अपने सीने और गर्दन पर गोलियां खाईं। जब उनका बहुत खून बह रहा था, तब भी उन्होंने गोलीबारी जारी रखी और दम तोड़ने से पहले दो आतंकवादियों को घातक रूप से घायल कर दिया।
रोहित की पूरी शिक्षा चंडीगढ़ में हुई और उनमें अपनी मातृभूमि की सेवा करने की तीव्र इच्छा थी। वह एक मेधावी छात्र थे और अतिरिक्त पढ़ने के बहुत शौकीन थे, यहां तक कि जब वे पांचवीं कक्षा में थे तो उन्होंने अपनी खुद की लाइब्रेरी भी स्थापित की थी जिसमें सैकड़ों किताबें थीं। वह न सिर्फ पढ़ाई में अच्छे थे, बल्कि हरफनमौला भी थे। वह स्वयं गायन और चित्रकारी में बहुत अच्छे थे। उन्होंने इंजीनियरिंग का कोर्स छोड़ दिया और सीडीएस के माध्यम से सेना में शामिल हो गए। आईएमए, देहरादून में डेढ़ साल के प्रशिक्षण के बाद उन्हें 9 जून, 1990 को पैदल सेना में नियुक्त किया गया था। उन्हें 18-पंजाब बटालियन को आवंटित किया गया था और बाद में उन्हें 12-राष्ट्रीय राइफल्स में प्रतिनियुक्त किया गया था, जिसे भारत सरकार द्वारा उग्रवाद से लड़ने के लिए लॉन्च किया गया था। वह जम्मू-कश्मीर में डोडा जिले के गंदोह इलाके में तैनात थे। वह अपने दोस्तों, सहकर्मियों और वरिष्ठों के बीच बहुत सामाजिक और लोकप्रिय थे।
रोहित अपनी मां से कहता था, ”मम्मा, मुझे शादी करने के लिए मत कहो। हम ‘फौजी’ अपनी इकाइयों से जुड़े हुए हैं। इस शानदार, हालांकि दुखद मौत की खबर उनके परिवार तक 11 नवंबर, 1995 की सुबह पहुंची। उनकी मां, जो भगवान कृष्ण की भक्त हैं, महीने की 27 तारीख को अपने बेटे की शादी के लिए कृष्ण का आशीर्वाद लेने के लिए वृंदावन के लिए रवाना हो गई थीं। बेटे का शव लेने के लिए उन्हें अंबाला से वापस लाना पड़ा। हालांकि रोहित के परिवार के सदस्य पूरी तरह से टूट गए, हैरान और स्तब्ध थे, फिर भी उन्होंने उनका रेड कार्पेट पर स्वागत किया, यह महसूस करते हुए कि उन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए, एक राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है और इस तरह गौरव और अमरता प्राप्त की है। उन्होंने “जय हिंद” बोलते हुए उनका स्वागत किया और उनके रास्ते को फूलों से सजाया। जब तक उनका शरीर परिवार के पास रहा, श्मशान घाट तक उनकी यात्रा से पहले, रोने-पीटने के बीच लगातार ‘महामंत्र’ का जाप होता रहा। चंडीगढ़ में पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
भारत सरकार ने उनके वीरतापूर्ण कार्य, नेतृत्व के उत्कृष्ट उदाहरण, राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान देने में साहस और समर्पण के सम्मान में उन्हें मरणोपरांत वीरता पुरस्कार – सेना पदक से सम्मानित किया। हरियाणा सरकार और शहीद के परिवार ने संयुक्त रूप से कैप्टन रोहित के सर्वोच्च बलिदान की स्मृति को अमर बनाने के लिए एक स्मारक बनाया है। हरियाणा के पूर्व राज्यपाल श्री महाबीर प्रसाद ने 1997 में शहीद के पैतृक गांव जलौली (पंचकूला) में बने स्मारक का अनावरण किया था। राज्य सरकार ने शहीद के नाम पर राजकीय वरिष्ठ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जलौली का नाम रखा है। सेक्टर 12 में जिला सैनिक भवन पंचकुला की ओर जाने वाली एक सड़क का नाम भी शहीद के नाम पर रखा गया है। नगर निगम पंचकुला ने जलौली में स्थित सामुदायिक केंद्र और एक सार्वजनिक पार्क को शहीद को समर्पित किया है। रोहित चंडीगढ़ में चंडीगढ़ शहीद स्मारक (सेक्टर 3), डीएवी कॉलेज शहीद गैलरी (सेक्टर 10) और शहीद स्तंभ टेरेस गार्डन (सेक्टर 33) में भी रहते हैं।
हर साल, पंचकुला-बरवाला रोड पर जालौली में राजमार्ग पर स्थित कैप्टन कौशल स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करके शहीदी दिवस मनाया जाता है। रक्षा अधिकारियों, कर्मचारियों और दिग्गजों सहित समाज के सभी क्षेत्रों के लोग पुष्पांजलि समारोह में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में आते हैं। शहीद कैप्टन रोहित कौशल ट्रस्ट के संरक्षक विनोद वशिष्ठ ने कहा, इस शहीदी दिवस पर भारतीय सेना की 18 पंजाब बटालियन द्वारा गार्ड-ऑफ-ऑनर दिया जाएगा. पुष्पांजलि अर्पित करने वाले समारोह का नेतृत्व चंद्र मोहन – पंचकुला विधायक, कुलभूषण गोयल – पंचकुला एमसी मेयर और एपीएस निंबाडिया – आईजी भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) प्रशिक्षण केंद्र, भानु द्वारा किया जाएगा। शहीद कैप्टन रोहित कौशल सीनियर सेकेंडरी स्कूल जलौली के छात्रों और कर्मचारियों द्वारा शहीद पर संस्मरण प्रस्तुत किया जाएगा। पंचकुला जिला प्रशासन, पुलिस, नगर निगम, जिला सैनिक बोर्ड, जिला रेड क्रॉस सोसाइटी के अधिकारियों के अलावा, स्थानीय पार्षद भी उपस्थित रहेंगे।

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अगले वर्ष आने के वादे के साथ हुआ पंचकूला पुस्तक मेले का हुआ समापन

श्रेेष्ठ समाज की आधारशिला हैं किताबें-मोहम्मद शाईन

आज मेले का भ्रमण किये एम डी, एच पी जी सी एल, मोहम्मद शाईन

पंचकूला,10 नवम्बर

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विद्युत विभाग विभिन्न विभागों एच एस वी पी, शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग, पर्यावरण विभाग, अक्षय ऊर्जा विभाग, महिला बाल विकास विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभा, जिला प्रशासन पंचकूला, शहरी एवं स्थानीय निकाय विभाग जैसे विभागों के साथ आपसी समन्वय में इन्द्रधनुष आडिटोरियम सैक्टर-5 पंचकूला में तृतीय पंचकूला पुस्तक मेला आयोजित किया जा रहा है।

पुस्तक मेले का भ्रमण करने आये मोहम्मद साईन ने कहा कि किताबें मनुष्य की ऐसी दोस्त है जो मनुष्य को कभी अकेला नहीं रहने देती। उन्होंने कहा कि बच्चों में पढ़ने की ललक पैदा हो इसके लिए इस तरह के मेले का आयोजन एक सकारात्मक पहल है। उन्होंने कहा कि किताब हमें जिंदगी मेें सही दिशा में चलना सिखाती है।
इस अवसर पर पंजाब विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रोफेसर डा. अशोक ने कहा कि अगले वर्ष आने के वादे के साथ हुआ आज पंचकूला पुस्तक मेले का समापन । उन्होंने कहा कि जो भी आज मेले में आया है अपने साथ एक किताब अवश्य साथ ले जाये।
इस अवसर पर मुख्य अभियंता चंदन सिंह ने कहा कि किताबें मनुष्य को बेहतर इंसान बनाती हैं। उन्होने कहा कि यह पुस्तक मेला हमें सीख देता है कि हमें जीवन में गलत करने से बचना चाहिए, सदा सही राह पर चले तथा दूसरे को चलने के लिए प्रेरित करें।

श्री चंदन सिंह ने कहा कि पुस्तक मेले के सृजनकर्ता श्री पी के दास ने पंचकूला शहर को साहित्य, कला और संस्कृति का संगम बनाने की यात्रा पुस्तक मेले के माध्यम से आरंभ की है।
आज पुस्तक मेले के मंच पर शहरी एवं स्थानीय निकाय विभाग के सहयोग से‘ स्वच्छ पंचकूला सुन्दर पंचकूला विषय पर विमर्श में मुख्य वक्ता आऊटलुक के संपादक हरवीर सिंह ने कहा कि किसी भी शहर को सुन्दर और स्वच्छ रखने में हर शहरी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यदि प्रत्येक शहरी अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी पालन करे तो शहर को सुन्दर व स्वच्छ बनाया जा सकता है।
संगोष्ठी में भारतीय रेल इंजीनियरिंग सेवा के वरिष्ठ अधिकारी श्री राकेश सब्रवाल ने कहा कि समाज को सुंदर बनाने के लिए पढ़ना जरूरी है, हरियाणा के एक तरफ अरावली पहाड़ियां है दूसरी तरफ शिवालिक। इतिहास साक्षी है कि मनुष्य की लालच से अरावली की पहाड़ियां जमीदोज हो गई। ऐसे में शिवालिक क्षेत्र प्राकृतिक संरचना के संरक्षण के लिए साहित्य जागृति का माध्यम बन सकता है।

वरिष्ठ पत्रकार श्री अजीत सिंह ने कहा कि डिजीटल दौर में किताबों की दुनिया बचाने के लिए पुस्तक मेला जरूरी पहल है। उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की पुस्तक संस्कृति के उन्नयन के लिए हरियाणा का बिजली और पुलिस विभाग पुस्तकालय स्थापना के माध्यम से नया प्रयोग कर रहा है।

पुस्तक मेले के मंच पर इन विभागों और अधिकारियों का हुआ संम्मान

आज पुस्तक मेले के समापन अवसर पर शहरी एवं स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव श्री विकास गुप्ता को विशेष सहयोग के लिए सम्मानित किया गया।जिसे नगर निगम के स्थानीय अधिकारियों ने प्राप्त किया। पुस्तक मेले में एच एस वी पी के चीफ एडमिनिस्टे्टर डा. चन्द्रशेखर खरे को विशेष सहयोग के लिए सम्मानित किया गया। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक राजनारायण कौशिक को विशेष सहयोग के लिए सम्मानित किया गया।

शिक्षा विभाग के विशेष सहयोग के लिए जिला शिक्षा अधिकारी श्री सतपाल कौशिक को सम्मानित किया गया। पुलिस विभाग के प्रतिदिन की सकारात्मक हिस्सेदारी और सहयोग के लिए डी सी पी पंचकूला श्रीमती हिमाद्री कौशिक को सम्मानित किया गया। स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने स्वीकार किया। अक्षय ऊर्जा विभाग के महानिदेशक एस नारायणन की सकारात्मक सहयोग के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सिया के अधिकरियों महिला बाल विकास विभाग अधिकारियों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर सारिका दुप्पर के संयोजन में ट्ाईसीटी के कवियों ने कविता पाठ किया। उर्दू प्रकोष्ठ हरियाणा के सहयोग से मुशायरा का आयोजन किया गया जिसकी सदारता प्रख्यात सहित्यकार डा. चन्द्र त्रिखा ने किया।

इस अवसर पर उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम एवं हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड ने एक-एक लाख व हरियाणा बिजली उत्पादन निगम लिमिटेड की किताबें अपने पुस्तकालयों के लिए खरीदा।

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