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पायथियन गेम्स के तीसरे दिन रोमांचकारी प्रतियोगिताओं के साथ खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ा

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पंचकूला 14 दिसम्बर – प्रथम राष्ट्रीय सांस्कृतिक पायथियन गेम्स 2024 के तीसरे दिन, इस आयोजन में कई विषयों में जीवंत और विविध प्रतियोगिताएं देखने को मिलीं। प्रतिभागियों ने योग, नृत्य, संगीत, रस्सी कूद, आर्म रेसलिंग, मल्लखंब और कई अन्य गतिविधियों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। प्रत्येक खिलाड़ी ने अपने-अपने वर्ग में प्रतिष्ठित खिताब हासिल करने के लिए लगन और मेहनत करते हुए उल्लेखनीय समर्पण और कौशल का प्रदर्शन किया।

प्रतिभागियों के उत्साह और ऊर्जा ने खेलों की भावना की और बढ़ा दिया, जिससे यह दिन सभी लोगों के लिए यादगार बन गया। प्रतियोगिताओं में आर्म रेसलिंग, बैगाटुर, रस्साकशी, कराटे, ताइक्वांडो, मल्लखंब, मय थाई के साथ-साथ नृत्य और संगीत जैसे 40 कार्यक्रम भी शामिल थे।

परिणाम इस प्रकार हैं:

रोप स्किपिंग
अंडर 19 बॉयज
स्पीड एंड्यूरेंस – 2 मिनट
पहला – वंश, हरियाणा
दूसरा – नितिन कुमार – जम्मू और कश्मीर
तीसरा – ललित, हरियाणा

डबल टच पेयर स्पीड
पहला (टीम ए तेलंगाना) रंगू परवीन कुमार, बोडा प्रकाश चंद्र नाइक, करू दिथ्या, सैय्यद हज़हर
दूसरा (टीम ए दादरा और नगर हवेली) आर्य भट्ट, रुद्र प्रताप, रौनक पटेल, मन्मथ

तीसरा (टीम ए – उत्तर प्रदेश) आयुष, गौरव, आर्यन, अश्विन

रोप स्किपिंग – अंडर 19 बॉयज
वन लेग स्विच
प्रथम – करू दित्या (तेलंगाना)
द्वितीय – जम्मू और कश्मीर से वरदान सिंह
तृतीय – तेलंगाना से बिजली रूपेश

फ्रंट टू फ्रंट
प्रथम (टीम ए – दिल्ली) पंकज, अमित

द्वितीय (टीम ए – हरियाणा) पीयूष, वंश
तृतीय (टीम ए – जम्मू और कश्मीर)
नितिन कुमार, शिवांग कुमार

स्पीड जॉगर
प्रथम (हरियाणा) वंश
द्वितीय (तेलंगाना) सैय्यद हज़हर
तृतीय (तेलंगाना) बीबोडा प्रकाश चंद्र

रोप स्किपिंग – अंडर 19 बॉयज
डबल टच सिंगल फ्रीस्टाइल

प्रथम (टीम बी – दिल्ली) , अनुराग, शौर्यवीर, मयंक
द्वितीय (टीम ए-झारखंड) कंदन कुमार भुइयां, अनुभव, मल्लिकार्जुन

एकल रस्सी जोड़ी फ्रीस्टाइल
प्रथम (टीम ए – दिल्ली) अरुण, यश
दूसरा (टीम ए – तेलंगाना) सी. मनोहर, पी. चरण

फ्री स्टाइल
प्रथम (दिल्ली)- यश
दूसरा (दिल्ली)- मयंक
तीसरा (झारखंड)-मल्लिकार्जुन मिश्र

रस्सी कूदना – 19 वर्ष से कम आयु की लड़कियाँ
गति – सहनशक्ति 2 मिनट
प्रथम (मध्य प्रदेश)- किट्टू सोंधिया
द्वितीय (मध्यप्रदेश)- ऋषिका
तीसरी (उत्तर प्रदेश) – समिता चौरसिया

स्पीड जॉगर
प्रथम (मध्य प्रदेश) – रागिनी चौधरी, दूसरा (तेलंगाना)-विस्लावथ संध्या
तीसरी (दिल्ली)- दिव्या कुमारी

सामने से सामने
प्रथम (टीम ए – जम्मू और कश्मीर)
प्रियांशा डोगरा, आराधना
दूसरा (टीम ए – तेलंगाना)
संध्या, जया लक्ष्मी
तृतीय (टीम बी-मध्य प्रदेश)
सनम खान, विशाखा सोनकर

रस्सी कूदना – 14 वर्ष से कम आयु की लड़कियाँ
डबल टच पेयर स्पीड
प्रथम (टीम ए – मध्य प्रदेश)
किट्टू संध्या, प्रिया अहिरवार, ऋषिका श्रीवास्तव, रागिनी चौधरी

द्वितीय (टीम ए – हरियाणा)
कनिका , युक्ता, यशिका, आराध्या

एसआर रिले और डबल अंडर रिले
प्रथम (टीम ए – मध्य प्रदेश) कंचन गोंड, राजनदिनी चौधरी, पलक डहेरिया, सायमा बानो

एक पैर स्विच
प्रथम (मध्य प्रदेश) – प्रिया अहिरवार
द्वितीय (मध्यप्रदेश)-प्रिया डहेरिया
.तीसरा (जम्मू कश्मीर)- आराध्या

19 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के लिए रस्सी कूदना

डबल पाउच सिंगल फ्रीस्टाइल
प्रथम – टीम बी दिल्ली, भावना, पायल बघेल, गुंजन

दूसरा- टीम ए दिल्ली
यशिका, अहाना. प्रिशा

तीसरा- टीम ए तेलंगाना
भुक्या, विस्लावथ, बिजली जया

फ्री स्टाइल
प्रथम – भावना (दिल्ली)
द्वितीय – यशिका (हरियाणा)
तृतीय – मनन्या चौधरी (दिल्ली)

एकल रस्सी जोड़ी फ्रीस्टाइल
प्रथम – टीम ए (दिल्ली)
दिव्या कुमार
मानन्या चौधरी

मॉडर्न पाइथियन गेम्स के ग्लोबल फाउंडर श्री बिजेंद्र गोयल ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि आपकी कड़ी मेहनत, कौशल और टीम वर्क वाकई उल्लेखनीय और प्रेरणादायक है। साथ ही, हम प्रतियोगिता के दौरान सभी प्रतिभागियों के समर्पण, प्रयास और खेल भावना को पहचानना और उनकी सराहना करना चाहते हैं। इस पल को हमें याद दिलाना चाहिए कि खेल केवल जीतने के बारे में नहीं है, बल्कि खेल के प्रति सम्मान, सौहार्द और साझा प्रेम को बढ़ावा देने के बारे में भी है। विजेताओं और प्रतियोगियों दोनों को, खेल भावना की सच्ची भावना दिखाने और इस आयोजन को सभी के लिए यादगार बनाने के लिए धन्यवाद।

पीसीआई के महासचिव श्री राजेश जोगपाल ने कहा कि याद रखें, सफलता केवल स्कोरबोर्ड से नहीं बल्कि हर अभ्यास, हर मैच और हर पल में आपके रवैये से परिभाषित होती है। अपना ध्यान, अपना दिल और अपनी टीम भावना को साथ लेकर चलें। एक-दूसरे के लिए खेलें, एक-दूसरे को प्रेरित करें और एक-दूसरे को आगे बढ़ाएँ। आपने जो प्रगति की है, उस पर गर्व करें, लेकिन और अधिक पाने के लिए भूखे रहें। हर बाधा वापसी के लिए एक तैयारी है, और हर वह क्षण जब आप दृढ़ता का चुनाव करते हैं, वह क्षण आपकी विरासत का निर्माण करता है।

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चौथे चरण की राज्य स्तरीय जिलावर कला कार्यशाला हुई संपन्न

कला शिक्षक ने मिट्टी के द्वारा मानव आकृति को किया पेश

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पंचकूला, 14 दिसंबर – निर्जीव को सजीव दिखाने की कला ही सृजनात्मकता कहलाती है। और अगर उसमें कलाकार अपनी सोच , अपने भाव मिला देता है तो वह कला देखने वाले के लिए एक अलग ही अनुभूति होती है। ऐसी ही सुंदर कलाकृतियां व पेंटिंग्स का समावेश देखने को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सेक्टर 6 पंचकूला में आयोजित की जा रही राज्य स्तरीय जिलावार कला कार्यशाला में मिल रहा है ।

हरियाणा मौलिक शिक्षा विभाग के निदेशक एसएस ढिल्लों व अतिरिक्त निदेशक अमृता सिंह के मार्गदर्शन में चल रही राज्य स्तरीय जिलावार कला कार्यशाला का चौथा चरण आज संपन्न हो गया।

चौथे चरण के अंतिम दिन मास्टर ट्रेनर दीपा ने लिप्पन कला के बारे में विस्तार से जानकारी दी । उन्होंने बताया कि गुजरात की यह कला धीरे-धीरे पूरे देश के ग्रामीण अंचल में अधिक प्रसिद्ध हुई और बाद में इस कला ने आज नवीनतम रूप ले लिया है जिससे आज भी लोग अपने घरों की सजावट करते हैं।

कुरुक्षेत्र राजकीय माध्यमिक विद्यालय समस्तीपुर में हाल ही में
नवनियुक्त अध्यापिका डॉ रजनी ने बताया कि उन्होंने फाइन आर्ट्स में पीएचडी की है । लेकिन इस कार्यशाला में आने के पश्चात उन विधाओं की भी जानकारी उन्हें प्राप्त हुई है जिसका ज्ञान उन्हें अपनी पढ़ाई के दौरान नहीं प्राप्त हुआ था।

उन्होंने पहली बार लिप्पन कला को सीखा व समझा है। उन्होंने मांग की कि आने वाले समय में इस कार्यशाला की अवधि को बढ़ाया जाना चाहिए। अजीत सिंह कला अध्यापक राजकीय माध्यमिक विद्यालय संगोर, बाबैन, कुरुक्षेत्र ने बताया कि वे पिछले 17 साल से कला अध्यापक के तौर पर कार्यरत हैं। लेकिन पहली बार शिक्षा विभाग द्वारा इस तरह की कार्यशाला लगाई गई है। इस कार्यशाला में भाग लेने के बाद अब ऐसा प्रतीत होता है कि इस तरह की कार्यशाला का आयोजन प्रतिवर्ष होना चाहिए। इस तरह की कार्यशाला से अध्यापकों की दबी हुई सृजनात्मकता को नए पंख लगते हैं।
मिट्टी की कलाकृतियां बनाने की सिखलाई मास्टर ट्रेनर कंवलजीत द्वारा दी गई इस बार कुरुक्षेत्र के राजकीय मॉडल संस्कृत वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय थानेसर से आए कला अध्यापक गोपाल ने मानव चित्र को मिट्टी के द्वारा बनाया है । जिसे देखकर ऐसे लगता है कि यह निर्जीव मूर्ति मानो संजीव ही प्रतीत हो रही है। उन्होंने बताया कि जब भी कोई काम करें तो पूरे भाव और मन को एकाग्र करके करना पड़ता है, तभी इस प्रकार के चित्र बन पाते हैं।

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हरियाणा के 22 जिलों और 34 उप-मंडलों में चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन

न्यायिक मामलों के लिए 165 बेंचों का किया गठन

4,25,000 मामले को आपसी सहमति से निपटाने के लिए लोक अदालत पीठों में भेजा

अदालतों में 3,50,000 लंबित मामलों का निपटारा किया गया

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पंचकूला 14 दिसंबर – राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान एवं कार्यकारी अध्यक्ष भूषण रामकृष्ण गवई, न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक श्री शील नागु, मुख्य न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के समग्र नेतृत्व और अपने कार्यकारी अध्यक्ष अरुण पल्ली न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मार्गदर्शन और सम्मिलित प्रयासों के तहत चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हरियाणा के सभी 22 जिलों और 34 उप-मंडलों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों में किया गया।

इस लोक अदालत में वाद पूर्व प्रकरण और लंबित दोनों न्यायिक मामलों के लिए 165 बेंचों का गठन किया गया। इनमें व्यवहारिक, वैवाहिक, मोटर दुर्घटना दावे, बैंक उगाही, चेक बाउंस, वाहन चालान, समझौता योग्य आपराधिक मामलों आदि सहित विभिन्न श्रेणियों के मामलों की श्रृंखला, जिनमें वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्रों में कार्यरत स्थायी लोक अदालतों (सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं) के 4,25,000 मामले को आपसी सहमति से निपटाने के लिए लोक अदालत पीठों को भेजा गया।

राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित करने का उद्देश्य वादकारियों को अपने विवादों को बिना किसी देरी के सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने के लिए एक मंच प्रदान करना है, जबकि लोक अदालत का फैसला अंतिम होता है और लोक अदालत में समझौता होने पर न्याय शुल्क वापस करने का प्रावधान है।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश-एवं-सदस्य सचिव, सूर्य प्रताप सिंह, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने बताया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में पूर्व-लोक अदालत बैठकें आयोजित थीं, इनमें लगभग 3,50,000 मामलों, वाद पूर्व और अदालत में लंबित दोनों प्रकार के मामलों का निपटारा किया गया।

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जिला न्यायालय पंचकूला और उप-मंडल न्यायालय कालका में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन

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पंचकूला 14 दिसम्बर – मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए),अजय कुमार घनघस ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश वी.पी. सिरोही के मार्गदर्शन में जिला न्यायालय पंचकूला और उप-मंडल न्यायालय कालका में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।

लम्बित मामलों को सौहार्दपूर्ण समझौते के माध्यम से हल करने के उद्देश्य से जिला न्यायालय पंचकूला में छह बेंच और उप-मंडल न्यायालय कालका में एक बेंच का गठन किया गया।

श्री वी.पी. सिरोही ने बताया कि बेंचों ने विभिन्न श्रेणियों के मामलों की सुनवाई की, जिनमें सिविल विवाद, आपराधिक समझौता योग्य मामले, पारिवारिक विवाद, ट्रैफिक चालान, परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के तहत चेक बाउंस के मामले और समझौते के लिए अन्य मामले शामिल थे।
वादियों और आम जनता की सुविधा के लिए जिला न्यायालय और उपायुक्त कार्यालय परिसर में हेल्प डेस्क स्थापित किए गए। इन हेल्प डेस्कों पर प्रशिक्षित पैरा लीगल वालंटियर्स (पीएलवी) तैनात थे, जिन्होंने आगंतुकों को लोक अदालत प्रक्रिया के बारे में मार्गदर्शन दिया, उन्हें आवश्यक दस्तावेज तैयार करने में सहायता की और उनके मामलों की स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान की।

इसके अतिरिक्त, ट्रैफिक चालान शाखा और सेक्टर-8, पंचकूला में एसबीआई बैंक शाखा में भी हेल्प डेस्क स्थापित किए गए, ताकि अपने मामलों को हल करने के इच्छुक लोगों के लिए व्यापक पहुंच और सुविधा सुनिश्चित की जा सके।

श्री वी.पी. सिरोही ने वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र को बढ़ावा देने, अदालतों पर बोझ कम करने और विवाद निपटान की लागत प्रभावी, समय बचाने वाली और सामंजस्यपूर्ण विधि प्रदान करने में लोक अदालतों के महत्व पर बल दिया। उन्होंने राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता सुनिश्चित करने में न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं, अदालत के कर्मचारियों और स्वयंसेवकों के समन्वित प्रयासों की सराहना की। लोक अदालत में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे, तथा अनेक मामलों का मौके पर ही सफलतापूर्वक निपटारा किया गया, जिससे वादियों को राहत मिली तथा त्वरित न्याय के लक्ष्य में योगदान मिला।

शमुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अजय कुमार घनघस ने सभी हितधारकों को उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए आभार व्यक्त किया तथा जनता से भविष्य में ऐसे मंचों का लाभ उठाने का आग्रह किया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय सुलभ बनाने तथा शांतिपूर्ण विवाद समाधान की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि की है।

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