गेहूं की अच्छी पैदावार लेने के लिए बीज उपचार में एजोटोबैक्टर व पीएसबी का प्रयोग भी करें- डॉ. चौहान
पंचकूला, 11 अक्तूबर- चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र पंचकूला ने आज गांव ढन्ढारडू मे किसान गोष्ठी का आयोजन किया।
किसानों को संबोधित करते हुए पौध रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रविंद्र चैहान ने किसानों को गेहूं की उन्नतशील किस्मों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गेहूं की बिजाई का उत्तम समय 25 अक्टूबर से 15 नवंबर है। इस समय पर गेहूं की अगेती व समय पर बिजाई वाली किस्मों जैसे डब्ल्यूएच 1105, डब्ल्यूएच 1270, डीबीडब्ल्यू 187, डीबीडब्ल्यू 303, डब्ल्यूएच 1184, डीबीडब्ल्यू 222 डीबीडब्ल्यू 221 का चयन करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बीज उपचार का अच्छी पैदावार लेने में अहम योगदान होता है। एक एकड़ के बीज उपचार के लिए सबसे पहले किसान कीड़े मार दवा क्लोरपाइरिफास की 60 मि. ली. मात्रा, उसके बाद बीमारी वाली दवा रैक्सील की 40 ग्राम तथा सबसे बाद एजोटोबैक्टर व पीएसबी की 400 ग्राम मात्रा से बीज को उपचारित करें।
उन्होंने कहा कि बीज उपचार का भरपूर लाभ लेने के लिए इसकी सही विधि को अपनाना बहुत ही जरूरी है, जिसके लिए किसानों को बिजाई के लगभग 12 घंटे पहले क्लोरोपायरोफोस दवा की 60 मिलीलीटर मात्रा से उपचारित करना चाहिए। गेहूं के बीज को पक्के फर्श या पॉलिथीन पर फैला लें तथा 60 मिलीलीटर क्लोरोपायरोफोस को 2 लीटर पानी में घोलकर बीज पर एक समान छिड़के तथा बीज को इकट्ठा कर दे या थैले में भरकर रख दे। बिजाई के तुरंत पहले रेक्सिल की 40 ग्राम मात्रा से सूखा उपचार करें तत्पश्चात बीज पर गुड का घोल व उसके बाद एजोटोबैक्टर व पीएसबी की 400 मिली लीटर मात्रा से उपचारित करें। यह जैविक उपचार वातावरण की नाइट्रोजन व खेत में पड़े फास्फोरस को घुलंशील बनाकर पौधों को उपलब्ध कर देगा तथा किसान नाइट्रोजन फास्फोरस की कम मात्रा का प्रयोग कर सकते हैं । उन्होंने बताया की एजोटोबैक्टर व पीएसबी के टीके चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार से 200 रुपए प्रति लीटर की दर से खरीद सकते हैं।
इस अवसर पर गांव के प्रगतिशील किसान श्री जसमेर सिंह ने वैज्ञानिकों का कृषि संबंधित जानकारी देने के लिए धन्यवाद किया। इस अवसर पर कृषि विभाग के अधिकारी संदीप शर्मा, सूरज व ज्योति भी मौजूद रहे।