*MCC Fire and Rescue Committee reviews monsoon preparedness and Fire Safety initiatives*

सीएससी सेंटर पर असंगठित श्रमिकों की बनेगी यूनिक आई.डी.- रोहित सैन

जिला के सभी असंगठित मजदूरों का पंजीकरण निशुल्क होगा, सरकार नागरिक सुविधा केंद्र के वीलेज लेवल एंटप्रीन्योर (वीएलई) को 20 रुपये प्रति कार्ड देगी- रोहित सैन


आपदा के समय इन असंगठित श्रमिकों तक आसानी से पंहुचाई जा सकेगी मदद -सैन


पंचकूला, 20 सितंबर – जिला में असंगठित श्रमिको की यूनिक आई.डी. बनाने का काम 26 अगस्त से शुरू किया जा चुका हैं। सरकार की ओर से यह आई.डी. बनाने के पीछे मकसद असंगठित श्रमिकों को सरकार की योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ देना हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुये सी.एस.सी के जिला मैनेजर रोहित सैन ने बताया कि यूनिक आई.डी. बनवाने वाले श्रमिकों को पी.एम. सुरक्षा बीमा योजना के तहत लाभ दिया जायेगा। सरकार द्वारा ही योजना की एक साल की राशि वहन की जायेगी। उन्होंने बताया कि जिले के सीएससी पर यूनिक आई.डी. कार्ड मुफ्त बनाये जायेंगे।

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उन्होंने बताया कि परिवार पहचान पत्र और आधार कार्ड की तर्ज पर अब देश के असंगठित श्रमिकों के यूनिक आई.डी. कार्ड बनाये जायेंगे। असंगठित मजदूरों के कार्य के अनुसार विभाजन कर खाका तैयार किया जायेगा ताकि इनके उत्थान के लिये योजनायें बनाकर उन्हें क्रियान्वित किया जा सके। जिले के सभी असंगठित मजदूरों का पंजीकरण निशुल्क होगा और इसके लिये सरकार नागरिक सुविधा केंद्र के वीएलई को 20  रुपये प्रति कार्ड देगी। उन्होंने बताया कि यदि यूनिक आई.डी कार्ड में आवेदक बाद में अपडेट करवाता है, तो उसके लिये 20 रुपये उसे खुद वहन करने होंगे। इसमें 2 लाख रुपये का प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का लाभ मिलेगा। योजना में किसी का पंजीकरण होने की दशा में हादसे में मौत होने पर परिजनों को 2 लाख रुपये की सहायता राशि मिलेगी। 


श्री सैन ने बताया कि असंगठित श्रमिक किस वर्ग से है, का खाका तैयार करने के बाद समाजिक सुरक्षा योजनाये जोकि मंत्रालय और सरकार द्वारा चलाई जा रही है, उसे आसानी से क्रियांवित कर इनके लिये बजट का प्रावधान किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि श्रमिकों की गतिविधियों और वह किस राज्य से किस राज्य में जा रहे है, को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा।

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उन्होंने बताया कि आपदा के समय इन असंगठित श्रमिकों तक आसानी से मदद पंहुचाई जा सकेगी, जैसे कोराना काल में इन्हें घर तक खाना पंहुचाने की व्यवस्था करना आदि। रोजगार के अवसर भी इनके लिये इनके वर्ग के हिसाब से सरकार सृजित कर सकेगी। साथ ही यदि कहीं किसी विशेष वर्ग के मजदूरों की जरूरत होगी तो इसी यूनिक आई.डी. के माध्यम से इन लोगों को सूचित किया जा सकेगा।
श्री सैन ने बताया कि छोटे किसान, पशुपालक, कृषि क्षेत्र में लगे मजदूर, ईंट भट्ठों पर काम करने वाले मजदूर, मछली विक्रेता, मोची, घरों में काम करने वाले, रेहड़ी-फड़ी लगाने वाले लोग, न्यूज पेपर वैंडर, कारपेंटर, प्लंबर, रिक्शा संचालक, मनरेगा, मजदूर, दूध विक्रेता, स्थानांतरित लेबर, बारबर इत्यादि जैसे लोग असंगठित श्रमिक यूनिक आई.डी. के लिये आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने के लिये आधार कार्ड नंबर, बैंक का खाता और मोबाईल नंबर होना आवश्यक है। आवेदन करने पर 2 लाख रुपये का प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का लाभ मिलेगा। 


पंजीकरण के लिये डाटाबेस से बनेंगी नई योजनायें-


उन्होंने बताया कि कामगारों के यूनिक आई. डी. के आधार पर पता लग सकेगा कि कितने कामगार अंसगठित क्षेत्र में कार्य कर रहे है। इन डाटाबेस के आधार पर नई योजनायें और पाॅलिसी सरकार बनायेगी। इसका कामगारों को फायदा मिलेगा। इसके लिये जरूरी है कि कामगार असंगठित क्षेत्र में काम कर रहा हो। उन्होंने बताया कि वह ईपीएफ या ईएसआई का मेंबर नहीं हो।