*MC Chandigarh takes action against encroachments in Sector 15 Patel Market*

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार किसानों के उत्थान के साथ साथ पर्यावरण के संरक्षण के लिए कर रही कार्य

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पंचकूला, 22 मार्च- पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री व अंबाला लोकसभा सांसद श्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार किसानों के उत्थान के साथ साथ पर्यावरण के संरक्षण के लिए कार्य कर रही हैं। भारत सरकार का कृषि मंत्रालय देश में परंपरागत कृषि विकास योजना के संचालन के साथ साथ देशभर में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी कार्य कर रहा है। इस योजना के अंतर्गत उत्पादन से लेकर प्रसंस्करण, प्रमाणन एवं विपणन और प्रसंस्करण सहित फसलोंपरांत प्रबंधन में सहायता करने के लिए जैविक खेती करने वाले किसानों की समग्र रूप से सहायता करने हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करता है। जैविक खेती के संबंध में प्रशिक्षण, हैंडहोल्डिंग और क्षमता निर्माण इस योजना के अभिन्न अंग है।
श्री कटारिया ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत किसानों को 3 वर्ष के लिए 50000 रुपये प्रति हेक्टेयर की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत जैविक उत्पादों के सीधे विपणन के लिए किसानों को सुविधा प्रदान करने हेतु 3 वर्ष के लिए 15 लाख रुपए प्रति 1000 हेक्टेयर के क्लस्टर की दर से सहायता भी प्रदान की जाती है। इसके इलावा ब्रांडिंग, प्रचार, प्रदर्शनी, व्यापार मेलों और अन्य विपणन पहलों के लिए 3 वर्षों के लिए 53 लाख रुपये प्रति 1000 हेक्टेयर के क्लस्टर की दर से सहायता प्रदान की जाती है। मूल्यवर्धन और बुनियादी ढांचे के निर्माण हेतु 3 वर्ष के लिए 20 लाख रुपए प्रति 1000 हेक्टेयर के क्लस्टर की दर से सहायता प्रदान की जाती है।
श्री कटारिया ने कहा कि परंपरागत कृषि विकास योजना केंद्र द्वारा संचालित योजना हैं। जिसे राज्य सरकारों के माध्यम से लागू किया जा रहा है। यह योजना क्लस्टर मोड में लागू की गई है और प्रत्येक क्लस्टर में अधिकतम 50 लाभार्थी किसान है। हरियाणा राज्य के लिए 50-50 किसानों के 20 क्लस्टर स्वीकृत किए गए थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार राज्य में प्राकृतिक खेती योजना को पहले से ही संचालित कर रही है और इस वर्ष 2022-23 के दौरान 2500 एकड़ के लक्ष्य की तुलना में 6000 एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती का लक्ष्य रखा गया है। इसके अतिरिक्त 8376 प्रतिभागियों को    प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण संस्थान, कुरुक्षेत्र में प्राकृतिक खेती के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित भी किया गया है, जिसके अंतर्गत 129 प्रगतिशील किसान, 434 युवा किसान, 361 महिला किसान, 6234 सरपंच एवं पूर्व सरपंच, 294 बागवानी करने वाले किसान, 915 अधिकारियों की भागीदारी रही है।

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