उच्चाधिकार समिति ने अपनी 9 वीं बैंठक पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण न्यायाधीश राजीव शर्मा की अध्यक्षता में वीडियो काॅन्फ्रेन्सिंग द्वारा आयोजित की गई
पंचकूला 27 सितम्बर- उच्चाधिकार समिति ने अपनी 9 वीं बैंठक पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण न्यायाधीश राजीव शर्मा की अध्यक्षता में वीडियो काॅन्फ्रेन्सिंग द्वारा आयोजित की गई। इस बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव, विजय वर्धन, गृह विभाग, महानिदेशक कारागार, के0 सेल्वराज एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सदस्य सचिव, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण प्रमोद गोयल, उपस्थित रहे।
उच्चाधिकार समिति (एच0पी0सी0) का गठन राज्य स्तर पर ैनव डवजन ॅतपज च्मजपजपवद ;ब्पअपसद्ध छवण्1ध्2020.प्द त्म्रू ब्वदजंहपवद व िब्व्टप्क्.19 में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत जेल में पैरोल/अन्तरिम जमानत पर दोषियों/विचाराधीन कैदियों की रिहाई के लिए दिनांक 23 मार्च 2020 को किया गया था। इस उच्चाधिकार समिति ने को भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी निर्देशों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए विभिन्न अवसरों पर बैठकें की। उच्चाधिकार समिति द्वारा दिनांक-24-03-2020, 30-03-2020, 13-04-2020, 20-04-2020, 05-05-2020, 22-05-2020, 15-06-2020 और 31-08-2020 को हुई बैठकों मे ं हरियाणा की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों की रिहाई के लिए सम्बन्धित विभागों द्वारा आवश्यक कदम उठाने हेतु विभिन्न दिशा-निर्देश जारी किए गए।
सभी बैठकें वीड़ियो कान्फ्रेन्सिंग के द्वारा आयोजित की गई। कोविड-19 महामारी के दौरान जेलों मे ं भीड ़भाड ़ से बचने के लिए हरियाणा की विभिन्न जेलों से दिनांक-24-03-2020 से आज तक कुल 3283 दोषियों और 1599 विचाराधीन कैदियों को पैरोल/अन्तरिम जमानत पर रिहा किया गया। कैदियों की सुरक्षा के लिए विभिन्न कदम भी उठाए गए जैसे कि सभी नये कैदियों को रखने के लिए विशेष जेलो ं की स्थापना, कोविड रोगियों-जेल कैदियो के लिए विशेष जेल, तुरन्त कोविड परीक्षण और रिपोर्ट, कैदियों और कर्मचारियों के लिए सख्त एकान्तवास प्रोटोकाॅल, वीडियो काॅन्फ्रेन्सिंग के जरिए कैदियों की उपस्थिति आदि।
कैठक में, उच्चाधिकार समिति ने गंभीर अपराधो में लिप्त 2,399 कैदियों को धीरे-धीरे सभी सम्बन्धित ऐहतियाती और सुरक्षा उपायों को अपनाते हुऐ जेलों में उन्हे ं और दूसरों को कोविड संक्रमण से बचाते हुए बहाल करने का फैसला किया है। उच्चाधिकार समिति द्वारा दोषियों की रिहाई जेलों के भीतर संक्रमण के जोखिम को कम करने और इस घातक वायरस से उसमें काम करने वाले कैदियों और कर्मचारियों के जीवन को सुरक्षित रखने के लिए एक अस्थायी उपाय था। चूंकि, जेल अधिकारियों के पास 2,399 दोषियों को समायोजित करने के लिए जेलों मे ं पर्याप्त जगह हैं, जो सात साल से अधिक कारावास की सजा के साथ गंभीर अपराधों में लिप्त है ं।
उच्चाधिकार समिति ने जेल अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे दोषियों को 02-10-2020 के बजाये 17-11-2020 से आत्मसमर्पण करने के लिए कहें। विशेष पैरोल को छः सप्ताह तक अर्थात 16-11-2020 तक गया है। जेल के कैदियों के बीच किसी भी तरह के संक्रमण के खतरे से बचने के लिए समर्पण 09 चरणों में होगा।
सभी दोषियों को उनके आत्मसमर्पण की तारीख की सूचना दी जाएगी और आत्मसमर्पण की तारीख कारावास की अवधि के आधार पर तय की जाएगी। लंबी अवधि वाले कैदी पहले आत्मसमर्पण करेंगे। इस सम्बन्ध में, जेल अधिकारियों और स्वास्थ्य अधिकारियों को एक दूसरे के साथ समन्वय करने और जेलों मे ं उनके प्रवेश के लिए 2,399 दोषियों के परीक्षण के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए निर्देशित किया गया है। जेल अधिकारियों द्वारा इन दोषियों के आत्मसमर्पण के लिए नियत प्रक्रिया का पालन करते हुए प्रभावी कदम उठाये जाएंगे। इसके अलावा, जेल अधिकारियों, स्वास्थ्य अधिकारियों और प्रशासन को जेलों में कोविड-19 स ंक्रमण की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए कई अन्य निर्देश जारी किए गए है ं। उन्हें एक जेल से दूसरे जेल में स्थानान्तरण के लिए उचित दूरी को ध्यान में रखते हुए उचित कदम उठाने के लिए कहा गया है, जैसे कि कैदियों के लिए विशेष जेलो ं और अस्थाई जेलों का उपयोग, कैदियों के स्थानान्तरण के समय आवश्यक स्वास्थ्य प्रोटोकाॅल का पालन करना आदि करना होगा।