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भारतीय जनता पार्टी द्वारा लोकसभा उम्मीदवारों की पहली सूची जारी,यूपी के 6 मौजूदा सांसद बाहर

भारतीय जनता पार्टी द्वारा बृहस्पतिवार को जारी लोकसभा उम्मीदवारों की पहली सूची में उत्तर प्रदेश के 28 प्रत्याशियों के नाम घोषित किये गये है।

पार्टी ने अपने छह वर्तमान सांसदों के टिकट काट दिये है। इनमें केंद्रीय मंत्री कृष्णा राज, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग चेयरमैन राम शंकर कठेरिया शामिल है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी तथा राजनाथ सिंह लखनऊ की अपनी पहले की सीटों पर दोबारा किस्मत आजमायेंगे।

पार्टी ने वीवीआईपी सीट मानी जाने वाली अमेठी लोकसभा की सीट से स्मृति ईरानी को एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाधी का मुकाबला करने के लिये मैदान में उतारा है।

भाजपा के एक नेता ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा की सीटें है बाकी सीटों के प्रत्याशियों की घोषणा जल्द ही कर दी जायेगी।

भाजपा की पहली सूची में कृष्णा राज. शाहजहापुर, और राम शंकर कठेरिया आगरा के अलावा अंशुल वर्मा हरदोई, बाबू लाल चौधरी फतेहपुर सीकरी, अंजू बाला मिश्रिख और सत्यपाल सिंह संभल का टिकट काटा गया है। इन सीटों पर जो नये प्रत्याशी घोषित किये गये है उनमें एसपी सिंह बघेल आगरा, परमेश्वर लाल सैनी संभल, राजकुमार चाहर फतेहपुर सीकरी, जयप्रकाश रावत हरदोई, अशोक रावत मिश्रिख और अरूण सागर शाहजहांपुर से शामिल हैं। 

पिछले 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी में नरेंद्र मोदी को 5,81,022 वोट मिले थे जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वन्दी अरविंद केजरीवाल को 2,09,238 वोट मिले थे और मोदी ने यह चुनाव 3,71,784 वोटो से जीता था। 

भाजपा की पहली सूची में उत्तर प्रदेश में जिन लोगों को लोकसभा टिकट दिया गया है उनमें राघव लखनपाल सहारनपुर, संजीव कुमार बालियान मुजफफरनगर, कुंवर भारतेंद्र सिंह बिजनौर, राजेंद्र अग्रवाल मेरठ, सत्यपाल सिंह बागपत, विजय कुमार सिंह गाजियाबाद और महेश शर्मा गौतमबुद्ध नगर शामिल है।

इनमें वीके सिंह केंद्र सरकार में विदेश राज्य मंत्री, महेश शर्मा पर्यटन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार जबकि सत्यपाल सिंह भी राज्य मंत्री है।

वर्तमान में बिजनौर के सांसद कुंवर भारतेंद्र सिंह, संजीव कुमार बालियान मुजफफरनगर, राघव लखनपाल सहारनपुर , राजेंद्र अग्रवाल मेरठ, सत्यपाल सिंह बागपत, विजय कुमार सिंह गाजिया बाद और महेश शर्मा गौतमबुद्ध नगर से चुनाव लड़ेंगे।

उत्तर प्रदेश में पहले चरण में 11 अप्रैल को जिन लोकसभा सीटों पर मतदान होना है उनमें बागपत, बिजनौर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और कैराना शामिल है।


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Google ने होली के त्यौहार पर एक रंगीन डूडल बनाकर किया समर्पित

Google का डूडल

21 मार्च को Google ने होली के त्यौहार को एक रंगीन डूडल के रूप में चिह्नित किया है जो त्यौहार की उज्ज्वल और मज़ेदार भावना को दर्शाता है।

Google में भव्य कलाकृतियों के साथ-साथ होली के महत्व को बताते हुए एक कला और संस्कृति भी प्रदर्शित है।

होली, जिसे “रंगों का त्योहार” भी कहा जाता है, एक हिंदू त्योहार है जो वसंत के आगमन और सर्दियों के अंत का प्रतीक है।

भारत और नेपाल दो ऐसे देश हैं जो हर साल श्रद्धापूर्वक होली मनाते हैं। हालांकि, पूरे विश्व में भारतीय प्रवासी की उपस्थिति ने इसे एशिया और पश्चिम में मनाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय भारतीय त्योहारों में से एक बना दिया है।

हिंदू कैलेंडर में ‘फाल्गुन’ महीने की पूर्णिमा पर – होली पूर्णिमा की रात को आती है।

परंपरागत रूप से, होली के लिए उत्सव मनाया जाता है – 20 और 21 मार्च को इस वर्ष – हिंदुओं द्वारा। पहले दिन समारोह लोगों के साथ उनके समुदाय या पिछवाड़े में बड़े अलाव जलाते हैं, और कच्चे नारियल और मकई का प्रसाद बनाते हैं।

दूसरे दिन, लोग रंगों, पिचकारियों, पानी की बंदूकें और पानी के गुब्बारे के साथ खेलते हैं।

21 march Holi

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होली का पर्व फूलों और रंगों का त्योहार

रंग हमारी भावनाओं को दर्शाते हैं। रंगों के माध्यम से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित होता है। यही कारण है कि हमारी भारतीय संस्कृति में होली का पर्व फूलों, रंग और गुलाल के साथ खेलकर मनाया जाता है।

रंगों का पर्व होली एक सांस्कृतिक, धार्मिक और पारंपरिक त्यौहार है।

बल्कि यह पर्यावरण से लेकर आपकी सेहत के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। 

सनातन (हिंदू) धर्म में प्रत्येक मास की पूर्णिमा का बड़ा ही महत्व है और यह किसी न किसी उत्सव के रूप में मनाई जाती है।

उत्सव के इसी क्रम में होली, वसंतोत्सव के रूप में फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है।

फाल्गुन पूर्णिमा, हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का अंतिम दिन होता है। इससे आठ दिन पूर्व होलाष्टक आरंभ हो जाते हैं।

अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक के समय में कोई शुभ कार्य या नया कार्य आरंभ करना शास्त्रों के अनुसार वर्जित माना गया है।

होली शब्द का संबंध होलिका दहन से भी है अर्थात पिछले वर्ष की गल्तियां एवं वैर-भाव को भुलाकर इस दिन एक-दूसरे को रंग लगाकर, गले मिलकर रिश्तों को नए सिरे से आरंभ किया जाए। इस प्रकार होली भाईचारे, आपसी प्रेम एवं सद्भावना का पर्व है। 

होली, भारतीय समाज में लोकजनों की भावनाओं को अभिव्यक्त करने का आईना है। परिवार को समाज से जोड़ने के लिए होली जैसे पर्व महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। रीति-रिवाजों और परंपराओं के अनुसार होली उत्तर प्रदेश के ब्रजमंडल में ‘लट्ठमार होली’ के रूप में, असम में ‘फगवाह’ या ‘देओल’, बंगाल में ‘ढोल पूर्णिमा’ और नेपाल देश में ‘फागु’ नामों से लोकप्रिय है।

मुगल साम्राज्य के समय में होली की तैयारियां कई दिन पहले ही प्रारंभ हो जाती थीं। मुगलों के द्वारा होली खेलने के प्रमाण कई ऐतिहासिक पुस्तकों में मिलते हैं। सम्राट अकबर, हुमायूं, जहांगीर, शाहजहां और बहादुरशाह जफर ऐसे बादशाह थे, जिनके समय में होली उल्लास से खेली जाती थी।

कुछ वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि रंगों से खेलने से स्वास्थ्य पर इनका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्योंकि रंग हमारे शरीर तथा मानसिक स्वास्थ्य पर कई तरीके से असर डालते हैं। पश्चिमी फीजिशियन और डॉक्टरों का मानना है कि एक स्वस्थ शरीर के लिए रंगों का महत्वपूर्ण स्थान है।

होली यह संदेश लेकर आती है कि जीवन में आनंद, प्रेम, संतोष एवं दिव्यता होनी चाहिए। जब मनुष्य इन सबका अनुभव करता है, तो उसके अंतःकरण में उत्सव का भाव पैदा होता है, जिससे जीवन स्वाभाविक रूप से रंगमय हो जाता हैं। रंगों का पर्व यह भी सिखाता है कि काम, क्रोध, मद, मोह  एवं लोभ रूपी दोषों को त्यागकर ईश्वर भक्ति में मन लगाना चाहिए। 

रंग हमारी भावनाओं को दर्शाते हैं। रंगों के माध्यम से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित होता है। यही कारण है कि हमारी भारतीय संस्कृति में होली का पर्व फूलों, रंग और गुलाल के साथ खेलकर मनाया जाता है।

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स्वामी असीमानंद के बरी होने पर पाकिस्तान में मची खलबली

नई दिल्ली: 

पाकिस्तान ने समझौता ट्रेन में विस्फोट के आतंकी मामले में सभी चार आरोपियों के बरी किए जाने को लेकर भारतीय राजदूत को तलब किया.

पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तान ने भारतीय राजदूत को तलब किया और समझौता ट्रेन में विस्फोट के आतंकी मामले में सभी चार आरोपियों के बरी किए जाने को लेकर कड़ी निंदा करते हुए विरोध जताया है.

2007 में हुए इस धमाके में 68 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें ज्यादातर पाकिस्तानी थे. भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली इस ट्रेन में 18 फरवरी 2007 को हरियाणा के पानीपत के नजदीक धमाका हुआ था. 

असीमानंद को बरी किये जाने पर बोलीं महबूबा- दोहरा मापदंड क्यों?
उधर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को एक अदालत द्वारा समझौता ट्रेन धमाका मामले के आरोपियों को बरी किये जाने के आधारों पर सवाल उठाया.

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा ने बुधवार को कहा, “महत्वपूर्ण सबूत होने के बावजूद आरएसएस के एक पूर्व सदस्य समेत आरोपियों को बरी कर दिया गया.

भगवान न करे, अगर वह कश्मीरी या मुस्लिम होते तो उन्हें दोषी ठहरा दिया जाता और निष्पक्ष सुनवाई के बिना ही जेल में डाल दिया जाता.

भगवा आतंक को लेकर ऐसी नर्मी और दोहरे मापदंड क्यों? महबूबा मुफ्ती का यह बयान हरियाणा की एक विशेष अदालत द्वारा समझौता ट्रेन धमाका मामले में स्वामी असीमानंद तथा अन्य तीन आरोपियों को बरी किये जाने के बाद आया है. 

पाकिस्तान के लिए भी अहम था फैसला
भारत-पाकिस्तान के बीच सप्ताह में दो दिन चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में 18 फरवरी 2007 में बम धमाका हुआ था.

ट्रेन दिल्ली से लाहौर जा रही थी. विस्फोट हरियाणा के पानीपत जिले में चांदनी बाग थाने के अंतर्गत सिवाह गांव के दीवाना स्टेशन के नजदीक हुआ था.

हादसे में 68 लोगों की मौत हो गई थी. ब्लास्ट में 12 लोग घायल हो गए थे. धमाके में जान गंवाने वालों में अधिकतर पाकिस्तानी नागरिक थे इसलिए पाकिस्तान की नज़रे भी इस मामले पर टिकी हुई थी. मारे जाने वाले 68 लोगों में 16 बच्चों समेत चार रेलवे कर्मी भी शामिल थे.

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प्रियंका गांधी – वाराणसी में करेंगी चुनाव प्रचार

प्रयागराज से शुरू हुई कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी की तीन दिवसीय यात्रा का समापन बुधवार को वाराणसी में होगा।

सुबह प्रियंका गांधी चुनार से सड़क मार्ग से रामनगर में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पैतृक निवास पर पहुंचेंगी। वह रामनगर स्थित पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पैतृक आवास पर स्थापित प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगी।

इसके बाद प्रियंका गांधी ‘सांची बात प्रियंका के साथ’ कार्यक्रम के जरिए जनता से सीधा संवाद करेंगी।रामनगर घाट से नौका से वे अस्सी घाट आएंगी और यहां विभिन्न क्षेत्रों की महिलाओं व समाज के लोगों से संवाद करेंगी।

फिर नाव से ही वे दशाश्वमेध घाट पहुंचेंगी और यहां मल्लाह समाज के लोगों से बातचीत करने के बाद काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन पूजन करेंगी।

बाबा दरबार में पूजन के लिए कांग्रेसी नेताओं ने न्यास अध्यक्ष से लेकर कई पुजारियों से संपर्क किया है। दोपहर बाद सरोजा पैलेस में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगी।

इसके बाद पुलवामा हमले में शहीद अवधेश यादव, विशाल पांडेय और रमेश यादव के आवास पर जाएंगी। शाम को बाबतपुर एयरपोर्ट से प्रियंका गांधी दिल्ली रवाना हो जाएंगी।

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जय राम ठाकुर : भाजपा जातिवाद और क्षेत्रवाद में विश्वास नहीं रखती

कुल्लू:

भारतीय जनता पार्टी जातिवाद और क्षेत्रवाद की राजनीति में विश्वास नहीं रखती तथा पार्टी का एकमात्र उद्देश्य देश व प्रदेश का सर्वांगीण विकास है।

यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को कुल्लू जिले के विधानसभा क्षेत्र मनाली में आयोजित मनाली भाजपा मंडल अनुसूचित जाति मोर्चा के सम्मेलन को संबोधित करते हुए दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अनुसूचित जाति वाले क्षेत्रों में भाजपा के खिलाफ भ्रांतियां एवं गलत प्रचार करती थी, लेकिन जनता कांग्रेस की ओच्छी राजनीति को समझ गई।

आज भाजपा के अधिकतर समर्थक एवं कार्यकर्ता अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले हैं। यही नहीं भाजपा में अधिकतर सांसद और विधायक अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले हैं।

इस दौरान उन्होंने संविधान निर्माता डा. भीमराव अंबेदकर जी को याद करते हुए कहा कि देश के लिए अंबेदकर जी ने अहम योगदान दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व वीरभद्र सरकार ने पेंशन के नाम पर प्रदेश के बुजुर्गों के साथ भद्दा मजाक किया है।

पूर्व सरकार ने पेंशन की आयु सीमा 80 वर्ष तय की थी, लेकिन प्रदेश में जब भाजपा सत्तासीन हुई तो हमने आयु सीमा को घटाकर 70 वर्ष किया। इससे लाखों बुजुर्गों लाभान्वित हुए।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पांच साल के कार्यकाल में देश के विकास को गति देने का काम किया है। यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल के विकास के लिए भी हरसंभव सहयोग किया है।

मनाली में 50 से अधिक परिवारों ने कांग्रेस को छोड़कर भाजपा का दामन थामा। इनमें अधिकतर सदस्य कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं।

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राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी की देशभक्ति पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ बैठक के दौरान उन्होंने भारत की ‘क्षेत्रीय अखंडता’ का मुद्दा नहीं उठाया

चुनाव के मौसम में राष्ट्रवाद का मुद्दा छाए रहने के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देशभक्ति पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ बैठक के दौरान उन्होंने भारत की ‘क्षेत्रीय अखंडता’ का मुद्दा नहीं उठाया।

कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने कुछ साल पहले जब अपने गृह राज्य गुजरात में चीनी राष्ट्रपति शी की मेजबानी की थी तो प्रधानमंत्री ने सीमा मुद्दे पर एक शब्द भी नहीं बोला।

गांधी ने अरुणाचल प्रदेश की राजधानी में एक चुनावी रैली में कहा कि भारत में शी चिनफिंग के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को उनके साथ चाय पीते देखा गया और उन्होंने सीमा विवाद पर एक शब्द भी नहीं कहा।

यहां तक कि उन्होंने अपनी चीन यात्रा के दौरान कभी भी डोकलाम मुद्दे को नहीं उठाया। भारत और चीन अरुणाचल प्रदेश को लेकर लंबे समय से विवाद में उलझे हुए हैं।

इसको लेकर अक्सर दोनों देशों की सेना एक-दूसरे के भूभाग में घुसपैठ कर जाती है।

जून 2017 में चीन और भारत के बीच सैन्य गतिरोध पैदा हो गया क्योंकि चीनी सैनिकों ने डोकलाम में सड़क बनाने का प्रयास किया और भारतीय सैनिकों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया।

गांधी ने रैली में कहा कि वह खुद के देशभक्त होने का दावा कैसे कर सकते हैं जब उन्होंने देश की क्षेत्रीय अखंडता का मुद्दा नहीं उठाया।

देश को ऐसे देशभक्तों की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के लोग अधिक देशभक्त हैं क्योंकि वे पूरे जोश-खरोश के साथ देश के भूभाग की रक्षा कर रहे हैं।

गांधी ने कहा कि मोदी ने लंबित सीमा विवाद के मुद्दे पर ‘बिना किसी एजेंडा’ के चीन की यात्रा की थी।

जब चीन भारत के खिलाफ कदम उठाता है तो उनके मुंह से एक शब्द नहीं निकलता है… ‘मोदी की चीन कूटनीति : गुजरात में शी के साथ झूला झूलना, दिल्ली में गले लगाना, चीन में घुटने टेक देने की रही।

कांग्रेस अध्यक्ष ने एकबार फिर अपने आरोपों को दोहराया कि जब पुलवामा में आतंकवादी हमले में 40 जवान शहीद हुए तो प्रधानमंत्री ने उस वक्त कॉर्बेट नेशनल पार्क में एक वृत्तचित्र की शूटिंग जारी रखी।

अरुणाचल प्रदेश में कुछ समुदायों को स्थायी निवास का प्रमाण पत्र दिये जाने के खिलाफ आंदोलन के दौरान पुलिस की गोलीबारी में तीन लोगों के हाल में मारे जाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस गोलीबारी की कोई जरुरत नहीं थी।


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प्रमोद सावंत को गोवा का नया मुख्यमंत्री बनाया गया

प्रमोद सावंत को गोवा का नया मुख्यमंत्री बनाया गया है। 46 वर्षीय सावंत ने मनोहर पर्रिकर का स्थान लिया है जिनका रविवार को निधन हो गया था। तटीय राज्य के शीर्ष पद पर उनकी पदोन्नति भाजपा और इसके गठबंधन सहयोगियों के बीच गहन चर्चा के बाद हुई।

गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने यहां देर रात लगभग दो बजे राजभवन में 46 वर्षीय सावंत को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। 

सावंत के अलावा पर्रिकर के नेतृत्व वाली कैबिनेट का हिस्सा रहे 11 विधायकों ने भी मंत्रियों के रूप में शपथ ली।

सावंत गोवा विधानसभा के अध्यक्ष थे। शपथ लेने से पहले सावंत ने कहा कि उनकी पार्टी भाजपा ने उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी दी है। आयुर्वेद के डॉक्टर से लेकर गोवा के मुख्यमंत्री बनने तक सावंत ने एक लंबी यात्रा तय की है।

उत्तरी गोवा के संखालिम से दो बार के विधायक चुने गए सांवत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक समर्पित कार्यकर्ता हैं।

वह हाल ही में संघ के एक कार्यक्रम में आरएसएस की ड्रेस में दिखे थे। भाजपा में सावंत के राजनीतिक करियर की शुरुआत युवा नेता के रूप में हुई थी। वह दिवंगत पर्रिकर के पक्के समर्थक थे और उन्होंने उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। 

सावंत ने 2012 और 2017 में उत्तरी गोवा के संखालिम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज की थी जो कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था।

वह भाजपा के उन गिने चुने विधायकों में से हैं जो दो साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों से दोबारा विजयी हुए थे। इस चुनाव में पार्टी को केवल 13 सीटें मिलीं, जबकि 2012 में इसने 21 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 

पर्रिकर के प्रयासों से 2017 में भाजपा नीत गठबंधन सरकार बनी जिसमें गोवा फॉरवर्ड पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी और निर्दलीय विधायक शामिल थे।

सावंत को विधानसभा अध्यक्ष निर्वाचित किया गया था। वह गोवा राज्य अवसंरचना विकास निगम के अध्यक्ष भी रहे।

तटीय राज्य में विभिन्न अवसंरचना कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए इस निगम की स्थापना पर्रिकर ने की थी। 

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भाजपा सरकार के दो साल पूरा होने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की छवि बदली

उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के दो साल पूरा होने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भाजपा मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस की।

उन्होंने सरकार के दो साल के कार्यकाल का हिसाब देते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों में राज्य में विकास का माहौल बना है।

पहले प्रदेश की पहचान अपराध और अव्यवस्था से होती थी। सपा शासनकाल में हर साल दंगे होते थे पर भाजपा की सरकार में प्रदेश की कानून-व्यवस्था में सुधार हुआ है।

उन्होंने कहा कि यूपी की पहचान एक बीमारू राज्य के रूप में होती थी, लेकिन पिछले दो साल में प्रदेश की छवि बदली है। हमारी सरकार आने के बाद 86 लाख किसानों का कर्ज माफ किया गया।

प्रदेश में इन्वेस्टर्स समिट के द्वारा करीब चार लाख 28 हजार करोड़ रुपये निवेश के प्रस्ताव पास हुए। कानून-व्यवस्था में सुधार की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पिछले दो साल में 3300 इनकाउंटर हुए जिससे कि अपराधियों में भय का माहौल व्याप्त हुआ।

74 कुख्यात अपराधी मारे गए। 12000 से ज्यादा अपराधियों ने इनकाउंटर किया। प्रदेश में दो साल में एक भी दंगा नहीं हुआ, जबकि सपा-बसपा कार्यकाल में तो दंगे लगातार होते थे। महिलाओं में सुरक्षा की भावना आई। इन दो वर्षों में एसिड अटैक की एक भी घटना नहीं हुई।

योगी ने किसानों के लिए किए गए सरकार के कामों का जिक्र करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने आते ही प्रदेश के 86 लाख लघु एवं सीमांत किसानों का कर्जमाफ किया।

किसानों को उनकी फसलों का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलने लगा है।

गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1460 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1840 रुपये प्रति क्विंटल किया गया।

सरकार ने बिचौलियों पर लगाम लगाई। आज प्रदेश उन राज्यों में शामिल हो गया है जहां किसानों को 18 घंटे बिजली मिल रही है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से किसानों को आर्थिक सहायता मिल रही है।

इस योजना के तहत किसानों को हर वर्ष छह हजार रुपये दिया जाएगा। जिसकी पहली किस्त दी जा चुकी है। जिससे देश भर के करीब 12 करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं।

दो वर्षों में लंबे समय से लटकी प्रदेश की बाणसागर परियोजना को पूरा किया गया। सीएम योगी ने कहा कि कैराना-कांधला से पलायन करने वाले हिंदू वापस आए हैं।

प्रदेश के 53 जिलों में मोबाइल मेडिकल यूनिट चलाई जा रही हैं। जिससे कि पहले अगर मरीज डॉक्टर के पास आता था तो अब डॉक्टर खुद मरीज के पास जाता है।

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लोकसभा चुनाव की कमान पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हाथों में ही होगी।

हरियाणा में लोकसभा चुनाव की कमान पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हाथों में ही होगी।

अब कांग्रेस आलाकमान ने भी हुड्डा की अध्यक्षता वाली 15 सदस्यीय समन्वय समिति को हरी झंडी दे दी है।

15 सदस्यीय समिति के हुड्डा चेयरमैन होंगे। प्रदेश में गुटों में बंटी कांग्रेस को इस कमेटी के जरिए हाईकमान ने एक सूत्र में पिरोने की कोशिश की है। 

इसमें सभी गुटों के बड़े नेताओं के साथ ही उनके समर्थकों को भी एडजस्ट किया गया है।

तीन दिन पहले शुक्रवार को समन्वय समिति की ओर से यही सूची जारी की गई थी लेकिन उसे एक घंटे बाद ही रद्द कर दिया गया था।

सूची रद्द करने पर यह दलील दी गई कि इस पर संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के हस्ताक्षर नहीं हैं। उनके हस्ताक्षर के साथ ही सूची जारी होगी। 

इसके साथ ही चुनाव समिति, प्रचार-प्रसार समिति और कार्यकारी अध्यक्षों की घोषणा की जाएगी। लेकिन बदले राजनीतिक हालात में सोमवार को कांग्रेस हाईकमान को वही सूची जारी करनी पड़ी, जिसे शुक्रवार को हरियाणा कांग्रेस प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने जारी किया था।

यही नहीं, प्रदेश में लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने और गुटों में बंटी कांग्रेस की एकजुटता दिखाने के लिए हाईकमान ने आंध्रप्रदेश और कर्नाटक की तर्ज पर बस यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया है। 

15 सदस्यीय इस कमेटी में छह नेता हुड्डा समर्थक हैं। इनमें सांसद दीपेंद्र हुड्डा, विधायक कुलदीप शर्मा, जयवीर वाल्मीकि, पूर्व सांसद कैलाशो सैनी, पूर्व सीपीएस अनिल ठक्कर, पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह शामिल हैं।

इनके अलावा प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर, कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री सैलजा, कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन रणदीप सुरजेवाला, विधायक कुलदीप बिश्नोई, पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव, पूर्व सांसद नवीन जिंदल और जयपाल लाली को समिति का सदस्य बनाया गया है।