मास्क न पहने वालों के लिए प्रशासन हुआ सख्त, चालान कार्य तेजी के लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने की कोविड-19 के तहत बचाव संबंधी कार्यों व प्रबंधों की कि समीक्षा
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि जिलावासी कोरोना को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, जिस कारण कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, जोकि बेहद चिंता का विषय है, ऐसी परिस्थिति में अब सख्त निर्णय लेने बहुत जरुरी हो गए हंै। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई हैं, इस कमेटी में क्षेत्र के संबंधित डीएसपी, तहसीलदार, एसएमओ व बीडीपीओ शामिल किए गए हैं। यह कमेटी अपने-अपने क्षेत्रों में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कार्य में तेजी लाएगी तथा इस कमेटी की जिम्मेवारी रहेगी की, कोरोना संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आए प्रत्येक व्यक्ति की जांच हो व उनका डाटा पार्टल पर अपलोड अवश्य हो। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग महत्वपूर्ण पहलु है, इसलिए कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग का कार्य शत प्रतिशत पूरा करवाएं।
वे सोमवार को स्थानीय लघु सचिवालय के बैठक कक्ष में कोविड-19 के तहत जिला में की जा रही गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। इस बैठक में डीआईजी एवं पुलिस अधीक्षक डा. अरुण सिंह, नगर आयुक्त संगीता तेतरवार, अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह, एसडीएम सिरसा जयवीर यादव, एसडीएम डबवाली अश्वनी कुमार, एसडीएम कालांवाली निर्मल नागर, डीएसपी आर्यन चौधरी, सीएमजीजीए सुकन्या, सिविल सर्जन डा. सुरेंद्र नैन, पीओआईसीडीएस डा. दर्शना सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
उपायुक्त बिढाण ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सांय के समय बाजारों का दौरा करें तथा यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक दुकान निर्धारित समय पर ही बंद हो। यदि कोई दुकानदार समय की पालना नहीं करता है तो उसका चालान करें। उन्होंने कहा कि संबंधित एसडीएम व पुलिस विभाग के अधिकारी भी प्रतिदिन बाजारों का दौरा करें और नियमों की उल्लंघना करने वालों पर सख्त कार्रवाई करें। उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि सैंपलिंग कार्य में तेजी लाएं तथा यह सुनिश्चित करें कि कंटेनमेंट जोन में हर व्यक्ति की सैंपलिंग हो।
उपायुक्त ने सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि जिला में प्लाज्मा बैंक बनाए तथा ठीक हुए लोगों से प्लाज्मा लेकर जरुरतमंद लोगों को दें। उन्होंने कहा कि इस तकनीक के काफी अच्छे परिणाम मिल रहे हैं, इसलिए स्वास्थ्य विभाग इस पर भी तेजी से काम करें। इसके अलावा कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों को प्लाज्मा डोनेशन के लिए जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति ठीक होने के 30 दिन बाद अपना प्लाज्मा डोनेट कर सकता है। उपायुक्त ने सभी उपमंडलाधीशों से कहा कि रेहड़ी, ऑटो रिक्शा, थ्री-व्हीलर चालकों की एसोसिएशन मालिकों की बैठक लें और उन्हें नियमों की पालना के लिए प्रेरित करें। उन्होंने सभी तहसीलदार व बीडीपीओ को निर्देश दिए कि वे समय-समय पर होम क्वारेंटाइन में रह रहे व्यक्तियों की चैकिंग करें। यह कार्य थ्री-वे मॉनेटरिंग सिस्टम के माध्यम से करें जिनमें सीएमओ, पुलिस व लोकल कमेटी शामिल हैं। उन्होंने सीएमओ को यह भी निर्देश दिए कि जिला में औद्योगिक क्षेत्र अधिक नहीं है, फिर भी औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने वाली लेबर की सैंपलिंग व टैस्टिंग अवश्य हो।

उन्होंने जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी को निर्देश दिए कि पोर्टल पर डेली रिपोर्टिंग अपडेट करें ताकि मॉनेटरिंग कार्य में किसी प्रकार की परेशानी न हो। इसके अलावा कंटेनमेंट जोन में रह रहे प्रत्येक व्यक्ति का डाटा आरोग्य से एप पर अपलोड अवश्य करें। इस कार्य में किसी प्रकार की कोताही न बरती जाए।
चालान कार्य में लाए तेजी :
उपायुक्त बिढ़ाण ने कहा कि जिला में लगातार कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है। इसके बाद भी लोग सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क नहीं लगा रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चालान कार्य में तेजी लाई जाए। इस कार्य में जरा भी ढील बर्दाश्त नहीं होगी। अबतक 2051 लोगों चालान किए जा चुके हैं जिनमें ऐलनाबाद में 450, रानियां में 395, सिरसा में 905, कालांवाली में 144 तथा डबवाली में 157 व्यक्तियों के मास्क न पहनने के चालान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, नगर परिषद / पालिका व अन्य सभी संबंधित विभाग जिला में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, ऐसे में नागरिकों की स्वयं की भी बड़ी जिम्मेवारी है कि वे इसमें अपना सहयोग करें।
लोगों को स्वयं भी होना होगा जागरुक : उपायुक्त बिढ़ाण
उपायुक्त ने कहा कि यदि समय पर कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की पता चल जाता है तो व्यक्ति की जान बच सकती है। इसके लिए कॉॅन्टेक्ट ट्रेसिंग कार्य में तेजी लानी होगी तथा लोगों को भी टैस्टिंग के लिए आगे आना होगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए ट्रेसिंग, सैंपलिंग, टैस्टिंग, ट्रिटमेंट आदि महत्वपूर्ण बिंदु हैं, लेकिन अवेयरनेस भी बहुत जरुरी है। लोगों को चाहिए कि वे अनावश्यक रुप से घरों से बाहर न निकलें, सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की पालना करें तथा मास्क अवश्य पहनेंं। उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, स्वच्छता व लगातार सैनिटाइजेशन से कोरोना को हराया जा सकता है। उन्होंने नगर परिषद / पालिका के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सार्वजनिक स्थानों, ढाबों, बाजारों, बस स्टेंड, सब्जी मंडी आदि स्थानों को लगातार सैनिटाइज करवाएं।
उपायुक्त बिढ़ाण ने कहा कि उन्होंने कहा कि कोरोना जागरुकता के साथ-साथ अधिकारी नशा मुक्ति अभियान में भी कार्य करकें। अधिकारी अभियान के तहत प्रत्येक अधिकारी कम से कम एक गांव की जिम्मेवारी अवश्य लें तथा उसे नशा मुक्त बनाएं। उपायुक्त ने बताया कि गत स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अभियान की शुरुआत की गई थी और एक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था, जिसमें नशा छोडऩे व छुड़ाने में सहयोग करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया गया था। उन्होंने कहा कि नशा छुड़वाने में सहयोग करने वाले वाले व्यक्तियों को भविष्य में राष्टï्रीय पर्व पर नकद राशि व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।
डीआईजी एवं पुलिस अधीक्षक डा. अरुण सिंह ने कहा कि सभी अधिकारी टीम वर्क के साथ कार्य करें तथा प्रतिदिन की प्रगति रिपोर्ट अपडेट करें। उन्होंने कहा कि इसका कोई भी शॉर्टकट नहीं है, इसलिए सभी अधिकारी अपने निर्धारित कार्य को पूरी लग्र व ईमानदारी से पूरा करें, तभी कोरोना पर काबू पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन, सरकार, वैज्ञानिक व चिकित्सकों के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने में बहुत सहायक है। इसलिए सभी इन नियमों का स्वयं भी पालन करें और आमजन को भी भी इसके लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि यह प्रत्येक व्यक्ति की नैतिक जिम्मेवारी है कि वे नियमों की पालना करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी ग्रामीण शहरी में अतिआवश्यक कार्य होने पर ही आएं, इसके लिए पंचायत विभाग के अधिकारी सरपंचों, ग्राम सचिव व पटवारियों के माध्यम से लोगों को जागरुक करेंगे। इस कार्य में पशुपालना विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग भी सहयोग करें। उन्होंने कहा कि नियमों की पालना से सौ प्रतिशत परिणाम मिलेंगे। उन्होंने कहा कि डीएसपी इसके नोडल अधिकारी बनाए गए हैं, किसी भी अधिकारी को किसी प्रकार का सहयोग की आवश्यकता हो तो वे डीएसपी से सम्पर्क कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस बीमारी की अभीतक कोई दवा नहीं बनी है, इससे केवल सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क व होम क्वारंटाइन से ही बचाव संभव है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान में सहयोग करने वाले व्यक्तियों को 26 जनवरी व 15 अगस्त जैसे राष्टï्रीय पर्व पर सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोगों को नशा न करने व अन्यों को भी न करने देने के लिए जागरुक करें। ऐसे लोग जो नशे से पीडि़त हैं, जिला प्रशासन द्वारा उनका ईलाज भी करवाया जाता है।
सिविल सर्जन डा. सुरेंद्र नैन ने बताया कि जिला में अबतक 1419 कोरोना संक्रमण के केस सामने आए हैं तथा 798 ने रिकवर कर लिया है तथा 17 की मृत्यु हो गई है। इसके अलावा अबतक 43 हजार 992 व्यक्तियों की सैंपलिंग की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में कोरोना के अधिक केस सामने आ रहे हैं वहां पर छोटे-छोटे कंटेनमेंट जोन बनाने की बजाए पूरे क्षेत्र को ही कंटेनमेंट जोन बनाया जाए तथा इन क्षेत्रों में प्रत्येक व्यक्ति की सैंपलिंग व स्क्रिनिंग की जाए।