Department of Indian Theatre celebrated World Theatre Day

गांव कोटली की रामप्यारी व रिसालिया खेड़ा के विनोद ने जीती कोरोना के खिलाफ लड़ाई, बताए अपने अनुभव

सिरसा, 07 मई।

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              कोरोना वायरस की दूसरी लहर बहुत तेजी से फैल रही है। नागरिक इससे डरे नहीं बल्कि कोविड-19 नियमों की पालना कर समझदारी से इसे हराए। ऐसे ही कुछ लोग जो अधिक आयु के होते हुए भी अपनी इच्छाशक्ति व हौसले से इससे लड़े व आज स्वस्थ होकर अपने परिवार के साथ हंसी खुशी रह रहे है।


              इसमें सिरसा के गांव कोटली की 72 वर्षीय रामप्यारी पत्नी हरीचंद जो लगभग एक माह पहले कोरोना पॉजिटिव आने पर होम आइसोलेट हुई। रामप्यारी से बातचीत करने पर उसने बताया कि वे पॉजिटिव आने पर होम आइसोलेशन में रही तथा इस दौरान उनके बेटों ने उसकी कोविड-19 नियमों की पालना करते हुए अच्छी तरह से देखभाल की। उन्होंने भी अपनी इच्छा शक्ति को मजबूत करते हुए, चिकित्सों के परामर्श के अनुसार हल्का आहार, फल व दवाइयां ली तथा साथ-साथ योग करके अपने आप को स्वस्थ किया। उन्होंने बताया कि शुरू के दिनों में थोड़ी कमजोरी महसूस हुई, तत्पश्चात धीरे-धीरे रिकवरी हुई और अब वे शारीरिक तौर पर बिल्कुल फिट है। उन्होंने बताया कि सावधानियों के साथ इस बीमारी को मात भी दी और अपने परिवार को भी सुरक्षित रखा। उनके अनुभव से हमें लगता है कि इतनी आयु में कोरोना को मात देना केवल इच्छाशक्ति से ही संभव है। रामप्यारी ने अपील की कि कोरोना से डरना नहीं चाहिए बल्कि लक्षण दिखने पर तुरंत जांच करवा कर चिकित्सक के परामर्श अनुसार उपचार करवाएं। उन्होंने नागरिकों से कहा कि कोविड बीमारी से ठीक होने के लिए अस्पताल में दाखिल होना जरूरी नहीं है, दवाइयों व घरेलू उपाय अपनाने के साथ-साथ दृढ इच्छा शक्ति का होना बहुत जरूरी है।
जिला के गांव रिसालियाखेड़ा के 42 वर्षीय विनोद कुमार ने भी कोरोना को हरा कर जिंदगी की जंग जीती है। उन्होंने भी अपने अनुभव सांझा करते हुए बताया कि उन्हें कोरोना संक्रमण से बहुत दिक्कत हुई। यह वायरस उनके शरीर में पूरी तरह से फैल गया था फिर भी उसने धैर्य व संयम बनाए रखा और अस्पताल में भर्ती होकर अपना पूरा उपचार करवा कर कोरोना को हराया। उन्होंने अपने अनुभवों से बताया कि यह वायरस व्यक्ति को मानसिक रूप से भी बीमार करता है। अगर आप में इच्छा शक्ति है और आपके परिवार का पूर्ण सहयोग है तो कोरोना को आसानी से हराया जा सकता है। किसी भी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण दिखते हैं तुरंत प्राथमिक स्तर पर टेस्टिंग करवाएं और चिकित्सक के परामर्श अनुसार अपना उपचार करवाएं। विनोद ने कहा कि कोरोना संक्रमण हाथों से अधिक फैलता है इसलिए अपने हाथों को बार-बार साबुन से धोएं या सैनिटाइज करें। इसके अलावा मास्क का अवश्य उपयोग करें और सामाजिक दूरी बनाकर रखेें।

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रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपाय :

              किसी भी व्यक्ति को बुखार, खांसी व जुकाम जैसे लक्षण दिखे तो वे तुरंत अपनी टेस्टिंग करवाएं और रिपोर्ट आने तक अपने आप को होम आइसोलेट कर ले तथा घरेलू उपाय व आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन करें। इसके साथ-साथ घर पर बना ताजा और सादा भोजन करें। तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, शुण्ठी (सूखी अदरक) एवं मुनक्का से बनी हर्बल टी/काढ़ा दिन में एक से दो बार पिएं (स्वाद अनुसार इसमें नींबू का रस या गुड़ मिला सकते हैं।) गोल्डन मिल्क 150 मि.ली. गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी चूर्ण मिलाकर दिन में एक से दो बार पिएं, 10 ग्राम च्यवनप्राश प्रतिदिन लें, सुबह-शाम दो-दो बूंद तिल/नारियल/सरसों का तेल या घी नाक के दोनों छिद्रों में लगाएं, 1 चम्मच ताजा अदरक का रस और 30 मि.ली. गर्म पानी में चुटकी भर नमक मिलाकर प्रतिदिन दो बार गरारा करें। खांसी/गले में खराश के लिए नागरिक दिन में कम से कम एक बारे पुदीने के पत्ते/अजवाइन डालकर पानी की भाप लें, खांसी या गले मे खराश होने पर लौंग के चूर्ण को गुड़ या शहद मिलाकर दिन में दो से तीन बार लें। अधिक तकलीफ होने पर निकट के चिकित्सक से परामर्श लें। इसके अलावा नागरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर करने के लिए पूरा दिन गर्म पानी पिएं। इसके अलावा वे प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट योगासन, प्राणायाम एवं ध्यान करें अच्छी नींद ले व तनाव मुक्त रहे, भोजन बनाने में हल्दी, जीरा, धनिया एवं लहसुन आदि मसालों का प्रयोग करें।


होम आइसोलेशन में रह रहे व्यक्ति का रखें विशेष ध्यान : जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. बालेश बंसल


              जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. बालेश बंसल ने बताया कि आमतौर पर होम आइसोलेशन की अवधि 10 दिनों तक रहती है, अगर मरीज को आखिरी 10 दिनों में बुखार या अन्य कोई लक्षण नहीं है, तो वह चिकित्सक से पूछ कर होम आइसोलेशन खत्म कर सकते है। होम आइसोलेशन में रह रहे रोगी का कमरा हवादार होना चाहिए तथा एसी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसके अलावा थोड़ी-थोड़ी देर में रोगी को हल्का भोजन दिया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस शरीर के साथ-साथ मरीजों को मानसिक तौर पर भी कमजोर कर देता है, इसलिए इलाज के दौरान मरीजों को अपनी मानसिक सेहत का भी ध्यान रखें। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को कुछ और भी लक्षणों पर गौर करने की जरूरत है, बुखार के अलावा सांस लेने मे कठिनाई, छाती में लगातार दर्द होने पर तुरंत अपने नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करें।


              उन्होंने कहा कि जिन घर में कोई कोरोना का मरीज है तो 24 से 45 साल का कोई भी व्यक्ति उसकी देखभाल कर सकता है। देखभाल करने वाला व्यक्ति स्वस्थ होना चाहिए। मरीज की देखभाल कर रहे व्यक्ति को अस्थमा, सांस की दिक्कत, डायबिटीज या फिर ब्लड प्रेशर जैसी कोई गंभीर बीमारी नहीं होनी चाहिए। मरीज की देखभाल करते समय हमेशा ट्रिपल लेयर मास्क, डिस्पोजेबल ग्लव्स और एक प्लास्टिक एप्रन का उपयोग करें। एप्रन को हमेशा सोडियम हाइपोक्लोराइट से साफ करे। शौचालय जाने से पहले और बाद में, खाना बनाने से पहले और बाद में अपने हाथों को अच्छे से धोएं, रोगी के थूक, लार और छींक के सीधे संपर्क में आने से बचे। मरीज के उपयोग की किसी भी चीज को न छुएं, मरीज को खाना देते समय उसके सीधे संपर्क में न आएं, खाना किसी स्टूल या टेबल पर रख दें। मरीज द्वारा इस्तेमाल बर्तन को उठाते समय भी डिस्पोजल ग्लव्ज का प्रयोग करें। कोरोना से डरे नहीं बल्कि इससे लडे और दूसरों को भी जागरूक करे, स्वयं सुरक्षित रहें तथा दूसरों को भी सुरक्षित रखें। उन्होंने बताया कि 60 या अधिक आयु के व्यक्ति को होम आइसोलेशन करना उपयुक्त नहीं है तथा जिन व्यक्तियों को कोई गंभीर बीमारी है तो उन्हें भी होम आइसोलेशन में न रखें। उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन के दौरान सांस लेने में परेशानी होती है, आंखों के आगे अंधेरा आता है, छाती मे दर्द होता है अथवा बुखार लगातार 100.5 डिग्री से अधिक होता है तो ऐसी अवस्था में नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में अवगत करवाएं ताकि स्वास्थ्य विभाग की टीम उससे संपर्क कर सके। इसके लिए एंबुलेंस सहायता 108 नंबर पर भी संपर्क कर सकते है।