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उपायुक्त की अध्यक्षता में सेक्टर-12ए स्थित जागृत ब्राह्मण सभा के सहयोग से एमडीसी की लक्ष्मी धर्मशाला में संस्कृत गुरूकुल के श्री मुक्तिनाथ वेद विद्याश्रम द्वारा श्रीमद् जगदगुरू शंकराचार्य चातुर्मास व्रत समापन समारोह एवं ग्रन्थ विमोचन कार्यक्रम आयोजित किया गया।

पंचकूला, 28 अक्तूबर- उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा की अध्यक्षता में सेक्टर-12ए स्थित जागृत ब्राह्मण सभा के सहयोग से एमडीसी की लक्ष्मी धर्मशाला में संस्कृत गुरूकुल के श्री मुक्तिनाथ वेद विद्याश्रम द्वारा श्रीमद् जगदगुरू शंकराचार्य चातुर्मास व्रत समापन समारोह एवं ग्रन्थ विमोचन कार्यक्रम आयोजित किया गया। उपायुक्त सीईओ एमडीसी, दिनेश सिंगला तथा अयोध्या से आये विशिष्ट अतिथि स्वामी दामोदराचार्य ने दीप प्रज्जवलित करके  कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

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इस कार्यक्रम के मुख्यातिथि महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल के कुलपति डाॅ श्रेयांश द्विवेदी, विशिष्टातिथि अयोध्या धाम के स्वामी श्री दामोदराचार्य जी व श्री एम एस यादव, मुख्यवक्ता प्रो. जगदीश प्रसाद सेमवाल व प्रो. सत्यप्रकाश दूबे ने विशिष्ट वक्ता के रूप में शिरकत की।  


श्रीमद् जगदगुरू शंकराचार्य ने अपने चातुर्मास व्रत का विधिवत समापन किया। समारोह में श्री माता मनसा देवी मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री महावीर सिंह यादव ने कहा कि 2 जुलाई को श्री श्रीमद् जगदगुरू शंकराचार्य ने मनसा देवी मंदिर में कदम रखा तभी से उनके मार्ग दर्शन में श्याम को 4 बजे विधिवत हवन प्रारंभ किया गया जो आज उनके व्रत के साथ ही समपन हुआ। श्रीमद् जगदगुरू शंकराचार्य ने कालका माता मंदिर और चंडी मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की ऐसी पूजा अपने जीवन में मैंने कभी नहीं देखी। उन्होंने एमडीसी के अधिकारियों व कर्मचारियों को शिक्षा-दीक्षा देकर प्रोत्साहित किया। उनके यहां आने से एमडीसी पावन भूमि की महता बढ़ी है। मेरा श्रीमद् जगदगुरू शंकराचार्य से अनुरोध है कि अगला चतुर्थमास का व्रत मनसा देवी में ही रखेंे।


श्रीमद् जगदगुरू शंकराचार्य चातुर्मास्य व्रत समापन समारोह एवं ग्रन्थ विमोचन कार्यक्रम में श्रीमद् जगदगुरू शंकराचार्य द्वारा महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल के कुलपति डाॅ. श्रेयांश द्विवेदी, जयपुर राजस्थान के प्रो. सत्यप्रकाश दूबे, साधु आश्रम पंजाब विश्वविद्यालय, होशियारपुर के प्रो. जगदीश प्रसाद सेमवाल व अयोध्या धाम के स्वामी दामोदराचार्य जी को देववाणी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया। भारत विकास परिषद के अध्यक्ष श्री लक्ष्मी नारायण गुप्ता, सेवा भारती के जिला सचिव श्री नरेश गोयल, ओरने ग्रुप के सीएमडी श्री अंशुल सिंगल, जागृत ब्राह्मण सभा के प्रधान श्री महावीर प्रसाद शर्मा, सेक्टर-9 पंचकूला के थानाध्यक्ष श्री गुलाब सिंह, श्री महाकाली मंदिर सेक्टर-30 चंडीगढ़ के प्रधान श्री राकेश पाल मोद्गिल व कृष्ण लाल गोयल को जनसेवा सम्मान से सम्मानित किया गया। सेक्टर-6 नागरिक अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. जसजीत कौर, आयुर्वेदिक जिला चिकित्सा अधिकारी श्री दिलीप मिश्रा व दिल्ली से डाॅ. हरी नारायण कौशिक को चिकित्सा सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया। स्वच्छता सेवा सम्मान से श्री गौरव को सम्मानित किया गया। इसी प्रकार रोहतक के डाॅ. गोपाल कृष्ण आजाद को प्रकृति सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया। श्री मुक्तिनाथ वेद विद्याश्रम संस्कृत गुरूकुल के मुख्य संरक्षक श्री दिनेश सिंगला व श्री श्री 108 आचार्य छज्जूराम शाखी को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

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जगत गुरु शंकराचार्य ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत वह धरती रही है जहां सावित्री जैसी देवी ने श् यमराज के छक्के छुड़ा दिए दमयंती और अहिल्या जैसी देवियों आगे देवता नतमस्तक हो गए। यह जप, तप और त्याग की भूमि है। जब विश्व में वैश्विक महामारी कोरोना से हाहाकार मचा हुआ था वहा भारत जैसा देश शांत था। उन्होंने औरंगजेब का उदाहरण देते हुए कहा कि औरंगजेब ने सत्ता के लालच में अपने पांच भाइयों को मरवा दिया और अपने पिता शाहजहां को बंधक बना लिया। जब ने अपने बेटे को संदेश पहुंचाया कि उसका पानी पीने का कुल्लड़ टूट गया तो औरंगज़ेब ने कहा कुल्लड़ ही टुटा है हाथ तो नहीं टूटे तो उस वक्त शाहजाह ने दशरथ के बेटे श्री राम के उस त्याग को याद किया जब सौतेली माँ के कहने पर अपने भाई के लिए वनवास चले गए थे। जब छोटा भाई ने अपने बड़े भाई को रुकने को कहा तो बड़े भाई ने कहा कि छोटे भाई को आदेश मानना होता है तुम राज सम्भालो और देखो जनता को कोई तकलीफ न हो और यह कहकर राम वनवास चले गए।  उन्होंने सभी को आशीर्वाद देते हुआ कहा कि एमडीसी कम्प्लेक्स में ऐसे धार्मिक कार्यक्रम होते रहे।