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विश्व कविता दिवस एवं नवसंवतसर के उपलक्ष्य में काव्य गोष्ठी का किया आयोजन

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पंचकूला, 21 मार्च- हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा आज सेक्टर 14 स्थित अकादमी परिसर में एक अनूठे ढंग से विश्व कविता दिवस एवं नवसंवतसर मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित कविता-गोष्ठी में प्रमुख स्थानीय कवियों के अलावा अकादमी के सभी कर्मियों ने कविता-पाठ किया। अकादमी अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने अपने संदेश में इस विशिष्ट आयोजन के लिए सभी प्रतिभागियों को बधाई दी और कहा कि कविता, संवेदना के धरातल पर एक सुखद यात्रा है।


इस अवसर पर अपने उद्बोधन में निदेशक डाॅ. चन्द्रत्रिखा ने बताया कि ‘विश्व कविता दिवस’, पूरे विश्व में यूनेस्को के घोषित मानदंडों के आधार पर मनाया जाता है और उन्होंने श्री रामधारी सिंह दिनकर के इस कथन को दोहराया कि कविता, शब्द नहीं, शांति है कोलाहल नहीं, मौन है। कुछ अवसरों पर यह देवलोक के मधुर संगीत की गूंज समान लगती है। कविता, कल्पना, विचारों तथा शब्दों के बेहतरीन तालमेल का नाम है। काव्यकार तब तक अपनी कलम नहीं चलाता जब तक स्याही प्रेम की आहों में सराबोर नहीं हो जाती।


इस संगोष्ठी में संतोष गर्ग, संगीता बैनीवाल, नीलम नारंग, जितेन्द्र परवाज ने विश्व कविता दिवस एवं नवसंवतसर को समर्पित रचनाएं प्रस्तुत की। अकादमी के कर्मियों मनीषा नांदल, मूर्ति देवी, किरन खेड़ा, संजीता कुमारी, संजय कुमार, दिनेश कुमार, प्रदीप शर्मा, विजेन्द्र कुमार, उमेद राम ने भी स्वरूचि की कविताओं का पाठ किया। कविता गोष्ठी का संचालन श्रीमती मनीषा नांदल ने किया।

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