स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पंचकूला द्वारा राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस और स्तन कैंसर जागरूकता माह मनाया गया
पंचकूला, 30 नवंबर- स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पंचकूला द्वारा सिविल सर्जन डॉ मुक्ता कुमार की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस और स्तन कैंसर जागरूकता माह मनाया गया।
इस अवसर पर उपसिविल सर्जन डॉ मोनिका कौड़ा भी उपस्थित थी।
इस उपलक्ष में हैफेड कॉर्पोरेट ऑफिस सेक्टर-5 पंचकुला में एक ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की शुरुआत डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम को-ऑर्डिनेटर, डॉ. शिल्पा सिंह ने एक ब्रेस्ट कैंसर सर्वाइवर के अनुभव को साझा करते हुए की।
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. मोनिका कौड़ा ने महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरूक किया और बताया कि स्तन कैंसर महिलाओं में कैंसर से मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। महिलाओं में कैंसर के चार मामलों में से एक स्तन केंसर के लिए जिम्मेदार है। यह भारत में महिलाओं में सभी कैंसर के मामलों में पहले स्थान पर है, जिसकी आयु समायोजित दर 25.8 प्रति एक लाख महिलाओं और मृत्यु दर 12.7 प्रति एक लाख महिलाओं के बराबर है।
उन्होंने बताया कि स्तन कैंसर पुरुषों में भी हो सकता है । गौरतलब है कि हमारे देश में हर चार मिनट में एक महिला को स्तन कैंसर का पता चलता है और हर तेरह मिनट में एक महिला की मौत स्तन कैंसर से होती है। ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े कई मीथ भी दूर किये गए। स्तन स्व-परीक्षण पर जोर देने के साथ जोखिम कारकों और स्तन कैंसर की रोकथाम पर विस्तार से चर्चा की गई।
डॉ मोनिका ने लाइव डेमो के माध्यम से ब्रेस्ट सेल्फ एक्जामिनेशन की प्रक्रिया के साथ ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण और एक महिला खुद की जांच कैसे कर सकती है, के बारे में बताया। शुरुआती जांच से मृत्यु दर के जोखिम को 25-30 प्रतिशत या उससे अधिक तक कम किया जा सकता है क्योंकि शुरुआती जांच से जल्दी पहचान में मदद मिल सकती है। यदि चरण 0 या चरण 1 में स्तन कैंसर का पता लग जाए तो स्तन कैंसर से ठीक होने की दर 100 प्रतिशत के करीब है और यह केवल वक्त रहते जल्दी की गयी स्क्रीनिंग के माध्यम से किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक (एनपीसीडीसीएस) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत स्तन कैंसर की जांच और उसका पता लगाना एक महत्वपूर्ण घटक है। सिविल अस्पताल पंचकूला में कैंसर रोगियों को कीमोथैरेपी सेवाएं निशुल्क प्रदान की जाती हैं। जैसा कि कहा जाता है, ’समय रहते संभलने से बड़ी आफत टलती है’, स्तन कैंसर के मामले में, स्तन स्व-परीक्षा प्रारंभिक अवस्था में स्तन कैंसर का निदान करने का सबसे जल्द, सबसे आसान, सबसे सुविधाजनक और सबसे प्रभावी तरीका है।