टीबी रोग उन्मूलन को लेकर वर्चुअल माध्यम से वर्कशॉप आयोजित
पंचकूला, 25 मई। स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक डा. वीना सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2025 तक टीबी यानी ट्यूबरक्लोसिस जैसी खतरनाक बीमारी को खत्म करने का संकल्प लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा टीबी हारेगा-देश जीतेगा का नारा दिया गया है। इसी संकल्प को पूरा करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा गंभीरता व योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक वर्चुवल बैठक के माध्यम से टीबी रोग उन्मूलन को लेकर विभिन्न विभागों के अधिकारियों की वर्कशॉप को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि टीबी रोग के बारे में नागरिकों को दी जा रही निशुल्क स्वास्थ्य सुविधाओं का ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार करें और कोरोना की तर्ज पर प्रभावित क्षेत्रों को चिन्ह्ति करें।
उन्होंनेे वर्चुवल बैठक से जुडने पर सभी को शुभकामनाएं दी और कहा कि हम सबको मिलकर टीबी के खिलाफ एक जन आंदोलन के रूप में कार्य करना होगा तभी 2025 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टीबी रोग मुक्त भारत के सपने को साकार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि टीबी रोग को जड़मूल से खत्म करने के लिए सामूहिक संकल्प के साथ धरातल स्तर पर काम करना होगा। इसके साथ-साथ स्लम एरिया, ईंट भट्टे, मजदूर कॉलोनियों व जिला जेल पर फोक्स किया जाए ताकि कोई भी टीबी रोग पीडित उपचार से वंचित न रहे। प्रदेश में टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए सभी एकजुट होकर साथ आएंगे और सभी का सहयोग मिलेगा, तभी हमारा यह नारा टीबी हारेगा देश जीतेगा सफल होगा।
डॉ. वीना सिंह ने कहा कि प्रदेश से टीबी उन्मूलन के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। प्रदेश में टीबी रोग को लेकर सरकार पूरी तरह से गंभीर है तथा महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। इसके चलते सरकार ने यह निर्णय लिया है कि जो भी व्यक्ति अपने आसपास टीबी ग्रस्त मरीज की सूचना सरकारी अस्पताल में देगा तो उसे पांच सौ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, ताकि प्रत्येक मरीज को जल्द से जल्द चिह्नित करके उसे समुचित उपचार प्रदान किया जा सके।
उन्होंने आह्वड्ढान किया कि टीबी मुक्त भारत के मिशन की सफलता के लिए समाज का हर वर्ग आगे आकर अपना सहयोग व योगदान दें और ग्रामीण स्तर पर प्रचार-प्रसार के माध्यम से नागरिकों को टीबी उन्मूलन के बारे में जागरूक करें। इसके साथ-साथ आमजन को सरकार द्वारा टीबी रोगियों को दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में भी अवगत करवाया जाए ताकि कोई भी टीबी रोगी उपचार या सुविधाओं से वंचित न रहे।
इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि टीबी के मरीजों के लिए पोषण आहार योजना के माध्यम से उपचार के दौरान पीडि़तों की 500 रुपये प्रतिमाह आर्थिक मदद दी जाती है। विभाग यह राशि मरीज के बैंक अकाउंट में जमा करता है। मरीज को विभाग तक ले जाने पर गांव में आशा वर्कर, आरएमपी डॉक्टर, निजी अस्पताल व अन्य कोई भी व्यक्ति अगर टीबी मरीज को लेकर स्वास्थ्य विभाग के पास लेकर आता है और टेस्ट करने पर मरीज टीबी से पीडि़त पाया जाता हैं तो उसे भी प्रोत्साहन राशि के रूप में 500 रुपये दिए जाते हैं। टीबी मरीज का 6 माह का कोर्स होता है। सभी सरकारी जांच केंद्रों पर रोगियों की जांच निशुल्क की जाती है। जांच केंद्रों पर रोगी के बलगम के सैंपल की जांच करवाई जाती हैं और जांच में यदि टीबी पाई जाती है तो अगले दो दिनों मे उसका इलाज शुरू कर दिया जाता है।