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एसडीएम ने गांव मोगीनंद के ग्रामीणों की पेयजल की समस्या पर कार्यकारी अभियंता को जल्द से जल्द पेयजल उपलब्ध करवाने के दिए निर्देश

श्री कटारिया ने अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर लोगों की समस्याओं का निदान करने के दिए निर्देश  

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पंचकूला, 7 जनवरी एसडीएम श्री चंद्रकांत कटारिया ने लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित समाधान शिविर में आज गांव मोगीनंद के सोहन लाल की पेयजल की समस्या पर संज्ञान लेते हुए पब्लिक हेल्थ के कार्यकारी अभियंता को जल्द से जल्द पेयजल उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।
श्री चंद्रकांत कटारिया ने बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के निर्देशानुसार जिले के लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिदिन हर कार्य दिवस को प्रातः 10 बजे से 12 बजे तक उपायुक्त कार्यालय पर समाधान शिविर का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि समाधान शिविर से स्वयं मुख्यमंत्री जुड़ते है और समाधान शिविर में आई हुई समस्याओं की मोनिटरिंग स्वयं करते है। श्री कटारिया ने सभी अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे  प्राथमिकता के आधार पर लोगों की समस्याओं का निदान करें।  

एसडीएम श्री कटारिया ने आज समाधान शिविर में जिला के 6 लोगों की समस्याएं सुनी और उनका जल्द से जल्द समाधान करने के लिए संबंधित अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होने जिलावासियों से समाधान शिविर में पहुंचकर अपनी समस्याएं रखकर उनका जल्द से जल्द निवारण करवाने की अपील की।

इस अवसर पर नगराधीश विश्वनाथ, नगर निगम पंचकूला, नगर परिषद कालका, जिला राजस्व विभाग,  शिक्षा विभाग, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, जिला विकास एवं पंचायत विभाग, जनस्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग, पीडब्लयूडी बीएंडआर, महिला बाल विकास विभाग, मतस्य विभाग, मौलिक शिक्षा विभाग, वन विभाग, आयुष विभाग, कृषि एवं पशुपालन विभाग समेत अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

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किसान, बेरोजगारों को दिया जाएगा फ्री कृषि ड्रोन पायलट प्रशिक्षण – मोनिका गुप्ता

किसान इच्छूक 10 फरवरी तक एग्री हरियाणा पोर्टल पर करें आॅनलाईन आवेदन

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पंचकूला 7 फरवरी – उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने बताया कि किया है कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा किसान, बेरोजगार युवाओ को फ्री ड्रोन पायलट प्रशिक्षण देने के लिए 10 फरवरी तक आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इस ड्रोन प्रशिक्षण के लिए आवेदक को किसी कस्टम हायरिंग सेंटर या एफपीओ का सदस्य होना अनिवार्य है।

उपायुक्त ने बताया कि जिला के जिन किसान, बेरोजगार युवाओं की आयु कम से कम 18 वर्ष है तथा वे मैट्रिक पास है इस कृषि ड्रोन पायलेट प्रशिक्षण के लिए निर्धारित तिथि तक आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसान बेरोजगारों के लिए यह बहुत ही कारगर और लाभदायक प्रशिक्षण है जिसके माध्यम से किसान आर्थिक रूप से सशक्त बनने के साथ ही कृषि क्षेत्र को भी बढावा दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि कृषि ड्रोन पायलेट प्रशिक्षण योजना का किसान बेरोजगार लाभ उठाएं और तकनीकी रूप से भी मजबूत बनें।  

उपायुक्त ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश भर में 500 किसानों को ड्रोन पायलट बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है जिसके प्रथम एवं द्वितीया चरण में कुल 267 किसानों को प्रशिक्षण प्रदान कर तैयार किया जा चुका है, अब शेष किसान बेरोजगारों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए है।    

सहायक कृषि अभियन्ता गोपीराम सांगवान ने बताया कि निदेशालय के निर्देशानुसार विभाग के पोर्टल www.agriharyana.gov.in  पर आवेदन करना होगा। इसके बाद लाभार्थियों का चयन उपायुक्त की अध्यक्षता मे गठित जिला स्तरीय कार्यकारी कमेटी की अध्यक्षता में निर्धारित मापदण्डो के आधार पर प्रशिक्षण हेतू चयन किया जायेगा। किसान अधिक जानकारी के लिए सहायक कृषि अभियन्ता, पंचकुला, के कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हंै।

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कृषि आंकडों के लिए डिजिटल सैल का किया जाएगा गठन – श्याम सिंह राणा

प्रदेश में अधिकतर बेरोजगारी को खेती के माध्यम से किया जा सकता है खत्म – श्याम सिंह राणा

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कृषि सांख्यिकी-2025 की एकराष्ट्रीय कार्यशाला में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे

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पंचकूला, 7 फरवरी – हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि कृषि आंकडे कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसरों का मूल्यांकन करने में मदद करते है। इसके लिए एक डिजिटल सैल का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में पूरा ध्यान दिया जाए तो प्रदेश में अधिकतर बेरोजगारी को खेती के माध्यम से खत्म किया जा सकता है। जोकि सभी के सहयोग से ही संभव हो पाएगा।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री श्याम सिंह राणा शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस सेक्टर-1 पंचकूला में आयोजित कृषि सांख्यिकी-2025 की राष्ट्रीय कार्यशाला में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य एक कृषि प्रधान प्रदेश है, राज्य की लगभग 60 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर करती है। कृषि केवल हमारी खादय सुरक्षा का ध्यान नहीं रखता बल्कि यह देश के लाखों किसानों के जीवन का आधार भी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्र में अलग प्रकार की फसलों की खेती होती है। सभी फसलों का अपना महत्व है। इसके अलावा कई क्षेत्रों की भूमि को कृषि उपज के अनुकूल ही विकसित किया जाना चाहिए और विशेषकर लवणीय भूमि पर भी ध्यान देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि शुरूआत में भले की पैदावार कम होती थी, लेकिन तब प्राकृतिक खेती ज्यादा होती थी, जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक थी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वो किसानों को पैदावार बढ़वाने की बजाए जैविक खेती करने पर जोर दें।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उदेश्य कृषि आंकडा में सुधार व नई तकनीक को किसानों के अनुरूप बढ़ावा देना है। आज हम यहां केवल कृषि की वर्तमान स्थिति पर चर्चा करने के लिए नहीं, बल्कि ऐसे समाधान खोजने के लिए एकत्रित हुए है, जो इसके निरन्तर विकास और स्थिरता की और मार्गदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि कृषि आंकडे, कृषि क्षेत्र की प्रगति को मापने और मूल्यांकन करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है। कृषि आंकडे फसलों का उत्पादन, प्रधानमंत्री फसल बीमा, कृषि आय और कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसरों सहित विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण करता है। उन्होंने कहा कि कृषि आंकडे कृषि नीतियों के प्रभाव का मूल्यांकन करने में मदद करते है। यह आंकडे कृषि उत्पादन की भविष्यवाणी करने में भी मदद करती है, जिससे किसानों और सरकार को फैसले लेने में मदद मिलती है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में किसानों के लिए अनेक योजनाओं क्रियांवित की जा रही हैं। इनमें मुख्यतः मेरी फसल मेरा ब्यौरा, धान की सीधी बिजाई, प्राकृतिक खेती, फसल अवशेष प्रबन्धन, भावांतर भरपाई, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मृदा स्वास्थ्य आदि शामिल है। इन योजनाओं से किसानों को काफी लाभ प्राप्त हो रहा है।

उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला हमारे कृषि क्षेत्र के लिए एक मजबूत और स्थिर भविष्य बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह जरूरी है कि हम सभी चुनौतियों को पहचानें, लेकिन इससे भी अधिक महत्वपूर्ण यह है कि हम सुधार के अवसरों को देखें। हमारा सामूहिक प्रयास कृषि परिदृश्य को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

उन्होंने कहा कि कृषि का भविष्य कुछ ऐसा नहीं है जिसे हम संयोग पर छोड़ दें। इसके लिए दृष्टिकोण, सहयोग और दीर्घकालिक निवेश की आवश्यकता है। इसलिए एक ऐसा वातावरण बने, जहां हमारे किसान समृद्ध हों, हमारी खादय प्रणाली मजबूत हो और हमारा देश कृषि क्षेत्र में आने वाली पीढ़ियों के लिए मजबूत बना रहे।

कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजा शेखर वुंदरू ने बताया कि प्रदेश में करीब 90 लाख एकड़ भूमि पर खेती की जा रही है। प्रदेश में हरित क्रांति का पूरा योगदान रहा था। तब से अब तक कृषि के क्षेत्र में प्रदेश अपनी अहम भूमिका निभा रहा है।

इस मौके पर कृषि विभाग के निदेशक श्री राज नारायण कौशिक, विशेष सचिव मनीष नागपाल, संयुक्त निदेशक आरके सोलंकी और राजीव कुमार मिश्रा, केंद्रीय कृषि मंत्रालय से पल्लवी  सहित अन्य कई अधिकारियों ने कार्यशाला में विचार एवं अनुभव साझा किए। संयुक्त सचिव राजीव मिश्रा ने प्रेजेंटेशन प्रस्तुत की।  कार्यशाला में उत्पादक असेसमेंट, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मेट्रोलॉजी सर्विस इन एग्रीकल्चर सहित कई विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला में हिमाचल, उत्तराखंड, यूपी, सहित कई राजयों के अधिकारियों ने भाग लिया।

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11 फरवरी को सभी अभिभावक अपने बच्चों को कृमि मुक्ति दवा (पेट के कीड़ों की दवा) जरूर खिलाएं – मोनिका गुप्ता

एक से 19 वर्ष बच्चों के लगभग 2.04 लाख बच्चों को निशुल्क दवा खिलाने का रखा गया है लक्ष्य

उपायुक्त ने जिला टास्क फोर्स की बैठक की करी अध्यक्षता

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पंचकूला, 7 फरवरी – उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने बताया कि जिला में 11 को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत कृमि मुक्ति (पेट के कीड़े) की दवा (एल्बेंडाजोल की गोली) खिलाई जाएगी। उन्होंने परिजनों से आग्रह किया कि जो बच्चे स्कूलों में गोली खाने से वंचित रह जाए, उसे नजदीकी सीएचसी व पीएचसी केन्द्रों से दवा जरूर खिलाएं।

उपायुक्त मोनिका गुप्ता शुक्रवार को लघु सचिवालय के सभागार में विभिन्न विभागों की जिला टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता कर रही थी।

उपायुक्त ने बताया कि अभियान को लेकर जिले के सभी स्कूलों (सरकारी, गैर सरकारी व निजी स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, कॉलेज, तकनीकी संस्थान, ईंट भट्टों व स्लम एरिया में एक से 19 वर्ष के लगभग 2.04 लाख बच्चों और 20 से 24 वर्ष की महिलाओं को निशुल्क दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्हांने बताया कि जो बच्चे बीमारी हों या कोई अन्य दवा का सेवन कर रहे हों, उन्हें दवा ना दी जाए। साथ ही स्तनपान करवाने और गर्भवत्ती महिलाएं चिकित्सक की परामर्श के बाद इस गोली का सेवन करें।

बच्चे चबा कर खाएं गोली

उन्होंने बताया कि इस गोली को खाना खाने के बाद चबाकर खाया जाना है। जो बच्चे एक से दो वर्ष की आयुवर्ग के हैं, उन्हें आधी गोली पिसकर देनी है। जो बच्चे दो से तीन वर्ष की आयुवर्ग के हैं एक गोली पिसकर देनी है। तीन वर्ष से उपर की आयुवर्ग वाले बच्चों को गोली चबाकर खिलानी हैं।

उपायुक्त ने कहा कि बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए सभी विभाग आपसी सामंजस्य स्थापित करते हुए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम में 1 से 19 वर्षतक के सभी बच्चों को तथा 20-24 वर्ष वाली महिलाएं को भी दवा खिलाना सुनिश्चित करें। माता-पिता भी अपने बच्चों को दवा खिलाकर उनका अच्छा स्वास्थ्य एवं उज्ज्वल भविष्य बनाने के लिए अपना सहयोग दें।

11 को छूटे बच्चे 18 को मॉप अप राउंड में खाएं दवा

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी, निजी स्कूलों व आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों को इसके लिए चिन्हित कर लिया है। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाने के लिए 11 फरवरी को एल्बेंडाजोल कि एक गोली सभी एक वर्ष से 19 वर्ष की उम्र के बच्चों और 20 से 24 वर्ष की महिलाओं को दी जाएगी। इसके अलावा, जो बच्चे किसी कारण से 11 फरवरी को दवा खाने से छूट जाएंगे उन्हें 18 फरवरी को मॉप उप राउंड के तहत यह दवा खिलाई जाएगी।

सभी सरपंच गांवों में करवाएं मुनादी

उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वो सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को इस दवा का सेवन करवाना सुनिश्चित करें। साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देश दिए कि वो आंगनवाडी में जाने वाले बच्चों, स्कूलों में ना जाने वाले 19 वर्ष तक के बच्चों और 20 से 24 वर्ष की महिलाओं को दवा देने सुनिश्चित करवाएंगे। उपायुक्त ने लेबर विभाग को निर्देश दिए कि वो सभी ईंट भट्ठा के मालिकों से मीटिंग कर अपने-अपने संस्थान में इस अभियान में सहयोग करवाना तय करेंगे। इसके अलावा विकास एवं पंचायत विभाग को जिला के प्रत्येक गांव में मुनादी करवाकर इस अभियान को सफल बनाने के निर्देश दिए।

कृमि संक्रमण से बच्चों में होता है कुपोषण और खून की कमी

डिप्टी सिविल सर्जन डा. शिवानी सतीजा ने बताया कि कृमि संक्रमण से बचाव के लिए प्रत्येक वर्ष फरवरी व अगस्त माह में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत अल्बेंडाजोल की गोली बच्चों को दी जाती है। उन्होने बताया कि कृमि संक्रमण से बच्चों में कुपोषण और खून की कमी होती है तथा थकावट होना, पढ़ाई में मन न लगना आदि व अधिक कृमि होने से जी मिचलाना, दस्त, पेट दर्द, कमजोरी, भूख न लगना जैसे लक्षण हो सकते है। उन्होंने अपील की कि हमेशा साफ पानी पिये, खाना ढक कर रखें, खुले में शौच ना करें और हमेशा शौचालय का प्रयोग ही करें।

इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त निशा यादव, डिप्टी सिविल सर्जन डा. शिवानी, खंड शिक्षा अधिकारी रायपुर रानी सुमन चौधरी, पिंजौर सीमा रानी, एसएमओ डा. राजेश सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।

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