*Prime land freed from encroachments in Manimajra by MC Chandigarh*

रवींद्रनाथ टैगोर के नाटक ‘विसर्जन’ का हुआ सफल मंचन

  • बौद्ध धर्म से प्रेरणा ले अहिंसा और प्रेम पर आधारित है ‘विसर्जन’ नाटक
  • रवींद्रनाथ ने टैगोर ने बौद्ध धर्म से प्रेरणा ले इस नाटक को अहिंसा और प्रेम पर आधारित किया

चंडीगढ़, 21 मई

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चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी ने कालीबाड़ी चंडीगढ़ के सहयोग से रवींद्रनाथ टैगोर के जन्मदिन के उपलक्ष्य में शनिवार, 20 मई को उनके नाटक ‘विसर्जन’ को टैगोर थिएटर में प्रस्तुत किया।

कालीबाड़ी चंडीगढ़ की प्रबंध समिति के अध्यक्ष प्रमोद सेन ने कहा कि चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी ने रवींद्रनाथ टैगोर की उत्कृष्ट कृति के सफल संचालन के लिए हर संभव मदद और सहायता प्रदान की है।

‘विसर्जन’ नाटक उन वीरों को समर्पित है, जो उस समय विश्व शांति के हिमायती हैं, जब युद्ध मानव बलि से छिन्न-भिन्न हो रहा हो। प्रेम और अहिंसा के कारण, यह नाटक मानवता के वास्तविक मूल्य का प्रतीक है। रवींद्रनाथ ने बौद्ध धर्म से प्रेरणा लेते हुए इस नाटक को अहिंसा और प्रेम पर आधारित किया है।

नाटक में, राजा गोबिंदमाणिक्य, त्रिपुरा के शांत, प्रेमपूर्ण, कुलीन और ईमानदार राजा हैं। सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार, त्रिपुरास्वरी मंदिर में मानव और पशु बलि देने का क्रम था, जिसे धर्म गुरु रघुपति द्वारा नियंत्रित किया जाता था, जिनका राजा से ऊंचा स्थान है। वह एक शक्तिशाली राजपुरोहित हैं और उनका एक दत्तक पुत्र जय सिंह है।

नाटक में परम्पराओं और प्रेम के बीच निरन्तर संघर्ष होता रहता है। अपर्णा नाम की एक बेसहारा लड़की है, जो जय सिंह के पारंपरिक मूल्यों और संक्षिप्तता को सफलतापूर्वक चुनौती देती है।

जब देवी मां काली, एक सपने में, राजा से बलि (मानव / पशु) की प्रथा को रोकने के लिए कहती हैं, तो यह सब परिवर्तन आता है जो राजा को बदल देता है। पशुबलि बंद करने के आदेश को लागू करते हुए, गंभीर आक्रोश उठ खड़ा हुआ, सबसे अधिक रानी गुणवती द्वारा, जो एक पुत्र प्राप्त करने के लिए सैकड़ों जानवरों की बलि देने के लिए तैयार थी।

नाटक का समापन देवी के विसर्जन से होता है। फिर भी, साथ ही, यह मनुष्य में सभी बुरे गुणों को दूर करने और प्रेम, सम्मान, ईमानदारी और अहिंसा को अपनाने का संकेत देता है।

त्याग के कारण ही रघुपति इस सत्य को अनुभव कर सके कि प्रेम हिंसा से मेल नहीं खाता।

अंत में सबको यह महसूस हुआ कि देवी कहीं नहीं है, बल्कि वह हमारे भीतर ही है।

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जिले के किसानों और बेरोजगार युवाओं को कृषि विभाग की ओर से दी जाएगी निशुल्क कृषि ड्रोन पायलट ट्रेनिंग

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पंचकूला, 21 मई- कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा, पंचकूला द्वारा वर्ष 2023-24 के दौरान ज़िले  के दो किसानों को कृषि ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग बिना किसी शुल्क के दी जाऐगी। इस स्कीम के तहत इच्छुक आवेदक विभाग के पोर्टल  www.agriharyana.gov.in  पर  13 जून, 2023 तक ऑनलाईन आवेदन कर सकते है। 

इस संबंध में जानकारी देते हुए सहायक कृषि अभियन्ता, पंचकुला ओमप्रकाश महिवाल ने बताया कि आवेदन के लिए  किसान व बेरोजगार युवा की आयु 18 से 45 वर्ष, शैक्षणिक योग्यता दसवीं, वैध पासपोर्ट एवं सी0एच0सी0/एफ0पी0ओ0 के मैम्बर होना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि चयन की प्रकिया के लिए विभागीय निर्देशानुसार अभियार्थी की आयु, शैक्षणिक योग्यता, सी0एच0सी0/एफ0पी0ओ0 में अनुभव एवं कृषि अनुभव के आधार पर दस्तावेज सत्यापन के उपरांत मैरिट लिस्ट बनाकर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग के लिए चयनित अभियार्थियों से किसी प्रकार का शुल्क नही लिया जाएगा। किसान अधिक जानकारी के लिए सहायक कृषि अभियन्ता, पंचकुला, के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।

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एचसीएस व अलाईड सर्विस की प्रारंभिक परीक्षा हुई संपन्न, प्रदेश के छः जिलों में करवाई गई परीक्षा —श्री मुकेश कुमार आहूजा

 परीक्षा को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से करवाया गया*

*प्रातः कालीन सत्र में लगभग 46,400 व सांयः कालीन सत्र में लगभग 45,100 परीक्षार्थियों ने दी परीक्षा*

पंचकूला, 21 मई : एचसीएस व अलाईड सर्विस की प्रारंभिक परीक्षा आज निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हुई।

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हरियाणा लोक सेवा आयोग के सचिव श्री मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि एचसीएस व अलाईड सर्विस की प्रारंभिक परीक्षा हरियाणा सरकार की अहम परीक्षाओं में से एक है। परीक्षा का आयोजन छः जिलों – अंबाला, पंचकूला, गुरुग्राम, करनाल, फरीदाबाद और कुरुक्षेत्र में हुआ जहां कुल 341 सेंटर बनाए गए। इस परीक्षा के लिए कुल 93,600 उम्मीदवारों ने आवेदन किया। एचसीएस की परीक्षा सुबह और शाम दो सत्रों में सुचारू रूप से संपन्नं हुई। सुबह 10 से 12 बजे तथा सायं 3 से 5 बजे तक परीक्षा का आयोजन हुआ। प्रातः कालीन सत्र में लगभग 46,400 व सांयः कालीन सत्र में लगभग 45,100 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी।

फरीदाबाद के परीक्षा केंद्र में एक गलत पहचान (impersonation) का केस दर्ज किया गया जिसमें एक ऐसा उम्मीदवार बायो मैट्रिक के समय पाया गया जो कि पिछले वर्ष जुलाई 2022 की एचसीएस की प्रारंभिक परीक्षा में किसी अलग नाम से उपस्थित हुआ व इस परीक्षा में उसी उम्मीदवार ने किसी और नाम से अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। इसलिए उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही के लिए उपायुक्त फरीदाबाद को निष्पक्ष जाँच के लिए लिख दिया गया है।

श्री आहूजा ने बताया कि परीक्षा को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित करवाने के लिए प्रत्येक जिले के उपायुक्त को उसके जिले का परीक्षा हेतु ओवरऑल इंचार्ज बनाया गया। इसके अतिरिक्त उपायुक्त द्वारा अपने स्तर पर जिले के किसी एक आई.ए.एस./एच.सी.एस अधिकारी को परीक्षा का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया। नोडल अधिकारी द्वारा अलग से पेपर डिस्ट्रियूबर, फलाईंग स्कवैड आफिसर, डयूटी मैजिस्ट्रेट, स्टेशन ओफिसर व अन्य संबंधित कर्मचारी नियुक्त किए गए ताकि परीक्षा को सुचारू रूप से सम्पन्न करवाया जा सके।

उन्होंने बताया कि सभी परीक्षा केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरे और मोबाईल जैमर की निगरानी में परीक्षा हुई। उन्होंने बताया कि एचपीएससी द्वारा निर्धारित रूल-रेगुलेशन की सख्ती से पालना की गई व परीक्षा शान्तिपूर्वक सम्पन्न हुई।

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