उपायुक्त ने जिला सड़क सुरक्षा समिति व सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी को लेकर आयोजित बैठक की करी अध्यक्षता

उपायुक्त ने जिलावासियों से बाल विवाह रोकने में मदद करने की करी अपील

बाल विवाह ग़ैर जमानती

पंचकूला, 8

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उपायुक्त श्रीमती मोनिका गुप्ता ने बताया कि अक्षय तृतीय पर्व जो कि 30 अप्रैल को है इस दिन सामूहिक विवाह होने की संभावना रहती है। उन्होने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार 18 साल से कम उम्र की लडकी और 21 साल से कम उम्र के लडके को नाबालिग माना जाता है।18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 साल से कम उम्र के लड़के का विवाह करना संज्ञेय और ग़ैर जमानती है।

सोनिया सभरवाल ने बताया की जिले में बाल विवाह रोकने के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती सीमा रोहिला की अध्यक्षता में सघन अभियान चलाया जा रहा है । जिसने बाल कल्याण समिति, महिला एव बाल विकास परियोजना अधिकारी, जिला बाल कल्याण इकाई व वन स्टॉप सेंटर के सहयोग से यह अभियान चलाया जा रहा है । संरक्षण एव बाल विवाह निषेध अधिकारी ने जिले के नागरिकों से अपील की है कि पंचकुला जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने में सहयोग करे। अगर किसी को भी अपने आस पास बाल विवाह के बारे में पता चले तो तुरंत संरक्षण एव बाल विवाह निषेध अधिकारी, 181, व डायल 112 में सूचित करे । इसके साथ साथ सभी बैंक्वेट हाल के मालिक, धार्मिक संस्थान, हलवाइयों, प्रिंटर्स व पंडितों से भी अनुरोध है की वो शादी से पहले शादी होने वाले जोड़े की आयु की पड़ताल जरूर करे।

इसके अलावा बाल विवाह की कोई कानूनी मान्यता नहीं है । उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है , उसको बढ़ावा देता है या उसने सहायता करता है , उसको दो साल तक की कड़ी सजा और एक लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है

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जिला की मंडियों में 528 मीट्रिक टन गेंहू की हुई खरीद

बरवाला व रायपुररानी की मंडियों में 206 मीट्रिक टन सरसों की खरीद व 178 मीट्रिक टन सरसों का हुआ उठान

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पंचकूला, 8 अप्रैल . जिला में रबी सीजन 2025-26 के दौरान  सरसों की खरीद तथा उठान का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा जिला की मंडियों में अब तक  206 मीट्रिक टन सरसों की खरीद की गई है और 178 मीट्रिक टन सरसों का अब तक उठान किया जा चुका है। इसी तरह जिला  की मंडियों में गेंहू की 528 मीट्रिक खरीद की गई है।
     इस संबंध में जानकारी देते हुए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि सरकारी खरीद एजेंसियों हैफेड और हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन द्वारा पंचकूला, बरवाला और रायपुररानी स्थित अनाज मंडियों में गेहूं व सरसों की खरीद की जा रही है। उन्होंने बताया कि 206  मीट्रिक टन सरसों में से 86 मीट्रिक टन सरसों की खरीद रायपुरानी अनाज मंडी से और 120 मीट्रिक टन बरवाला अनाज मंडी से की गई। इसी प्रकार हैफेड द्वारा 178 मीट्रिक टन सरसों का उठान किया गया जिसमें से 84 मीट्रिक टन रायपुररानी अनाज मंडी से तथा 94 मीट्रिक टन बरवाला अनांज मंडी से शामिल है। उन्होने बताया कि बरवाला में गेंहू की 528 मीट्रिक टन में से हरियाणा स्टेट वेयरहाउसिंग बरवाला से 482 मीट्रिक टन की खरीद और हरियाणा स्टेट वेयरहाउसिंग रायपुररानी से 46 मीट्रिक टन की खरीद की गई है।

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लंबित शिकायतों का तत्काल समाधान करें अधिकारी : मोनिका गुप्ता

समाधान शिविरों की लंबित शिकायतों को लेकर की समीक्षा बैठक

पंचकूला, 8 अप्रैल।

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उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने आज लघु सचिवालय के सभागार में समाधान शिविरों से संबंधित लंबित शिकायतों को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होने संबंधित विभागों के अधिकारियों को लंबित शिकायतों का तुरंत निपटान करने के निर्देश दिए।

उपायुक्त श्रीमती मोनिका गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के निर्देशानुसार आमजन की समस्याओं को दूर करने के लिए समाधान शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि समाधान शिविर में आने वाले लोगो की समस्याओं का समाधान तुरंत होना चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही या कोताही बर्दाश्त  नहीं की जाएगी। आमजन की समस्याओं का समाधान अधिकारियों की प्राथमिकता होनी चाहिए और कोई भी शिकायत किसी भी सूरत में लंबित नहीं रहनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि  मुख्यमंत्री खुद समाधान शिविरों की मॉनिटरिंग करते हैं और लोगो की समस्याओं के समाधान के प्रति बेहद गंभीर है।

श्रीमती मोनिका गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री का सपना समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को न्याय दिलाते हुए योजनाओं का लाभ दिलाना है। हम सभी अधिकारियों को इस मामले में और अधिक गंभीर होकर काम करने की अवश्यकता है।

समीक्षा बैठक के बाद उपायुक्त ने उनसे मिलने आए लोगो की शिकायतें भी सुनी और संबंधित अधिकारियों को उनका समाधान करने के निर्देश दिए। उपायुक्त ने समाधान शिविर के दौरान आज जिला के 12 लोगों की समस्याएं सुनी।
इस अवसर पर नगराधीश विश्वनाथ, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, जिला विकास एवं पंचायत विभाग, राजस्व विभाग, जिला शिक्षा अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग, बाल कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, मत्सय विभाग, पुलिस विभाग, माईनिंग, पीडब्लयूडी बीएंड आर, सिंचाई विभाग, जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग, यूएचबीवीएन, नगर निगम पंचकूला और नगर परिषद कालका के अधिकारी  मौजूद रहे।

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प्राइवेट प्ले वे स्कूलों को पंजीकरण करवाना अनिवार्य : डीसी मोनिका गुप्ता

पंचकूला 8 अप्रैल।

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डीसी मोनिका गुप्ता ने बताया कि जिला में चल रहे सभी प्राइवेट प्ले वे स्कूलों को एन.सी.पी.सी.आर (नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन आफ चाइल्ड राईट) की हिदायतों के अनुसार चलाया जाना चाहिये |

डीसी मोनिका गुप्ता ने बताया कि NCPCR.GOV.IN साईट पर प्राइवेट प्ले वे स्कूलों के लिए हिदायते उपलब्ध करवाई गयी हैं। जिला पंचकुला में चल रहे प्राइवेट प्ले वे स्कूली का एस.सी.पी.सी.आर (नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन आफ चाइल्ड राईट) की हिदायतों की पालना सुनिश्चित करने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया जाना अनिवार्य है। इसके लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती सीमा रोहिला, महिला एवं बाल विकास को सक्षम अधिकारी अधिकृत किया गया है। जिला के जिन प्राइवेट प्ले वे स्कूलों ने पंजीकरण नहीं करवाया है वो जल्द से जल्द अपना पंजीकरण करवाना सुनिश्चित करे ।

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गर्मी के दौरान आमजन बरतें सावधानी डीसी मोनिका गुप्ता

पंचकूला 8 मार्च

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डीसी मोनिका गुप्ता ने लगातार बढ़ रही गर्मी के दृष्टिगत आमजन से सावधानी बरतनी की अपील की है। उन्होंने गर्मी के दौरान बच्चों और बुजुर्गों का खास ख्याल रखने की सलाह दी है।
डीसी मोनिका गुप्ता ने कहा कि जब भी संभव हो, पर्याप्त पानी पिएँ। यात्रा करते समय पीने का पानी साथ रखें। ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ओआरएस) का उपयोग करें, और घर के फलों के जूस में थोड़ा नमक डालकर पिएँ। मौसमी फल और सब्जियाँ खाएँ जिनमें पानी की मात्रा अधिक हो, जैसे अनानास, खीरा, सलाद पत्ता या स्थानीय स्तर पर उपलब्ध अन्य फल।

डीसी ने कहा कि पतले, ढीले, सूती कपड़े पहनें। कोशिश करें कि कपड़े हल्के रंग के हों। अपना सिर ढकें। धूप से बचने के लिए छाता, टोपी, तौलिया और अन्य कपड़ों का इस्तेमाल करें। धूप में बाहर जाते समय जूते या चप्पल पहनें।

सतर्क रहें: रेडियो सुनें; टीवी देखें;

डीसी ने कहा कि स्थानीय मौसम के लिए समाचार पत्र पढ़ें। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की वेबसाइट https://m पर जाएँ

सीधी धूप और गर्मी की लहरों से बचें:

अपने घर की खिड़कियों को धूप वाली तरफ़ बंद रखें।  रात में उन्हें ठंडा होने के लिए खोलें।  
जितना संभव हो सके घर के अंदर/छाया में रहें। अच्छी तरह हवादार और ठंडी जगहों पर रहें। अगर बाहर जा रहे हैं, तो अपनी बाहरी गतिविधियों को गर्मी कम होने तक टालें।

डीसी ने कहा कि हालांकि किसी भी समय कोई भी व्यक्ति दूसरों की तुलना में गर्मी से पीड़ित हो सकता है।  उसे अतिरिक्त ध्यान दिया जाना चाहिए। शिशु और छोटे बच्चों के साथ साथ बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। काम करने वाले लोग से ढक कर रखें और पर्याप्त मात्रा में पानी पीट रहे। गर्भवती महिलाएं, शारीरिक रूप से बीमार लोग, खासकर हृदय रोग या उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोग विशेष ध्यान रखें ।

उन्होंने कहा कि अकेले रहने वाले बुजुर्ग या बीमार लोगों की निगरानी की जानी चाहिए। डीसी ने कहा कि अपने घर को ठंडा रखें, पर्दे, शटर या सनशेड का उपयोग करें और दिन के दौरान निचली मंजिलों पर रहने की कोशिश करें।
ठंडक पाने के लिए पंखा, स्प्रे बोतल, नम कपड़े, बर्फ के तौलिये का इस्तेमाल करें।

टखने से ऊपर 20 डिग्री सेल्सियस के पानी में पैर डुबोने से तुरंत आराम मिलता है।
डीसी ने कहा कि धूप में बाहर निकलने से बचें। अपरिहार्य स्थिति में दोपहर में बाहर निकलने पर ज़ोरदार गतिविधियों से बचें। नंगे पैर बाहर न निकलें।

गर्मियों के चरम घंटों में खाना पकाने से बचें। दरवाज़े खोलें और शराब, चाय, कॉफ़ी और कार्बोनेटेड शीतल पेय या ड्रिंक से बचें, क्योंकि इससे शरीर का ज़्यादा तरल पदार्थ निकल जाता है या पेट में दर्द हो सकता है

उच्च प्रोटीन वाले भोजन से बचें और बासी खाना न खाएं। बच्चों या पालतू जानवरों को पार्क की गई गाड़ी में न छोड़ें।

नियोक्ता महिलाओं के लिए कार्यस्थल पर ठंडा पीने का पानी उपलब्ध कराएँ और उन्हें बार-बार हाइड्रेटेड रहने के लिए याद दिलाएँ

* कर्मचारियों को सीधी धूप से बचने के लिए सावधान करें

कर्मचारियों के लिए छायादार कार्य क्षेत्र उपलब्ध कराएँ।  कठोर और बाहरी कामों को ठंडे समय में शेड्यूल करें। बाहर काम करने के लिए आराम के ब्रेक की आवृत्ति और लंबाई बढ़ाएँ। अतिरिक्त कर्मचारी नियुक्त करें या काम की गति धीमी करें।

कर्मचारियों को उन कारकों को पहचानने के लिए प्रशिक्षित करें जो गर्मी के तनाव के लक्षणों और संकेतों को बढ़ा सकते हैं।

प्रशिक्षित प्राथमिक चिकित्सा प्रदाता उपलब्ध होने चाहिए और गर्मी से संबंधित बीमारी की स्थिति में उन्हें एक ई.एम. प्रदान करना चाहिए।

गर्भवती कर्मचारी और चिकित्सा स्थिति वाले कर्मचारी गर्मी में काम करने के बारे में अपने चिकित्सकों से चर्चा करें।

कर्मचारियों के लिए जागरूकता अभियान आयोजित करें। कार्यस्थल पर तापमान और पूर्वानुमान प्रदर्शन स्थापित करें।

गर्मी से संबंधित बीमारियों में (हल्के से लेकर गंभीर तक) हीट रैश (पैर और टखने), हीट क्रैम्प (मांसपेशियों में ऐंठन), हीट टेटनी, हार्ट स्ट्रोक शामिल हैं।

हीट स्ट्रेस कार्डियोवैस्कुलर बीमारी जैसी पुरानी बीमारियों को भी बढ़ा सकता है

हीट स्ट्रेस के लक्षण

चक्कर आना या बेहोशी;
अत्यधिक प्यास
मतली या उल्टी;
मूत्र में कमी
सिरदर्द
तेजी से सांस लेना

यदि आप या अन्य लोग अस्वस्थ महसूस करते हैं और उपरोक्त में से कोई भी लक्षण अनुभव करते हैं तो तुरंत किसी ठंडी जगह पर चले जाएँ और तरल पदार्थ पानी आदि पिएँ। यदि गर्मी की ऐंठन एक से अधिक समय तक रहती है, तो चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है। खतरे के संकेतों से अवगत रहें और तुरंत चिकित्सा सहायता लें

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