*Mayor unveils spectacular laser show of National Flag in Sector 17 – a patriotic tribute under “Har Ghar Tiranga”*

* हरियाणा साहित्य अकादमी तथा हरियाणा उर्दू अकादमी द्वारा अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में महिला पत्रकार सम्मेलन का किया गया आयोजन*

स्वास्थ्य सेवाओं की महानिदेशक डॉ. सोनिया त्रिखा खुल्लर ने महिला पत्रकारों को महिला पत्रकार सम्मान से किया सम्मानित

For Detailed

पंचकूला, 10 मार्च- ‘‘मेरे लिए यह गर्व की बात है कि आज मुझे प्रतिष्ठित एवं चर्चित महिला पत्रकारों से रू-ब-रू होने का अवसर प्राप्त हुआ है। अकादमी द्वारा सम्मानित होने वाली ये महिला पत्रकार चंडीगढ़ तथा पंचकूला स्थित विभिन्न समाचार पत्रों में महत्वपूर्ण पदों पर अपनी भूमिका का निर्वहन कर रही हैं। मीडिया एवं पत्रकारिता के जटिल व्यवसाय में आने वाली चुनौतियों के बारे में उनके विचित्र अनुभव जहां हमें अपने समाज का आईना दिखाते हैं वहीं आने वाले युवा पत्रकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत सिद्ध होंगे।’’


उक्त विचार हरियाणा स्वास्थ्य सेवाओं की महानिदेशक डॉ. सोनिया त्रिखा खुल्लर ने अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में हरियाणा साहित्य अकादमी तथा हरियाणा उर्दू अकादमी द्वारा अकादमी परिसर सेक्टर-14  में आयोजित महिला पत्रकार सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने महिला पत्रकार नोनिका सिंह, शायदा बानो, वंदना बत्रा, गीतांजलि गायत्री, शिमोना कंवर, मेघा कुमारी, लीली स्वर्ण, अर्चना सेठी, डाॅ. बिन्दु शर्मा, डाॅ. मीनाक्षी वशिष्ठ को महिला पत्रकार सम्मान से सम्मानित भी किया।


महिला पत्रकार सम्मेलन में द ट्रिब्यून के लाइफ स्टाइल की इंचार्ज वरिष्ठ पत्रकार श्रीमती नोनिका सिंह ने अपने अनुभव सांझा करते हुए कहा कि महिला पत्रकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती अपने व्यवसाय तथा पारिवारिक जीवन में संतुलन बनाए रखना है। पत्रकारिता में लेखन की विशेष शैली का सर्वाधिक महत्व है जो आपकी एक अलग पहचान बनाती है। इसी प्रकार दैनिक ट्रिब्यून की समाचार सम्पादक डाॅ. मीनाक्षी वशिष्ठ ने कहा कि यह खुशी की बात है कि ट्रिब्यून समाचार पत्र समूह के तीनों प्रारूपों में महिलाएं शीर्ष पदों की जिम्मेवारी सम्भाल रही हैं। पत्रकारिता का सफर आसान नहीं होता, लेकिन धैर्य और समझबूझ से इसे आसान बनाया जा सकता है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग से पधारी प्रो. बिन्दु शर्मा ने कहा कि छात्राएं आजकल पत्रकारिता की अपेक्षा अध्यापन व्यवसाय को बेहतर मानती हैं। इसका कारण संभवतः पत्रकारिता में आने वाली चुनौतियां ही कही जा सकती हैं। टाइम्स आॅफ इंडिया से वरिष्ठ पत्रकार श्रीमती शिमोना कंवर ने स्वीकार किया कि कई बार हम पत्रकार एक नई स्टोरी के उत्साह में बहुत अधिक संवेदनहीन हो जाते हैं लेकिन एक महिला पत्रकार ही एक नई स्टोरी एवं संवेदना में सांमजस्य बना सकती है।


द ट्रिब्यून की ब्यूरो चीफ श्रीमती गीताजंलि गायत्री ने अपने अनुभव सांझा करते हुए बताया कि किस तरह से उनकी स्टोरी से जरूरत मंद इंसानों को समाज की मदद मिलती है। इसलिए समाज में महिलाओं को अपनी आवाज हमेशा बुलंद रखनी चाहिए। दैनिक भास्कर की वरिष्ठ पत्रकार शायदा बानो ने अपने अनुभव बांटते हुए कहा कि चुनौतियां तो जीवन के हर क्षेत्र में हैं लेकिन पत्रकारिता की चुनौतियां कई बार बहुत सुकून भी प्रदान करती हैं। परिवार और व्यवसाय में सांमजस्य बनाना यहां अधिक कठिन है। पत्रकारिता के क्षेत्र में चुनौतियों की शिकायत भी संभव नहीं है। उन्होंने अपनी एक स्टोरी स्ट्रेचर नं. 1, 2, 3 के माध्यम से बताया कि किस तरह से दो लावारिस मरीजों को पिंगलबाड़ा एन.जी.ओ. ने अपनाया और लगभग दो वर्ष के पश्चात यह मरीज ठीक होकर अपने परिवार से मिल सके। यह ऐसे अनुभव हैं जो आपको अपने व्यवसाय के प्रति समर्पित होने का सुफल प्रदान करते हैं। ऐसी स्टोरी के माध्यम से संभवतः अज्ञात सत्ता किसी न किसी रूप में आकर इंसानियत की मदद करती है।


वरिष्ठ पत्रकार श्री बलवंत तक्षक ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पत्रकारिता ऐसा व्यवसाय है जहां न तो महिला पत्रकार और न ही पुरुष पत्रकार संवेदनशील रह पाते हैं। लीड खबर का इंतजार उन्हें असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा पर ले जाता है। लेकिन आजकल साॅफ्ट खबरें भी लीड में दिखाई देती हैं। उन्होंने इस अवसर पर कभी थकती नहीं पत्नी कविता के माध्यम से महिलाओं की विशेष भूमिका को रेखांकित किया। उर्दू पत्रकार श्रीमती लीली स्वर्ण ने अपने अनुभवों के साथ-साथ जस्ट अ वूमेन कविता के माध्यम से नारी जीवन के विभिन्न पक्षों को चित्रित किया। इस अवसर पर रेड एफ. एम. से मेघा कुमारी, पंजाब केसरी से अर्चना सेठी तथा जनसत्ता से समाचार संपादक वंदना बत्रा ने भी अपने अनुभव सांझा किए।


कार्यक्रम के अन्त में अकादमी निदेशक, डाॅ. चन्द्र त्रिखा ने समारोह में पधारे सभी अतिथियों, पत्रकार बन्धुओं एवं लेखकों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि जीवन में कुछ लम्हें ऐसे होते हैं जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। अकादमी द्वारा आयोजित आज का यह सम्मेलन भी ऐसे ही लम्हों के रूप में सहेजा जाएगा। सफल एवं प्रभावी पत्रकारिता व्यक्ति की सृजनात्मक एवं बौद्धिक प्रतिभा की स्मृद्धि पर निर्भर करती है। इसलिए साहित्य और पत्रकारिता को एक दूसरे का पूरक कहा जाता है।

https://propertyliquid.com/