विश्व मोटापा दिवस 2025: स्वास्थ्य सुधार के लिए प्रणालीगत परिवर्तन की आवश्यकता
पंचकूला, 3 मार्च – हर साल 4 मार्च को मनाया जाने वाला विश्व मोटापा दिवस मोटापे की जटिल चुनौतियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसके रोकथाम व प्रबंधन के व्यावहारिक समाधान को बढ़ावा देने का एक वैश्विक अभियान है। विश्व मोटापा दिवस 2025 की थीम “परिवर्तनकारी प्रणाली, स्वस्थ जीवन” (Changing Systems, Healthier Lives) है। यह थीम इस बात पर जोर देती है कि मोटापे का समाधान केवल व्यक्तिगत आदतों में बदलाव तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि इसके लिए स्वास्थ्य सेवाओं, सरकारी नीतियों, खाद्य वातावरण, मीडिया की भूमिका और कार्यस्थल की संस्कृति जैसे व्यापक प्रणालियों में भी सुधार आवश्यक है। इन कारकों को संबोधित करके, यह अभियान उन परिस्थितियों को बदलने पर केंद्रित है जो स्वस्थ जीवनशैली अपनाने में बाधा डालती हैं।
मोटापा एक जटिल स्वास्थ्य स्थिति है, जो शरीर में अत्यधिक वसा के संचय के कारण उत्पन्न होती है। आमतौर पर, इसे बॉडी मास इंडेक्स (BMI) द्वारा मापा जाता है, जिसमें 30 या उससे अधिक BMI को मोटापा की श्रेणी में रखा जाता है। हालांकि, हाल के शोध बताते हैं कि BMI अकेले किसी व्यक्ति की सेहत का पूरा आकलन नहीं कर सकता, इसलिए कमर की माप, शरीर में वसा प्रतिशत और अन्य कारकों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।
अत्यधिक वजन और मोटापे से गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जिनमें प्रमुख रूप से टाइप-2 डायबिटीज, हृदय रोग, स्ट्रोक और कुछ प्रकार के कैंसर शामिल हैं। मोटापे के कारण स्लीप एपनिया, जोड़ों में दर्द (ऑस्टियोआर्थराइटिस), उच्च रक्तचाप और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं जैसे तनाव और अवसाद भी हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त, पेट के आसपास जमा अतिरिक्त वसा मेटाबॉलिक सिंड्रोम के जोखिम को बढ़ा सकता है, जिससे हृदय संबंधी रोगों की संभावना अधिक हो जाती है।
मोटापे की समस्या से निपटने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है, जिसमें सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों में सुधार, सामुदायिक समर्थन, और व्यक्तिगत प्रयासों को शामिल किया जाना चाहिए। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने को बढ़ावा देना अत्यंत आवश्यक है। साथ ही, सरकारों और संगठनों को स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाने, स्वस्थ खाद्य पदार्थों की पहुंच आसान बनाने और जागरूकता अभियानों को मजबूत करने की दिशा में काम करना चाहिए।
विश्व मोटापा दिवस (4 मार्च) के संदर्भ में, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, पंचकुला (NIA) 4 से 13 मार्च तक 10 दिवसीय मोटापा निवारण शिविर का आयोजन कर रहा है। इस शिविर में मुफ्त सुविधाएँ जैसे आहार और जीवनशैली योजना, लिपिड प्रोफाइल विश्लेषण, पंचकर्म चिकित्सा, और व्यक्तिगत रूप से निर्धारित औषधि उपचार उपलब्ध कराए जाएंगे। संस्थान इसके माध्यम से जनता से अनुरोध करता हैं कि वे इस शिविर का अधिकतम लाभ उठाएँ और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित हों।
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राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (आयुष मंत्रालय, भारत सरकार), सेक्टर 5-डी, एमडीसी, पंचकुला इस विश्व मोटापा दिवस पर, आइए हम सभी स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और अपने आसपास की प्रणालियों को सुधारने के लिए सामूहिक प्रयास करने का संकल्प लें ताकि हम सभी के लिए एक स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित कर सकें।