बाल दिवस के उपलक्ष्य में करवाई  विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित

*कालका विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी शक्ति रानी शर्मा 10833 मतों से अंतर से जीती*

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पंचकूला, 8 अक्तूबर – उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डा. यश गर्ग ने बताया कि हरियाणा विधानसभा आम चुनाव – 2024 में कालका विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी शक्ति रानी शर्मा ने 10833 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। 

उपायुक्त ने बताया कि कालका विधानसभा क्षेत्र में 202052 वोटरों के लिए 225 मतदान केन्द्र बनाए गए थे। इनमें से 145621 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। उन्होंने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी शक्ति रानी शर्मा ने 60612 मत प्राप्त किए। इनमें 115 डाक मत शामिल हैं।

कालका विधान सभा चुनाव में दूसरे नंबर पर इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी के प्रदीप चौधरी को 49729 मत मिले। इनमें से 185 डाक मत शामिल है। निर्दलीय उम्मीदवार गोपाल सुखोमाजरा ने 31729 मत प्राप्त किये। इनमें से 23 डाक मत भी शामिल हैं। 

जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी चरण सिंह ने 1374 मत प्राप्त किये। आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी ओम प्रकाश गुर्जर ने 858 मत प्राप्त किये। निर्दलीय अमित शर्मा को 582 मत प्राप्त मिले

 उन्होंने बताया कि कालका के 749 नागरिकों ने नोटा का प्रयोग किया। 

 रिटर्निंग अधिकारी एवं एसडीएम कालका राजेश पुनिया राजकीय महिला महाविद्यालय सेक्टरों 14 में ने विजेता उम्मीदवार को प्रमाण पत्र प्रदान किया।

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सिरसा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी श्री गोकुल सेतिया ने 7234 मतों से की जीत हासिल

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सिरसा, 8 अक्तूबर – उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि हरियाणा विधानसभा आम चुनाव- 2024 में सिरसा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी श्री गोकुल सेतिया 7234 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। 

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*अश्विन मेले के दौरान भक्तो ने 7 अक्टूबर को भेंट की 26 लाख 42 हजार रुपये की राशि*

*नवरात्रों में वृत रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष भोजन का प्रबंध*

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पंचकूला, 8 अक्तूबर – अश्विन नवरात्र मेले के दौरान श्री माता मनसा देवी एवम श्री काली माता मंदिर कालका में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही। दो दिनों में एक लाख 42 हजार 500 से अधिक श्रद्धालुओं ने मत्था टेक कर माता के दरबार में मन्नते मांगी। श्री माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड की तरफ से श्रद्धालुओं के लिए पुख्ता प्रबन्ध किये गए और बहुत ही स्वादिष्ट भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। विशेषकर नवरात्रों पर वृत रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग से भोजन का प्रबंध किया जा रहा है। 

श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष एवम उपायुक्त डा. यश गर्ग ने बताया श्री माता मनसा देवी, श्री काली माता मंदिर कालका एवम चंडी मंदिर में श्रद्धालुओं ने 7 अक्टूबर को कुल 26 लाख 42 हजार रूपये की राशि दान स्वरूप भेंट की। इनमे से श्री माता मनसा देवी मंदिर में 22 लाख 5 हज़ार रुपये और श्री काली माता मंदिर कालका में 3 लाख 83 हजार 868 रुपये दान स्वरूप चढ़ाए है।

 इसके अलावा चंडी माता मंदिर में 15 हजार 350 रुपए की राशि का चढ़ावा आया है। श्री माता मनसा देवी मंदिर में चांदी के 27 नग भी दान स्वरूप अर्पित किए गये है, इनका वजन 310 ग्राम है। इसी प्रकार काली माता मंदिर में 58 सिल्वर के नग माता के दरबार में भेंट किए है, इनका वजन 319 ग्राम है। इस प्रकार दोनो मंदिरों में कुल 85 सिल्वर के नग चढ़ाए गए, इनका कुल वजन 629 ग्राम है। 

 उन्होंने बताया कि दोनों मंदिरों में 7 अक्टूबर को 63 हजार 500 से अधिक श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में मत्था टेका और मन्नते मांगी है। जबकि 6 अक्टूबर को 79 हजार श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। इस प्रकार हर रोज भारी भीड़ श्रद्धालुओं की माता के दरबार में उमड़ रही है। काली माता मंदिर में भी श्रद्धालु बड़ चढ़ कर माता के दरबार में मत्था टेक कर पूजा अर्चना कर रहे है।

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*पंचकूला विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी श्री चंद्रमोहन ने 1976 मतों से की जीत हासिल*

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पंचकूला, 8 अक्तूबर – उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डा. यश गर्ग ने बताया कि हरियाणा विधानसभा आम चुनाव- 2024 में पंचकूला विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी श्री चंद्रमोहन ने 1976 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। 

उपायुक्त ने बताया कि पंचकूला विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी प्रत्याशी श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने 65277 वोट प्राप्त किए। जबकि कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी श्री चंद्रमोहन ने कुल 67253 मत प्राप्त किए। 

रिटर्निंग अधिकारी एवं एसडीएम पंचकूला श्री गौरव चौहान ने राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेक्टरों-1 में विजेता उम्मीदवार को प्रमाण पत्र प्रदान किया।

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*काउंटिंग स्टाफ को दी मतगणना की ट्रेनिंग*

*सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू, पहले डाक मतपत्रों, फिर ईवीएम की वोटों को किया जाएगा काउंट*

*मतगणना की सभी तैयारियां पूरी*

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पंचकूला, 7 अक्तूबर – हरियाणा विधानसभा आम चुनाव -2024 की मतगणना के लिए आज पीडब्ल्यूडी रेस्टहाउस में काउंटिंग स्टाफ को ट्रेनिंग दी गई। काउंटिंग अब्जर्वर कालका अमित कुमार व काउंटिंग अब्जर्वर पंचकूला के महेश ने काउंटिंग स्टाफ को मतगणना के दौरान ध्यान रखने वाली जानकारी से अवगत करवाया। इस मौके पर चुनाव नायब तहसीलार अजय राठी और कानूनगो कुलदीप सिंह मौजूद रहे।

उन्होंने बताया कि आठ अक्तूबर को सुबह 8 बजे से मतगणना का कार्य शुरू किया जाएगा। दोनों विधानसभाओं में पहले सबसे पहले डाक मतपत्रों की गणना की जाएगी। इसके बाद ईवीएम मशीनों की गिनती राउंड वाइज की जाएगी। एक राउंड में 14 टेबलों को लगाया गया है यानी 14 ईवीएम मशीनों की गणना एक बार में की जाएगी और 17 राउंड में मतगणना का कार्य पूरा किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि कालका विधानसभा में 202052 मतदाताओं में से 145621 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। फार्म-12डी के तहत 51 डाक मतपत्र प्राप्त हुए हैं और फार्म-12 के तहत 246 डाक मतपत्र जारी किये गए हैं, जो 8 अक्तूबर के सुबह 7 बजे से पहले तक जमा होनेे हैं। इसी तरह पंचकूला विधानसभा में 236193 मतदाताओं में से 140227 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। फार्म-12 डी के तहत 85 डाक मतपत्र प्राप्त हुए हैं और फार्म-12 के तहत 200 डाक मतपत्र जारी किये गए है। 

इस प्रकार मतगणना का कार्य सुचारू ढंग से सम्पन्न करने के लिए सुरक्षा के उचित प्रबंध किए गए है। सुरक्षा उपायों को को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी एवम डीसी डा. यश गर्ग ने चुनाव ऑब्जर्वर के साथ मतगणना केंद्रों का दौरा किया। उन्होंने बताया कि मतगणना की सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी है।

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*माता मनसा देवी मंदिर में लगाए जा रहे कानूनी शिविर में लोगो को किया उनके अधिकारों के प्रति जागरूक – सीजेएम*

*महिलाएं और व्यक्ति जागरूक होकर कानूनी अधिकारों का उठा रहे है लाभ*

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पंचकूला, 7 अक्टूबर – मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव अजय कुमार घनघस ने बताया कि प्राधिकरण के निर्देशानुसार माता मनसा देवी मंदिर में नवरात्र मेले के अवसर पर नियमित रूप से कानूनी जागरूकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इन शिविरों में पैनल अधिवक्ता और एडवोकेट छात्र लोगो को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दे रहे है। 

सदस्य सचिव राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण एस.पी. सिंह, श्री जिला एवं सत्र न्यायाधीश, सह अध्यक्ष, वीपी सिरोही के मार्गदर्शन में लगाए जा रहे जागरूकता शिवर में लोगो को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी देकर सचेत किया जा रहा है ताकि उनके अधिकारों का कोई हनन न कर सके।   

शिविर में घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा कानून, दहेज और कानून, सूचना का अधिकार, मौलिक अधिकार और कर्तव्य, प्रथम, सूचना रिपोर्ट सहित कई अधिकारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है। शिविर में महिलाओं और लोगो ने भाग लेकर लाभ उठाया। 

उन्होंने बताया है कि विधिक सहायता परामर्शदाता श्री. प्रदीप गुप्ता, सुश्री सरला चहल, सुश्री सोनिया सैनी और श्री विनोद कुमार शर्मा को स्टॉल पर पी एल वी सुश्री संतोष और सुश्री पिंकी धारी, स्वामी देवी दयाल लॉ कॉलेज, बरवाला कानून के छात्रों और सरकारी कॉलेज सेक्टर 1 पंचकूला के छात्रों ने भी इस शिविर में भाग लिया। 

शिविर में लोगों को प्राधिकरण की कानूनी सहायता योजनाओं के बारे में जागरूक किया गया और 14 दिसंबर 2024 को जिला न्यायालय, पंचकुला और उप-मंडल, कालका में आयोजित होने वाली आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में भी जागरूक किया गया ताकि लोग अधिक अधिक लाभ उठा सके।

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*श्री माता मनसा देवी*

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पंचकूला:

भारत की सभ्यता एवं संस्कृति आदिकाल से ही विश्व की पथ-प्रदर्शक रही है और इसकी चप्पा-चप्पा धरा को ऋषि मुनियों ने अपने तपोबल से पावन किया है। हरियाणा की पावन धरा भी इस पुरातन गौरवमय भारतीय संस्कृति, धरोहर तथा देश के इतिहास एवं सभ्यता का उदगम स्थल रही है। यह वह कर्म भूमि है, जहां धर्म की रक्षा के लिए दुनिया का सबसे बड़ा संग्राम महाभारत लड़ा गया था और गीता का पावन संदेश भी इसी भू-भाग से गुंजित हुआ है। वहीं शिवालिक की पहाडिय़ों से लेकर कुरूक्षेत्र तक के 48 कोस के सिंधुवन में ऋषि-मुनियों द्वारा पुराणों की रचना की गई और यह समस्त भूभाग देवधरा के नाम से जाना जाता है। 

*भक्त सच्चे मन से 40 दिन तक पूजा अर्चना करने से होती ही मनोकामना अवश्य पूरी*

इसी परम्परा में हरियाणा के जिला पंचकूला में ऐतिहासिक नगर मनीमाजरा के निकट शिवालिक पर्वत मालाओं की गोद में सिन्धुवन के अतिंम छोर पर प्राकृतिक छटाओं से आच्छादित एकदम मनोरम एवं शांति वातावरण में स्थित है – सतयुगी सिद्घ माता मनसा देवी का मंदिर। कहा जाता है कि यदि कोई भक्त सच्चे मन से 40 दिन तक निरंतर मनसा देवी के भवन में पहुंच कर पूजा अर्चना करता है तो माता मनसा देवी उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करती है। माता मनसा देवी का चैत्र और आश्विन मास के नवरात्रों में मेला लगता है। 

माता मनसा देवी के मंदिर को लेकर कई धारणाएं व मान्यताएं प्रचलित हैं। श्री माता मनसा देवी का इतिहास उतना ही प्राचीन है, जितना कि अन्य सिद्घ शक्तिपीठों का। इन शक्ति पीठों का कैसे और कब प्रादुर्भाव हुआ इसके बारे में शिव पुराण में विस्तृत वर्णन मिलता है। धर्म ग्रंथ तंत्र चूड़ामणि के अनुसार ऐसे सिद्घ पीठों की संख्या 51 है, जबकि देवी भागवत पुराण में 108 सिद्घ पीठों का उल्लेख मिलता है, जो सती के अंगों के गिरने से प्रकट हुए। श्री माता मनसा देवी के प्रकट होने का उल्लेख शिव पुराण में मिलता है। माता पार्वती हिमालय के राजा दक्ष की कन्या थी व अपने पति भगवान शिव के साथ कैलाश पर्वत पर उनका वास था। कहा जाता है कि एक बार राजा दक्ष ने अश्वमेध यज्ञ रचाया और उसमें सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया, परन्तु इसमें भगवान शिव को नहीं बुलाया । इसके बावजूद भी पार्वती ने यज्ञ में शामिल होने की बहुत जिदद की। महादेव ने कहा कि बिना बुलाए वहां जाना नहीं चाहिए और यह शिष्टाचार के विरूद्घ भी है। अन्त मे विवश होकर मां पार्वती का आग्रह शिवजी को मानना पड़ा। शिवजी ने अपने कुछ गण पार्वती की रक्षार्थ साथ भेजे। जब पार्वती अपने पिता के घर पहुंची तो किसी ने उनका सत्कार नहीं किया। वह मन ही मन अपने पति भगवान शंकर की बात याद करके पश्चाताप करने लगी। हवन यज्ञ चल रहा था। यह प्रथा थी कि यज्ञ में प्रत्येक देवी देवता एवं उनके सखा संबंधी का भाग निकाला जाता था। जब पार्वती के पिता ने यज्ञ से शिवजी का भाग नहीं निकाला तो पार्वती को बहुत आघात लगा। आत्म सम्मान के लिए गौरी ने अपने आपको यज्ञ की अग्नि में होम कर दिया। पिता दक्ष प्रजापति के यज्ञ में प्राणोत्सर्ग करने के समाचार को सुन शिवजी बहुत क्रोधित हुए और वीरभद्र को महाराजा दक्ष को खत्म करने के लिए आदेश दिए। क्रोध में वीरभद्र ने दक्ष का मस्तक काटकर यज्ञ विघ्वंस कर डाला। शिवजी ने जब यज्ञ स्थान पर जाकर सती का दग्ध शरीर देखा तो सती-सती पुकारते हुए उनके दग्ध शरीर को कंधे पर रखकर भ्रान्तचित से तांडव नृत्य करते हुए देश देशातंर में भटकने लगे। 

भगवान शिव का उग्र रूप देखकर ब्रहमा आदि देवताओं को बड़ी चिंता हुई। शिवजी का मोह दूर करने के लिए सती की देह को उनसे दूर करना आवश्यक था, इसलिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से लक्ष्यभेद कर सती के शरीर को खंड-खंड कर दिया। वे अंग जहां-जहां गिरे वहीं शक्तिपीठों की स्थापना हुई और शिव ने कहा कि इन स्थानों पर भगवती शिव की भक्ति भाव से आराधना करने पर कुछ भी दुलर्भ नहीं होगा क्योंकि उन-उन स्थानों पर देवी का साक्षात निवास रहेगा। हिमाचल प्रदेश के कांगडा के स्थान पर सती का मस्तक गिरने से बृजेश्वरी देवी शक्तिपीठ, ज्वालामुखी पर जिव्हा गिरने से ज्वाला जी, मन का भाग गिरने से छिन्न मस्तिका चिन्तपूर्णी, नयन से नयना देवी, त्रिपुरा में बाई जंघा से जयन्ती देवी, कलकत्ता में दाये चरण की उंगलियां गिरने से काली मदिंर, सहारनपुर के निकट शिवालिक पर्वत पर शीश गिरने से शकुम्भरी, कुरूक्षेत्र में गुल्फ गिरने से भद्रकाली शक्ति पीठ तथा मनीमाजरा के निकट शिवालिक गिरिमालाओं पर देवी के मस्तिष्क का अग्र भाग गिरने से मनसा देवी आदि शक्ति पीठ देश के लाखों भक्तों के लिए पूजा स्थल बन गए हैं।

एक अन्य दंत कथा के अनुसार मनसा देवी का नाम महंत मंशा नाथ के नाम पर पडा बताया जाता है। मुगलकालीन बादशाह सम्राट अकबर के समय लगभग सवा चार सौ वर्ष पूर्व बिलासपुर गांव में देवी भक्त महंत मन्शा नाथ रहते थे। उस समय यहां देवी की पूजा अर्चना करने दूर-दूर से लोग आते थे। दिल्ली सूबे की ओर से यहां मेले पर आने वाले प्रत्येक यात्री से एक रुपया कर के रूप में वसूल किया जाता था। इसका मंहत मनसा नाथ ने विरोध किया। हकूमत के दंड के डर से राजपूतों ने उनके मदिंर में प्रवेश पर रोक लगा दी। माता का अनन्य भक्त होने के नाते उसने वर्तमान मदिंर से कुछ दूर नीचे पहाडों पर अपना डेरा जमा लिया और वहीं से माता की पूजा करने लगा। महंत मंशा नाथ का धूना आज भी मनसा देवी की सीढियों के शुरू में बाई ओर देखा जा सकता है। 

आईने अकबरी में यह उल्लेख मिलता है कि जब सम्राट अकबर 1567 ई. में कुरूक्षेत्र में एक सूफी संत को मिलने आए थे तो लाखों की संख्या में लोग वहां सूर्य ग्रहण पर इकटठे हुये थे। महंत मंशा नाथ भी संगत के साथ कुरूक्षेत्र में स्नान के लिये गये थे। कहते हैं कि जब नागरिकों एवं कुछ संतों ने अकबर से सरकार द्वारा यात्रियों से कर वसूली करने की शिकायत की तो उन्होंने हिंदुओं के प्रति उदारता दिखाते हुए सभी तीर्थ स्थानों पर यात्रियों से कर वसूली पर तुरंत रोक लगाने का हुकम दे दिया, जिसके फलस्वरूप कुरूक्षेत्र एवं मनसा देवी के दर्शनों के लिए कर वसूली समाप्त कर दी गई। 

*मदिंर का निर्माण मनीमाजरा के राजा गोपाल सिंह ने मनोकामना पूरी होने पर करवाया*

श्री माता मनसा देवी के सिद्घ शक्तिपीठ पर बने मदिंर का निर्माण मनीमाजरा के राजा गोपाल सिंह ने अपनी मनोकामना पूरी होने पर लगभग पौने दो सौ वर्ष पूर्व चार वर्षाे में अपनी देखरेख में सन 1815 ईसवी में पूर्ण करवाया था। मुख्य मदिंर में माता की मूर्ति स्थापित है। मूर्ति के आगे तीन पिंडीयां हैं, जिन्हें मां का रूप ही माना जाता है। ये तीनों पीडिंया महालक्ष्मी, मनसा देवी तथा सरस्वती देवी के नाम से जानी जाती हैं। मंदिर की परिक्रमा पर गणेश, हनुमान, द्वारपाल, वैष्णवी देवी, भैरव की मूर्तियां एवं शिव लिंग स्थापित है। इसके अतिरिक्त श्री मनसा देवी मंदिर के प्रवेश द्वार पर माता मनसा देवी की विधि विधान से अखंड ज्योत प्रज्जवलित कर दी गई है। 

इस समय मनसा देवी के तीन मंदिर हैं, जिनका निर्माण पटियाला के महाराज द्वारा करवाया गया था। प्राचीन मदिंर के पीछे निचली पहाडी के दामन में एक ऊंचे गोल गुम्बदनुमा भवन में बना माता मनसा देवी का तीसरा मदिंर है। मदिंर के एतिहासिक महत्व तथा मेलों के उपर प्रति वर्ष आने वाले लाखों श्रद्घालुओं को और अधिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए हरियाणा सरकार ने मनसा देवी परिसर को 9 सितम्बर 1991 को माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड का गठन करके इसे अपने हाथ मे ले लिया था। 

*पुरातत्ववेताओं की खोज से यहां मिली प्राचीन चीजे*

श्री माता मनसा देवी की मान्यता के बारे पुरातन लिखित इतिहास तो उपलब्ध नहीं है, परन्तु पिंजौर, सकेतडी एवं कालका क्षेत्र में पुरातत्ववेताओं की खोज से यहां जो प्राचीन चीजे मिली हैं, जो पाषाण युग से संबंधित है उनसे यह सिद्घ होता है कि आदिकाल में भी इस क्षेत्र में मानव का निवास था और वे देवी देवताओं की पूजा करते थे, जिससे यह मान्यता दृढ होती है कि उस समय इस स्थान पर माता मनसा देवी मदिंर विद्यमान था। यह भी जनश्रुति है कि पांडवों ने बनवास के समय इस उत्तराखंड में पंचपूरा पिंजौर की स्थापना की थी। उन्होंने ही अन्य शक्तिपीठों के साथ-साथ चंडीगढ के निकट चंडीमदिंर, कालका में काली माता तथा मनसा देवी मदिंर में देवी आराधाना की थी। पांडवों के बनवास के दिनों में भगवान श्री कृष्ण के भी इस क्षेत्र में आने के प्रमाण मिलते हैं। त्रेता युग में भी भगवान द्वारा शक्ति पूजा का प्रचलन था और श्री राम द्वारा भी इन शक्ति पीठों की पूजा का वर्णन मिलता है। 

*देश के लाखों यात्रियों के लिये बना है अराध्य स्थल*

हरिद्वार के निकट शिवालिक की ऊंची पहाडियों की चोटी पर माता मनसा देवी का एक और मदिंर विद्यमान है, जो आज देश के लाखों यात्रियों के लिये अराध्य स्थल बना हुआ है, परन्तु उस मदिंर की गणना 51 शक्तिपीठों में नहीं की जाती। पंचकूला के बिलासपुर गांव की भूमि पर वर्तमान माता मनसा देवी मदिंर ही सिद्घ शक्ति पीठ है, जिसकी गणना 51 शक्ति पीठों में होने के अकाट्य प्रमाण हैं। हरिद्वार के निकट माता मनसा देवी के मदिंर के बारे यह दंत कथा प्रसिद्घ है कि यह मनसा देवी तो नागराज या वासुकी की बहिन, महर्षि कश्यप की कन्या व आस्तिक ऋषि की माता तथा जरत्कारू की पत्नी है, जिसने पितरों की अभिलाषा एवं देवताओं की इच्छा एवं स्वयं अपने पति की प्रतिज्ञा को पूर्ण करने तथा सभी की मनोकामना पूर्ण करने के लिए वहां अवतार धारण किया था, सभी की मनोकामना पूर्ण करने के कारण अपने पति के नाम वाली जरत्कारू का नाम भक्तों में मनसा देवी के रूप में प्रसिद्घ हो गया। वह शाक्त भक्तों में अक्षय धनदात्रि, संकट नाशिनी, पुत्र-पोत्र दायिनी तथा नागेश्वरी माता आदि नामों से प्रसिद्घ है।

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MCC Reviews Progress of PM SVANidhi Scheme in Collaborative Meeting with Banks

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*Chandigarh, October 7:-* A progress review meeting held today, led by Ms. Isha Kamboj, HCS Joint Commissioner of the Municipal Corporation, Chandigarh. The meeting focused on the status of the PM SVANidhi scheme and included participation from representatives of nationalized and other banks.

All Bank DCOs were present and shared the current data on sanctioned and disbursed cases, as well as a list of pending cases that have remained unresolved for an extended period.

During the meeting, Joint Commissioner Ms. Isha Kamboj instructed all banks to expedite the clearance of pending first tranche loan cases by organizing branch-level camps on a war footing.

Hari Singh Gunra, LDM, Chandigarh, and Dr. Vivek Trivedi, Social Development Officer for NULM and PM SVANidhi, emphasized the need for joint efforts in identifying PM SVANidhi beneficiaries and facilitating their access to bank procedures for sanction and disbursement.

This collaborative approach aims to enhance the efficiency of the PM SVANidhi scheme and ensure that beneficiaries receive timely support.

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कालका, पंचकूला मंदिरों में चौथे दिन आया 22 लाख 74 हजार 858 रुपये चढ़ावा

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पंचकूला, 6 अक्तूबर – अश्विन नवरात्र मेले के चौथे दिन श्री माता मनसा देवी एवम श्री काली माता मंदिर कालका में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रही। श्री माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड की तरफ से श्रद्धालुओं के लिए पुख्ता प्रबन्ध किये गए।

श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष एवम उपायुक्त डा. यश गर्ग ने बताया श्री माता मनसा देवी, श्री काली माता मंदिर कालका एवम चंडी मंदिर में श्रद्धालुओं ने चौथे दिन कुल 22 लाख 74 हजार 858 रूपये की राशि दान स्वरूप भेंट की। इनमे से श्री माता मनसा देवी मंदिर में 18 लाख 47 हज़ार 856 रुपये और श्री काली माता मंदिर कालका में 4 लाख 16 हजार 152 रुपये दान स्वरूप चढ़ाए गए।

इसके अलावा चंडी मंदिर में 10850 रुपए की राशि का चढ़ावा आया है। श्री माता मनसा देवी मंदिर में चांदी के 34 नग भी दान स्वरूप अर्पित की गये है इनका वजन 315 ग्राम है। इसी प्रकार काली माता मंदिर में 38 सिल्वर के नग माता के दरबार में भेंट किए है इस प्रकार कुल 78 नग चांदी के चढ़ावे में आए।

उन्होंने बताया कि चौथे दिन मंदिरों में 24 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में मत्था टेका और मन्नते मांगी।

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जिला में 65.22 प्रतिशत मतदान, कालका विधानसभा में 71.07 और पंचकूला विधानसभा में 59.36 प्रतिशत वोटिंग

285848 मतदाताओं ने डाले वोट, इनमें 153598 पुरूष, 132246 महिलाएं और 4 थर्ड जेंडर वोटर शामिल

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पंचकूला, 6 अक्तूबर – उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डा. यश गर्ग ने बताया कि हरियाणा विधानसभा आम चुनाव 2024 के दौरान जिला में लगभग 65.22 प्रतिशत मतदान हुआ। पंचकूला जिला में 438245 मतदाताओं के लिए 455 मतदान केन्द्र बनाए गए थे।

डा. यश गर्ग ने बताया कि 438245 वोटरों में से 285848 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। इनमें 153598 पुरूष, 132246 महिलाएं और 4 थर्ड जेंडर वोटर शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 178866 मतदाताओं ने मतदान के दोरान वोटर कार्ड यानी ईपीआईसी का प्रयोग किया। उन्होंने बताया कि आठ अक्तूबर को विधानसभा अनुसार मतगणना की जाएगी। मतगणना की सभी तैयारियां पूरी की जा रही है।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि 01-कालका विधानसभा में 202052 मतदाताओं के लिए 225 मतदान केन्द्र बनाए गए। इन मतदान केन्द्रों पर 72.07 प्रतिशत मतदान हुआ। कालका के 202052 में से 145621 मतदाताओं ने अपने वोट का प्रयोग किया। इनमें 77859 पुरूष, 67759 महिलाएं और 3 थर्ड जेंडर शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि 02-पंचकूला विधानसभा में 236193 मतदाताओं के लिए 230 मतदान केन्द्र बनाए गए। इन मतदान केन्द्रों पर लगभग 59.36 प्रतिशत मतदान हुआ। पंचकूला के 236193 मतदाताओं में से 140227 वोटरों ने अपने वोट को पोल किया। इनमें 75739 पुरूष, 64487 महिलाएं और एक थर्ड जेंडर शामिल हैं।

डा. यश गर्ग ने बताया कि हरियाणा विधानसभा आम चुनाव 2019 में पंचकूला जिला में 65.74 प्रतिशत मतदान हुआ था। उस दौरान 01-कालका विधानसभा में 72 प्रतिशत और 02-पंचकूला विधानसभा में 60.03 प्रतिशत मतदान हुआ था।

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