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अनुसूचित जातियों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना

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पंचकूला, 12 अप्रैल- सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रतन लाल कटारिया ने गत वर्ष के दौरान अनुसूचित जातियों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में मोदी सरकार के ऐतिहासिक निवेश पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पीएमएस-एससी स्कीम के फंडिंग पैटर्न में बदलाव के बाद पहली धनराशि जारी की गई है। सरकार ने कुल लगभग  4000 करोड़ रुपये वित्तीय वर्ष 2020-21 में जारी किये। इस में सबसे अधिक धनराशि 892.36 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश को, उसके बाद महाराष्ट्र को 558 करोड़ रुपये  और आंध्र प्रदेश को 450 करोड़ रुपये जारी किये गए है।

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कटारिया ने कहा कि सरकार ने अनुसूचित जाति के युवाओं को उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना को पूरी तरह से बदल दिया है। केंद्र और राज्यों के बीच फंडिंग पैटर्न को प्रतिबद्ध दायित्व (कमिटेड लायबिलिट) सूत्र से बदल कर 60ः40 के निश्चित शेयरिंग पैटर्न पर कर दिया गया था  (पूर्वोत्तर के लिए 90ः10) इससे सरकार की प्रतिबद्धता लगभग चार गुणा बढ़ गई है और सरकार  द्वारा रुपये 35,534 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है । इस योजना के लिए 2025-26 तक यह अनुमान है कि इस अवधि के दौरान अनुसूचित जाति समुदाय के लगभग 4 करोड़ युवा लाभान्वित होंगे। उन्होंने आगे बताया कि योजना में केंद्रीय हिस्सेदारी बढ़ाने के अलावा, सरकार ने डीबीटी प्रणाली का उपयोग करके छात्रवृत्ति के भुगतान में देरी से बचने के लिए कई प्रक्रिया सुधार लाए हैं।


रतन लाल कटारिया ने शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि शिक्षा वह आधारशिला है जिस पर सामाजिक प्रगति की छाप बनती है। नरेंद्र मोदी जी ने अपनी अधिकतम क्षमता हासिल करने के लिए, अज्ञानता और अंधविश्वास के प्रभावों को दूर करने के लिए एवं एक व्यक्ति को ढालने में, गुणवत्ता शिक्षा के महत्व पर कई बार जोर दिया है।