छात्रों को प्रदूषण मुक्त दीपावाली मनाने के लिए पटाखे न जलाने का दे संदेश : उपायुक्त प्रदीप कुमार
शिक्षक बच्चों को दें संस्कारी शिक्षा, प्रकृति का आदर करने के लिए करें प्रेरित : उपायुक्त
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि कोविड-19 के साथ-साथ बढ़ता प्रदूषण आज बेहद ज्वलंत मुद्दा है और हमें अपने जिला को प्रदूषण के खतरे से बचाने के लिए गंभीरता से चिंतन करना होगा। इस मुहिम में अध्यापक वर्ग सबसे अहम भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि बच्चों पर शिक्षक का सकारात्मक प्रभाव होता है। अभिभावकों की अपेक्षा बच्चे शिक्षक की बातों और संदेशों को जल्दी अपनाते हैं। शिक्षक विभिन्न कार्यक्रमों या ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से छात्रों को इस दीपावली पर पटाखे न जलाने का संदेश देते हुए प्रेरित करें ताकि जिला प्रदूषण मुक्त बन सके।
उपायुक्त प्रदीप कुमार शुक्रवार को स्थानीय पंचायत भवन में जिला शिक्षा विभाग एवं प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा प्रदूषण मुक्त सिरसा गोष्ठïी में बतौर मुख्यअतिथि संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी संत कुमार, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी आत्म प्रकाश, सहायक परियोजना अधिकारी शशी सचदेवा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त प्रदीप कुमार ने वेद प्रकाश भारती द्वारा लिखी ‘एक टुकड़ा धूप काÓ पुस्तक का विमोचन भी किया।
उपायुक्त ने कहा कि अध्यापक बच्चों को समझाएं कि त्यौहार या पर्वों पर खुशी जाहिर करने के लिए वातावरण को प्रदूषित न करें। अध्यापकों द्वारा दिया गया संदेश बच्चों के साथ-साथ पूरे समाज को प्रेरित करता है और समाज को सामाजिक बुराइयों से मुक्त बनाने में शिक्षक वर्ग का अहम रोल होता है। शिक्षक ही अपने प्रेरण स्त्रोत संदेशों से न केवल समाज का मार्गदर्शन करते हैं बल्कि समाज को नई दिशा देते हैं। उन्होंने कहा कि अभिभावक भी बच्चों को भौतिकवादी न बना कर उन्हें संस्कारी व प्रकृति का आदर करने वाले बनाएं। अगर हम आज अपने बच्चों का सही मार्गदर्शन उन्हें पर्यावरण प्रदूषित न करने का संदेश देंगे तभी अपने जिला को प्रदूषण मुक्त बना पाएंगे।
उपायुक्त ने कहा कि पटाखों से वातावरण प्रदूषण के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण भी होता है वहीं इससे लोगों को सांस, आंखों व कानों की बीमारियां होती हैं। पशु-पक्षियों के लिए भी पटाखों का शोर और धुआं खतरनाक है। इसलिए हमें अपने पर्यावरण को बचाने के लिए इनके प्रयोग से बचना चाहिए। दीपावली का पर्व हम सबके लिए खुशियों भरा बड़ा त्यौहार है। इस त्यौहार को सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से मनाएं ताकि किसी को कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि प्रदूषण बढऩे के साथ-साथ कोविड-19 के फैलाव के भी बढऩे की संभावना रहती है। नागरिक कोविड के फैलाव को रोकने के लिए दिवाली को प्रदूषण मुक्त व भाईचारे से मनाएं।
कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी संत कुमार ने उपायुक्त प्रदीप कुमार का स्वागत करते हुए विश्वास दिलाया कि जिला को प्रदूषण मुक्त बनाने में शिक्षा विभाग द्वारा पूर्ण योगदान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी स्कूल संचालक अपने-अपने स्कूलों में बच्चों को ऑफलाइन या ऑनलाइन तरीके से दिवाली पर पटाखे न जला कर प्रदूषण मुक्त दीपावली का संदेश देंगे। उन्होंने कहा कि सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में विशेष अभियान चला कर बच्चों को पटाखों से होने वाले नुकसान व प्रदूषण के बारे में जागरुक किया जाएगा।
कोविड-19 के बचाव के लिए मास्क ही सबसे बेहतर उपाय : उपायुक्त प्रदीप कुमार
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि त्यौहारी सीजन के मद्देनजर बाजारों में अधिक भीड़-भाड़ रहती है। हमारे द्वारा बरती गई छोटी सी लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है इसलिए जब तक दवाई नहीं तब तक कोई ढिलाई नहीं। उन्होंने कहा कि आमजन बहुत जरुरी होने पर ही घर से निकलें और मास्क का प्रयोग जरुर करें व ज्यादा भीड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें। उन्होंने कहा कि नागरिक अपनी सुरक्षा के साथ-साथ अपने परिवार की सुरक्षा के लिए कोविड-19 के नियमों की पालना करें। खुद को सुरक्षित रखते हुए दूसरों को भी सुरक्षित रखें। बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखें और घर वापिस आने पर अपने हाथों को अच्छी प्रकार से साबुन से साफ करें।
पोलिथीन की जगह जूट या कपड़े से बने थैले का करें प्रयोग :
उपायुक्त ने कहा कि प्लास्टिक व पोलिथीन पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। पोलिथीन अगलनशील है, जोकि पर्यावरण के साथ-साथ भूमि को भी दूषित करता है। आमजन पोलिथीन की जगह जूट या कपड़े से बनें थैलों का प्रयोग करें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। उन्होंने उपस्थित स्कूल मुखियाओं को कहा कि वे बच्चों के माध्यम से लोगों में कपड़े के थैले के प्रयोग बारे जागरूकता लाने का काम करें।
इस अवसर पर खंड शिक्षा अधिकारी कमलेश, रानी, मनीषा, जसपाल, हरमेल, हरी सिंह अरोड़ा, राम सिंह यादव, पंकज सिढाणा, भारत भूषण धायल, वेद प्रिय गुप्ता, बलदेव सिंह, रमेश सचदेवा, संतोष पूनिया सहित निजी स्कूलों के प्रतिनिधि मौजूद थे।