कृषि विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा ने वीडियो काॅफ्रेंसिंग के माध्यम से हरियाणा के सभी जिलों के उपायुक्तों व उप कृषि निदेशकों से पराली न जलाने को लेकर की चर्चा
पंचकूला, 7 सितंबर- कृषि विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा ने आज चण्डीगढ से वीडियो काॅफ्रेंसिंग के माध्यम से हरियाणा के सभी जिलों के उपायुक्तों व उप कृषि निदेशकों से पराली न जलाने को लेकर चर्चा की। चर्चा में उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य किसानों को पराली न जलाने को लेकर जागरूक करना है ताकि किसान पराली को जलाने की बजाय बेच कर अपनी आय में वृद्धि कर सकें।
इसके उपरांत उपायुक्त श्री विनय प्रताप सिंह ने जिले के बागवानी, कृषि, एमएसएमई विभाग के अधिकारियों को बताया कि सरकार का उद्देश्य किसानों को जागरूक करना है और उन्हें बताना है जो किसान पराली नहीं जलाएंगे उन किसानों को सरकार की ओर से प्रति एकड़ के हिसाब से 1000 रूपए इंसेंटिव के रूप में दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को पराली न जलाने के लिए अधिक से अधिक जागरूक करें कयेांकि इससे किसानों को अतिरिक्त आय प्राप्त होगी तथा पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण से भी बचा जा सकेगा।
अतिरिक्त उपायुक्त मोहम्मद इमरान रज़ा ने बताया कि ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा‘ के अंतर्गत जो किसान धान के अलावा कम पानी वाली फसलों की खेती करेगा जैसे-मक्की, दालें, तिल्हन व बागवानी करेगा, तो सरकार उनको 7 हजार रूपए प्रति एकड़ के हिसाब से इंसेंटिव दिया जायेगा। इस योजना के तहत किसानों को पहली किश्त 2 हजार रूपए और दूसरी किश्त जब फसल तैयार होकर मंडी में जायेगी, उसकी वेरिफिकेशन करके ऐसे किसानों को 7 हजार रूपए प्रति एकड़ के हिसाब से दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि किसानों द्वारा पराली को न जला कर उन्हें बाहर निकल कर गाठो के रूप में छोटे कार्डबोर्ड उद्योगों को बेचने से किसानों की आय में भी इज़ाफा होगा और पराली जलने से होने वाले प्रदूषण से भी बचा जा सकेगा।
इस अवसर पर बैठक में जिला बागवानी अधिकारी अशोक कौशिक, एएससीओ राहुल बरकोदिया, डीएससीओ रमेश कुमार, पंचकूला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विरेन्द्र पुनिया, एमएसएमई के उप निदेशक रितुल सिंगला, जिला शिक्षा अधिकारी उर्मिला देवी सहित अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित थे।