श्रीमती अरुणा आसफ अली राजकीय पी जी महाविद्यालय, कालका में सुविचार पर सेमिनार का किया गया आयोजन
पूर्व सेना अध्यक्ष जनरल वेद प्रकाश मलिक ने मुख्य अतिथि के रूप में की शिरकत
पंचकूला मार्च 2: श्रीमती अरुणा आसफ अली राजकीय पी जी महाविद्यालय, कालका की प्राचार्या श्रीमती कामना की अध्यक्षता में महाविद्यालय के प्लेसमेंट सेल द्वारा सुविचार सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि पूर्व सेना अध्यक्ष जनरल वेद प्रकाश मलिक और वक्ता कर्नल डी एस चीमा तथा पूर्व आईएएस अधिकारी विवेक आत्रेय रहे।
इस व्याख्यान का मुख्य उद्देश्य महाविद्यालय के छात्र एवं छात्राओं को अपने लक्ष्य की ओर प्रेरित करना था। जनरल वेद प्रकाश मालिक ने युवा पीढ़ी के साथ जुड़े रहने के लिए प्रतिपादित किया। जनरल वेद प्रकाश मलिक कारगिल युद्ध के दौरान भारत के सेना अध्यक्ष थे। जनरल वेद प्रकाश मलिक ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश भक्ति की भावना सर्वोपरि है।
इस शिक्षाप्रद व्याख्यान का आरंभ प्राचार्या श्रीमती कामना द्वारा किया गया जिन्होंने मुख्य अतिथि जनरल वेद प्रकाश जी का स्वागत करते हुए उनका आभार व्यक्त किया कि उन्होंने अपना कीमती समय निकालकर महाविद्यालय के छात्र एवं छात्राओं का मार्ग दर्शन किया। इसके अलावा प्राचार्या कामना ने कर्नल डी एस चीमा तथा श्री विवेक आत्रेय का भी तहे दिल से स्वागत किया। कर्नल डीएस चीमा दिन के पहले वक्ता थे और उन्होंने ऋग्वेद से यह सुंदर श्लोक पढ़कर अपना व्याख्यान शुरू किया , “आनो भद्रा क्रतवो यन्तु विश्वतः” जिसका अर्थ है “मेरे मन में केवल अच्छे विचार आने दो”। कर्नल चीमा ने सभी छात्रों से आग्रह किया कि वे अपनी वास्तविक क्षमता का एहसास करें क्योंकि वे सबसे अच्छे समय में जी रहे हैं इसलिए उन्हें अधिक से अधिक अवसरों का उपयोग करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कल्पना सबसे शक्तिशाली उपकरण है जो उनके पास है और वे अपने जीवन को जैसे चाहें बदल सकते हैं और यदि वे जीवन में प्रगति करना चाहते हैं, तो उन्हें हमेशा एक छात्र बने रहना चाहिए। उन्होंने सभी छात्रों को तीन मुख्य टिप्स दिए- जिस में पहला था शारीरिक रूप से स्वस्थ रहना, दूसरा साहसी रहना विशेष रूप से नैतिक साहस रखना और तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण है दृढ़ रहना। उन्होंने छात्रों को अच्छा इंसान बनने की सलाह देकर अपना व्याख्यान समाप्त किया और उन्हें यह भी बताया कि एक सुंदर मन इंसान की असली पहचान है।
व्याख्यान के लिए दूसरे वक्ता श्री विवेक आत्रेय रहे, जिन्होंने सबसे पहले छात्रों को उनके द्वारा की गयी पहल के बारे में बताया, जिसे “सुविचार” के नाम से जाना जाता है , जिसका उद्देश्य छात्रों को प्रबुद्ध करना, छात्रों के साथ विचारों का आदान प्रदान करना है और उनकी अधिकतम क्षमता हासिल करने में मदद करना । उन्होंने छात्रों से कहा कि हमारा मूल लक्ष्य सच्ची खुशी पाना है और यह सच्ची खुशी भीतर पाई जाती है न कि पैसे, शक्ति या प्रसिद्धि से क्योंकि ये चीजें सिर्फ अल्पकालिक खुशी प्रदान करती हैं। उन्होंने छात्रों को खुशी का सूत्र प्रदान किया । उन्होंने कहा कि सभी छात्रों को प्रेरित होने का प्रयास करना चाहिए, अपना चरित्र साफ रखना चाहिए और उन्हें हमेशा रचनात्मक और बहुआयामी बनने का प्रयास करना चाहिए तथा उन्हें अपने अहंकार को दूर करना चाहिए और अंक और धन के पीछे भागना बंद कर देना चाहिए। इसके बजाय उन्हें खेल, संगीत और किताबों पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि ये अच्छी आदतें उन्हें दुनिया पर एक अमिट छाप छोड़ने में मदद करेंगी।
व्याख्यान का समापन जनरल मलिक के मंत्रमुग्ध कर देने वाले सत्र से हुआ, जिसके दौरान उन्होंने सेना में होने के अपने अनुभवों को साझा किया और छात्रों को अपने सेना में शामिल होने के पीछे की प्रेरणा के बारे में बताया। उन्होंने दर्शकों के साथ एक परिपूर्ण जीवन जीने के अपने तीन रहस्य साझा किए, जो हैं देश के प्रति देशभक्ति की भावना , अपने आश्रितों की देखभाल करना और खुद को अंत में रखना । जनरल मलिक ने छात्रों को अनुशासन और अखंडता का जीवन जीने और मानवता का साथ देने की सलाह दी और उन्होंने विद्यार्थितों को बताया कि कैसे सेना सभी सैनिकों को जीवन में एक अच्छा नेता बनना सिखाती है। अंत में उन्होंने सभी छात्र एवं छात्राओं से भारतीय सेना का हिस्सा बनने का आग्रह किया क्योंकि यह हमारे पूरे अस्तित्व को निखारने का काम करती है तथा हमारे देश को नौजवानों की जरूरत है।
यह कार्यक्रम एक प्रश्नोत्तर दौर के साथ समाप्त हुआ, जिसमें छात्रों ने इन् सभी प्रमुख हस्तियों से अपने सुधार के लिए प्रश्न पूछे। प्रबोधन सत्र का समापन कॉलेज के उप प्राचार्य श्री सुशील कुमार द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ जिन्होंने सभी गणमान्य अतिथियों का दिल से शुक्रियादा किया तथा छात्रों की बेहतरी में उनके योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में प्लेसमेंट सेल की इंचार्ज प्रोफेसर सुनीता चौहान तथा सदस्य प्रोफेसर डॉक्टर बिंदु, प्रोफेसर डॉक्टर गीतांजलि प्रोफेसर इंदु , प्रोफेसर राजीव, प्रोफेसर ईना, प्रोफेसर गुरप्रीत, प्रोफेसर कविता, प्रोफेसर सविता, प्रोफेसर नवनीत नैंसी तथा प्रोफेसर सोनीया का मुख्या योगदान रहा। इनके अतिरिक्त एनसीसी के इंचार्ज लेफ्टिनेंट यशवीर तथा लेफ्टिनेंट गुरप्रीत कौर और उनके कैडेट्स ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रमुख भूमिका निभायी।