मनोहर लाल का सपना वनाच्छादित हरियाणा को साकार करने की पहल
हरियाणा के प्राथमिक विद्यालय से लेकर विश्व विद्यालय तक के विद्यार्थियों के लिए प्रकृति शिक्षा के अध्याय को साकार करने के लिए वन विभाग हरियाणा विशेष कार्य योजना तैयार किया है। इस अभियान के तहत शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण शिविर, विद्यार्थियों के लिए शैक्षिणिक भ्रमण कार्यक्रम नागरिकों के लिए वृक्ष खेती से आत्मनिर्भर भारत की और, जन संचार के विद्यार्थियों के लिए पर्यावरण पत्रकारिता विषय पर कार्यशाला जैसी गतिविधियों के माध्यम से समाज के सभी वर्गों को प्रकृति रक्षा का सहयात्री बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री मनोहरलाल जी की प्रेरणा से वन-वन्यप्राणी एवं शिक्षा मंत्री हरियाणा श्री कंवरपाल जी के मार्गदर्शन में वनाच्छादित हरियाणा का मार्ग शिक्षा के मंदिरों से ही निकलेगा। इसलिए विद्यार्थियों को वृक्षदूत बनने की शिक्षा प्रदान करनी होगी। प्रधान मुख्य वनसंरक्षक हरियाणा श्री वी. एस. तंवर ने कहा की हरियाणा के समस्त विभागों की संयुक्त कार्यसंस्कृति विकसित करते हुए पौधारोपण ही नहीं पूर्व में लगाये गये पौधों को वृक्ष बनने तक के नैतिक दायित्व के संस्कार से जोड़ा जाएगा। उन्होने कहा कि सर्दी कम होते ही फरवरी माह में खाली पड़ी ज़मीनो पर सामुदायिक हिस्सेदारी से पौध संस्कृति को जीवन जीने का आधार बनाया जाएगा। बागवानी संस्कृति हर घर आंगन में नज़र आये इसके लिए विशेष कार्य योजना तैयार की जाएगी।
नेश्नल पार्क कलेसर यमुनानगर हर्बल पार्क चुहड़पूर नेचर कैंप थापली पंचकुला, पक्षी बिहार भिंडावास झज्जर, पक्षी बिहार सुल्तानपुर गुरूग्राम को समाज के लिए प्रकृति दर्शन केन्द्र के रूप में विकसित किया गया है। इसके अतिरिक्त सभी चिड़िया घरों एवं प्रकृति संर्वर्द्धन केन्द्रों को भी रचनात्मक स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। फरवरी माह में हमारी नदियां जीवन धारा है अभियान के तहत यमुना नदी के किनारे सभी पंचायतों में विशेष अभियान आयोजित किया जाएगा। सभी हर्बल पार्क में औषधीय पौधों के महत्व को बताने के लिए पर्यावरण मडंप स्थापित किया जाएगा। एन.जी.टी. की गाईड लाईन को पत्येक विद्यार्थियों तक पहुँचाने के लिए पर्यावरण साहित्य वितरित किया जाएगा।