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29 अप्रैल से 14 मई तक मैक्सिकों सिटी में आईटीएफ वल्र्ड चैंपियनशिप का किया जाएगा आयोजन

पीएम नरेंद्र मोदी ने शपथ ग्रहण से पहले वॉर मेमोरियल पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि

लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के बाद आज शाम सात बजे नरेंद्र मोदी दूसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे। दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेंगे।

इससे पहले उन्होंने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और वहीं वॉर मेमोरियल पर जाकर शहीदों को याद किया।

29 अप्रैल से 14 मई तक मैक्सिकों सिटी में आईटीएफ वल्र्ड चैंपियनशिप का किया जाएगा आयोजन

पीएम नरेंद्र मोदी आज जाएंगे अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी

वाराणसी :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन पर फिर से विश्वास जताने पर लोगों का आभार व्यक्त करने और प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचेंगे।

वाराणसी पहुंचने के बाद मोदी सड़क मार्ग से पुलिस लाइन से बांसफाटक तक जायेंगे।

उनका काफिला शहर के विभिन्न हिस्सों से गुजरेगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सूत्रों के अनुसार वह सोमवार सुबह काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा करेंगे और बाद में अपनी पार्टी भाजपा के कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करेंगे।

शनिवार को मोदी ने ट्वीट किया कि मां से आशीर्वाद लेने के लिए कल शाम गुजरात जाऊंगा।

मुझपर पुन: विश्वास जताने के लिए परसों मैं काशी की महान भूमि के लोगों का आभार जताने वहां जाऊंगा।

जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री की यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा के भारी बंदोबस्त किये गये हैं। सिंह ने पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी के साथ मोदी की यात्रा से जुड़ी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।

मोदी जहां जहां से गुजरेंगे वहां सुरक्षा, अर्धसैनिक और विशेष सुरक्षा दल के कर्मी बड़ी संख्या में तैनात किये गये हैं।

वाराणसी से लोकसभा चुनाव 4.79 लाख वोटों के अंतर से जीतने के बाद मोदी की अपने निर्वाचन क्षेत्र की यह पहली यात्रा होगी।

उन्होंने न केवल अपनी सीट बचाए रखी बल्कि उन्होंने जीत का अंतर भी 2014 के चुनाव की तुलना में करीब एक लाख वोट बढ़ा लिये।

19 मई के मतदान से पहले एक वीडियो संदेश में मोदी ने अपने आप को ‘काशीवासी’ बताया था और इस नगरी को अपना मार्गदर्शक कहा था। 

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पीएम मोदी की यूपी के गजरौला और सहारनपुर में आज होगी जनसभा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अमरोहा और सहारनपुर में चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे।

पश्चिमी यूपी में पहले और दूसरे चरण की 16 सीटों के चुनाव को देखते हुए यह मोदी का दूसरा दौरा और तीसरी सभा होगी।

पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता समीर सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री आज सुबह 11:30 बजे गजरौला स्थित जनकपुरी में अमरोहा लोकसभा से पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में रैली करेंगे। 

दोपहर 1:30 बजे सहारनपुर लोकसभा क्षेत्र के पार्टी उम्मीदवार राघवलखन पाल के समर्थन में शिवांगी सिटी ननौता चौराहा पर रैली को संबोधित करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री 11 अप्रैल को अलीगढ़ और मुरादाबाद में भी रैली करेंगे। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गजरौला के झनकपुरी में जनसभा को लेकर सुरक्षा के लिहाज से पैरामिलिट्री और पुलिस के जवान ग्रैंड रिहर्सल किया। एडीजी समेत जिले के आला अफसरों ने सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा लिया। 

सुरक्षा कर्मियों के साथ बैठक कर ड्यूटी के दौरान लापरवाही नहीं बरतने के निर्देश दिए। अफसरों ने सभी सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी चिह्नित कर दी हैं। आधुनिक हथियारों से लैस एसपीजी कमांडो मंच और डी घेरे की निगरानी करेंगे। 

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमरोहा संसदीय क्षेत्र में रहेंगे। यहां भाजपा प्रत्याशी चौधरी कंवर सिंह तंवर और नगीना प्रत्याशी के पक्ष में जनसभा को संबोधित करेंगे। करीब 11.55 पर उनका उड़नखटोला जनसभा स्थल पर उतरेगा। 

इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी प्रदेश में धुआंधार चुनावी रैलियां करेंगे।

शाह का 10 अप्रैल को बदायूं संसदीय क्षेत्र, एटा के पटियाली, मैनपुरी के किशनी और फिरोजाबाद में सभाएं करेंगे। शाह 13 अप्रैल को हाथरस और संभल में रैली करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुरुक्षेत्र में एक रैली को संबोधित किया

कुरुक्षेत्र: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा के कुरुक्षेत्र में एक रैली को संबोधित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्षी राजनैतिक दलों पर जमकर हमले किए। उन्होने कहा कि जो भ्रष्ट है उसको ही मोदी से कष्ट है। 

  • आज़ादी के लगभग 70 वर्षों में स्वच्छता का जो दायरा करीब 40% था, वो आज 98% तक पहुंच चुका है। साढ़े 4 वर्षों में 10 करोड़ से अधिक टॉयलेट्स बनाए जा चुके हैं। 600 जिलों के साढ़े 5 लाख गांवों ने खुद को खुले में शौच से मुक्त कर दिया है।
  •  हरियाणा से हमने जो भी बड़े लक्ष्य तय किए, वो हासिल किए। वन रैंक, वन पेंशन का वादा यहीं से किया था और जो पूरा किया। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की योजना यहीं से लॉन्च की थी और ये पूरे देश में जन आंदोलन के रूप में फैल गई। आयुष्मान भारत की पहली लाभार्थी भी हरियाणा की बिटिया है। 
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ से बच्चियों की जनसंख्या में सुधार आया है, उज्जवला योजना से बहनों को धुएं से मुक्ति मिली है। राष्ट्रीय पोषण अभियान और प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान से प्रसूता माताओं के जीवन पर आने वाला खतरा कम हुआ है। 
  • बेटियों पर बलात्कार जैसे अत्याचार करने वालों को फांसी तक की सज़ा का प्रावधान भी हमारी सरकार ने किया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो घर दिए जा रहे हैं, उसमें भी महिलाओं के नाम घर की रजिस्ट्री हो, इसे प्राथमिकता दी जा रही है।  
  • देश में पहली बार बेटियां फाइटर पायलट बनी हैं। महिलाओं को अपने नवजात शिशुओं के अच्छी तरह लालन-पालन के लिए पर्याप्त समय मिल सके, इसके लिए मैटरनिटी लीव को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह किया गया है। 
  • कोई भी मानव इतिहास की जड़ों से कटकर इतिहास बना नहीं सकता, इतिहास वही बना सकते हैं जो इतिहास की जड़ों से रस-कस लेकर फलते- फूलते हैं। 
  • मुद्रा योजना में 15 करोड़ ऋणों में से लगभग 75% ऋण महिला उद्यमियों को मिले हैं। ‘दीन दयाल अंत्योदय योजना’ के तहत लगभग 6 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई हैं।
  • हरियाणा देश की उस परम्परा को सशक्त करने में जुटा है, जिसके मूल में नारी शक्ति हैं। यहां की धरती ने अनेकों ऐसी बेटियों को जन्म दिया है जिन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण में योगदान दिया और अब न्यू इंडिया के सपनों को सशक्त कर रहीं हैं। 
  • अगर बेटियां सशक्त होंगी तो समाज सशक्त होगा। इसलिए पिछले साढ़े चार साल में जो कार्यक्रम बने हैं, उसमें महिला सशक्तिकरण को प्रमुखता दी गई है। 
  • कुरुक्षेत्र की इसी धरती पर श्रीकृष्ण के नेतृत्व में हजारों साल पहले भी स्वच्छता का अभियान शुरू हुआ था।

अखिलेश-मायावती के गठबंधन के बावजूद, नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बरकरार

उत्तर प्रदेश: लोकसभा चुनाव की बढ़ती सरगर्मी के बीच सबकी निगाहें उत्तर प्रदेश पर हैं। करीब 23 करोड़ की आबादी वाले इस राज्य में लोकसभा की 80 सीटें हैं। जाहिर तौर पर यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा और विपक्षी महागठबंधन, दोनों के लिए ‘जय या क्षय’ तय करने वाला राज्य है। भाजपा से बढ़ रही नाराजगी के बावजूद राज्य में नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता कायम है। जबकि चुनाव पूर्ण गठबंधन से बसपा-सपा खासा उत्साहित हैं। प्रियंका गांधी के राजनीति में औपचारिक रूप से आने के बाद कांग्रेस भी काफी उत्साह से भरी है। हालांकि फिलहाल कोई भी भविष्यवाणी करना कठिन होगा।

2014 में भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 80 संसदीय सीटों में से 71 पर जीत हासिल की थी। जबकि उसके गठबंधन सहयोगी अपना दल को दो अन्य सीटें मिली थीं। बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा को जितनी सीटें हासिल हुई थीं उसका 25 फीसदी उत्तर प्रदेश से ही था। लेकिन 2019 के आम चुनाव में भाजपा के सामने उत्तर प्रदेश में अपनी पिछली कामयाबी दोहराने की बड़ी चुनौती होगी। अगर वह अपना पिछला आंकड़ा हासिल नहीं करेगी तो उसे बहुमत हासिल करने के लिए संघर्ष करना होगा। 

भाजपा को उम्मीद है कि वह पूर्वोत्तर समेत उन स्थानों पर नई सीटें जीतेगी, जहां वह हाल में एक खिलाड़ी के रूप में उभरी है। इसके बावजूद अगर उत्तर प्रदेश में सीटों का नुकसान होता है तो उसकी भरपाई करना असंभव भले न हो, मुश्किल होगा। राज्य में बसपा और सपा ने चुनावी गठबंधन बना लिया है, जो बीते दो दशक से राज्य की सत्ता के लिए आपस में तीखा संघर्ष करती हैं। भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में उन दोनों को हरा दिया था, लेकिन मार्च 2018 में बसपा और सपा की करीबी ने रंग दिखाया, जब उन्होंने उपचुनाव में गोरखपुर और फूलपुर की संसदीय सीटें भाजपा से छीन लीं।

एकतरफ भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने इन चुनावों को पानीपत की तीसरी लड़ाई जैसा बताया तो दूसरी तरफ सपा और बसपा के बीच रिश्तों में दशकों पुराने खटास की खाई खत्म होती नजर आई। यह गठबंधन यूपी की सियासत में विपरीत पाटों पर खड़े दो ऐसे दलों का गठबंधन है, इसके पहले 1990 के दशक में ही यह संयोग बना था जब यूपी की राजनीति में सपा-बसपा एकदूसरे के करीब आए थे। लेकिन लखनऊ के गेस्ट हाउस कांड ने इन दोनों दलों के बीच खाई इतनी चौड़ी कर दी कि इसे भर पाना असंभव नजर आने लगा था।

2019 में बसपा और सपा 38-38 सीट पर चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने दो सीट कांग्रेस के लिए और दो सीट राष्ट्रीय लोकदल के लिए छोड़ी है। हालांकि अभी कोई भविष्यवाणी करना कठिन है, जानकारों का अनुमान है कि बसपा-सपा महागठबंधन भाजपा की आधी सीटें झटक सकता है। कांग्रेस ने संकेत दिए हैं कि वह उत्तर प्रदेश में अपने बूते चुनाव लड़ेगी। उसने प्रियंका गांधी को महसचिव बनाकर अपने इरादे और स्पष्ट कर दिए हैं। प्रियंका का आना निश्चय ही यह एक अहम कारक रहेगा। तीसरी चीज यह है कि भाजपा से नाराजगी के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता अभी कायम है।

इस बार चुनाव में तीन मसले अहम होंगे : मतदाताओं का रुझान, हिंदू मतदाताओं का ध्रुवीकरण और अर्थव्यवस्था को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में बेचैनी। 2014 में भाजपा ने यह समीकरण बखूबी साधा था। 

उत्साह बढ़ाए रखने की जरूरत
2019 में भाजपा की सफलता इस पर निर्भर करेगी कि वह अपने समर्थकों को प्रेरित कर पाती है या नहीं और कितने मतदाता मतदान केंद्र तक पहुंचते हैं। देखा गया है कि जिन क्षेत्रों में अधिक मतदान हुए, खासकर महिला मतदाताएं वोट देने निकलीं वहां भाजपा का प्रदर्शन अच्छा रहा। युवा मतदाताओं से भी उसे काफी मदद मिली।

ग्रामीणों की बदहाली 
उत्तर प्रदेश की 78 फीसदी आबादी ग्रामीण है। यह भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है। जानकारों की मानें तो यह किसानों की नाराजगी ही थी जिसके कारण राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सत्ता से भाजपा को बेदखल होना पड़ा। यह मसला उत्तर प्रदेश में भी अहम है।