पर्यावरण विषय को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा।
पंचकूला 10 सितम्बर – उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने कहा कि अधिकारी नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा निर्देशों की पालना सुनिश्चित करें ताकि पर्यावरण शुद्ध रहे और लोगों को स्वच्छ वातावरण उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि एनजीटी के आदेश दैनिक जीवन में बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसलिए इनका प्रति माह अवलोकन किया जाएगा।
उपायुक्त जिला सचिवालय के सभागार में जिला स्तरीय स्पेशल टास्क फोर्स कमेटी की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने स्टेंच ग्रिप मनसा सेकरड घग्गर नदी के पर्यावरण को लेकर भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय कमेटी के सिंचाई, जनस्वास्थ्य, पर्यावरण विभाग के पदाधिकारी संबधित एसडीएम के साथ हर माह 5-5 उद्योग एवं एसटीपी की जांच कर रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपंेगे। उन्होंने सहायक भूमि सरंक्षण अधिकारी को निर्देश दिए कि वह वाटर हारवेस्टिंग पर प्रोजैक्ट बनाकर सौंपे ताकि उस पर कार्य किया जा सके। इसके लिए किसानों की भूमि अधिक से अधिक सिंचित होनी चाहिए।
उपायुक्त ने कहा कि बायो वेस्ट की तर्ज पर ई वेस्ट के डिस्पोजल को लेकर भी योजना बनाई जाए। इसके लिए नगर निगम नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगी। यह एजेंसी ऐसे स्थानों की पहचान के अलावा एकत्र करना तथा उसके डिसमेंटल के लिए भी विस्तार से कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, जनस्वास्थ्य विभाग, सिंचाई विभाग ऐसी योजना बनाएं जिसमें उनके एसटीपी में प्रदूषण का लेवल 10 एमएलडी तक लाया जा सके।
बैठक में सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कालका व पिंजौर में एसटीपी से सिचांई की योजना बनाई जा रही है इसमें पम्प से सिंचाई के साथ सूक्ष्म सिंचाई परियोजना से किसानों की 1200 एकड़ भूमि पर सिंचाई की सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि एमआरएफ एवं वेस्ट की फ्रीक्वेंसी बढाने बारे भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। बैठक में सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट, पलास्टिक वेस्ट सहित प्रदूषण संबधी कई अन्य विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस मौके पर एसडीएम कालका राकेश संधु, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी कवंर दमन सिंह, संयुक्त आयुक्त नगर निगम संयम गर्ग, क्षेत्रीय अधिकारी पर्यावरण वीरेन्द्र पूनिया, कार्यकारी अभियंता सिंचाई, जनस्वास्थ्य, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण सहित कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।