शहरी क्षेत्र में छोटे व्यापारियों को रियायती दर पर मिलेंगे बूथ – मनोहर लाल
मुख्यमंत्री व्यापारी क्षतिपूर्ति बीमा योजना लागू
राज्य की सभी रेहड़ी मार्केट होगी पक्की – मुख्यमंत्री
पंचकूला, 30 सितंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने घोषणा की है कि छोटे व्यापारियों के नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री व्यापारी क्षतिपूर्ति बीमा योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत व्यापारियों को सामान्य बीमा दर पर आग, बाढ़ आदि से हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी ।
मुख्यमंत्री आज पंचकुला के सेक्टर-9 में छोटे व्यापारी रेहड़ी बाजार पुनर्वास योजना का शुभारंभ करने के बाद आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने अंत्योदय मार्केट का भी शिलान्यास किया और हवन में पूर्ण आहुति दी। उन्होंने 8 अल्लाटियों को पोजैशन लेटर वितरित किए और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण का ब्रोशर भी जारी किया।
राज्य की सभी रेहड़ी मार्केट होगी पक्की
मुख्यमंत्री ने घोषणा कि की भविष्य में किसी भी छोटे व्यापारी को इस तरह का दंश को न झेलना पड़े, इसके लिए गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित राज्य की सभी रेहड़ी मार्केट को पक्के बूथ बनाकर अलाट किए जाएंगे। उन्होंने पंचकूला की सेक्टर 7, 11 व 17 में भी रेहड़ी मार्केट के पक्के बूथ बनाकर दिए जायेंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत छोटे व्यापारियों को एचएसवीपी द्वारा मार्केट रेट में 25 प्रतिशत की रियायत भी प्रदान की जाएगी, लेकिन यह छूट कब्जाधारियों पर लागू नहीं होगी। उन्होंने कहा कि मार्केट रेट के अनुसार एक बूथ का रेट लगभग 17 लाख रुपए बनता है लेकिन प्राधिकरण की रियायत के बाद 63 स्क्वेयर फीट के बूथ की लगभग 13 लाख रुपए कीमत होगी और इस पर सेंट्रल बैंक की और से 75 प्रतिशत ऋण की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। इस प्रकार हर अलॉटी की भरपूर मदद की जा रही है। यदि बूथ धारक इस राशि को 180 दिन में जमा करवा देगा तो उसे ब्याज की पूरी छूट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मार्केट में फुटपाथ, बिजली एवम अन्य संसाधनों पर प्राधिकरण की और से 50 लाख रुपए की राशि खर्च की जाएगी।
व्यापारी जीएसटी में अवश्य रजिस्टर करवाए
उन्होंने कहा कि लघु व्यापारियों को जी एस टी में रजिस्टर अवश्य करवाना चाहिए। इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विशेष अभियान चलाया है। अगर व्यापारियों का कम जी एस टी भी बनता है तब भी उन्हें अवश्य रजिस्टर करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गत माह के दौरान देश में एक लाख पचास हजार करोड़ रुपए से ऊपर का राजस्व एकत्र हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस दिन इस मार्केट आग लगने की घटना हुई उसी दिन सरकार ने छोटे व्यापारियों के लिए यह ठान लिया था कि उन्हें भविष्य में ऐसी पीड़ा न झेलनी पड़े और अधिकारियों को इस पर कार्य करने को कहा। अधिकारियों ने कड़ी मेहनत से जल्द ही यह योजना को अमलीजामा पहनाया इसके लिए उन्होंने अधिकारियों का आभार जताया।
सरकार कर रही अंतोदय की भावना से कार्य
हरियाणा सरकार अंतोदय के उत्थान की भावना से कार्य कर रही है ताकि पंक्ति में अंतिम व्यक्ति व्यक्ति का भला सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत सबसे पहला अधिकार जरूरतमंद व्यक्ति का है। ऐसे परिवारों के लिए परिवार पहचान पत्र के माध्यम से रोजगार मुहैया करवाया जा रहा है। अब तक मुख्यमंत्री परिवार उत्थान योजना के तहत 30 हजार परिवारों ने अपने रोजगार के कार्य शुरू किए हैं। इसलिए पंचकूला की इस मार्केट का नाम भी अंत्योदय रखा गया है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष श्री ज्ञान चन्द गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री पीड़ितों के दुःख दर्द को समझते हुए पूरे प्रदेश के लिए बेहतर योजना लेकर आए है ताकि छोटे व्यापारी एवं गरीब व्यक्ति भी सम्मान के साथ रोजी रोटी कमा सके। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में सस्ते और रियायती दर पर बूथ देकर छोटे व्यापारियों का मान बढ़ाया है और इतनी जल्दी एक माह में ही आग से प्रभावित छोटे दुकानदारों की सुनवाई की है।
उन्होंने कहा कि इस मार्केट में शौचालय एवम पेयजल का भी उचित प्रबंध किया जाएगा। उन्होंने कहा की एक सितंबर को आग से लगभग 134 दुकानें जलकर राख हो गई थी तब मुख्यमंत्री ने तुरंत राहत के तौर पर 25-25 हजार रुपए पीड़ित दुकानदारों को दिए थे। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण भी छोटे दुकानदारों के जीवन में बदलाव लाने के लिए प्रयासरत है।
इस अवसर पर मेयर पंचकूला श्री कुलभूषण गोयल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी एस ढेसी, अंबाला की आयुक्त रेणु .एस फुलिया, पुलिस आयुक्त श्री हनीफ कुरैशी, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक अजीत बालाजी जोशी, उपायुक्त श्री महावीर कौशिक , एचएसवीपी के प्रशासक धर्मवीर सिंह, नगर निगम के आयुक्त विरेंदर लाठर, जिला उपाध्यक्ष उमेश सूद, पार्षद सोनिया सूद , जय कौशिक के अलावा बी.बी सिंघल और व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।