भगवान महावीर जी के विचार आज के समय में भी उतने ही प्रासंगिक और सार्थक – श्रीमती बनतों कटारिया
पंचकूला अप्रैल 4: गेल की पूर्व स्वतंत्र निदेशक व भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य श्रीमती बनतों कटारिया ने भगवान महावीर जी की जयंती पर सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी और कहा कि सत्य, अहिंसा, त्याग और तपस्या पर अधारित उनका जीवन हर किसी के लिए सदैव प्रेरणा स्त्रोत बना रहेगा। 2600 साल बाद भी उनके विचार आज के समय में प्रासंगिक और सार्थक हैं।
उन्होंने कहा कि हम अक्सर शास्त्रों में आदर्श वाक्य पढ़ते हैं, जिन्हें पढ़कर लगता है जो बातें इसमें लिखी गई है, क्या इन बातों को व्यवहार में लाने वाला कोई व्यक्ति हो भी सकता है, लेकिन यदि हम अपने आसपास दृष्टि डालें तो ऐसी अनेक महान हस्तियां हमें नजर आ जायेंगी,जिन्होंने ऐसे आदर्शों को अपने जीवन में दृढ़ता से उतारा है। ऐसे ही भगवान महावीर जी एक दिव्य महापुरुष हुए हैं। उन्होंने ऐसे आदर्शों को स्वयं जिया और फिर अपने अनुभव के आधार पर समाज में अपने विचारों को प्रसारित किया, ताकि अन्य लोगों का जीवन बेहतर बन सके।
बनतों कटारिया ने कहा कि 24 तीर्थंकर के नाते भगवान महावीर जी ने जो सिद्धांत और विचार समाज को दिए आज वही बातें जैन समाज में प्रचलित है। उन्होंने कभी अपनी बातों को दूसरों पर थोपा नहीं। उनके नाम से प्रचलित सिद्धांत भी उन्होंने स्वयं जिए जिनको बाद में उनके गणकरो ने उकेरा और आचार्यों ने व्याख्याहित किया है। उन्होंने कहा कि जैनिज्म पर अनेकों किताबें लिखी गई है, अनेकों लोगों ने उन पर पीएचडी की है। जिसका एक ही निचोड़ निकलता है यदि हम जैन धर्म के विचारों और सिद्धांतों को जीवन में उतारें तो बीमारियों से बचे रह सकते हैं, जीवन के तनाव, बच्चों के स्ट्रेस को कम कर सकते हैं और अहिंसा के प्रचार प्रसार को बढ़ावा दे सकते हैं। उनके विचार “जियो और जीने दो” में स्वयं के प्रति और दूसरों के प्रति हिंसा को खतरनाक बताया है। आज जिस प्रकार से दुनिया भर में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है, ऐसे समय में अहिंसा धर्म का पालन करना अत्यंत जरूरी हो गया है। जिसके लिए भगवान महावीर जी का जीवन बिल्कुल सार्थक साबित होता है।