सैनिकों के शौर्य व बलिदान से प्रेरणा लेकर देशहित में दें योगदान : उपायुक्त प्रदीप कुमार
1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के 50 साल पूर्ण होने पर विजय दिवस के अवसर पर लघुसचिवालय के सामने शहीदी स्मारक पर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। उपायुक्त प्रदीप कुमार ने शहीदी स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर नमन किया। जिला सैनिक एवं अर्धसैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल (डॉ.) दीप डागर व उप पुलिस अधीक्षक संजय बिश्नोई सहित प्रशासन व बोर्ड के अधिकारियों, पूर्व सैनिकों सहित उपस्थित लोगों ने उपायुक्त के साथ वीर शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और पुलिस टुकड़ी की ओर से शस्त्र झुका सलामी दी।
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित करते हुए कहा कि हमें अपने वीर-जवानों के शौर्य व बलिदानों से प्रेरणा लेनी चाहिए। विशेषकर हमारी युवा शक्ति को अपनी ऊर्जा देश व समाज हित में लगानी चाहिए ताकि सभ्य व सशक्त राष्ट्र का निर्माण हो सके। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का गर्व है कि हमारी सेना में हर दसवां जवान हरियाणा से है। जब-जब देश को जरूरत पड़ी है, हरियाणा के जवान देश की रक्षा करने व गौरव बढाने में अग्रणी रहे है। उन्होंने बताया कि विजय दिवस 1971 में हुए भारत-पाक युद्ध में भारत को मिली जीत की स्मृति में मनाया जाता है। 1971 में आज ही के दिन पाकिस्तान के करीब 93 हजार सैनिकों ने भारतीय सेना के 1500 सैनिकों के समक्ष आत्मसमर्पण किया था जो इतिहास में आज तक का सबसे बड़ा आत्मसमर्पण माना जाता है। इसके बाद ही पूर्वी पाकिस्तान को बांग्लादेश के रूप में नया राष्ट्र बनाया गया था।
उन्होंने बताया कि 1971 में भारत ने पाकिस्तान को न सिर्फ सबक सिखाया बल्कि बांग्लादेश नाम का एक स्वतंत्र देश बना दिया। इस युद्ध को बांग्लादेश का स्वतंत्रता संग्राम भी कहा जाता है। 16 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तानी सेना ने सरेंडर कर दिया था और ढाका में पाकिस्तानी लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाज़ी ने भारत के लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष आत्मसमर्पण पत्र पर हस्ताक्षर कर विजय दिवस मनाया। उन्होंने कहा कि आज सब देशवासी अपने वीर सेनानियों के शौर्य व बहादुरी के कारण ही अमन व चैन से रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सबको अपने सैनिकों के बलिदान से प्रेरणा लेनी चाहिए और देशहित में अपना योगदान करना चाहिए।
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल (डॉ.)दीप डागर ने बताया कि 16 दिसंबर को 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के उपलक्ष्य में ही इस दिन को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस युद्ध में हमारे सैनिकों इतनी बहादुरी से लड़ाई लड़ी कि आखिर में 93 हजार सैनिकों के साथ पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण दिया था। इस अवसर पर सिक्योरिटी इंचार्ज सत्यवान, वरिष्ठï नागरिक एसोसिएशन के प्रधान लालचंद गोदारा, सुबेदार महेंद्र सिंह, औमप्रकाश गोदारा, राजवीर सिंह, शेर सिंह, राजेंद्र सिंह, बृजलाल गोदारा, शिव राज सिंह, मुख्य लिपिक गुरसाहिब सिंह, इंद्राज सहारण सहित अन्य मौजिज व्यक्ति भी उपस्थित थे।