*Prime land freed from encroachments in Manimajra by MC Chandigarh*

सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत पंचकूला जिला में उपचारित अपशिष्ट जल का प्रयोग करने के लिये 5 एमएलडी क्षमता के दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट कालका व पिंजौर में लगाये जा रहे है-उपायुक्त

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पंचकूला, 22 जुलाई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज चंडीगढ़ से वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से राज्य के सभी जिला उपायुक्तों के साथ बैठक की तथा जिलों में सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं के प्रभावी क्रियांव्यन तथा परिवार पहचान पत्र कार्यक्रम के तहत इनकम वेरिफिकेशन की प्रगति की समीक्षा की।


बैठक में उपायुक्त श्री विनय प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत पंचकूला जिला में उपचारित अपशिष्ट जल का प्रयोग करने के लिये 5 एमएलडी क्षमता के दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट कालका व पिंजौर में लगाये जा रहे है, जिसके लिये लगभग 8 करोड़ रुपये की राशि कालका में लगने वाले एसटीपी के लिये व 7.25 करोड रुपये की राशि पिंजौर में लगने वाले एसटीपी के लिये स्वीकृत हुई है। उन्होंने बताया कि दोनों एसटीपी को लगाने के लिये टेंडर एक सप्ताह में अलाॅट कर दिये जायेंगे।


उपायुक्त ने बताया कि जिला में कुल 60 हजार एकड़ कृषि योग्य भूमि है, जिसमें से 37 हजार एकड ट्यूब्वैल पर आधारित है तथा 23 हजार एकड बरसाती पानी पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि क्योंकि जिला में भूमिगत जल स्तर बेहतर है इसलिये 100 एकड भूमि को सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं के तहत लिया गया हैं। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं के तहत 17 नये आवेदन प्राप्त हुये हैं। ये सभी आवेदन ट्यूब्वैल आधारित सिंचाई योजनाओं के लिये है, जिसके तहत 50 एकड भूमि का लक्ष्य रखा गया हैं।


उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय सिंचाई समिति के माध्यम से सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जायेगा ताकि जिला में वर्षा के पानी पर निर्भर किसान सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठा सके।  उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय सिंचाई समिति की बैठक 28 जुलाई को आयोजित की जायेगी, जिसमें सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं तथा लिफ्ट सिंचाई योजना के प्रभावी क्रियांवयन पर चर्चा की जायेगी। श्री विनय प्रताप सिंह ने कहा कि जिला में 23 हजार एकड़ भूमि पर सिंचाई नहीं की जाती, जिसमें से अधिकतम क्षेत्र पिंजौर का है। उन्होंने कहा कि मोरनी क्षेत्र के लिये एक योजना बनाई जायेगी, जिसके तहत बरसाती पानी का संग्रहण कर सूक्ष्म सिंचाई के माध्यम से खेती में प्रयोग किया जा सकेगा।

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बैठक में श्री विनय प्रताप सिंह ने अवगत करवाया कि जिला परिवार पहचान पत्र के तहत इनकम वैरिफिकेशन का 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है तथा 30 प्रतिशत काम आगामी एक सप्ताह में पूरा कर लिया जायेगा।


बैठक के उपरांत श्री विनय प्रताप सिंह ने सूक्ष्म सिंचाई और कमांड क्षेत्र विकास प्राधिकरण (मिकांडा), सिंचाई व कृषि विभाग के संबंधित अधिकारी को निर्देश दिये कि वे जिला में 100 एकड भूमि पर स्थापित सूक्ष्म सिंचाई संयत्रों का सर्वें करें तथा अपनी रिपोर्ट 28 जुलाई को आयोजित होने वाली जिला स्तरीय सिंचाई समिति की बैठक में प्रस्तुत करें।


इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा, सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता अनुराग गोयल, डीआईओ सतपाल शर्मा व अन्य विभागों के संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।