*Chandigarh Shines in Swachh Survekshan 2024–25; Enters the Super Swachh League Cities*

भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने “साइंटिफिक सोशल रिस्पांसिबिलिटी” से सम्बंधित दिशा निर्देश किये जारी

विज्ञान के क्षेत्र में समाज की भागीदारी अनिवार्य – धर्मवीर*

For Detailed News


पंचकूला मई 15: भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने गुरुवार को “साइंटिफिक सोशल रिस्पांसिबिलिटी” से सम्बंधित दिशा निर्देश जारी किये हैं। विज्ञान के क्षेत्र में कार्यरत गैर सरकारी संस्था (एन.जी.ओ.) – सोसाइटी फ़ॉर प्रोमोशन ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इन इंडिया ने इस पालिसी को बहुत महत्वपूर्ण बताया है।


सोसाइटी के अध्यक्ष एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यसचिव रह चुके आई.ए.एस. सेवानिवृत्त धर्मवीर ने इस नीति पर बात करते हुए बताया कि विज्ञान के क्षेत्र में समाज की भागीदारी अनिवार्य है एवं वैज्ञानिकों के अनुसंधान कार्यों एवं उपलब्धियों को समाज के लोगों के मध्य रखना अतिआवश्यक है। यह विज्ञान और सामाजिक एकीकरण को बढ़ावा देगा।


उन्होंने बताया कि पालिसी में चार मुख्य बिंदु पर ध्यान केन्द्रित किया गया है जिनमे समावेशी और सतत विकास को सुगम बनाने के लिए विज्ञान और समाज का जुड़ना, विचारों को सांझा करने और वैज्ञानिक संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल,  समुदायों के साथ उनकी जरूरतों की पहचान करने के लिए सहयोग करना और उनकी समस्याओं को विज्ञान और तकनीक से समाधान विकसित करना एवम वैज्ञानिक अभ्यास करने वाले व्यक्तियों और संस्थानों के बीच सामाजिक जिम्मेदारी पैदा करना शामिल हैं।


धर्मवीर ने बताया की पालिसी में देश के हर जिले में से किसी एक संस्थान को एंकर वैज्ञानिक संस्थान के तौर पर अंकित किये जाने का जिक्र है जो इस पालिसी के उद्देश्यों को पूरा करने में अपने जिले में स्थित बाकी संस्थाओं को मदद करेगा। दिशा निर्देशों में संस्थाओं में काम करने वाले प्रत्येक व्यक्ति से वर्ष में कम से कम दस दिनों का योगदान करने की अपेक्षा की गयी है जिसमे वह अनिवार्य रूप से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र को जीवंत और समाज के प्रति उत्तरदायी बनाने के लिए काम करेगा।


धर्मवीर ने बताया की इन दिशा निर्देशों में उद्देशों को पूरा करने के लिए कुछ गतिविधियों का भी ज़िक्र किया गया है जिनमे स्कूलों और कॉलेजों में वैज्ञानिकों द्वारा व्याख्यान, लोकप्रिय विषय पर वैज्ञानिक वार्ता देना, छात्रों के लिए इंटर्नशिप, स्कूलों में प्रदर्शनी, स्कूली छात्रों को उनके इनोवेशन प्रोजेक्ट्स में सलाह देना,  स्कूलों में या जनता के लिए इंटरैक्टिव प्रदर्शनियों को स्थापित करना और उनका रखरखाव करना, प्रशिक्षण और कार्यशालाओं के माध्यम से कौशल विकास, बुनियादी ढांचे और ज्ञान संसाधनों को साझा करना, वैज्ञानिक समाधान और तकनीक का प्रदर्शन, इनोवेटर्स के साथ काम करना, सरल स्थानीय भाषा में सोशल मीडिया संचार के माध्यम से वैज्ञानिक और तकनीकी जानकारी का प्रसार आदि शामिल हैं।


पालिसी के लाभ पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया की इससे समाज के लिए विज्ञान और प्रोद्योगिकी के लाभों का विस्त्तारिकरण, छात्रों को विज्ञान के क्षेत्रों में आने के लिए प्रेरित करने, प्रयोगशालाओं में सहयोग और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संसाधनों को साझा करने का अवसर पैदा करने, वैज्ञानिक हस्तक्षेप से महिलाओं, वंचितों और समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने एवम एमएसएमई, स्टार्ट-अप और अनौपचारिक क्षेत्र के उद्यमों को अपना समग्र विकास करने में मदद मिलेगी।

https://propertyliquid.com/


उन्होंने   बताया की एस.पी.एस.टी.आई. संस्था विज्ञान को लोगों तक पहुँचाने के लिए इन सभी गतिविधियाँ के माध्यम से सन 2010 से कार्यरत है एवम भविष्य में विज्ञान और समाज के एकीकरण के लिए मजबूती से कार्य करेगी। उन्होंने कहा के एस.पी.एस.टी.आई. संस्था वैज्ञानिकों के सामाजिक उत्तरदायित्व को साकार करने के लिए प्रख्यात शिक्षाविद प्रो. एन. सत्यमूर्ति, प्रो. शैलेश नायक, प्रो. अरुण ग्रोवर, प्रो. केया धर्मवीर, प्रो. अरविन्द, प्रो. रविंदर कोहली एवम अन्य सदस्यों के सहयोग के साथ चंडीगढ़ क्षेत्र की विज्ञान अकादमियों को साथ लाने में सक्षम रहा है।