*Chandigarh Shines in Swachh Survekshan 2024–25; Enters the Super Swachh League Cities*

कृषि विविधीकरण व मशीनीकरण समय की मांग: डॉ. चौहान

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पंचकूला दिसंबर 19: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र पंचकूला कृषि विभाग पंचकूला के सौजन्य से गांव कामी  में किसान प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में गांव के लगभग पचास किसानों ने भाग लिया। कृषि विज्ञान केन्द्र पंचकूला की  संयोजिका डॉ श्री देवी तलाप्रागडा  ने  इस कार्यक्रम की अध्यक्षता  की। किसानों को संबोधित करते पौध रोग विशेषज्ञ डॉ रविंद्र चौहान  ने गेहूँ मे लगने वाली बीमारियों के बारे में किसानों को विस्तृत जानकारी दी तथा फसल में बीमारियों की रोकथाम हेतु प्रयोग होने वाले रसायनों के बारे में अवगत किया ताकि इन  दवाइयों के प्रभाव से रोगों की रोकथाम की जा सके। डाँक्टर चौहान  ने मशरूम  की खेती को अपनाने की सलाह देते हुए कहा कि  मशरूम की खेती कृषि का वह नया क्षेत्र है जिसे खेती प्रणाली में आसानी  से समेकित किया जा सकता है। इस कृषि के लिए बहुत कम भूमि की आवश्यकता होती है तथा कृषि अवशेष  इसका प्रमुख निवेश है। वास्तविकता यह है कि कृषि में अगली क्रांति कृषि अवशेष  को प्रभावी रूप से पुनः उपयोग में लाने की हमारी क्षमता पर निर्भर करेगी। इसके साथ साथ  पंचकूला में मशरूम की खेती बहुत ही उपयुक्त है तथा इसे अपनाकर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं । कार्यक्रम में सूरज ने  कृषि विभाग द्वारा आत्मा स्कीम व मशीनीकरण के प्रोत्साहन कॆ लिए सरकार द्वारा संचालित विभिन्न स्कीमो के बारे में किसानों को अवगत कराया। कृषि विविधीकरण के तहत मत्स्य पालन , खुम्ब उत्पादन, मधुमक्खी पालन आदि  अपनाने पर जोर दिया और किसानों को सीधे बाजार से जुड़ने की सलाह  दी .

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