*MCC Fire and Rescue Committee reviews monsoon preparedness and Fire Safety initiatives*

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र, पिंजौर का दौरा किया

प्रजनन के बाद जंगल में छोड़े जा सकते हैं गिद्ध- भूपेंद्र यादव

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पंचकूला 20 फरवरी:  माननीय केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री, भारत सरकार श्री भूपेंद्र यादव ने आज गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र, पिंजौर का दौरा किया। श्री  यादव ने कहा है कि गिद्धों को ब्रीडिंग के बाद जंगल में छोड़ा जा सकता है। उन्होंने जटायु गिद्ध प्रजनन केंद्र के विकास के लिए तकनीकी और वित्तीय सहायता का भी आश्वासन दिया।

वर्ष 2023-24 के दौरान ओरिएंटल सफेद पीठ वाले (ओरिएंटल व्हाइट-बैक्ड) गिद्धों को वनों में छोड़ने का प्रस्ताव है। छोड़े गए पक्षियों पर कम से कम एक वर्ष तक उपग्रह ट्रांसमीटरों के साथ कड़ी निगरानी रखी जाएगी और किसी भी व्यवहार संबंधी समस्याओं का पता लगाया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे जंगली परिस्थितियों के अनुकूल हैं और डाइक्लोफेनाक विषाक्तता के कारण कोई मौत नहीं हुई है। इसके बाद हर साल नियमित रूप से पक्षियों को जंगल में छोड़ा जाएगा।

जटायु कंजर्वेशन ब्रीडिंग सेंटर (जेसीबीसी) की स्थापना भारत के जिप्स (गिद्धों) की तीन प्रजातियों, ओरिएंटल व्हाइट-बैक्ड, लॉन्ग-बिल्ड और स्लेंडर-बिल्ड गिद्धों की आबादी में  गिरावट की जांच के लिए की गई थी। यह हरियाणा वन विभाग और बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के बीच एक सहयोगी पहल है। केंद्र का मुख्य उद्देश्य गिद्धों की 3 प्रजातियों में से प्रत्येक के 25 जोड़े की एक संस्थापक आबादी स्थापित करना और कम से कम 200 पक्षियों की आबादी का उत्पादन करना था। प्रत्येक प्रजाति को 15 वर्षों में जंगल में फिर से लाया जाएगा।

श्री पंकज गोयल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक,  वन्यजीव, हरियाणा ने कहा कि केंद्र ने देश भर में मवेशियों के शवों के नमूने लेकर गिद्धों के लिए जहरीली दवाओं, विशेष रूप से पशु चिकित्सा में डाइक्लोफेनाक के प्रसार की निगरानी करके जंगल में गिद्धों के लिए पर्यावरण को सुरक्षित बनाने के अपने प्रयासों को जारी रखा है। केंद्र गिद्ध संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम के लिए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के चिड़ियाघर का समन्वय कर रहा है। केंद्र को केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से तकनीकी और वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि वन्यजीव पर्यटन के प्रचार-प्रसार और विकास तथा वन्य जीवन और पर्यावरण के प्रति छात्रों में जागरूकता पैदा करने के लिए अन्य राज्यों से विभिन्न प्रजातियों के विदेशी पक्षियों और जानवरों को हरियाणा राज्य के पिपली, रोहतक और भिवानी चिड़ियाघर में लाया जा रहा है।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एचओएफएफ), वन विभाग , हरियाणा, श्री जगदीश चंद्र ने कहा कि केंद्र देश में अन्य गिद्ध संरक्षण प्रजनन सुविधाओं के लिए गिद्धों का संस्थापक स्टॉक भी उपलब्ध कराएगा।
इस अवसर पर केन्द्रीय  श्रम एवं रोजगार तथा पर्यावरणए वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री  को हरियाणा वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा स्मृति चिन्ह प्रदान करके सम्मानित किया गया ।

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