*MCC Fire and Rescue Committee reviews monsoon preparedness and Fire Safety initiatives*

आंध्र की तर्ज पर कोविड मरीजों का नि:शुल्क इलाज करवाए हरियाणा सरकार: तंवर

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महामारी का विकराल रूप लेकिन सरकार संवेदनहीन

कोरोना ने पहुंचाया देश के सामाजिक-आर्थिक ढांचे को नुकसान

सिरसा, 7 मई। अपना भारत मोर्चा के संयोजक एवं पूर्व सांसद डॉ. अशोक तंवर ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी के फैसले की तर्ज पर हरियाणा में भी कोविड मरीजों के नि:शुल्क उपचार की मांग की है। यहां जारी अपने बयान में डॉ. तंवर ने कहा कि हरियाणा सरकार ने अस्पतालों में एक व्यक्ति से एक बेड के मुताबिक 8 हजार से 18 हजार रुपए का रेट तय किया है जोकि सरासर गलत है। सरकार ने 35 हजार रुपए गरीब कोरोना मरीजों को छूट देने की बात भी कही है लेकिन सरकार को चाहिए कि हालात को समझते हुए हर कोविड मरीज का नि:शुल्क उपचार करे। लॉकडाउन के हालात में कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जो इतनी भारी भरकम राशि का भुगतान कर सकता हो।  

      उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में हालत बेहद खराब है। मरीजों को न बेड मिल रहे हैं, न ऑक्सीजन और न ही वेंटीलेटर की व्यवस्था है। मरीजों या सामान्य लोगों को वैक्सीन भी उपलब्ध नहीं हो पा रही। 18 वर्ष से 44 वर्ष आयु के आवेदक ऑनलाइन वैक्सीनेशन के लिए आवेदन भी नहीं कर पा रहे। साथ ही अधिक आयु के लोगों को भी खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। डॉ. तंवर ने कहा कि पूरे देश में कोरोना महामारी विकराल रूप दिखा रही है मगर सरकार संवेदनहीन होकर तमाशा देख रही है। मरीजों के लिए पर्याप्त संख्या में मेडीकल ऑक्सीजन, बेड, दवाई आदि की व्यवस्था करना सरकार की जिम्मेदारी है मगर सरकार इससे भाग रही है। बाजारों में लोगों पर डंडे बरसाए जा रहे हैं। सारा सिस्टम अस्त-व्यस्त हो गया है।  

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    उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया है। साथ ही हमारे सामाजिक ताने-बाने को भी प्रभावित किया है। इस सामाजिक-आर्थिक सिस्टम को सही करने के लिए सरकार को उचित कदम उठाने चाहिए लेकिन ऐसा हो नहीं रहा। हरियाणा प्रदेश में त्राहिमाम की स्थिति है। लोग सड़कों पर दम तोड़ रहे हैं। कहीं एंबुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है तो कहीं ऑक्सीजन नहीं है। कहीं दवाई का अभाव है तो कहीं वेंटीलेटर की कमी है। मौत के झूठे आंकड़े पेश कर रही सरकार ने संभावित तीसरी कोरोना लहर की भी कोई तैयारी नहीं की है। इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने हरियाणा सरकार से मांग की कि प्रदेश को कोरोना से मुक्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाए और मरीजों के नि:शुल्क इलाज का प्रबंध करे ताकि लोगों की कीमती जानों के साथ खिलवाड़ न हो सके।