*MC Chandigarh takes action against encroachments in Sector 15 Patel Market*

हैपेटाइटस-बी व सी लिवर खराब होने के मुख्य कारण: डा. गौरव महेश्वरी

News 7 World:

हैपेटाइटस-बी व सी लिवर खराब होने के मुख्य कारण: डा. गौरव महेश्वरी

पंचकूला, 6 अगस्त ( ): विश्व हैपेटाइटस दिवस पर जागरूकता फैलाने तथा इस क्षेत्र में लिवर की बीमारियों के बढ़ रहे रूझान संबंधी जानकारी देने के लिए पारस अस्पताल पंचकूला के डाक्टरों की एक टीम ने मीडिया को संबोधित किया। इस अवसर पर पारस अस्पताल के गेस्ट्रो तथा लीवर सर्जरी के सीनियर कंस्लटेंट डा. गौरव महेश्वरी तथा गेस्ट्रोएंटरोलोजिस्ट विभाग के कंस्लटेंट डा. राजन मित्तल शामिल थे।


इस अवसर पर संबोधन करते हुए डा. गौरव महेश्वरी ने कहा कि दुनिया भर में हर वर्ष हैपेटाइटस के कारण 13 लाख लोग मारे जाते हैं। भारत में करीब 4 करोड़ लोग हैपेटाइटस बी तथा 12 लाख हैपेटाइटस सी से पीडि़त हैं। उन्होंने बताया कि शराब के सेवन तथा शराब के बिना फैटी लिवर के कारण लोगों को लीवर सिरियोसिस जैसी बीमारियां में भारी इजाफा हो रहा है तथा भारत में हर वर्ष 10 लाख नए मरीज आ रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि ऐसे हालात में लिवर ट्रांस्पलांट के बिना मरीज अधिक से अधिक 2-3 वर्ष जिंदा रह सकता है।

For Detailed News-


डा. राजन मित्तल ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुख्य तौर पर हैपेटाइटस रोग पांच किस्म के होते हैं। जिनमें हैपेटाइटस बी तथा सी सबसे अधिक ज्यादा घातक हैं, जो लिवर को खत्म कर देता है। उन्होंने कहा कि हैपेटाइटस ए तथा ई दूषित खुराक या पानी के कारण होता है, जबकि बी तथा सी व डी किसी संक्रमण बीमारी के रक्त या शरीर के अंदरूनी कुछ पदार्थ के संपर्क के कारण फैलता है। इसमें खून चढ़ाने या संक्रमित इंजेक्शन सूईयों के प्रयोग तथा जिस्मी संबंध जैसे कारण शामिल हैं। उन्होंने बताया कि हैपेटाइटस का मुख्य लक्ष्ण पीलिया, आखों तथा चमड़ी का रंग पीला पडऩा, पेशाब का रंग गहरा पीला होना, थकावट महसूस होना, पेट दर्द या दस्त आदि।

https://propertyliquid.com/


उन्होंने ने बताया कि जितनी जल्दी इस बीमारी का पता लग सके, उतनी जल्दी ही इलाज संभव है। उन्होंने यह भी बताया कि पारस अस्पताल में अब लिवर की जांच के लिए फाइब्रो स्कैन तथा सर्जरी तथा आईसीयू की सुविधा उपलब्ध है।