मुख्य सचिव ने  एक पेड माॅ के नाम 2.0 अभियान के अंतर्गत सभी उपायुक्तों से ज्यादा से ज्यादा पेड लगाने की अपील की

Prof Parminder Singh, Sports Director PU passes away

Chandigarh October 11, 2020

A wave of gloom spread in Panjab University following the shocking news
of sudden demise of  Prof. Parminder Singh, Director, Directorate of
Sports, Panjab University, Chandigarh   today afternoon due to cardiac
arrest. He was 58 years of age and is survived by his parents, wife, son
and daughter. He joined PU as Director, Sports in March 2015. Before
that, he was in Arya College, Ludhiana.

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Prof. Raj Kumar, Vice Chancellor, PU has expressed deep shock and sorrow
over the sudden demise of Prof. Parminder who has been a great asset to
the university. In his passing away, PU has lost a strong pillar and
backbone of sports fraternity as he was instrumental in regaining the
lost glory in field of sports by winning Maulana Abul Kalam Azad (MAKA)
Trophy consecutively for two years. He was a very positive and cheerful
personality.

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Prof. R.K.Singla, Dean of University Instructions, also expressed  deep
condolences at his sudden demise and prayed for peace of departed soul.
He said that he has lost a wonderful colleague and a friend.

Sh. Vikram Nayyar, Finance and Development Officer and officiating
Registrar expressed deep shock over this loss of PU and prayed for
eternal peace to the departed soul and for strength to the bereaved
family.

Prof Parvinder Singh, Controller of Examination said that it’s a
personal loss of a dear friend. They shared a special bond as both came
from college

मुख्य सचिव ने  एक पेड माॅ के नाम 2.0 अभियान के अंतर्गत सभी उपायुक्तों से ज्यादा से ज्यादा पेड लगाने की अपील की

Commissioner flags off cycle rally at new lake 42

Chandigarh, October 11:- Sh. K.K. Yadav, IAS, Commissioner, Municipal Corporation Chandigarh-cum-CEO, Chandigarh Smart City Ltd. today flagged off a bicycle rally organised at new lake, Sector 42, here.

The bicycle rally was organised by the Chandigarh Smart City Ltd. to promote bicycling in the city in a big way. The rally started off at sector 42 lake at 7.00 am and covered the interior of the whole sector with a route of 3.5 kms.

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Among present were Sh. Anil Garg, Additional Commissioner, MCC, Sh. N.P. Sharma, Chief General Manager, CSCL, officials of CSCL, representatives from RWA’s (CRAWFED & FOSWAC) and various bicycling groups of the city.

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While briefing about the event, Sh. K.K. Yadav said that the objective of the rally was to make the participants aware about the benefits of bicycling and also about Cycle4Change challenge. He said that for Cycle4Change Challenge the city is gearing up for launch of a pilot project with 10 docking stations at various locations in the city with 100 bicycles. He said that the CSCL in association with various cycle lovers and RWAs will scale up such events to make more people to enjoy cycling in the city.

He said that the Best Photo & Video Challenge has also been launched for the citizens of Chandigarh to participate and showcase their creativeness. The last date for submission of entries is 31st Oct 2020. The details are available on social media platform such as CSCL website, Facebook, Instagram, Twitter page. The residents are encouraged to participate and show their spirit.

In the rally, the participants were given certificates for showing their enthusiasm and promoting bicycling in their own way. Public Bike Sharing Bicycles were also on display at the rally venue, which were also used by the participants.

The India Cycles 4 Change Challenge is an initiative of the Smart Cities Mission, Ministry of Housing and Urban affairs, Government of India, to inspire and support the cities to implement cycling- friendly initiatives in response to the challenges that the COVID-19 pandemic has thrown.

There are various measures the cities can adopt to increase the cycling initiatives in their domain, like:

·         Creating extensive cycling networks through low-cost interventions like pop-up cycle lanes and traffic-calmed or non-motorizedzones.

·         Launching programmes such as community-led cycle rental schemes that increase the availability of cycles to citizens

·         Promoting the usage of cycling through public events and outreach.

In the long run, the Smart Cities Mission encourages cities to convert temporary interventions into permanent ones.

CHANDIGARH REGISTERS FOR THE CHALLENGE

Chandigarh is one of the 95 cities to have registered for this challenge. To ensure this transformation, Chandigarh is committed to working with its citizens as it develops and implements the proposals. Community engagement is a key component of the initiative, and Chandigarh seeks the support of its citizens in making this programme a success. The City Beautiful, Chandigarh envisions citizens to participate in its efforts to achieve zero-carbon mobility.

The process started with community engagement through forms and surveys to know the condition and attitude of people towards cycling in the city. The form asked questions regarding the challenges, what areas need to be improved for safer cycling etc.

Also, handlebar surveys are being done to know the pain-points in cycling from the cyclist’s perspective. A total of 5 routes have been identified in the city for the same, and people are being encouraged to cycle on these routes; identify the issues and communicate them through the survey forms.

On similar lines, events have been planned in the city with various cyclist groups, RWA’s and city officials to increase awareness about the city’s participation in the challenge; and to encourage people to fill in the forms and give their feedback.

Chandigarh aims to know the opinion of as many citizens as possible, so that the issues can be resolved efficiently to make Chandigarh the bicycling capital of India.

मुख्य सचिव ने  एक पेड माॅ के नाम 2.0 अभियान के अंतर्गत सभी उपायुक्तों से ज्यादा से ज्यादा पेड लगाने की अपील की

उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण के दिशा-निर्देश में स्वामित्व योजना के तहत आयोजित कार्यक्रम में बीडीपीओ औमप्रकाश ने वितरित की लाल डोरा मुक्त जमीन की रजिस्ट्री

सिरसा, 11 अक्तूबर।


स्वामित्व योजना के तहत लाल डोरा से मुक्त की गई जमीन के स्वामित्व कार्ड वितरित किए गए। उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण के दिशा-निर्देश पर खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी औमप्रकाश ने रविवार को ई-दिशा केंद्र में स्वामित्व कार्ड(रजिस्ट्री) संबंधित मालिक को वितरित किए। इससे पहले स्वामित्व योजना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑनलाइन प्रसारण के माध्यम से संदेश को सुन गया।

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अपने संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वामित्व कार्ड न केवल संबंधित परिवार  की उन्नति में सहायक होगा, बल्कि यह देश के विकास में भी सहायक होता है। उन्होंने कहा कि इससे लोगों में आत्म विश्वास बढ़ा है कि वे अपनी जमीन के मालिक बने हैं। उन्होंने कहा कि यह दिन परिवार की समृद्धि के लिए योजनाएं बनाने व सुनहरी सपने देखने का दिन है। श्री मोदी ने कहा कि स्वामित्व कार्ड से गरीब से गरीब व्यक्ति को उनका हक मिला है, जो कि बहुत बड़ी बात है।  

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बीडीपीओ औमप्रकाश ने बताया कि स्वामित्व योजना के जिले के 11 गांवों को कवर किया गया है। इनमें खंड बडागुढा के 5 व सिरसा खंड के 6 गांव शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत मुसाहिबवाला,फरवाईं कलाँ, नेज़ाडेला कलाँ,भरोखाँ, पनिहारी, दड़बी, मल्लेवाला,नागोकी,सहारनी,बुर्ज कर्मगढ़,नेज़ा डेला खुर्द को लाल डोरा मुक्त के लिए कवर किया गया है। इन सभी गांव के स्वामित्व कार्ड बनाए गए हैं। इसी कड़ी में रविवार को संबंधित मालिकों को उनकी लाल डोरा मुक्त जमीन के स्वामित्व कार्ड यानि रजिस्ट्री वितरित की गई। इस अवसर पर पंचायत अधिकारी दिनेश कुमार, ग्राम सचिव अजयन्त गोदारा, विष्णु, स्मिता शर्मा, नरेन्द्र सिंह सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।


उन्होंने बताया कि स्वामित्व योजना के तहत लाल डोरा मुक्त होने से जमीन की रजिस्ट्री बनेगी, जिससे अनेक प्रकार के विवादों से आमजन को निजात मिलेगी। रजिस्ट्री होने से कोई भी दूसरा व्यक्ति उस जमीन पर अवैध रूप से कब्जा नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि सालों से लोगों की जमीन लाल डोरे के  अंदर रही है, जिसमें मकान भी बने हैं और खाली प्लाट भी हैं, लकिन उस जमीन की रजिस्ट्री नहीं बनती थी। अब स्वामित्व योजना के तहत गांवों को लाल डोरा मुक्त किया जा रहा है।

मुख्य सचिव ने  एक पेड माॅ के नाम 2.0 अभियान के अंतर्गत सभी उपायुक्तों से ज्यादा से ज्यादा पेड लगाने की अपील की

किसान पराली प्रबंधन कर पर्यावरण सरंक्षण में बनें सहयोगी : उपायुक्त

सिरसा, 11 अक्तूबर।

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उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने कहा कि प्रदूषित वातावरण का मानव के साथ-साथ हर जीव-जंतु के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। स्वस्थ जीवन के लिए स्वच्छ वातावरण का होना बहुत ही जरूरी है। पर्यावरण की स्वच्छता को बनाए रखने में सभी का सहयोग जरूरी है। इस दिशा में किसान भाई भी पराली को जलाने की बजाए इसका प्रबंधन करके न केवल पर्यावरण सरंक्षण में सहयोगी बनें, बल्कि इसे अपने लाभ का भी जरिया बनाएं।


उपायुक्त ने कहा कि पराली जलाने से उठने वाला धुंआ पर्यावरण को तो प्रदूषित करता ही है, साथ में मानव स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालता है। बुजुर्ग, बच्चों व दमा के रोगियों के लिए तो यह और भी भयंकर साबित होता है। पराली जलाने से होने वाले इन दुष्परिणों के चलते सर्वोच्च न्यायालय भी सख्त  है और इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश सरकार सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों की अनुपालना में गंभीरता से कार्य कर रही है और यही प्रयास है कि पराली को न जलाया जाए और ऐसी घटनाओं पर पूर्ण अंकुश लगाया जाए। इसके लिए जहां किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है, वहीं पराली के उचित प्रबंधन के लिए अनुदान पर कृषि उपकरण भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। गांव में कस्टम हायर सैंटरों के माध्यम से लघु व सीमांत किसानों को प्राथमिकता के साथ फसल अवशेष प्रबंधन कृषि उपकरण दिए जा रहे हैं।

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उन्होंने बताया कि इस बार प्रदेश सरकार जीरो बर्निंग संकल्प के साथ इस दिशा में गंभीरता से कार्य कर रही है। इसी कड़ी में जिला में पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्ण अंकुश के लिए प्रशासन पूरी तरह से मुश्तैद है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं पर हर प्रकार से निगरानी के लिए योजना बनाई गई है। हरसेक सेटेलाइट से पराली जलाने की घटनाओं पर नजर रख रहा है, जहां भी पराली जलने की घटना होगी, उस समय वहां की इमेज हरसेक को मिल जाएगी। इसके बाद गांव स्तर पर गठित टीम मौके पर जाकर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करेगी। कोई भी पराली जलाता है, तो उसका चालान कर जुर्माना किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान स्वयं जागरूक बनकर पराली को जलाने की बजाए इसके उचित निपटान की दिशा में आगे बढें।


उपायुक्त ने बताया कि जिला में बहुत से किसान हैं, जोकि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के माध्यम से अनुदान पर मिलने वाले फसल अवशेष प्रबंधन कृषि उपकरणों से पराली का उचित प्रबंधन कर लाभ कमा रहे हैं। इन किसानों का मानना है कि पराली प्रबंधन करने से न केवल उन्होंने लाभ कमाया है, बल्कि भूमि की ऊपजाऊ शक्ति भी बढी है, जिससे उनकी पैदावार में भी बढोतरी हुई है। इन किसानों से दूसरे किसान प्रेरित होकर पराली प्रबंधन की दिशा में कार्य करें। 

सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि जिला की रायपुररानी, बरवाला व पंचकूला सहित तीनों मंण्डियों में धान खरीद का कार्य जोरों से चला रहा है।

पंचकूला 10 अक्तूबर- उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि जिला की रायपुररानी, बरवाला व पंचकूला सहित तीनों मंण्डियों में धान खरीद का कार्य जोरों से चला रहा है। अब तक किसानों के 34906 मिट्रिक टन धान की खरीद जा चुकी है।

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उपायुक्त ने बताया कि जिला की रायपुररानी व पंचकूला मंडी मे ंहरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन व हैफेड द्वारा किसानों की धान की फसल खरीदी जा रही है। इसके अलावा बरवाला मण्डी में हैफेड द्वारा किसानों की फसल की खरीद की जा रही है। उन्होंने बताया कि पंचकूला में 3070 मिट्रिक टन, रायपुररानी में 12336 मिट्रिक टन व बरवाला में 19500 मिट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। अब तक हैफेड ने 29940 मिट्रिक टन व हरियाणा वेयर हाउस द्वारा 4966 मिट्रिक टन धान की खरीद की है।

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उपायुक्त ने बताया किसानों की सुविधा के लिए व्यापक स्तर पर धान का उठान भी जारी है। अब तक खरीदे गए धान में से 22485 मिट्रिक टन का उठान किया गया तथा शेष धान का उठान कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक हैफेड द्वारा 20340 मिट्रिक टन धान का उठान कर लिया गया है।

सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

जिला के 11 गंावों के लोगों को मिलेगा मालिकाना हक-उपायुक्त

पंचकूला 10 अक्तूबर- उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि जिला में धान फसल की कटाई की ज्यादातर कटाई कम्बाईन हारवेस्टर से की जाती है। जिसके फलस्वरूप फसल का कुछ अवशेष बच जाते हैं। इस फसल अवशेष को प्रायः किसानों द्वारा जला दिया जाता हैं। फसल अवशेष जलाने से भूमि में मौजूद आवश्यक कार्बन तत्व, सूक्ष्म पोषक तत्व व जीवाणु नष्ट हो जाते हैं। जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति नष्ट हो जाती है। आग लगाने से उत्पन्न धुऐं से लोगांे में दिल व फेंफड़ों की बीमारियों की सम्भावना बनी रहती है जिससे अस्थमा इत्यादि बीमारी हो जाती है। आग से पर्यावरण में मौजूद आॅक्सीजन की कमी भी जो जाती है। प्रायः कई बार देखने में आया है कि आग से जान व माल का भारी नुकसान भी हो जाता हैं।

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उपायुक्त ने बताया कि फसल अवशेष को किसान पशुओं के चारे के रूप में प्रयोग कर सकते हैं। कृषि विभाग द्वारा फसल अवशेष के निपटान हेतू व भूमि की शक्ति बनाऐं रखने हेतू विभिन्न प्रकार के कृषि यन्त्रों स्ट्रा रीपर, स्ट्रा बेलर, रीपर बाईण्डर एण्ड जीरो ड्रील, हैपी सीडर, मल्चर, रिवर्सीबल प्लाॅ, स्ट्रा चोपर, स्ट्रा श्रेडर इत्यादि पर सबसिडी दी जाती है। इन कृषि यन्त्रों के प्रयोग से किसान फसल अवशेषों को जमीन में गलाकर उर्वरा शक्ति बढाने के अलावा अन्य उचित प्रयोग कर सकते हैं। स्ट्रा बेलर मशीन से गाठें बना कर व गाठों को बिक्री करके किसान अतिरिक्त कमाई भी कर सकते हैं जिससे उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी और पर्यावरण भी दूषित नहीं होगा।

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उपायुक्त ने बताया कि फसल अवशेष जलाने से होने वाले दुष्प्रभावों को देखते हुए न्यायालय व ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी दिशा निर्देशानुसार यदि कोई किसान फसल अवशेष जलाए पाए जाते हैं तो उनसे जुर्माने के रूप में 15000/-रू तक की राशि वसूली जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि फसल अवशेष न जलाने के बारे में कृषि विभाग द्वारा खण्ड बरवाला व रायपुरानी में एक विशेष अभियान चलाया गया जिसमें किसानों को जागरूक एवं प्रेरित किया गया।

सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार कोविड-19 को जन आन्दोलन अभियान के रूप में शुरू करने के लिए 12 अक्तूबर को 11 बजे हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को आॅनलाईन प्रतिज्ञा करवाएगें।

पंचकूला 10 अक्तूबर- उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार कोविड-19 को जन आन्दोलन अभियान के रूप में शुरू करने के लिए 12 अक्तूबर को 11 बजे हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को आॅनलाईन प्रतिज्ञा करवाएगें।

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उपायुक्त ने बताया कि कोविड-19 जन आंन्दोलन शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी देशभर के कर्मचारियों व अधिकारियों को संकल्प करवाएगें। हरियाणा में कोविड को जन आन्दोलन अभियान बनाने के लिए मुख्यमंत्री वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रतिज्ञा करवाएगें। इसी कड़ी में जिला के अधिकारियों व कर्मचारियों को जिला सचिवालय के सभागार में प्रतिज्ञा करवाई जाएगी।

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सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि जिला में धान फसल की कटाई की ज्यादातर कटाई कम्बाईन हारवेस्टर से की जाती है। जिसके फलस्वरूप फसल का कुछ अवशेष बच जाते हैं।

पंचकूला 10 अक्तूबर- उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि जिला में धान फसल की कटाई की ज्यादातर कटाई कम्बाईन हारवेस्टर से की जाती है। जिसके फलस्वरूप फसल का कुछ अवशेष बच जाते हैं। इस फसल अवशेष को प्रायः किसानों द्वारा जला दिया जाता हैं। फसल अवशेष जलाने से भूमि में मौजूद आवश्यक कार्बन तत्व, सूक्ष्म पोषक तत्व व जीवाणु नष्ट हो जाते हैं। जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति नष्ट हो जाती है। आग लगाने से उत्पन्न धुऐं से लोगांे में दिल व फेंफड़ों की बीमारियों की सम्भावना बनी रहती है जिससे अस्थमा इत्यादि बीमारी हो जाती है। आग से पर्यावरण में मौजूद आॅक्सीजन की कमी भी जो जाती है। प्रायः कई बार देखने में आया है कि आग से जान व माल का भारी नुकसान भी हो जाता हैं।

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उपायुक्त ने बताया कि फसल अवशेष को किसान पशुओं के चारे के रूप में प्रयोग कर सकते हैं। कृषि विभाग द्वारा फसल अवशेष के निपटान हेतू व भूमि की शक्ति बनाऐं रखने हेतू विभिन्न प्रकार के कृषि यन्त्रों स्ट्रा रीपर, स्ट्रा बेलर, रीपर बाईण्डर एण्ड जीरो ड्रील, हैपी सीडर, मल्चर, रिवर्सीबल प्लाॅ, स्ट्रा चोपर, स्ट्रा श्रेडर इत्यादि पर सबसिडी दी जाती है। इन कृषि यन्त्रों के प्रयोग से किसान फसल अवशेषों को जमीन में गलाकर उर्वरा शक्ति बढाने के अलावा अन्य उचित प्रयोग कर सकते हैं। स्ट्रा बेलर मशीन से गाठें बना कर व गाठों को बिक्री करके किसान अतिरिक्त कमाई भी कर सकते हैं जिससे उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी और पर्यावरण भी दूषित नहीं होगा।

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उपायुक्त ने बताया कि फसल अवशेष जलाने से होने वाले दुष्प्रभावों को देखते हुए न्यायालय व ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी दिशा निर्देशानुसार यदि कोई किसान फसल अवशेष जलाए पाए जाते हैं तो उनसे जुर्माने के रूप में 15000/-रू तक की राशि वसूली जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि फसल अवशेष न जलाने के बारे में कृषि विभाग द्वारा खण्ड बरवाला व रायपुरानी में एक विशेष अभियान चलाया गया जिसमें किसानों को जागरूक एवं प्रेरित किया गया।

सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

Commissioner launches free cycle workshop campaign

Chandigarh, October 10:- Sh. K.K. Yadav, IAS, Commissioner, Municipal Corporation, Chandigarh-cum-CEO, Chandigarh Smart City Ltd. today launched free cycle workshop campaign from the new underpass, Sector 17. Sh. Anil Kumar Garg, Additional Commissioner, office bearers from RWA’s (CRAWFED & FOSWAC), officials of CSCL and various bicycling groups of the city were also present during the workshop.

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While briefing about the campaign, the Commissioner said that the objective of the workshop is to make the participants aware about the progress of the city for the Cycle for change challenge. He said that month long campaign was launched from today during which free cycle repair workshops will be conducted sectorwise in coordination with NGOs and RWAs to promote cycling in the city. He said that as a part of this a cycle rally will be organised at New lake, sector 42 on 11th October at 7.00 am onwards.

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In this regard, a presentation was made by the CSCL official and explained about the citizen’s engagements being done so far and handlebar survey identifying the pain points for the cyclist. Also the analysis of the feedback of the citizen’s surveys was told by the officials. It was also informed that the Chandigarh shall soon be gearing up for launch for pilot project with 10 docking station at prominent locations and 100 bicycles.

In the workshop, 2 sessions were undertaken. In one of the session, the participant was disseminated with information related to respiratory recovery. This useful session was taken by Dr. Anish Garg (Member, CRAWFED). The objective of the session was to make people aware on how their body react during cycling and how to manage it without any external help. Effective breathing vis-à-vis respiratory function of the body is very important during longer run on the bicycle. By adopting of the techniques as discussed in the workshop, people will be able to undertake longer run on their cycle and contribute to the society and also to their health.

Second session was undertaken by a bicycling enthusiast, who shared is experience in under water bicycling and climbing Mount Everest. The presenter was Mr. Daljinder Singh (Punjab Police), also a Limca Book of Record among other distinctions. The session was an inspiration to the participants and go a long way towards achieving the objective of the city.

Further, the city has announced Best Photo & Video Challenge for the citizens of Chandigarh to participate and showcase their creativeness. The details are available on social media platform such as CSCL website, Facebook, Instagram, Twitter page. The residents are encouraged to participate and show their spirit.

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अभिभावक बच्चों में करें आत्मनिर्भरता के गुण विकसित : अनिल मलिक

सिरसा, 10 अक्तूबर।


हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की राज्यस्तरीय परियोजना बाल सलाह, परामर्श एवं कल्याण केंद्रों के अंतर्गत निरंतर किए जा रहे आयोजित वेबीनार के माध्यम से आज मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी, रोहतक एवं राज्य नोडल अधिकारी, अनिल मलिक ने अरनियांवाली गांव स्थित स्वामीविवेकानंद वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से संबंधित विद्यार्थियों, अभिभावकों शिक्षकों व आम जनमानस को स्कूल फेसबुक के माध्यम से संबोधित किया।

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उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए युवाओं में आत्मनिर्भरता के गुण विकसित करना जरूरी है और इसके लिए माता-पिता अपनी परवरिश के तौर तरीकों में एक नई सर्जनात्मक सोच के साथ पहल करें। बच्चे अपनी रूचि और योग्यता अनुसार शिक्षा क्षेत्र से होते हुए भविष्य निर्माण की तरफ बढ़े और इसके लिए बहुत ही जरूरी है घर, परिवार, समाज, दोस्तों की बातचीत, व्यवहार, भाव भंगिमा को समझने की माता पिता समय रहते संतान की समझ विकसित करें।

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उन्होंने कहा कि नई तकनीकों को जानते हुए कदम आगे बढ़ाने होंगे। परवरिश के लिए बेहतर समझ बूझ की जरूरत के साथ-साथ एक बेहतर कार्य योजना भी हमारे पास होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चे वहीं सीखते हैं, जो हम करते हैं। इसलिए व्यवहारिक आचरण का इसमें बहुत बड़ा महत्व है। बच्चों को बाल्यावस्था से ही अनुशासित जिंदगी के मायने समझाएं, स्नेह पूर्ण व्यवहार, गुणवत्ता पूर्वक समय, खुले विचार, मित्रवत व सौहार्दपूर्ण वातावरण निर्मित करें। उन्होंने कहा कि बच्चों को आत्मनिर्भर बनाएं। बच्चों की बातों को ध्यान पूर्वक सुनें और उन्हें जागरूक करें। उन्होंने कहा कि कभी भी बच्चों में ऐसा मनोभाव ना पनपने पाएं कि वह खुद को अकेला असुरक्षित और डरा हुआ समझे।

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अनिल मलिक ने राज्य स्तरीय ऑनलाइन बाल महोत्सव -2020 का लिंक चाइल्डवेलफेयरहरियाणा डॉट कॉम/बालमहोत्सव शेयर करते हुए बताया कि संबंधित जिला बाल कल्याण अधिकारी कार्यालय से विस्तृत प्रतियोगिता की जानकारी हासिल करें और प्रतिभागीता सुनिश्चित कर अपनी वीडियो और फोटो उक्त लिंक पर भेजें। यह प्रतियोगिता ब्लॉक स्तर से शुरू की जा रही है। कार्यक्रम के सफल आयोजन में स्कूल प्रबंधक रामकृष्ण कोथ, प्रवीण व सहायक बाल कल्याण परिषद प्रेम शर्मा की विशेष भूमिका रही।