सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

Google ने आज जापानी पर्वतारोही जुनको ताबेई को उनके 80 वें जन्मदिन पर डूडल बनाकर सम्मानित किया।

Google ने आज जापानी पर्वतारोही जुनको ताबेई को उनके 80 वें जन्मदिन पर डूडल बनाकर सम्मानित किया।

जूनो तबेई माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने वाली पहली जापानी महिला थीं, और इस महाद्वीप पर सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ने वाली पहली महिला भी थीं।

1939 में जन्मे, जुको ताबेई की परवरिश जापान के फुकुशिमा प्रान्त के एक छोटे से शहर मिहारू में हुई थी। चढ़ाई से उसका प्यार तब शुरू हुआ, जब 10 साल की उम्र में वह माउंट नासू की एक क्लास ट्रिप पर गई।

1969 में दो की माँ के रूप में, उन्होंने जापान के पहले लेडीज़ क्लाइम्बिंग क्लब की स्थापना की जो इस धारणा को धता बताने के लिए था कि महिलाओं को घर के अंदर रहना चाहिए।

1975 में, Junko Tabei माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली महिला बनीं। हालाँकि, उसे दुनिया की सबसे ऊँची चोटी पर चढ़ने वाले 36 वें व्यक्ति के रूप में याद किया जाना पसंद है।

“मैंने एवरेस्ट पर पहली महिला होने का इरादा नहीं किया,” उसने एक बार कहा था।

सफलतापूर्वक शिखर पर चढ़ने के बाद, उन्हें जापान के सम्राट, क्राउन प्रिंस और राजकुमारी द्वारा सम्मानित किया गया।

जुनको ताबेई पहाड़ पर चढ़ने वाले मीडिया ध्यान से अधिक प्यार करते हैं। एवरेस्ट के बाद, वह प्रत्येक महाद्वीप पर उच्चतम चोटी पर चढ़ने के लिए चली गई – एकॉनकागुआ, डेनाली, किलिमंजारो, विंसन, एल्ब्रस और पुणक जया।

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हिन्दी दिवस की बहुत बहुत बधाई व हार्दिक शुभकामनाएं।

हर वर्ष 14 सितंबर को मनाया जाता है।

14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी। इसी महत्वपूर्ण निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये राजभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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भारतीय वायुसेना के बेड़े में आज 8 अपाचे हेलिकॉप्टर शामिल होंगे। अपाचे हेलिकॉप्टर दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक माने जाते हैं।

खबरों के मुताबिक आज वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर इन हेलिकॉप्टरों को शामिल कराएंगे।

दुश्मन के दांत खट्टे करने के लिए भारतीय वायुसेना के बेड़े में आज 8 अपाचे हेलिकॉप्टर शामिल होंगे। अपाचे हेलिकॉप्टर दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक माने जाते हैं।

खबरों के मुताबिक आज वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर इन हेलिकॉप्टरों को शामिल कराएंगे। दो पायलट का होना है जरूरी जानकारी के लिए आपको बता दें कि अपाचे हेलिकॉप्टर को उड़ाने के लिए 2 पायलट होने जरूरी हैं।

इस हेलिकॉप्टर में दो इंजन हैं साथ ही दो सीटें हैं। दो इंजन होने की वहज से इसकी रफ्तार बहुत तेज है। हेलिकॉप्टर की अधिकतम स्पीड 280 किलोमीटर प्रति घंटा है। इस हेलिकॉप्टर में एक खास बात यह भी है कि इसमें सेंसर भी लगा है, इस वजह से रात में भी ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है और इसे रडार पर पकड़ना मुश्किल होता है।

गौरतलब है कि अपाचे हेलिकॉप्टर अमेरिका में बनाए गए हैं। अपाचे हेलिकॉप्टर AH-64E दुनिया का सबसे एडवांस मल्टी रोल कॉम्बेट हेलिकॉप्टर है।

AH-64E अपाचे दुनिया के सबसे उन्नत बहु-भूमिका लड़ाकू हेलिकॉप्टरों में से एक है। इसे अमेरिकी सेना भी इस्तेमाल करती है है। भारतीय वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अपाचे अटैक के आठ हेलिकॉप्टरों को पठानकोट एयरबेस पर तैनाती तय है। इससे वायुसेना के लड़ाकू क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी।

सितंबर 2015 में भारत-अमेरिका के बीच अपाचे हेलिकॉप्टरों की बड़ी डील हुई थी। जिसमें 22 अपाचे हेलिकॉप्टरों भारत को मिलने वाले हैं। इससे जुलाई को 4 हेलिकॉप्टर मिल चुके हैं, अब 8 हेलिकॉप्टर मंगलवार को मिल रहे हैं।

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सालासर धाम मंदिर सिरसा

सिरसा:

जय बाला जी

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धारा 370 निरस्त करना देश की एकता अखंडता के लिए समय की मांग थी-उपराष्ट्रपति

चंडीगढ़:

उपराष्ट्रपति ने श्री बलराम दास टंडन जी की प्रथम पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी

उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने आज कहा कि “हमारे लोकतंत्र के लिये यह आवश्यक है कि जनप्रतिनिधि लोकतांत्रिक आदर्शों और संस्थाओं में जनता की आस्था को बनाये रखें।” उन्होंने कहा कि दलीय राजनीति, लोकतंत्र में स्वाभाविक है, “विभिन्न दल राजनैतिक विकल्प उपलब्ध कराते हैं। परंतु राष्ट्रहित और समाज के आदर्शों का कोई विकल्प नहीं होता।”राष्ट्रहित के मुद्दों पर दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर सर्वसहमति होनी चाहिए। इस संदर्भ मैं धारा 370 को निरस्त किए जाने की चर्चा करते हुए, श्री नायडू ने कहा कि धारा 370 केवल एक अस्थाई प्रावधान था। संसद में पंडित नेहरू के वक्तव्य का उल्लेख करते हुए, उन्होंने बताया कि27 नवंबर1963 को धारा 370 को निरस्त करने के मुद्दे पर जवाब देते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने स्वयं कहा था कि धारा 370
महज एक अस्थाई प्रावधान है। वह संविधान का स्थाई भाग नहीं है। इस अवसर पर श्री नायडू ने उस समय के राष्ट्रीय समाचार पत्रों में इस विषय पर छपी खबरों को स्वयं पढ़ा। उन्होंने कहा कि धारा 370 के निरस्त होने का देश भर में स्वागत हुआ है। उन्होंने कहा ये मसला देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा का है। परन्तु पश्चिमी मीडिया का एक वर्ग इस विषय में भारत विरोध भ्रामक प्रचार फैला रहा है।

उन्होंने जनप्रतिनिधियों से कहा कि “आज हम बढ़ती आकांक्षाओं और रोज बदलती संभावनाओं के युग में रह रहे हैं। जनप्रतिनिधियों से जनअपेक्षाएं भी बढ़ी है। लेकिन क्या हम उन आकांक्षाओं के साथ न्याय कर पा रहे हैं?” विधायी संस्थानों में व्यवधान की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता जताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे विधायी संस्थान विचार-विमर्श और सहमति का माध्यम हैं, व्यवधान का नहीं, “जनप्रतिनिधियों का दायित्व है कि वे लोकतांत्रिक मर्यादाओं और आस्थाओं को और दृढ़ करें।” उपराष्ट्रपति ने कहा कि मैं सदैव एक तत्पर और सक्षम प्रशासन, न्यायिक सुधारों और सांसद एवं विधाई निकायों सार्थक सकारात्मक बहस का आग्रह करता रहा हूं। Discuss, Debate, Decide, Decentralise and Deliver यही आगे भावी प्रगति का मार्ग है।

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उन्होंने आगे कहा किन सिर्फ विधायिका और प्रशासन की जन आकांक्षाओं के प्रति जवाबदेही आवश्यक है बल्कि न्यायिक प्रणाली और प्रक्रिया को भी जनसाधारण के लिए सुलभ और सुगम होना चाहिए। कानून को लागू कराने वाली संस्थाएं और न्याय प्रदान करने वाले अधिष्ठान लोगों के लिए सुगम, विश्वसनीय, पारदर्शी और सामान रूप से न्यायपूर्ण होने चाहिए। त्वरित न्याय की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कियह आवश्यक है कि सालों से लंबित मुकदमों को कम करने के कारगर प्रयास किए जाएं। कहा गया है Justice Delayed is Justice Denied श्री नायडु ने कहा कि लोकनीति में आचरण विचारधारा से अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि चुनाव याचिका या जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध आपराधिक मामलों जैसे मामलों में समयबद्ध और
शीघ्रता से फैसला होना चाहिए। ये देखा गया कि ऐसे मामले या दल बदल कानून के तहत मुकद्दमे, जनप्रतिनिधि का कार्यकाल समाप्त होने तक भी लंबित रहते है। ऐसे विलंब से तो इन कानूनों का उद्देश्य ही निरर्थक हो जाता है। दल बदल कानून के प्रावधानों को संबंधित पीठासीन सभापति/अध्यक्ष द्वारा लागू करने में देरी पर चिंता व्यक्त करते हुए श्री नायडू ने कहा किदल बदलने वाले जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध पीठसीन सभापति/अध्यक्ष को शीघ्रता से निर्णय लेना चाहिए। देखा
गया है कि कतिपय पीठासीन अधिकारियों द्वारा शीघ्रता से कार्यवाही न किए जाने के कारण, दल बदल कानून का अक्षरशः पालन नहीं हो रहा है।ऐसे मामलों में देरी से न्यायिक और विधाई अधिष्ठानों से जनता का विश्वास क्षीण होता है। उन्होंने सलाह दी कि ऐसे मामलों की सुनवाई विशेष न्यायिक प्राधिकरण द्वारा हो और फैसला भी समयबद्ध एक वर्ष के अंदर ही हो। इसी संदर्भ में देश की न्यायिक व्यवस्था का उल्लेख करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें न्यायिक
प्रणाली को जनता के लिए सुगम सुलभ बनाना होगा। सुप्रीम कोर्ट की बेंच का विस्तार करके तथा अलग क्षेत्रों के लिए सुप्रीम कोर्ट की अलग पीठ स्थापित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि इतने विशाल देश में न्याय को जनता के लिए सुलभ बनाने के लिए उच्चतम न्यायालय की और पीठ स्थापित की जाए। वे आज चंड़ीगढ़ में स्वर्गीय बलराम दास टंडन जी की प्रथम पुण्य तिथि पर आयोजित अवसर पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में, टंडन जी ने नि:स्वार्थ राष्ट्र सेवा, निष्ठापूर्ण समाज सेवा के प्रमाणिक मानदंड स्थापित किये जो जनप्रतिनिधियों और सामाजिक, राजनैतिक कार्यकर्त्ताओं की वर्तमान पीढ़ी के लिये आज भी उतने ही अनुकरणीय हैं। श्री नायडु ने कहा कि जनता हमसे अपेक्षा करती है कि हम उन मानदंडों का अनुसरण करें जो टंडन जी जैसे विभूतियों ने सार्वजनिक जीवन में स्थापित किये। उन्होंने आग्रह किया कि राजनैतिक दल अपने सदस्यों और विधायकों के लिये आचार संहिता बनायें और उन्हें अपने घोषणा पत्र में शामिल करें, जिससे राष्ट्रीय जीवन में हम वह आदर्श पुन: स्थापित कर सकें जिसे टंडन जी जैसे समाजसेवी
नेताओं ने स्थापित किया। 

उपराष्ट्रपति ने आह्वाहन किया कि स्वाधीनता दिवस के अवसर पर देश को जातीय, लैंगिक भेदभाव, गरीबी और अशिक्षा से मुक्त करने के लिए साझा प्रयास करने का संकल्प लें। इस अवसर पर पंजाब के राज्यपाल श्री वी.पी. सिंह बदनोर, केंद्रीय मंत्री, श्री सोम प्रकाश, पंजाब और हरियाणा सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों तथा पंजाब विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजकुमार सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

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भारत ने आज 73 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है।

नई दिल्ली:

देश आज 73वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। हर ओर जश्न है और आजादी के लिए लड़े दीवानों की याद में देशभक्ति के नारे गूंज रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर लालकिले के प्राचीर पर तिरंगा फहराया और देश को संबोधित किया। दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद लालकिले से नरेंद्र मोदी का ये पहला भाषण है, इसलिए इस भाषण पर ना सिर्फ देश बल्कि पूरी दुनिया की नज़र है।

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Google Doodle: विक्रम साराभाई (Vikram Sarabhai) को उनकी 100वीं जंयती पर Google Doodle बना कर श्रद्धांजलि अर्पित करता है

नई दिल्ली: 

विक्रम साराभाई (Vikram Sarabhai) को उनकी 100वीं जंयती पर Google Doodle बनाया गया है. वह भारत के सबसे महान वैज्ञानिकों में से एक थे. उनका जन्म 12 अगस्त 1919 को हुआ था. 

विक्रम साराभाई  अपने दौर के उन गिने-चुने वैज्ञानिकों में से एक थे जो अपने साथ काम करने वाले वैज्ञानिकों और खासकर युवा वैज्ञानिकों को आगे बढ़ने में मदद करते थे. यही वजह थी कि उन्हें (Vikram Sarabhai) एक बेहतर लीडर भी माना जाता था.

साराभाई ने 1947 में अहमदाबाद में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल) की स्थापना की थी. बता दें कि गूगल अलग-अलग क्षेत्र की उन बड़ी हस्तियों को Google Doodle बना कर श्रद्धांजलि अर्पित करता है जिन्होंने समाज के लिए बड़ा योगदान दिया है.

विक्रम साराभाई (Vikram Sarabhai) के पिता उद्योगपति थे और भौतिक विज्ञान के अध्ययन-अनुसंधान के इस केंद्र के लिए उन्होंने अपने पिता से ही वित्तीय मदद मिली थी.

उस समय साराभाई की उम्र महज 28 साल थी लेकिन कुछ ही सालों में उन्होंने पीआरएल को विश्वस्तरीय संस्थान बना दिया. साराभाई को उनके बेहतर काम के लिए वर्ष 1966 में पद्म विभूषण सम्मान से भी नवाजा गया था.

विक्रम साराभाई (Vikram Sarabhai) को भारतीय स्पेस प्रोग्राम का जनक भी माना जाता है. उन्हें 1962 में शांति स्वरूप भटनागर मेडल से भी सम्मानित किया गया था. 

30 दिसंबर, 1971 को उनकी मृत्यु उसी स्थान के नजदीक हुई थी जहां उन्होंने भारत के पहले रॉकेट का परीक्षण किया था. दिसंबर के आखिरी हफ्ते में वे थुंबा में एक रूसी रॉकेट का परीक्षण देखने पहुंचे थे और यहीं कोवलम बीच के एक रिसॉर्ट में रात के समय सोते हुए उनकी मृत्यु हो गई. 

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जम्मू-कश्मीर से Article 370 खत्म ‘मोदी है तो मुमकिन है’ का दावा फिर हुआ सही साबित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कमान देकर बदलाव की आशा जताई थी और साहसिक कदम उठाकर मोदी ने यह जता दिया कि संकल्पशक्ति हो तो हर काम हो सकता है।

सत्तर साल से देश के अंदर ही एक अलग देश की तरह चलते रहे जम्मू-कश्मीर को सही मायने में अभिन्न अंग बनाने का कदम पहली बार उठाया गया। विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ा है।

ऐसे कई लोग और दल हैं जिन्हें यह कदम रास नहीं आ रहा है, लेकिन उनसे ज्यादा बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है जिनके लिए यह ऐतिहासिक दिन है। सही मायने में जम्मू-कश्मीर अब भारत और भारतवासियों का हुआ है।

तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने एक चूक की थी जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुरुस्त किया है। ‘मोदी है तो मुमकिन है’ का दावा एक बार फिर साबित हो गया है।

पहले काल में नोटबंदी और जीएसटी, फिर तीन तलाक और अब अनुच्छेद-370 का समापन। वह भी सरकार में आने के महज दो तीन महीनों के अंदर। यही साबित करता है कि सरकार में संकल्पशक्ति अदभुत है।

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Breaking News: Jammu Kashmir से धारा 370 खत्म, राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पास, पक्ष में पड़े 125 वोट

आज सुबह पीएम आवास पर मोदी कैबिनेट में बड़ा फैसला लिया गया।

बैठक खत्म होने के तुरंत बाद गृह मंत्री अमित शाह संसद पहुंचे और राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने की सिफारिश की।

Jammu Kashmir से धारा 370 खत्म, राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पास, पक्ष में पड़े 125 वोट

जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटने वाला विधेयक जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल राज्यसभा से पारित करवा कर मोदी सरकार ने इतिहास रच दिया है।

हालांकि, अभी लोकसभा में इस विधेयक का पास होना बाकी है, मगर लोकसभा में नंबर को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि वहां भी यह बिल आसानी से पास हो जाएगा।

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त करने, जम्मू कश्मीर को विधायिका वाला केंद्र शासित क्षेत्र और लद्दाख को बिना विधायिका वाला केंद्र शासित क्षेत्र बनाने संबंधी सरकार के दो ”साहसिक एवं जोखिम भरे संकल्पों एवं दो संबंधित विधेयकों को सोमवार को राज्यसभा की मंजूरी मिल गई।

एक धारा को छोड़ सभी धाराओं को संशोधन किया गया। सरकार के इस फैसले को राष्ट्रपति ने भी अपनी मंजूरी दे दी।

इस दौरान राज्यसभा में अमित शाह के बयान के बाद विपक्ष ने सदन में जोरदार हंगामा किया।

इसको लेकर भारत सरकार का राजपत्र भी जारी हो गया है। मोदी सरकार के इस फैसले से कई विपक्षी दल नाराज है तो कई ने इस फैसले का स्वागत किया है।

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Mann KI Baat Live: आज 11 बजे पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे मन की बात, पीएम मोदी के कार्यकाल का यह दूसरा कार्यक्रम है।

Mann KI Baat Live: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर महीने से अंतिम सप्ताह यानी आज 28 जुलाई रविवार को रेडियो कार्यक्रम मन की बात से देश की जनता को संबोधित करेंगे।

इस बार पीएम अपने कार्यक्रम में स्वतंत्रता दिवस, रक्षा बंधन और सावन के महीने समेत संसद सत्र और तीन तलाक बिल पर चर्चा करेंगे।

पीएम मोदी के कार्यकाल का यह दूसरा कार्यक्रम है। पीएम ने हमेशा जनता से इस कार्यक्रम को लेकर सुझाव भी मांगे हैं।

यह पीएम मोदी का 55 वां कार्यक्रम होगा। जिसका सुबह 11 बजे रेडियो पर प्रसारण होगा।

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