सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

उपायुक्त ने सिरसा, डिंग व रानियां अनाज मंडियों व खरीद केंद्रों का किया दौरा

सिरसा 9 अक्तूबर।

           
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने अनाज मंडियों व खरीद केंद्रों का दौरा करते हुए बाजरा तथा धान की फसलों की आवक, खरीद और उठान आदि का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को मंडियों में सभी आवश्यक व्यवस्थाओं के पुख्ता प्रबंध व फसल की सुचारू रूप से खरीद को लेकर दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने मौके पर उपस्थित किसानों व आढतियों से भी बातचीत कर उनकी समस्याओं की सुनवाई करते हुए मौके पर ही तुरंत समाधान बारे अधिकारियों को निर्देश दिए। इस अवसर पर मार्केट कमेटी सचिव विकास सेतिया, डीएमईटो चरणजीत व मनोज दहिया भी मौजूद थे।

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  उपायुक्त ने मौके पर मौजूद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि किसानों की फसल को मंडियों में प्राथमिकता के साथ खरीदा जाएगा। उनकी फसलों को बेचने में कहीं भी किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं आनी दी जाएगी। किसानों को फसल बेचने के लिए मंडियों में तमाम आवश्यक सुविधाओं व व्यवस्थाएं लागू की गई हैं। उन्होंने कहा कि सभी मंडियों में पीने के पानी, साफ-सफाई, शौचालय आदि के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि शौचालयों की सफाई व्यवस्था दुरूस्त रहे इसके लिए दिन में समय-समय पर इनकी साफ-सफाई करवाई जाए ताकि किसानों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो।


पत्रकारों द्वारा किसानों को समय शलॉट को लेकर आ रही दिक्कत के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि पोर्टल पर समय शलॉट में चेंज के लिए ऑप्शन दिया गया है। कई किसानों ने गलत समय शलॉट डाल दिया है। इस समस्या के समाधान के लिए पोर्टल पर समय चेंज का ऑप्शन दिया गया है। किसान इसमें अपना समय शलॉट चेंज कर सकते हंै। इसके अलावा जो भी पोर्टल संबंधी अन्य कोई भी दिक्कत होगी, उसे तुरंत प्रभाव से दूर करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी फसल बेचने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। मंडियों व खरीद केंद्रों पर सभी आवश्यक सुविधाओं के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की हिदायत अनुसार धान की फसल निर्धारित समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है और उठान कार्य भी समयबद्ध रूप से किया जा रहा है।

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उपायुक्त ने मंडी में निरीक्षण के दौरान बाजरा व धान की फसलों में नमी की जांच करते हुए संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नमी मापते समय संबंधित किसान की पूर्ण संतुष्टि की जाए ताकि किसान को किसी प्रकार की शिकायत न रहे। उन्होंने निर्देश दिए कि किसानों को किसी प्रकार की समस्या नहीं होने दें। किसानों को उनकी फसलों की बिक्री में पूर्ण सहयोग व सुविधा प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि आवक के तुरंत बाद खरीद होनी चाहिए। किसान अपने शेड्यूल के अनुसार ही मंडियों में फसल लेकर आएं।


उन्होंने किसानों से अपील की कि मंडी में फसल लेकर आते समय यह ध्यान रखें कि फसल सुखी हो, ताकि मंडी में फसल बेचते समय किसी प्रकार की परेशानी ना हो। उन्होंने बताया कि दिए गए समय अनुसार ही किसान मंडी में अपनी फसल लेकर आएं, ताकि सामाजिक दूरी बनी रहे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभ मंडियों में कोविड-19 के संरक्षण के लिए सभी प्रकार के इंतजामों की सुचारू रूप से व्यवस्था की गई है। मंडी में सामाजिक दूरी और मास्क पहनना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने मंडी में आने वाले किसानों व अन्य लोगों से भी अपील की कि वे भी मंडी में मॉस्क व सामाजिक दूरी के नियमों को आवश्यक रूप से पालन करें।


उन्होंने किसानों व आढतियों से भी बातचीत करते हुए कहा कि सुनियोजित ढंग से मंडियों में फसलों की खरीद की व्यवस्था की गई है। आवक के साथ उठान व पेमेंट आदि की बेहतरीन व्यवस्थाएं की गई हैं। किसानों व आढतियों द्वारा उनके समक्ष रखी समस्याओं के समाधान के लिए उपायुक्त ने मौके पर ही अधिकारियों को समाधान के निर्देश जारी किए।


मंडी में एसोसिएशन आढतियान की जल सेवा की उपायुक्त ने की सराहना :


अनाज मंढी सिरसा में दि एसोसिएशन आढतियान की ओर से जल सेवा लगाई है। जल सेवा का उद्ेश्य मंडी में आने वाले किसानों व अन्य काम करने वाले लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाना है। उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने शुक्रवार को अपने अनाज मंडी निरीक्षण दौरे के दौरान इस जल सेवा के लिए दि एसोसिएशन के पदाधिकारियों की सराहना की। इस अवसर पर एसोसिएशन के प्रधान हरदीप सरकारिया, उप प्रधान सुधीर ललित, कीर्ति गर्ग, विनोद खत्री व अमर सिंह भाटीवाल, महासचिव कश्मीर कंबोज व कोषाध्यक्ष रविंद्र बजाज उपस्थित थे।

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गांव कंगनपुर में रैली निकाल ग्रामीणों को दिया स्वच्छता का संदेश

सिरसा, 09 अक्तूबर।


              जल स्वच्छता सहायक संगठन एव जनस्वास्थ्य विभाग ने संयुक्त रुप से ग्राम पंचायत के सहयोग से गांव कंगनपुर में रैली निकाल कर ग्रामीणों को स्वच्छता का संदेश दिया। विभाग द्वारा उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण के दिशा निर्देश में जिला के ग्रामीण व शहरी ईलाकों में स्वच्छता पखवाड़े के तहत प्रतिदिन सफाई अभियान चलाए जा रहे हैं। अभियान के तहत जिला में 17 अक्तूबर तक स्वच्छता पखवाड़े के दौरान सभी वार्डों, मुख्य बाजारों, चौक चौराहों पर स्वच्छता गतिविधियों लगातार चलाई जाएंगी।

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              गांव कंगनुपर में स्वच्छता रैली का शुभारंभ गांव की सरपंच सुखजिंदर कौर ने किया। इस अवसर पर सरपंच प्रतिनिधि गुरविंदर सिंह, जिला सलाहकार राकेश सोगलान, खंड संसाधन संयोजक राजेश कुमार, पंच, नंबरदार, आंगनवाड़ी वर्कर व सक्षम भी उपस्थित थे।


              सरपंच सुखजिंदर कौर ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वच्छता ही मानव के विकास का आधार है, बिना स्वच्छता के मानव अपने जीवन का विकास नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि हमें स्वच्छता को निरंतर अपने व्यवहार व आदतों में शामिल करके जीवन का हिस्सा बनाना होगा तभी जाकर हम अपने आसपास के क्षेत्र को स्वच्छ व गंदगी मुक्त रखने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि हमें पॉलिथीन के थैलों का प्रयोग करने की बजाय कपड़े या जूट के बने थैलों का प्रयोग करना चाहिए, क्योंकि वे अधिक मजबूत होते हैं और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाते। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक को जलाना नहीं चाहिए और ना ही मिट्टी में दबाना चाहिए क्योंकि प्लास्टिक जलाने से भिन्न प्रकार की जहरीली गैसें निकलती है जिससे कैंसर जैसी भयंकर रोगों का खतरा बढ़ जाता है और प्लास्टिक को मिट्टी में दबाने से हमारी भूमि की उपजाऊ शक्ति नष्ट हो जाती है।

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              स्वच्छता रैली से पूर्व ग्राम सचिवालय में जल एवं सीवरेज समिति का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में खंड संसाधन संयोजक डॉ बलदेव राज ने कहा कि जिस ग्रामीण परिवार में पीने के पानी की सुविधा नहीं है, उस परिवार को जल जीवन मिशन के तहत नियमित आधार पर पर्याप्त मात्रा में निर्धारित गुणवत्ता वाला पेयजल, नल के माध्यम से उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में 2022 तक यह कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है इसलिए जल एवं सीवरेज समिति को सक्षम बनना होगा ताकि जनभागीदारी बढ़ाकर गांवों में पीने के पानी से संबंधित समस्या न रहे।


             प्रशिक्षण दौरान खंड संसाधन संयोजक हरी सिंह भिंढासरा ने बताया कि जल जीवन मिशन का संबंध केवल पानी के बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के विषय से ही नहीं है बल्कि इसमें भिन्न-भिन्न हित धारकों का क्षमता संवर्धन भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण जल सीवरेज समिति की जिम्मेदारी और उत्तरदायी नेतृत्व की क्षमता को प्रशिक्षण के माध्यम से बढ़ाया जाएगा ताकि पंचायत अपने स्तर पर पानी संबंधी सारी योजनाओं का संचालन कर सके।

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बाल कल्याण परिषद् की आनॅलाइन प्रतियोगिताएं 10 अक्तूबर से

सिरसा, 09 अक्तूबर।


                हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद् द्वारा कोविड-19 महामारी के चलने राज्यस्तरीय बाल महोत्सव का आयोजन ऑनलाइन करवाया जा रहा है। ऑनलाइन प्रतियोगिताओं के सफल आयोजन को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

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                जिला बाल कल्याण अधिकारी पूनम नागपाल ने बताया कि इन प्रतियोगिताओं के लिए चार समूह बनाये गये हैं। पहला समूंह 3 से 5 वर्ष तक के बच्चों के लिए बनाया गया है। दूसरा समूह 5 से 10 वर्ष तक के बच्चों के लिए, तीसरा समूह 10 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए तथा चौथा समूह 14 से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए बनाया गया है। उन्होंने बताया कि बच्चे कुल 23 प्रकार की प्रतियोगिताओं में भाग ले सकते हैं। इन प्रतियोगिताओं के माध्यम से जैसे एकल नृत्य क्लासिकल, एकल नृत्य फिल्मी, एकल नृत्य फोक, ग्रुप नृत्य क्लासिकल, ग्रुप नृत्य फिल्मी, ग्रुप नृत्य फोक, फैन्सी ड्रैस, श्रेष्ठ ड्रामेबाज, कार्ड मेकिंग, दीया/मोमबत्ती की सजाबट, स्कैच, पोस्टर मेकिंग, देशभक्ति ग्रुप गीत, निबंध, डैक्लामेशन, एकल गीत, देश भक्ति एकल गीत, क्लश सजाबट, रंगोली, फेस पेंटिंग, फोटोग्राफी तथा बेबी शो में बच्चे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।

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                उन्होंने बताया कि जिला सिरसा इन प्रतियोगिताओं के सफल आयोजन के लिए शिक्षा विभाग, सभी सरपंचों तथा युवा क्लबों, संस्था के आजीवन सदस्यों, सभी सरकारी, गैर सरकारी स्कूलों तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग का सहयोग लिया जाएगा। उन्होने बताया कि जो बच्चे इन प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे के इच्छुक है वे 10 से 20 अक्तूबर तक विभाग की वैबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडॉटचाइल्डवेलफेयरहरियाणाडॉटकॉम (http://www.childwelfareharyana.com/balmahosav) पर जाकर रजिस्ट्रेशन करके अपनी वीडियो या फोटो अपलोड कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए प्रतियोगिता में भाग लेने के इच्छुक प्रतिभागी जिला बाल कल्याण परिषद सिरसा कार्यालय या पवन कुमार (9034446322), भूषण कुमार (9466615551), अंशु (7015574839), बहादुर सिसोदिया (8950606105), जिला बाल कल्याण अधिकारी पुनम नागपाल (9996352382) से संपर्क कर सकते हैं।

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‘नशा एक अभिशापÓ फिल्म दिखा कर किया ग्रामीणों को जागरुक

सिरसा, 09 अक्तूबर।


                उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण के दिशा निर्देशानुसार जिला सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग द्वारा जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में नशा मुक्त भारत अभियान के तहत गीतों व भजनों के माध्यम से लोगों को नशा न करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। विभाग की सिनेमा यूनिट द्वारा नशा आधारित लघु फिल्में दिखा कर लोगों को नशा करने के कारण जीवन पर पडऩे वाले प्रभावों व इससे कैसे बाहर निकला जाए, के बारे में अवगत करवाया जा रहा है।

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                इसी कड़ी में विभागीय भजन पाटियों व सिनेमा यूनिट द्वारा जिला के गांव मुन्नांवाली में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ग्रामीणों व युवाओं को ‘नशा एक अभिशापÓ फिल्म दिखा कर नशे से परिवार, समाज व देश पर पडऩे वाले दुष्प्रभावों के बारे में बताया गया। इस अवसर पर जुगती राम एंड पार्टी ने नशा पर आधारित गीतों व भजनों के माध्यम से लोगों को जागरुक किया। प्रचार मंडली द्वारा लोगों को बताया जा रहा है कि नशा किस प्रकार परिवार को बर्बादी के कगार पर ले जाता है। इसके अलावा भजन पार्टियों द्वारा प्रचार के दौरान लोगों को अपील की जा रही है कि जिस भी व्यक्ति के आस पड़ोस में कोई नशे का शिकार है तो उसे नशा छोडऩे के लिए प्रेरित करें और नशा छुड़वाने के लिए उसे नशा मुक्ति केंद्रों में जाने में सहयोग करें ताकि उनका इलाज करके समाज की मुख्य धारा में लाया जा सके। आमजन को स्थानीय नागरिक अस्पताल सिरसा व कालांवाली नशा मुक्ति केंद्रों बारे भी जानकारी दी जा रही है। लोगों को बताया जा रहा है कि यदि आपके आस पड़ोस में कोई भी व्यक्ति नशे की बिक्री करता है तो उसकी सूचना पुलिस प्रशासन के हैल्पलाइन नंबर 88140-11620, 88140-11626 व 88140-11675 अथवा जिला प्रशासन के नंबर 01666-248890 पर दें, सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा।

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नशा त्याग कर देश हित में सकारात्मक योगदान दें युवा : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण

                उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने बताया कि नशा मुक्त भारत अभियान का उद्देश्य देश को नशा मुक्त बनाना है ताकि हर नागरिक स्वस्थ रहते हुए देशहित में अपना सकारात्मक योगदान दें। जिला सिरसा में इस अभियान के तहत प्रतिदिन विभिन्न जागरुकता कार्यक्रमों के माध्यम से आमजन को नशे से होने वाले नुकसान के बारे में अवगत करवाया जा रहा है। इस अभियान में जिला प्रशासन के साथ-साथ युवा क्लबों व स्वयं सेवी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने जिलावासियों से कहा है कि वे इस पुण्ति कार्य में हर जिलावासी अपना अमूल्य योगदान दें क्योंकि नशा एक ऐसा जहर है जिससे एक व्यक्ति ही नहीं बल्कि पूरा परिवार तबाह हो जाता है। इस मुहिम में महिलाएं व युवा भी आगे आएं और घर-घर जाकर जिला को नशा मुक्त बनाने की अलख जगाएं।

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PU Results

Chandigarh October 8, 2020

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It is for the information of the general public and students of Panjab University Teaching Departments/Colleges in particular that result of the following examinations have been declared:-

1.      Bachelor of Business Administration-6th Semester,September-2020

2.      B.Sc(Bio-Informatics)-6th Semester,September-2020

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The students are advised to see their result in their respective Departments/Colleges /University website.

सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

हरियाणा के वन एवं वन्यप्राणी मंत्री श्री कंवरपाल ने लोगों से आह्वड्ढन किया है कि वे प्रकृति को परमात्मा मानकर दिन प्रतिदिन लुप्त हो रही पेड़ पौधों की प्रजातियों तथा वन्यप्राणियों के सरंक्षण एवं संवर्धन के लिए आगे आएं।

पंचकूला 8 अक्टूबर- हरियाणा के वन एवं वन्यप्राणी मंत्री श्री कंवरपाल ने लोगों से आह्वड्ढन किया है कि वे प्रकृति को परमात्मा मानकर दिन प्रतिदिन लुप्त हो रही पेड़ पौधों की प्रजातियों तथा वन्यप्राणियों के सरंक्षण एवं संवर्धन के लिए आगे आएं। मनुष्य की भौतिक विकास की इच्छा शक्ति भी वनों के अधीन क्षेत्र घटने का एक प्रमुख कारण है। इससे एक ओर पर्यावरण पर प्रतिकूल असर तो पड़ता ही है तो वहीं दूसरी ओर वन्य प्राणियों की संख्या भी दिन-प्रतिदिन घटती है।

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श्री कंवरपाल आज वन्य एवं वन्यप्राणियों द्वारा दो से आठ अक्तूबर तक आयोजित वन्यप्राणी सप्ताह के समापन अवसर पर यहां निकट पंचकूला के बीड़ शिकारगाह वन्यजीव अभयारण्य के अंतर्गत जोधपुर गांव में बाम्बे नैचुरल हिस्ट्री सोसाईटी के सहयोग से स्थापित गिद्ध सरंक्षण प्रजनन केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।


उन्होंने कहा कि इसका ताजा उदाहरण हमें उस समय कोविड-19 के लॉकडाउन के दौरान साक्षात देखने को मिला जब नदियों का पानी स्वच्छ हुआ और पर्यावरण प्रदूषण ना के बराबर रहा तथा ऐसी-ऐसी पहाडियां व पक्षी देखने को मिले जो पर्यावरण प्रदूषण की आड़ में छिपे हुए थे।

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वन मंत्री ने कहा कि प्रकृति की उत्पत्ति के समय वन्यप्राणियों की रचना का भी एक वैज्ञानिक कारण रहा है। गिद्ध व जटायु को मृत्त मवेशियों व पशुओं के शरीर को खाने के कारण इन्हें स्वच्छता का दूत कहा जाता है, परंतु 1990 के बाद से भारत में इनकी प्रजाति प्रायरू-प्रायरू लुप्त हो गई, जिसके कारण इनके पुनरू अस्तित्व में लाने के लिए सरंक्षण एवं प्रजनन केंद्र खोलने की आवश्यकता महसूस हुई।


उन्होंने कहा कि लोगों में प्रकृति एवं पर्यावरण के सरंक्षण के लिए वनों एवं वन्यप्राणियों को बचाए रखने के लिए जागरूकता जरूरी है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष भारत व पूरे विश्व में वन महोत्सव, वन्य प्राणी सप्ताह तथा पर्यावरण दिवस के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ताकि इनके महत्व का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार हो।
श्री कंवरपाल ने बाम्बे नैचुरल हिस्ट्री सोसाईटी के वैज्ञानिक डॉ. विभू प्रकाश व उनकी टीम को बधाई दी जिन्होंने हरियाणा के इस गिद्ध सरंक्षण प्रजनन केंद्र को एशिया का नंबर एक केंद्र बनाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी प्राकृतिक संपदाओं के सरंक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने की पहल की है, चाहे वह देश के वनों की बात हो, झीलों की बात हो, नदियों की बात हो या वन्यप्राणियों की बात हो।


उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल भी राज्य के विकास के साथ-साथ पर्यावरण सरंक्षण के प्रति गंभीर हैं। नवंबर, 2015 में इसी गिद्ध सरंक्षण प्रजनन केंद्र में 8 गिद्धों को प्री-रिलीस अवेरी में छोड़ा था और आज लगभग 5 वर्षों बाद उन्हीं 8 गिद्धों को एशिया के पहले जिप्सवल्चर रिइंट्रोडक्शन प्रोग्राम के तहत रिहा कर प्राकृतिक वन्य जीव पर्यावरण में छोड़ा जा रहा है। इसके लिए वन विभाग व डॉ. विभू प्रकाश की पूरी टीम के साथ-साथ स्थानीय लोग भी बधाई के पात्र हैं जिनके सहयोग से हम इस मुकाम तक पहुंचे हैं।


मुख्य वन्यप्राणी वार्डन, हरियाणा श्री आलोक वर्मा ने अपने स्वागतीय भाषण में कहा कि 5 एकड़ में स्थापित यह जटायु सरंक्षण एवं प्रजनन केंद्र देश के अन्य 8 ऐसे केंद्रों में से सर्वश्रेष्ठ है तथा यह सबके लिए मार्गदर्शन है। इसके अलावा सुल्तानपुर व कलेसर 2 प्राकृतिक पार्क, 7 वन्यप्राणी अभयारण्य, 5 लघु चिडियाघर, हाथी पुनर्वास बनसंतोर, मगरमच्छ सरंक्षण केंद्र, भौरसंयदा, कुरुक्षेत्र जहां पर वन्यप्राणियों के सरंक्षण एवं संवर्धन के कार्यक्रम चलाए जाते हैं।


बाम्बे नैचुरल हिस्ट्री सोसायटी के वैज्ञानिक डॉ. विभू प्रकाश ने इस केंद्र में चलाइ जा रही गतिविधियों पर विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने कहा कि 2001 में गिद्धों के सरंक्षण के लिए कार्यक्रम की शुरूआत की गई थी और अध्ययन किए गए थे कि गिद्धों की प्रजाति विलुप्त होने का क्या कारण है और अध्ययन के निष्कर्ष में पाया कि पशुओं के लिए प्रतिबंधित डाइक्लोफिनेक दवाई का उपयोग है, पशुओं के दर्द और सूजन में इस दवाई का टीका दिया जाता है और टीका देने के बाद किसी कारणवश 72 घण्टे के अंदर मवेशी की मृत्यु हो जाती है तो मवेशी के शव में मौजूद डाइक्लोफिनेक के अवशेष गिद्धों में चले जाते हैं और उसके बाद गुर्दे खराब होने कर वजह से गिद्ध की मृत्यु हो जाती है। उन्होंने बताया कि हरियाणा के इस केंद्र में गिद्धों की संख्या 370 है, जिनमें से 300 से अधिक पक्षी यहीं पिंजौर में पैदा हुए हैं।


प्रधान मुख्य वन सरंक्षण डॉ. अमरिंदर कौर ने भी समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर वन मंत्री ने केंद्र परिसर में लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया और त्रिवेणी का पौधारोपण किया। इसके अलावा उन्होंने केंद्र में नई गिद्ध पक्षीशाला का उद्घाटन किया और इसमें गिद्धों को छोड़ा।


वन मंत्री ने वन्यप्राणी सुरक्षा सप्ताह के दौरान आयोजित की गई ईक्को प्रश्नोत्तरी तथा पेंटिंग प्रतियोगिता के विजेताओं तथा विभाग के उत्कृष्टड्ढ प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को सम्मानित भी किया। ईक्को प्रतियोगिता में कुमारी तनवी को प्रथम, तुषार को द्वितीय तथा सुनिल को तृतीय तथा पेंटिंग में कुसाग्र को प्रथम, इशांत तंवर को द्वितीय तथा कुमारी तनवी को तृतीय पुरस्कार दिया गया। इसी प्रकार लघु चिडियाघर, पिपली के डॉ. अशोक खासा, रेवाड़ी के उपनिरीक्षक देवेंद्र सिंह वन्यप्राणी गार्ड, कुलदीप सिंह, जितेंद्र दलाल, सुल्तानपुर लेक के पंप ऑपरेटर सुरेश तथा पिपली लघु चिडियाघर के सेवादार सुंदर को भी सम्मानित किया।

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Commissioner Administers awareness of Covid-19 pledge

Chandigarh, October 8:- Sh. K.K. Yadav, IAS, Commissioner, Municipal Corporation Chandigarh administered awareness of Covid-19 pledge alongwith all the officers and officials of MCC on the launch of Jan Andolan for Covid-19.

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All the employees pledged that they commit to be vigilant and bear in mind at all times, the risk to themselves and their colleagues from Covid-19. They assured to take all necessary precautions that prevent the spread of this deadly virus and promise to follow and encourage others to follow the key Covid appropriate behaviors viz. wearing a face mask, maintaining a minimum distance of 6 feet from others and washing hands frequently with soap and water.

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Governor launches OBPAS for citizens of Chandigarh

Chandigarh, October 8:- Sh. V. P. Singh Badnore, Governor of Punjab and Administrator, U.T. Chandigarh today launched the Online Building Plan Approval System (OBPAS) for the citizens of Chandigarh. Sh. Manoj Kumar Parida, IAS, Adviser to the Administrator, UT, Chandigarh and Sh. K.K. Yadav, IAS, Commissioner, MCC were also present during the launch at Rajbhawan.

While sharing information about the system, Sh. K.K. Yadav, IAS, Commissioner briefed that with reference to the project “Implementation of E Governance Services in Chandigarh”, there are 29 Municipal services out of which 15 are citizen centric and 14 are related to MCC for smooth working of MCC. Important citizen related services includes Online Building Plan Approval System (OBPAS), Online Grievance Complaint Services, Water Supply and Sewerage Connections, Booking of Banquet Hall/Community Centers, Property tax etc. Main Internal Services includes Financial Management, Works Management, Apni Mandy& Day Market Branch etc.

He said that the main objectives of this project are to facilitate the citizens by providing online delivery of services, to minimize manual intervention, faster application submission, tracking, monitoring, 24×7 access to online citizen services, timely resolution of issues, increased transparency.

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He said that the implementing agency PricewaterhouseCoopers (PwC) Private Limited started the work on this project 16.10.2019 and till date 7 Services have already been Go Live which includes Online Grievance Complaint Services, Financial Management System, Sports and Cultural Branch, Public Relation, Agenda, Legal Case Management& Apni Mandy and Day Market. One of the major Service is Online Building Plan Approval System (OBPAS), which has been launched today.

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He further said that the Government of India has embarked upon an ambitious journey to implement the Online Building Plan Approval System (OBPAS) to enable citizen services in all the Urban Local Bodies (ULBs) across India. This has been identified as one of the key reforms’ agenda under the government missions like AMRUT with focus on improving the ‘Ease of doing Business’. The Chandigarh Smart City limited CSCL as part of Smart city mission endeavors to improve the ease of doing business and enhance citizen services by Online Building Plan Approval System (OBPAS).With the launch of OBPAS, Citizens have the following facilities available online:

·        Submission of Building Plan Application along with required documents online

·        No need to stand on queues in government offices.

·        Online scrutiny of building plan as per the Chandigarh Building Rules

·        SMS & Email Notifications to citizens related to their application status.

·        No human intervention.

·        Auto Calculation of Fee for Building Plan

·        Citizens shall be able to submit fee online

·        Timely Approval of the building plan drawing

·        Entire process is transparent with well-defined roles of each department/employee.

·        24 X 7 Help Desk (0172-2787200) Shall be available for support of citizen / Architect.

·        Registration form will be provided to the architects on MCC and CSCL web portal (http://mcchandigarh.gov.in&https://www.chandigarhsmartcity.in). Registration form shall be approved by the Department of URBAN PLANNING (Architecture Wing). Username and password will be shared with the Architects through Email.

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फसल अवशेष प्रबंधन में बेहतर प्रदर्शन करने वाली पंचायतें राज्य स्तर पर होंगी पुरस्कृत : उपायुक्त

सिरसा, 8 अक्तूबर।


उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने कहा कि जो पंचायत फसल अवशेष प्रबंधन की दिशा में बेहतर प्रदर्शन करेंगी, उन पंचायतों को राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। इनमें प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान वाली पंचायतें पुरस्कृत होंगी। अधिकारी जीरो बर्निंग के संकल्प के साथ इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में तालमेल के साथ कार्य करें।
उपायुक्त वीरवार को लघुसचिवालय के 63 नंबर कमरा में पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्ण रोक को लेकर अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे रहे थे। बैठक में एसडीएम सिरसा जयवीर यादव, एसडीएम कालांवाली निर्मल नागर, एसडीएम डबवाली अश्वनी कुमार, डीडीए बाबू लाल, सहायक कृषि अभियंता डीएस यादव सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।


उपायुक्त ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं को लेकर सर्वोच्च न्यायालय पूरी तरह से सख्त है। इस दिशा में प्रदेश सरकार भी गंभीरता के साथ कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार ने जीरो बर्निंग के संकल्प के साथ इस दिशा में कार्य करने बारे दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसलिए अधिकारी पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के कार्य को प्राथमिकता से लेंं। इस कार्य में लापरवाही व कोताही बरतने वाले अधिकारी के खिलाफ नियमनुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को पराली न जलाने बारे जागरूक करें और फसल अवशेष प्रबंधन कृषि उपकरणों के इस्तेमाल के लिए प्रेरित करें। प्रदेश सरकार ने ऐसी पंचायतें जो फसल अवशेषों को जलाने की बजाए उनके बेहतर प्रबंधन में अच्छा प्रदर्शन करेगीं, उन्हें जिला व राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। इसलिए ग्राम पंचायतें कृषि एवं कल्याण विभाग की ओर से फसल अवशेष प्रबंधन के उपकरणों के अधिक से अधिक इस्तेमाल बारे लोगों को प्रेरित करें।


पराली जलाने की घटना पर सेटेलाइट से होगी निगरानी :


उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने अधिकारियों से कहा कि पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्ण अंकुश व निगरानी के उद्ेश्य के लिए हरसेक द्वारा सेटेलाइट द्वारा पराली जलाने की घटना की इमेज लेकर संबंधित अधिकारी को मैसेज भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों के पास मेसेज जाऐगा उनमें डीसी, एसडीएम, तहसीलदार/नायब तहसीलदार, डीडीए, ग्राम सचिव व सरपंच शामिल हैं। जैसे ही संबंधित अधिकारी के पास मैसेज पहुंचेगा, ग्राम स्तर पर गठित कमेटी मौके पर जाकर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करेगी। कमेटी मौके की वस्तु स्थिति की फोटो लेना भी सुनिश्चित करेगी।  उन्होंने कहा कि यह मैसेज हरसेक द्वारा दिन में दो बार प्रात: 3 बजे व सायं 3 बजे अधिकारी के फोन पर आएगा।

फसल अवशेष प्रबंधन कृषि उपकरणों की उपयोगिता करें सुनिश्चित :


उपायुक्त ने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जिला में फसल अवशेष प्रबंधन कृषि उपकरणों का शतप्रतिशत उपयोग हो रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि किसानों को जागरूक किया जाए कि इन कृषि उपकरणों से न केवल अवशेष प्रबंधन होता है, बल्कि भूमि की ऊपजाऊ शक्ति भी बढती है। गांव में कस्टम हायरिंग सैंटर 80 प्रतिशत कृषि उपकरण लघु व सीमांत किसानों को उपलब्ध करवाएं, ताकि ऐसे किसानों के लिए फसल अवशेष प्रबंधन करना सुगम व आसान हो सके। उन्होंने कहा कि किसानों की सुविधा को देखते हुए अनुदान पर प्राप्त कृषि उपकरणों के बिल अपलोड की तिथि को भी बढा दिया गया है। अब 12 अक्तूबर तक बिल अपलोड किए जा सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों को इस कार्य को शतप्रतिशत करवाए जाने के दिशा-निर्देश दिए।


पराली बेल्स भंडारण के लिए गांव में जगह का करें चयन :


उपायुक्त ने संबंधित खंड विकास पंचायत अधिकारियों को कहा कि वे ग्राम पंचायत की दो या तीन एकड़ जगह का चयन करें। चिन्हित जगह पर पराली की बेल्स को एकत्रित किया जाएगा। बीडीपीओ जल्द से जल्द इस संबंध में अपनी रिपोर्ट दें। उन्होंने कहा कि सभी एसडीएम अपने-अपने क्षेत्रों में एक अभियान चलाकर लोगों को पराली न जलाने के लिए जागरूक करें। किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन कृषि उपकरणों की उपयोगिता व इनके इस्तेमाल के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि पराली न जलाने की घटनाओं पर निगरानी व लोगों को जागरूक करने के लिए ग्राम स्तर पर एडीओ, पटवारी व ग्राम सचिव की एक कमेटी गठित की गई है। यह कमेटी गांव में पराली जलाने की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखें और इस संबंध में तुरंत कार्रवाई के लिए तत्पर रहें। इसके अलावा गांव स्तर पर नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं।  

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फसल कटाई के लिए कृषि यंत्रों के उपयोग के लिए किसानों को प्रेरित करें सरपंच : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण

सिरसा, 08 अक्तूबर।


                  उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं वाले संभावित गांवों पर हरसेक (सेटेलाइट) के माध्यम से निगरानी की जा रही है। इसलिए किसान खेतों में फसल के अवशेषों को न जलाएं बल्कि एसएमएस लगी कंबाइन का प्रयोग करें और फसल अवशेषों को मिट्टïी में ही मिलाएं ताकि भूमि की उर्वरा शक्ति भी बढ़े। उन्होंने कहा कि प्राचीन व वैदिक काल में फसल अवशेषों को जलाया नहीं जाता था बल्कि उनका प्रयोग जैविक खाद के रुप में किया जाता था।

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                  उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण वीरवार को वीडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से सरपंचों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान एसडीएम सिरसा जयवीर यादव, एसडीएम कालांवाली निर्मल नागर, एसडीएम डबवाली अश्वनी कुमार, उप निदेशक कृषि डा. बाबूलाल, सहायक कृषि अभियंता डीएस यादव आदि उपस्थित थे।

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                  उपायुक्त बिढ़ाण ने कहा कि सभी सरपंच ग्राम सभा का आयोजन कर ग्रामीणों को पराली न जलाने के बारे में जागरुक करें और पराली जलाने पर प्रशासनिक कार्रवाई के बारे में अवगत करवाएं। इसके अलावा जहां पर पराली की खपत होती है, ऐसे स्थान जैसे फैक्ट्री, पंचायती भूमि तथा गौशाला आदि का चयन किया जाए। उन्होंने सरपंचों को निर्देश दिए कि जिस पंचायत में सीएचसी है, वे ज्यादा से ज्यादा कृषि उपकरणों का उपयोग करें और 80 प्रतिशत छोटे किसानों को कृषि यंत्र आवंटन में प्राथमिकता दें। किसानों द्वारा कृषि उपकरणों के उपयोग की प्रतिदिन रिपोर्ट तैयार कर कृषि विभाग को भेजी जाए ताकि सही जानकारी को पोर्टल पर अपलोड किया जा सके। उन्होंने कहा कि सरपंच गांवों में बैठक कर ग्रामीणों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान की गंभीरता से अवगत करवाएं और पराली जलाने से वातावरण प्रदूषित होने के बारे में बताएं।


                  उपायुक्त ने कहा कि पराली जलाने से न केवल भूमि की उर्वरा शक्ति कम होती है बल्कि उपजाऊ शक्ति बढ़ाने वाले मित्र कीट भी नष्टï हो जाते हैं और धीरे-धीरे भूमि बंजर बन जाती है। इसके अलावा पराली जलाने से श्वास संबंधी अनेक बीमारियां होने का अंदेशा बना रहता है। सरपंच जिला प्रशासन द्वारा पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश के लिए कृषि विभाग द्वारा गठित टीमों का सहयोग करें और ग्रामीणों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि कोई भी किसान अगर पराली जलाता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई व जुर्माना किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करें।


पराली न जलाने का प्रस्ताव पारित कर भिजवाएं सरपंच : उपायुक्त बिढ़ाण


                  उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि सभी सरपंच ग्राम सभाओं की बैठक कर पराली न जलाने का प्रस्ताव पारित करें और प्रस्ताव को शुक्रवार तक उपायुक्त कार्यालय में भिजवाएं। इसके अलावा ग्राम सभा की बैठक में ग्रामीणों को पराली न जलाने की शपथ भी दिलवाएं। उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच व दृढ संकल्प से ही हम जिला में पराली जलाने की घटनाओं पर शत प्रतिशत अंकुश लगा सकते हैं, इसलिए सरपंच अपना दायित्व गंभीरता से निभाएं और ग्रामीणों को पराली न जलाने के लिए जागरुक करें। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान व उसके प्रबंधन के बारे में विस्तार से बताएं।


पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें अधिकारी : उपायुक्त बिढ़ाण


                  उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि किसी भी गांवों में पराली जलाने की घटना न हो, इसके लिए कृषि अधिकारी गांव स्तर पर गठित नोडल अधिकारी से तालमेल स्थापित कर योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें। इसके अलावा सरपंच व ग्राम सचिवों से मिलकर गांवों में जागरुकता कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीणों को पराली न जलाने के बारे में प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि किसान पराली का उपयोग पशुचारे के साथ-साथ अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए भी कर सकता है। जहां पराली का उपयोग बिजली बनाने के लिए किया जाता है वहीं पराली का उपयोग अन्य सामग्री बनाने में भी किया जाता है। कृषि अधिकारी गांवों में जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन कर किसानों एवं महिलाओं को पराली जलाने से होने वाले नुकसान व उसके प्रबंधन की जानकारी दें।