आदर्श आचार संहिता के दौरान कैश, शराब, हथियार और अन्य चुनाव संबंधी सामग्री पर निगरानी रखने के लिए किया गया उड़न दस्ते व स्थैतिक निगरानी टीमों (एसएसटी ) का गठन- जिला निर्वाचन अधिकारी

वेतन को लेकर हारट्रोन के आईटी प्रोफेशनल्स में रोष।

नगरपालिका चुनाव में सरकार को नाराजगी दिखाने का किया निश्चय

पंचकूला, 21 दिसंबर-     हारट्रोन के आईटी प्रोफेशनल का वेतन इस बढ़ती महंगाई के दौर में आज भी 13500 रुपये ही है जो की एक डीसी रेट पर लगे सफाई कर्मचारी के वेतन से भी कम है।


इस संबंध में जानकारी देते हुए हारट्रोन के आईटी प्रोफेशनल सुभाष थपलियाल शर्मा, रवि केशला व अमित सिंह रावत ने बताया कि हरियाणा मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा था कि राज्य में न्यूनतम मासिक वेतन ही 15000 रुपये होगा। मुख्यमंत्री के कहने के बाद भी आज तक हारट्रोन के आईटी प्रोफेशनल को 13500 रुपये में ही काम करना पड़ रहा है। महंगाई समय समय पर बढ़ रही है और हारट्रोन आईटी प्रोफेशनल का वेतन आज भी वहीं की वहीं पर है। हरियाणा सरकार के डिजिटल हरियाणा के सपने को साकार करने वाले आईटी प्रोफेशनल आज भी 13500 में ही गुजारा करने पर मजबूर है। स्थाई कर्मचारियों की भांति उन्हें न तो मैडिकल पूरा मिलता है और न ही कोई अन्य सुविधा मिलती है। हरियाणा में आज आॅन लाईन व ई-आॅफिस जैसे सभी कार्य आईटी प्रोफेशनल के द्वारा ही किये जाते है, फिर भी आज तक न तो सरकार ने इनकी तरफ ध्यान दिया है और न ही अधिकारी इन कर्मचारियों की स्थिति की सूध लेते है। हारट्रोन के माध्यम से लगे इन कर्मचारियों ने तन-मन व धन से हर समय सरकार को पूरा सहयोग दिया, चाहे वह कोरोना काल हो या कोई अन्य स्थिति। दिन-रात कार्य करने वाले ये आईटी प्रोफेशनल किस तरह इतनी कम सैलरी में काम चला रहे है, इसके बारे में बार बार सरकार को याद भी दिला चुके है लेकिन सरकार इनकी तरफ देख भी नहीं रही।


उन्होंने बताया कि अपनी पूरी जिंदगी सरकार के कार्य में सहयोग देने वाले 20-20 सालों से काम कर रहे आईटी प्रोफेशनल को अब तक केवल 22600 रुपये की मासिक वेतन मिल रहा है। हरियाणा मुख्यमंत्री को यह बताते हुए खुशी हो रही है माननीय राष्ट्रपति द्वारा वर्ष 2020 के लिये राज्य व केंद्र शासित प्रदेश की श्रेणी में एक्सलन्स इन डिजिटल गवर्नन्स का राष्ट्रीय पुरस्कार अंत्योदय सरल हरियाणा को प्रदान किया जा रहा है, जो हमारे लिये गर्व की बात है। जब हरियाणा सरकार को इन सबका पता है तो क्या इस बारे में नहीं पता कि इस अवार्ड को दिलवाने वाले कर्मठ कर्मचारी कितनी मुश्किल से दो वक्त की रोटी खा पा रहे है। किस तरह वे अपने परिवार का पेट पाल रहे है किस तरह अपने बूढे मां-बाप का इलाज करवा रहे है और किस तरह अपनी छोटी बहन की शादी का खर्च उठा रहे है।
उन्होंने बताया कि सरकार को समय रहते इन कर्मचारियों की स्थिति के बारे में सोचना चाहिए। हर इंसान के जीवन में बहुत सारी जिम्मेदारी होती है, जिनका निवर्हन ये कर्मचारी भी करते है। इतनी तकलीफ झेलते हुए भी इन कर्मचारियों ने सरकार के डिजिटल गवर्नन्स को सफल बनाया है तो सरकार को इसका भी अंदाजा लगाना चाहिए कि अगर इन कर्मचारियों को स्थाई कर्मचारियों की तरह सुविधा दी जाये तो हमारे हरियाणा को कितना आगे ले जा सकते है। बार बार मंत्रियों से मिल चुके ये आईटी प्रोफेशनल आज भी वहीं के वहीं पर है। सभी आईटी प्रोफेशनल सरकार की ऐसी नीतियों की वजह से नाराज है और नगर पालिका चुनाव में सरकार का विरोध करते है।