फसल अवशेष प्रबंधन के लिए अनुदान पर दिए जाएंगे कृषि यंत्र : उपायुक्त
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढान ने बताया कि जिला के किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए अनुदान पर कृषि यंत्र उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसके लिए कृषि विभाग द्वारा आवेदन आमंत्रित किए हैं। किसान आगामी 21 अगस्त तक अपना आवेदन ऑनलाइन विभाग के पोर्टल एग्रीहरियाणासीआरएमडोटकोम पर कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि किसान इन कृषि यंत्रों का उपयोग कर फसल अवशेषों का बेहतर प्रबंधन कर सकते हैं। फसल अवशेष का प्रबंधन कर न केवल चारे की कमी को पूरा किया जा सकता है बल्कि इससे भूमि की ऊपजाऊ शक्ति भी बढ़ेगी। किसानोंं द्वारा फसल अवशेषों का सही प्रबंधन पर्यावरण की स्वच्छता बनाए रखने की दिशा में अहम कदम होगा।
उप कृशि निदेशक डॉ0 बाबू लाल ने बताया कि विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 के दौरान केन्द्र सरकार की इन-सीटू क्रॉप रेजीडयू मैनेजमेंट स्कीम के तहत किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए अनुदान पर कृषि यंत्र दिए जाएंगे। इन यंत्रों में सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (एस एम एस), हैप्पी सीडर, पैडी स्ट्रा चोपर/शेडर/मल्चर,शर्व मास्टर/रोटरी स्लेशर, रिवर्सिवल एम.बी.प्लों, सूपर सीडर, जीरो टिल ड्रील मशीन, बेलर और रेक, क्रॉप रीपर, (ट्रेक्टर चालित, स्वंय चालित, रीपर कम बाईडर) शामिल है। किसान अनुदान के लिए ऑनलाईन आवेदन विभागीय पोर्टल एग्रीहरियाणासीआरएमडोटकोम पर 21 अगस्त तक कर सकते हैं।
उन्होंने बताया है कि लक्ष्यों से अधिक आवदेन प्राप्त होने पर लाभर्थियों का चयन ड्रा/लाटरी के माध्यम से किया जाएगा। एक किसान लाभार्थी अधिकतम 3 विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्र (प्रत्येंक 1) के लिए अनुदान का पात्र होगा। प्रत्येक कृषि यंत्र पर उपलब्ध अनुदान भारत सरकार द्वारा निर्धारित किए गए अधिकतक मूल्य का 50 प्रतिशत अथवा भारत सरकार द्वारा निर्धारित अधिकतम अनुदान राशि (जो भी कम हो) देय होगी। इन उपकरणों की खरीद कृषि तथा किसान कल्याण विभाग, हरियाणा सरकार द्वारा अधिकृत तथा सूचिबद्ध कृषि यंत्र निर्माताओं से करनी अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी विभागीय वैबसाईट एग्रीहरियाणासीआरएमडोटकोम से ली जा सकती है। इसके अलावा उप-कृषि निदेषक/सहायक कृषि अभियन्ता सिरसा के कार्यालय से भी जानकारी ले सकते हैं।