उपायुक्त ने जिला सड़क सुरक्षा समिति व सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी को लेकर आयोजित बैठक की करी अध्यक्षता

जिला की मंडियों में 23230 मीट्रिक टन गेहूं की हुई खरीद

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पंचकूला, 18 अप्रैल      जिला में रबी सीजन 2025-26 के दौरान  सरसों की खरीद तथा उठान का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा जिला की मंडियों में से अब तक 23230 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है।

     इस संबंध में जानकारी देते हुए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि सरकारी खरीद एजेंसियों हैफेड और हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन द्वारा पंचकूला, बरवाला और रायपुररानी स्थित अनाज मंडियों में गेहूं व सरसों की खरीद की जा रही है। उन्होंने बताया कि हरियाणा स्टेट वेयरहाउसिंग द्वारा बरवाला से 12581 मीट्रिक टन गेहूं,  रायपुररानी से 9864 मीट्रिक टन और हैफेड पंचकूला द्वारा 785 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है।

इसी तरह तीनों मंडियों में से 254 मीट्रिक टन सरसों की खरीद की गई, जिसमें से हरियाणा स्टेट वेयरहाउसिंग बरवाला में 107 और हैफेड रायपुररानी में 147 मीट्रिक टन सरसों की खरीद की गई। इसी प्रकार हैफेड और हरियाणा स्टेट वेयरहाउसिंग द्वारा 209 मीट्रिक टन सरसों का उठान किया गया जिसमें से 84 मीट्रिक टन बरवाला अनाज मंडी से तथा 125 मीट्रिक टन रायपुररानी अनाज मंडी से शामिल है।

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उपायुक्त ने जिला सड़क सुरक्षा समिति व सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी को लेकर आयोजित बैठक की करी अध्यक्षता

सहकारिता विभाग की आयुक्त ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी उपायुक्तों के साथ समाधान शिविरों में लंबित शिकायतों को लेकर समीक्षा बैठक की करी अध्यक्षता

उपायुक्त ने लंबित शिकायतों का तत्काल समाधान करने के सभी अधिकारियों को दिए निर्देश

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पंचकूला, 18 अप्रैल सहकारिता विभाग की आयुक्त एवं सचिव आशिमा बराड ने आज चंडीगढ से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी उपायुक्तों के साथ समाधान शिविरों में लंबित शिकायतों को लेकर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होने प्रदेश के सभी उपायुक्तों  को लंबित शिकायतों का तुरंत निपटान करने के निर्देश दिए।

इसके उपरांत उपायुक्त श्रीमती मोनिका गुप्ता ने लघु सचिवालय के सभागार में अधिकारियों की बैठक ली। उन्होने अधिकारियों को लंबित शिकायतों का जल्द से जल्द समाधान करने के निर्देश दिए। उन्होने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि समाधान शिविर में आने वाले लोगो की समस्याओं का समाधान तुरंत होना चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही या कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आमजन की समस्याओं का समाधान अधिकारियों की प्राथमिकता होनी चाहिए और कोई भी शिकायत लंबित न रहे, यदि कोई समस्या किसी शिकायत को लेकर आती है तो वो सीधे मुझसे बात करें।

नगराधीश विश्वनाथ ने उपायुक्त को सभी विभागों की लंबित शिकायतों के बारे में विस्तार से बताया। लंबित विभागों में ये विभाग शमिल रहे-
डीआरओ, एसडीएम कालका, एसडीएम पंचकूला, डीडीपीओ, एलडीएम, आरटीए पंचकूला, तहसीलदार, डीएसडब्लयूओ, एआरसी, डिवलेपमेंट एवं पंचायत, एक्सईन पंचायती राज,जिला परिषद, डीआरडीए,एलिमेंट्री एजुकेशन, फोरेस्ट, एचएसवीपी, हाउसिंग बोर्ड, यूएचबीवीएन, हेल्थ, ट्रांसपोर्ट, आरटीए, एचएसआईआईडीसी, डीईओ तथा अन्य संबंधित विभागों को निर्देश देते हुए कहा कि अपने स्तर पर जो भी पैंडिंग समस्या है उसका त्वरित गति से समाधान करें। जितने भी ओवरडयू बचे हैं, उनका निपटान जल्द से जल्द किया जाए। उन्होंने कहा कि  मुख्यमंत्री खुद समाधान शिविरों की मॉनिटरिंग करते हैं और लोगो की समस्याओं के समाधान के प्रति बेहद गंभीर है।

श्रीमती मोनिका गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री का सपना समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को न्याय दिलाते हुए योजनाओं का लाभ दिलाना है। हम सभी अधिकारियों को इस मामले में और अधिक गंभीर होकर काम करने की अवश्यकता है।

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राज्य में लिंगानुपात में सुधार के लिए सक्रिय दृष्टिकोण अपनाएं व सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करें

एसएमओ तथा एमओ अपने-अपने सीएचसी/पीएचसी में लिंगानुपात में कमी के लिए जिम्मेदार होंगे

एसटीएफ की बैठक में लिए निर्णय जमीनी स्तर पर हो लागू  

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पंचकूला, 18 अप्रैल- स्वास्थ्य विभाग हरियाणा द्वारा पीडब्ल्यूडी, विश्राम गृह, सेक्टर-1, पंचकूला में एक दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला सह समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं (डीजीएचएस), हरियाणा ने क्षमता निर्माण कार्यशाला सह समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं तथा राज्य टास्क फोर्स (एसटीएफ) के संयोजक डॉ. वीरेंद्र यादव  बैठक में उपस्थित थे। पूर्व गर्भाधान तथा प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसी एंड पीएनडीटी) अधिनियम, मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) अधिनियम, सहायक प्रजनन तकनीक (एआरटी) तथा सरोगेसी अधिनियम के जिला नोडल अधिकारी, हरियाणा के सभी जिलों से औषधि नियंत्रण अधिकारी शामिल हुए।

डीजीएचएस डॉ. कुलदीप सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य में लिंगानुपात में सुधार के लिए सभी जिलों को सक्रिय दृष्टिकोण अपनाना होगा और सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। लिंगानुपात में सुधार के लिए संबंधित अधिकारियों द्वारा उठाए जाने वाले कदम और संबंधित वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) और चिकित्सा अधिकारी (एमओ) को उनके संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी)/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) क्षेत्र के लिंगानुपात में गिरावट के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। सभी जिलों को सहायक नर्स मिडवाइफ (एएनएम) रजिस्टर के अनुसार पिछले 05 वर्षों का गांववार लिंगानुपात डेटा एकत्र करना होगा। हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एसटीएफ की बैठक में लिए गए सभी निर्णय जमीनी स्तर तक लागू होने चाहिए।

स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक और एसटीएफ के संयोजक डॉ. वीरेंद्र यादव ने बैठक की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी नोडल अधिकारियों को पीएनडीटी और एमटीपी अधिनियमों से अच्छी तरह परिचित होना चाहिए ताकि गड़बड़ी करने वाले केंद्रों के खिलाफ शिकंजा कसा जा सके। सभी औषधि नियंत्रण अधिकारियों (डीसीओ) को अधिकृत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ एमटीपी केंद्रों का दौरा करना चाहिए ताकि एमटीपी किटों की किसी भी अवैध बिक्री/स्टॉक की जांच की जा सके। जिलों को राज्य मुख्यालय (एसएचक्यू) के साथ साझा करने से पहले केंद्रों से प्राप्त रिपोर्टों को सत्यापित करना चाहिए। जिन केंद्रों को जिला टीम द्वारा क्लीन चिट दी गई है, वहां राज्य टीम द्वारा उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

राज्य औषधि नियंत्रक ने एमटीपी अधिनियम के कार्यान्वयन और लिंगानुपात में सुधार में औषधि नियंत्रण अधिकारियों की भूमिका के बारे में प्रस्तुति दी और सुधार के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ सहयोग और समन्वय पर जोर दिया।

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