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राजकीय महाविद्यालय कालका में ’वित्तीय जागरूकता’ विषय पर व्याख्यान का किया गया आयोजन

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पंचकूला, 22 जनवरी- राजकीय महाविद्यालय कालका में कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. डाॅ कुलदीप थिंद की अध्यक्षता में वाणिज्य विभाग की ओर से ’वित्तीय जागरूकता’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।

इस संबंध में जानकारी देते हुये प्रो. डाॅ. बिंदु ने बताया कि वाणिज्य सोसायटी की प्रभारी डाॅ रागिनी के मार्गदर्शन में वित्तीय जागरूकता और उपभोक्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता डाॅ मोनिका अग्रवाल (एसोसिएट प्रोफेसर, राजकीय महाविद्यालय सेक्टर-11, चंडीगढ) रही। डाॅ मोनिका अग्रवाल वित्तीय शिक्षा के लिये राष्ट्रीय रणनीति की प्रशिक्षक हैं। 

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मुख्य वक्त ने आॅनलाईन विद्यार्थियों को संबोधित करते हुये कहा कि हमें मनी मैनेजमेंट करना आना चाहिये। पैसे की उपलब्धता अब काफी आसान है। उदाहरण के तौर पर कई स्टार्टअप्स है, जो 10,000 तक की  छोटी राशि भी उधार देते है लेकिन इसके लिये जल्दबाजी न करें। लोन लेने से पहले उसकी पूरी प्रक्रिया को समझे। ब्याज दरों को चैक करें। समय पर लोन चुकाये क्योंकि अब टेक्नोलाॅजी के जरिये ऋणदाता के पास पूरा रिकाॅर्ड होता है। 

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कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. डाॅ  कुलदीप थिंद ने आॅनलाईन कहा कि वित्तीय जागरूकता हमारी बुनियादी आवश्यकता है और प्रत्येक व्यक्ति के इसका ज्ञान होना चाहिये।

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सरकार के डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक मजबूत और सुरक्षित दूरसंचार पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने के लिए दूरसंचार विभाग है प्रतिबद्ध- राजीव कुमार

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पंचकूला, 22 जनवरी- हमारा देश आजादी के 75 साल का जश्न मनाने और डिजिटल इंडिया के लक्ष्य की दिशा में बड़ी प्रगति करने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। कोविड-19 महामारी के कठिन समय में, दूरसंचार नेटवर्क हर जगह और हर समय सभी को जोड़े रखने के लिए एक जीवन रेखा की तरह काम कर रहा है। लेकिन साथ ही, दुर्भावनापूर्ण तत्व दूरसंचार संसाधनों का उपयोग धोखाधड़ी, असामाजिक और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए कर रहे हैं। 

इस संबंध में जानकारी देते हुए हरियाणा दूरसंचार विभाग के निदेशक राजीव कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी), एमएचए ने अपनी 2020 की वार्षिक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि भारत ने 2020 में साइबर अपराध के 50,035 मामले दर्ज किए। पिछले वर्ष की तुलना में इस तरह के अपराधों में 11.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 2020 में दर्ज किए गए अधिकतम 60.2 प्रतिशत (50,035 मामलों में से 30,142) मामले साइबर अपराध धोखाधड़ी के लिए किए गए थे। इन साइबर अपराधों के साथ-साथ पारंपरिक अपराधों जैसे कि जबरन वसूली, डकैती, अपहरण, धोखाधड़ी और धमकी भरे कॉल आदि में जो सिम प्रयोग होते हैं वो फर्जी दस्तावेजों और तीसरे पक्ष के नामों पर सब्सक्राइब किए जाते हैं। इस कारण इन सिम के प्रोगकर्ताओं को ढूढना मुश्किल होता है।

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 उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019-20 में साइबर अपराधों के कारण भारत को 1.25 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।कानून प्रवर्तन एजेंसियों और गृहविभाग के अनुसार प्रमुख साइबर अपराध व धोखाधड़ी नेटवर्क देश के जामताड़ा/मेवात आदि क्षेत्रों से संचालित हो रहे हैं। इस तरह के सिंडिकेट राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक कानून और व्यवस्था और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए सीधा खतरा हैं। 

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आजादी का अमृत महोत्सव एवं साइबर स्वच्छ भारत के तहत, हरियाणा लाइसेंस सेवा क्षेत्र (हरियाणा एल.एस.ए.) ने हरियाणा के मेवात क्षेत्र में जाली सिम की पहचान करने, उन्हें बाहर निकालने और बंद करने के लिए बड़े पैमाने पर सफाई अभियान चलाया है। एल.एस.ए. कार्यालय दूरसंचार विभाग (डीओटी), भारत सरकार की क्षेत्रीय इकाइयां हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर काम करते हैं।पहल के तहत, हरियाणा एलएसए ने मेवात क्षेत्र, हरियाणा का 100 प्रतिशत सिम ग्राहक सत्यापन किया है। यह देश में कहीं भी शुरू की गई अपनी तरह की पहली पहल है। मेवात के संपूर्ण सिम आधार अर्थात सभी ऑपरेटरों के इस क्षेत्र के सभी नम्बरों, जिसमें 16.69 लाख सिम ग्राहक शामिल हैं, का विश्लेषण नेक्स्टजेन प्रौद्योगिकियों-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करके किया गया। फिल्टर किए गए मोबाइल नंबरों के सभी ऑपरेटरों-एयरटेल, बीएसएनएल, रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया को पुनः सत्यापन के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए थे। इस बड़े पैमाने पर और लक्षित सफाई अभियान के परिणामस्वरूप, मेवात (हरियाणा) के लगभग 4.27 लाख धोखाधड़ी वाले कनेक्शन को काट दिया गया है। दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई भी शुरू की जा रही है।

डॉ. महेश शुक्ला, सीनियर डिप्टी डायरेक्टर जनरल और हरियाणा एलएसए के प्रमुख ने बताया, “इस व्यापक सफाई अभियान के परिणामस्वरूप, मेवात (हरियाणा) में सिम का उपयोग करने वाले साइबर धोखाधड़ी, अपराध और अन्य अवैध गतिविधियों में भारी कमी आएगी। सभी अवैध तरीके से प्राप्त सिमों को फिल्टर करने के लिए पूरे हरियाणा राज्यमें ऑपरेशन किया जाएगा। सरकार के डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक मजबूत और सुरक्षित दूरसंचार पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने के लिए दूरसंचार विभाग प्रतिबद्ध है।

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बागवानी फसलों में जोखिम कम करने के लिए बागवानी बीमा योजना का किसान उठाएं लाभ, योजना के तहत सूचीबद्ध फसलों के उत्पादों को दिया जाएगा लाभ : उपायुक्त अनीश यादव

सिरसा, 22 जनवरी।  

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उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि किसानों की आय को दोगुना करने व फसल विविधीकरण के तहत लगाई गई बागवानी फसलों में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार द्वारा बागवानी बीमा योजना चलाई जा रही है। यह योजना किसानों को सब्जियों, फलों व मसालों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले जोखिम से मुक्त कर फसल लागत की भरपाई करने में कारगर साबित होगी।
उपायुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा चलाई गई बागवानी बीमा योजना, बागवानी किसानों के लिए एक अभूतपूर्व योजना है। उन्होंने कहा कि बागवानी किसानों को विभिन्न कारणों से भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है। फसलों में बीमारी लगने, असमय वर्षा, तूफान, सूखा और तापमान बढऩे जैसी आपदाओं से उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन अब इस योजना के तहत 21 सब्जियों, फल और मसाले की फसलों को सुरक्षा कवर उपलब्ध करवाया जाएगा।


जिला बागवानी अधिकारी ने बताया कि इस योजना के तहत निम्नलिखित फसलों जिसमें सब्जियों में टमाटर, प्याज, आलू, फूल गोभी, मटर, गाजर, भिंडी, घीया, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, पत्ता गोभी, व मूली वहीं फलों की फसलों में आम, किन्नू, बेर व अमरूद सहित मसालों में हल्दी व लहसुन की फसलों को योजना के तहत सूचीबद्ध किया गया है।


इस योजना के अंतर्गत सब्जियों व मसालों पर 30 हजार रुपये प्रति एकड़ का बीमा किया जाएगा जिसके लिए किसान को 750 रुपये प्रति एकड़ भुगतान करना होगा। वहीं फलों की खेती पर 1000 प्रति एकड़ का प्रीमियम देखकर किसान 40 हजार रुपये प्रति एकड़ का बीमा करवा सकता है। उन्होंने कहा कि योजना के तहत बीमा दावे का निपटारा करने के लिए सर्वे किया जाएगा जिसके तहत फसल नुकसान को चार श्रेणियों – 25 प्रतिशत, 50 प्रतिशत, 75 और 100 प्रतिशत- में आंका जाएगा।

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उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ लेने के लिए उत्पादक का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है। जिला में इस योजना का लाभ उठाने के इच्छुक किसान इस विषय में और अधिक जानकारी के लिए किसी भी कार्यदिवस में जिला बागवानी अधिकारी के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।

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किसान कृषि विविधीकरण अपनाकर बढ़ाएं अपनी आमदनी, कृषि के साथ-साथ अन्य कृषि विकल्पों को अपनाएं किसान : उपायुक्त अनीश यादव कुमार

सिरसा, 22 जनवरी।  

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उपायुक्त अनीश  यादव ने बताया कि कृषि विविधिकरण या तो फसल के पैटर्न में बदलाव को दर्शाता है या अन्य गैर कृषि विकल्पों को दर्शाता है, जो उच्च स्तर की आय उत्पन्न करने में मदद करते है। इन विकल्पों में पशु पालन, मुर्गी पालन, बागवानी आदि शामिल हंै।


उपायुक्त ने जिला के किसानों का आह्वïान करते हुए कहा कि वे अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि में विविधीकरण को अपनाएं। ऐसा करके वे जोखिम कारकों को कम कर सकते है, क्योंकि कृषि विविधिकरण अपनाने से यदि मौसम फसल के उत्पादन के अनुकूल नहीं रहता है तो भी किसान अपने सभी संसाधनों को नहीं खोते है। चूंकि कई फसलों को एक छोटे से खेत से काटा जा सकता है। इसलिए उत्पादन 10 गुणा तक बढ़ जाता है, जिससे पर्याप्त आय सुनिश्चित होती है। कृषि विविधिकरण से ग्रामीण क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार सर्जित होते है। इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है तथा इससे कीट भी नियंत्रित होते है।


उन्होंने कृषि विविधीकरण के संदर्भ में कहा है कि यह मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है। प्रथम क्षैतिज विविधीकरण के अंतर्गत एक ही फसल की खेती जैसे गेहूं-धान, गेहूं-कपास की बजाय कई फसलों या फसलों के मिश्रण से संबंधित है। जैसे मिश्रित मौसमी सब्जियों की कास्त आदि इस प्रकार का विविधीकरण विशेष रूप से छोटे किसानों के लिए उपयोगी है, जो जमीन का एक छोटा टुकड़ा रखते है। यह उन्हें फसल की तीव्रता में वृद्धि करके अधिक आय उत्पन्न करने में मदद करता है।

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कृषि विविधीकरण के दूसरे प्रकार वर्टिकल विविधिकरण के तहत कई फसलों के साथ-साथ औद्योगिकीकरण के समावेश को दर्शाता है। इसके अंतर्गत किसान एक और कदम उठाते है और फसल उत्पादन के साथ-साथ उनसे संबंधित औद्योगिकीकरण में भी निवेश करते है जैसे बागवानी विभाग की बात करे तो किसान बागवानी फसलों फल उत्पादन, सब्जी उत्पादन, फूल उत्पादन, खुम्बी उत्पादन, शहद उत्पादन के साथ-साथ इनसे संबंधित छोटे उद्योग धंधे जैसे फल, सब्जी से संबंधित, प्रसंस्करण इकाई जैसे जैम, जैली, मुरब्बा, चटनी, अचार आदि में निवेश करके अपनी आमदनी बढ़ा सकते है।