IGNOU extends Fresh Admission (except for Semester-based and Certificate Programme) & Re-Registration up to 30 th September, 2025

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ने पंचकूला के सेक्टर 28 सामुदायिक केन्द्र का नामकरण सावित्री बाई फुले के नाम पर किया*

*-सावित्री बाई फुले के चित्र पर पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि*

*- सावित्री बाई फुले का जन्म भारत के लिए एक उजाले की किरण थी-ज्ञानचंद गुप्ता*

For Detailed

पंचकूला, 3 जनवरी- हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने सावित्री बाई फुले के जन्म दिवस के अवसर पर पंचकूला के सेक्टर 28 के 17वें सामुदायिक केन्द्र का नामकरण उनके नाम पर किया। इसके उपरांत उन्होंने सावित्री बाई फुले के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर पंचकूला नगर निगम महापौर कुलभूषण गोयल ने भी पुष्पांजलि अर्पित की।  

श्री गुप्ता ने अपने संबोधन में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कुछ तारीखें ऐसी होती हैं जो सदैव इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहती हैं। 3 जनवरी का यह दिन भी ऐसा ही है। आज के दिन 1831 में भारत की पहली महिला शिक्षिका, कवियित्री और समाज सुधारक सावित्री बाई फुले ने जन्म लिया। गुलामी के समय में उनका जन्म लेना भारत के लिए एक उजाले की किरण थी। सावित्री बाई फुले ने महिलाओं के अधिकार और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया। उन्हें आधुनिक मराठी काव्य का अग्रदूत भी कहा जाता है। 

उन्होंने बताया कि देश के इतिहास में जो स्थान महात्मा गांधी व कस्तूरबा गांधी का है वही स्थान सावित्री बाई फुले व उनके पति ज्योति फूले दंपत्ति को भी प्राप्त है। उन्होंने बताया कि सावित्री बाई फुले भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली महिला प्रिंसीपल और पहले किसान विद्यालय की संस्थापक थी। उन्होंने अपने पति के साथ मिल कर विभिन्न जातियों की 9 छात्राओं के साथ एक महिला स्कूल की स्थापना की। गुलामी के उस समय में स्कूल की स्थापना करना बहुत ही कठिन कार्य था। इसकी कल्पना शायद आज भी नहीं की जा सकती। 

उन्होंने बताया कि सावित्री बाई फुले की देख-रेख में 17 बालिका विद्यालय शुरू किए गए।  सावित्री बाई फुले ने गुलामी के उस दौर में न केवल स्वयं शिक्षा ग्रहण बल्कि ये विद्यालय खोल कर बालिकाओं को शिक्षा प्रदान करने का महत्वपूर्ण कार्य किया। सावित्री बाई फुले का जीवन हम सब के लिए प्रेरणादाई है। उन्होंने शताब्दियों से समाज में फैली बुराईयों के खिलाफ आवाज बुलंद की। उन्हें हम नूतन सामाजिक क्रांति की अग्रदूत भी कहें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। देश में प्लेग की बीमारी बुरी तरह फैल गई थी। सावित्री बाई फुले ने प्लेग के मरीजों की घर-घर जाकर सेवा की और इसी दौरान उन्हें भी प्लेग हो गया, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। ऐसी महान् शख्सियत का नाम इतिहास में सदा अमर रहेगा। 

श्री गुप्ता ने पंचकूलावासियों से अपील की कि हम सबको अपने व्यक्तिगत और पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ समाज उत्थान में अपना योगदान करना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि सरकार ने निर्णय लिया कि पंचकूला के सभी सामुदायिक केन्द्र चाहे वह गांव में हों या शहर में उनके नाम शहीदों व महान् विभूतियों के नाम पर रखा जाए। उन्होंने बताया कि पंचकूला के 17 सामुदायिक केन्द्रों का नामकरण शहीदों के नाम पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि वे भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू, मदन लाल ढींगरा जैसे उन शहीदों को भी नमन करते हैं जिन्होंने देश को आजाद करवाने के लिए भरी जवानी में फांसी का फंदा चूम लिया और उन्हीं की शहादत के बदौलत आज हम आजादी की खुली हवा में सांस ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम द्वारा सभी सामुदायिक केन्द्रों में शहीदों की जीवनी को भी अंकित किया गया है ताकि आने वाली युवा पीढी को शहीदों के बलिदान के बारे में पता लग सके और उन्हें उनकी शहादत से प्रेरणा मिल सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए पंचकूला नगर निगम की पूरी टीम बधाई का पात्र है। 

इस अवसर पर नाडा मंडल अध्यक्ष राकेश अग्रवाल, मंडल महामंत्री सिद्धार्थ राणा, स्थानीय पार्षद संदीप सोही, हरेन्द्र मलिक, नरेन्द्र लुबाना, सुरेश वर्मा, रितु गोयल, अक्षयदीप चैधरी, सलीम खान, जय कौशिक, सुनीत सिंगला, सतबीर चैधरी, जसबीर गोयत, सेक्टर 28 रेजिडेंट वैलफेयर एसोसिएशन के प्रधान श्री बलारा तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

s://propertyliquid.com