*संस्थान के इन दिव्यांगों में हर कला विद्यमान, सहयोग से हो सकते हैं पूर्ण - हरविंदर कल्याण*

INDIGENOUS SUSTAINABILITY: ENACTUS PANJAB UNIVERSITY UNVEILS ECO-FRIENDLY SOLUTIONS AT CHASCON 2024

Chandigarh November 09, 2024

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Enactus SSBUICET team of Panjab University participated in the Chandigarh Science Congress (CHASCON) 2024, held from 6th to 8thNovember at Panjab University, under the theme “Indigenous Technologies for Viksit Bharat.” Enactus team showcased two impactful projects—Arpan and Uday. Arpan,a flagship endeavour of Municipal Corporation Chandigarh and Enactus Panjab University repurposes temple floral waste into eco-friendly incense products, addressing waste management challenges while promoting sustainability and creating economic opportunities for underprivileged communities. Uday, which produces cloth-based sanitary napkins and eco-friendly bags, focuses on empowering underprivileged women and promoting menstrual hygiene, conveyed Prof. Seema Kapoor, Faculty Advisor, Enactus team.

Muskaan, President of the Enactus team, emphasized that their projects were a perfect fit for the theme of CHASCON 2024—leveraging indigenous technologies to tackle pressing social and environmental challenges. She added that the Enactus team’s participation in the conference showcased their commitment to utilizing local resources for social impact and sustainability.

Ayush Bhatt, Project Head of the Enactus team, shared that the team’s poster, titled “From Sacred Petals to Sustainable Luxury: Transforming Floral Temple Waste into Naturally Fragrant Candles for a Greener Tomorrow,” was met with widespread appreciation from conference attendees. He also highlighted that the team’s participation underscored the impact of innovative, youth-driven initiatives in advancing a sustainable and self-reliant India.

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*संस्थान के इन दिव्यांगों में हर कला विद्यमान, सहयोग से हो सकते हैं पूर्ण - हरविंदर कल्याण*

PU Celebrates National Entrepreneurship Day

Chandigarh November 09, 2024

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The Institutions Innovation Council (IIC) of Panjab University (PU), Chandigarh, in association with various university departments, including SAIF/CIL, Environmental Studies, Geology, and the Central Placement Cell, celebrated National Entrepreneurship Day, today.

Director (Technology) of the Indian Semiconductor Mission, Ministry of Electronics and Information Technology (MeitY), Government of India, Dr. Manish Kumar Hooda was the Chief Guest.

The event was held to inspire students, researchers and faculty members to embrace entrepreneurship as a pathway to innovation and success. The event featured a series of motivational talks by successful entrepreneurs and experts from various sectors.

In his address, Dr. Manish Kumar Hooda spoke about the critical role of innovative ideas in shaping his entrepreneurial journey. He emphasised that the most important is ideation as the success of any start-up venture is based on the originality of the idea of a budding entrepreneur. He stressed the need for creativity and strategic thinking to turn ideas into reality. He spoke about his latest project of Semicon India and his conviction to produce semiconductor chips in India.

PU Registrar Prof. Y. P. Verma, in his inaugural address, highlighted the importance of the “Three P’s” – Passion, Perseverance and Patience, as the key qualities for the success of any entrepreneurial venture. He encouraged the audience to adopt these principles for long-term success.

Global Senior Director at Jaguar Land Rover, North America, Dr. Amandeep S. Bhullar shared 10 essential points that aspiring entrepreneurs should keep in mind when starting a business or a startup.

Founder of Vardhman Chemtech and Chief Strategist at Kinvan Pvt. Ltd. Mr. Suyog Jain shared his entrepreneurial journey, detailing the challenges he faced and how he overcame them to successfully execute high-profile projects, including one recently inaugurated by Prime Minister Narendra Modi.

Mr. Gautam Madhok, Managing Director of Higgs Healthcare Ltd., narrated his experience of manufacturing the Form Fill Seal (FFS) machine in India. He shared how he was able to reduce the cost of manufacturing to one-tenth of that of the German suppliers and, eventually, became the largest exporter of FFS machines in India.

Mr. Deepak Bagai, owner of the Asiatic Centre of Gemological Services, spoke about the fascinating world of gemstones and the opportunities in the field of gemology, urging students to explore careers in this unique industry. 

Prof. Narinder Singh, of the Department of Chemistry, IIT, Ropar spoke on the crucial skills required for successful lab-to-industry research transitions, urging students and researchers to develop skills that make them industry-ready.

Earlier, the proceedings began with welcome remarks and an introduction to the theme of the event by Prof Ganga Ram Chaudhary, President of the IIC. He emphasised the importance of entrepreneurship in today’s rapidly evolving world.

The event was attended by over 100 participants, including students, faculty and professionals from industries, all of whom found the lectures motivating and inspiring.

The speakers’ experiences and insights provided valuable knowledge on the path to becoming a successful entrepreneur, offering guidance on overcoming obstacles, fostering innovation, and scaling businesses.

The National Entrepreneurship Day celebration successfully provided a platform for aspiring entrepreneurs to connect with industry leaders, gain valuable insights, and be motivated to embark on their own entrepreneurial journeys. IIC, through this meaningful celebration of the “National Entrepreneurship day’ under the dynamic leadership of Prof. Ganga Ram Choudhary jointly convened by Prof. Gurmeet Kaur (Covenor IIC), Dr. Rajeev Kumar, Chairperson (Environment Studies), Dr Mahesh Thakur (Geology), Dr Bunty Sharma (SAIF/CII). In addition to students, the event witnessed the vibrant presence of many faculty members, researchers and staff members.

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*संस्थान के इन दिव्यांगों में हर कला विद्यमान, सहयोग से हो सकते हैं पूर्ण - हरविंदर कल्याण*

*लोक अदालत में 13 लाख रुपए की समझौता राशि दिलवाई – सीजेएम*

तीन बैंचों में 50 लंबित मामले रखे गए और 10 का किया निपटारा*

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पंचकूला, 09 नवंबर – मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अजय कुमार घनघस पंचकूला ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के अवसर पर 50 पुराने मामलों के लिए एक विशेष लोक अदालत का आयोजन किया गया। 

यह विशेष लोक अदालत कार्यक्रम हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य सुलभ और कुशल न्याय के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करते हुए 50 पुराने लंबित मामलों के समाधान में तेजी लाना था।

श्री घनघस ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, वेद प्रकाश सिरोही की स्वीकृति से पंचकूला के जिला न्यायालयों में दो बेंचों का गठन किया गया। पहली बेंच की अध्यक्षता श्री पी.के. लाल, अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) द्वारा की गई, जबकि दूसरी बेंच की अध्यक्षता सुश्री ज्योति संधू, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमआईसी), पंचकूला ने की।

 इसके अतिरिक्त, कालका में सब-डिवीजन कोर्ट में एक तीसरी बेंच का गठन किया गया और इसकी अध्यक्षता श्री उपेंद्र सिंह, एसडीजेएम, कालका ने की। यह विशेष लोक अदालत पुराने मामलों की पेंडेंसी को कम करने और समय पर न्याय देने के प्रयासों का हिस्सा थी। इसने एक प्रभावी वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र प्रदान किया जो न्यायपालिका और वादियों दोनों के लिए समय और संसाधनों की बचत हुई। इस पहल ने राष्ट्रीय कानूनी सेवा दिवस के उद्देश्यों के साथ कानूनी सेवाओं को जनता के लिए अधिक सुलभ बनाने के लिए जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, पंचकूला की प्रतिबद्धता पर भी प्रकाश डाला, जो कानूनी अधिकारों और सेवाओं के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देता है।

 विशेष लोक अदालत के आयोजन ने एक अधिक कुशल न्यायिक प्रणाली को बढ़ावा देने में न्यायपालिका और कानूनी सेवा प्राधिकरणों के बीच सहयोग को किया।

 श्री घनघस ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 50 मामले रखे गए और 10 मामलों का मौके पर निपटारा किया गया और 13 लाख रुपये समझौता राशि दिलवाई गई। 

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*भारतीय संस्कारों के प्रदर्शन पर दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तर की चित्रकला कार्यशाला का शुभारंभ*

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युवा पीढ़ी व कलाकारों को अपनी प्रतिभा के माध्यम से समाज में भारतीय संस्कारों को प्रदर्शित करना मुख्य ध्येय – कमिश्नर राजन दत्त

पंचकूला 9 नवंबर – सेक्टर 21 स्कूल प्रांगण में *दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तर की चित्रकला कार्यशाला* प्रारंभ हुई। इसमें विभिन्न प्रदेशों जैसे जम्मू, पंजाब, हरियाणा, व अपने ट्राई सिटी से आए प्रतिष्ठित एवं उभरते हुए कलाकार अपनी चित्रकला के माध्यम से *भारतीय संस्कृति के विषयों* पर सर्जनात्मक चित्रों द्वारा अपनी प्रतिभा व विचारों का प्रदर्शन कर रहे हैं ।

कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि श्री राजन दत्त कमिश्नर, इंडियन रिवेन्यू सर्विसेज ने किया। उन्होंने कार्यशाला के माध्यम से किये जा रहे संस्कार भारती के अद्भुत प्रयासों का व मुख्य उद्देश्य के बारे में बताते हुए इस बात पर जोर दिया कि *”हमें युवा पीढ़ी व कलाकारों को अपनी प्रतिभा के माध्यम से समाज में अपने भारतीय संस्कारों को प्रदर्शित करना तथा अपने भारतीय संस्कारों पर गर्व करना चाहिए। हमें भारतीय कलाकृतियां व धरोहर जैसे एलोरा, भीमबेटका, इत्यादि का भ्रमण भी करना चाहिए।”

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रविंद्र कुमार शर्मा एमिनेंट आर्टिस्ट ने संस्कार भारती द्वारा, आने वाले पीढ़ी के लिए किए जा रहे अथक सांस्कृतिक प्रयासों की विशेष सराहना की।

कार्यशाला के दौरान प्रदेश के विभिन्न चित्रकारों से क्षेत्र के विभिन्न बच्चों ने अपने अंदर छिपी प्रतिभा के बारे मे कलाकारों से सीधे तौर पर बातचीत की व सीखने का अवसर भी मिला।

सभी चित्रकार संगीतमयी वातावरण में अपने सांस्कृतिक व आध्यात्मिक विचारों को रंगों के माध्यम से चित्रित करते नजर आए।

समाज के विभिन्न वर्गों में कला के द्वारा *राष्ट्रभक्ति एवं योग्य संस्कार जगाने, विभिन्न कलाओं का प्रशिक्षण व नवोदित कलाकारों को प्रोत्साहन* देकर इनके माध्यम से सांस्कृतिक प्रदूषण रोकने के उद्देश्य से संस्कार भारती कार्य कर रही है।

 इसी दिशा में यह कार्यक्रम *चित्रकला विद्या* के माध्यम से आयोजित किया जा रहा है।

यह कार्यशाला 10 नवंबर रविवार सायं 5:00 बजे तक रहेगी। कलाकारों से मिलने व उनकी चित्रकारी देखने के लिए किसी भी समय आ सकते हैं।

कलाएं हमारी संस्कृति और गौरवपूर्ण इतिहास की सुंदरतम संवाहक हैं। आज के इस कार्यक्रम में इसके दर्शन भी हुए हैं। हम सब अपनी भारतीय संस्कृति को अपने अंदर जीवित रखें, यही कामना है। 

यह कार्यशाला संस्कार भारती, पंचकूला इकाई द्वारा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग, हरियाणा व स्काईवर्ल्ड स्कूल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की जा रही है।

दर्शकों ने सम्पूर्ण कार्यक्रम की जम कर सराहना की।

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*संस्थान के इन दिव्यांगों में हर कला विद्यमान, सहयोग से हो सकते हैं पूर्ण - हरविंदर कल्याण*

जीवन में प्रेरणा, सीख और मनोरंजन का स्रोत बनती हैं किताबें-अनिल विज  

पुस्तकें हमारे सपनों को पंख देती हैं। 

हमें भोगवादी प्रवृत्ति को छोड़ना होगा। प्रकृति हितैषी खेती ही आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत-पी के दास 

अच्छा इंसान कभी भी अपनी धरती के साथ नाइंसाफी नहीं करेगा- डा. अलाउद्दीन

पंचकूला,9 नवम्बर – 

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विद्युत विभाग विभिन्न विभागों एच एस वी पी, शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग, पर्यावरण विभाग, अक्षय ऊर्जा विभाग, महिला बाल विकास विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभा, जिला प्रशासन पंचकूला, शहरी एवं स्थानीय निकाय विभाग जैसे विभागों के साथ आपसी समन्वय में इन्द्रधनुष आडिटोरियम सैक्टर-5 पंचकूला में तृतीय पंचकूला पुस्तक मेला आयोजित किया जा रहा है।  

 इस पुस्तक मेले के मंच पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सहयोग से विमर्श में मुख्य वक्ता ‘‘प्रकृति खेती समय की मांग ’’ विषय पर विमर्श एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर किताबों की महत्ता पर सुकरात के विचारों का उल्लेख करते हुए डा अलाउद्दीन ने कहा कि ‘‘ सुकरात ने कहा था जिस घर में किताबें नहीं वो घर मुर्दाघर के समान हैं।’’ उन्होंने कहा कि यदि हमें अच्छी बातें करनी है, जीवन में मिठास भरना है तो हमें किताब पढ़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के दौर में किताबों की महत्ता कम नहीं हो सकती, इंटरनेट का सर्वर डाऊन हो सकता है पर शेल्फ में पड़े किताबों का नहीं। उन्होंने कहा कि किताब मनुष्य को अच्छा इंसान बनाता है और अच्छा इंसान कभी भी अपनी धरती के साथ नाइंसाफी नहीं करेगा।  

 इस अवसर पर अध्यक्षता करते हुए सिया चेयरमैन पी के दास ने कहा कि मनुष्य और प्रकृति का गहरा सम्बन्ध है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को अपनी भोगवादी प्रवृत्ति को छोड़ना होगा। प्रकृति हितैषी खेती ही आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि हमें स्वस्थ रहना है तो प्रकृति खेती का विकल्प चुनना होगा। 

 विमर्श में अपने विचार व्यक्त करते हुए ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी मोबाईल से ज्यादा जुड़ी हुई हंै जिससे वो किताबों से दूर होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज मोबाईल समय की जरूरत है परन्तु मोबाईल ही सारी ज्ञान का स्रोत नहीं है। 

संचालन करते हुए संस्कृतिकर्मी राजीव रंजन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती के समय में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि कहा कि मीडिया को भी कृषि की महत्ता को ज्यादा से ज्यादा रेखांकित करना होगा ताकि आम जन कृषि सम्बन्धी सम्स्याओं से रूबरू हो सके। 

इस अवसर पर श्री पी के दास, सिया चेयरमैन के द्वारा महानिदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग श्री राजनारायण कौशिक को स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया गया। 

 ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने भेजा अपना शुभकामना संदेश

पुस्तक मेले में अनिल विज, ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री हरियाणा सरकार ने अपने संदेश में कहा कि किताब मनुष्य को सबसे सच्ची दोस्त। पुस्तकें हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और पुस्तकें ज्ञान की सच्ची मित्र होती हैं। ये हमारे जीवन में प्रेरणा, सीख और मनोरंजन का स्रोत बनती हैं। पुस्तकें हमारे सपनों को पंख देती हैं। 

सायंकालीन सत्र में अनीस आज़मी के निर्देशन में गालिब के खतों की प्रस्तुति 

सायंकालीन सत्र में इन्द्रधनुष आडिटोरियम के कान्फे्रंन्स हाॅल में अनीस आज़मी, द्वारा गालिब के खतों की प्रस्तुति की गयी। इस सत्र में रेशमा फारूकी ने गालिब के खतों का परिचय दिया गया। 

कल होगा पुस्तक मेले का समापन 

10 नवम्बर को पंचकूला पुस्तक मेले का समापन किया जायेगा। इस अवसर पर पुस्तक मेले के संयोजक सभी विभाग पुस्तक मेले में भागीदारी निभाने वाले सभी सांस्कृतिक, प्रतिभागियों, कलाकारों को पुस्तक मेले का सम्मानित किया जायेगा। समापन समारोह में नगर निगम पंचकूला के सहयोग से ‘स्वच्छ पंचकूला-सुन्दर पंचकूला’ विषय पर विमर्श एवं कार्यशाला का आयोजन होगा।

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