Centre for Human Rights and Duties, PU commemorated National Legal Services Day

अक्षय तृतीय (अक्खा तीज) से पूर्व बाल विवाह निषेध अधिकारी द्वारा रूकवाई गई नाबालिग लड़की की शादी

22 अप्रैल को अक्षय तृतीय के अवसर पर बाल विवाह की रोकथाम के लिए मौजिज व्यक्तियों से करी अपील

विवाह के समय लड़के की आयु 21 वर्ष से कम तथा लड़की की आयु 18 वर्ष से कम पाई जाना गैर जमानती अपराध-सोनिया सब्रवाल

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पंचकूला, 21 अप्रैल- महिला एवं बाल विकास विभाग की बाल विवाह निषेध अधिकारी श्रीमती सोनिया सब्रवाल द्वारा लगभग 15 वर्ष की एक नाबालिग लड़की की शादी रूकवाई गई। यह शादी भैंसा टिब्बा, मनसा देवी काम्प्लैक्स में 22 अप्रैल को कररवाई जानी थी।


श्रीमती सोनिया सब्रवाल ने बताया कि उक्त मामले के संबंध में माननीय अदालत के सीजेएम पंचकूला श्री नितिन राज द्वारा इंजंक्शन ऑर्डर पारित किए गए कि नाबालिग लड़की के माता-पिता उसके बालिग होने तक उसकी शादी नहीं करेंगे। बाल बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अनुसार अगर लड़के की आयु 21 वर्ष से कम तथा लड़की की आयु 18 वर्ष से कम पाई जाती है तो यह गैर जमानती अपराध है, जिसके लिए बाल विवाह में शामिल होने वाले के खिलाफ 2 साल की जेल तथा एक लाख रूपए जुर्माना की सजा का भी कानून में प्रावधान है।


उन्होंने 22 अप्रैल को अक्षय तृतीय (अक्खा तीज) के पावन अवसर पर बाल विवाह की रोकथाम के लिए मंदिर के पुजारी, गांव के मौजिज व्यक्ति, पंच, आंगनवाड़ी वर्कर, और नंबरदार तथा नगर पार्षदों से अपील की है कि वे अपने गांव व क्षेत्रों में इस दिन आयोजित होने वाले विवाह समारोह के दौरान लड़का-लड़की के बालिग होने की जांच करें ताकि जिला में बाल विवाह जैसी कुप्रथा पर रोक लग सके।

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