उपायुक्त ने समाधान शिविर में सुनी लोगों की समस्याएं

कोविड 19 महामारी के कारण वर्तमान में चल रहे स्वास्थ्य संकट ने लाखों लोगों को प्रभावित किया

पंचकूला 3 जुलाई- कोविड 19 महामारी के कारण वर्तमान में चल रहे स्वास्थ्य संकट ने लाखों लोगों को प्रभावित किया है, मानसिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव शारीरिक बीमारी के रूप में गंभीर है। ऐसे समय में, मजबूत प्रतिरक्षा और स्वस्थ मानसिक स्वास्थ्य होना तेजी से फैलने वाली बीमारी से लड़ने की कुंजी है। योग और आयुर्वेद मिलकर प्रतिरक्षा को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं और कोविड-19 के नकारात्मक प्रभावों से लड़ने के लिए प्रभावी, सुलभ और किफायती साधन प्रदान करते हैं।

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अध्यक्ष योग परिषद् जयदीप आर्य ने अपने विचार को व्यक्त करते हुए कहा कि धर्म और अभ्यास को अपने सामाजिक, शारीरिक और भावनात्मक उत्थान के लिए करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि योग व्यक्तिवाद से सार्वभौमिकता तक की यात्रा करवाता है और लोगों को उनकी विविधता और मतभेदों के बावजूद एकजुट करता है। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान दुनिया में जहां समाज, संस्कृतियों और राष्ट्रों के बीच संघर्ष चल रहा है, यह सार्वभौमिक भाईचारा और शांति स्थापित करने के लिए एक प्रभावी उपकरण हो सकता है। उन्होंने कहा कि अष्टांग योग का अनुसरण करते हुए आध्यात्मिक दुनिया की यात्रा सफलतापूर्वक प्राप्त की जा सकती है। यह हमारी इंद्रियों को नियंत्रित करता है और हमें संतुलित जीवन जीने की शिक्षा देता है। इसका अभ्यास सभी को अपने और मानवता के हित में करना चाहिए।

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श्री आर्य ने कहा कि गुरुकुल प्रणाली को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है जो बच्चे को भावनात्मक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से विकसित करने के लिए सच्चे अर्थों में शिक्षा देती थी। उन्होंने कहा कि यह कोरोना की चुनौती को चुनौती देने का समय था। हम बेकार नहीं बैठ सकते थे। इसलिए चिंतन करने के बाद हमने तय किया कि योग और ध्यान पर एक रिफ्रेशर कोर्स वर्तमान समस्या का एक मजबूत सकारात्मक समाधान हो सकता है जब लाखों लोग कई मानसिक और मनोवैज्ञानिक मुद्दों का सामना कर रहे हैं। शिक्षक सबसे महत्वपूर्ण होते हैं और युवा पीढ़ियों को विशेष रूप से संकट की अवधि में शिक्षण, मार्गदर्शन और मार्गदर्शन करके राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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