*MCC Fire and Rescue Committee reviews monsoon preparedness and Fire Safety initiatives*

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को वित्तीय सहायता का प्रावधान-दिलबाग सिंह

– तालाबों और सूक्ष्म जलक्षेत्रों में मछली संस्कृति को बनाये रखने के लिये मछली किसानों को तकनीकी सहायता भी प्रदान की जाती है-दिलबाग सिंह

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पंचकूला,  4 अक्तूबर- केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को मछली पालन के व्यवसाय के लिये वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
इस संबंध में जानकारी देते हुये जिला मत्स्य अधिकारी श्री दिलबाग सिंह ने मछली पालकों से अपील की गई है कि वे आगे आ कर सरकार द्वारा दी जा रही इन सुविधाओं का अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करें। उन्होंने बताया कि अधिसूचित जल की नीलामी पर वित्तीय सहायता राशि 4 लाख रुपये की अधिकतम सीमा के साथ वास्तविक नीलामी की राशि का 25 प्रतिशत अनुदान वित्तीय सहायता के रूप में दिया जाता है। उन्होंने बताया कि तालाब की लीज राशि पर सहायता, इनपुट्स पर सब्सिडी, मछली किसानों को प्रशिक्षण वजीफा, मछली पकड़ने के जाल की खरीद पर सब्सिडी, मछली मंडी में थोक एवं खुदरा मछली दुकान के किराये पर अनुदान सहायता के साथ साथ रंगीन मछली की लघु एवं मध्यम वर्गीय बैकयार्ड हैचरी युनिट की स्थापना के साथ साथ अनुदान के रूप में सहायता की जाती है।


उन्होंने बताया कि किसानों की मदद के लिये योजना और तालाबों के अनुमानों की तैयारी और गुणवत्ता वाले बीज और फीड की आपूर्ति की जाती है। उन्होंने बताया कि इसी तरह मछली के विकास और रोगों की जांच में भी सहायता दी जाती है। मछली फसल काटने की मशीन और मछली परिवहन और विपणन में सहायता दी जाती है।

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श्री दिलबाग ने बताया कि राज्य सरकार मत्स्य पालन क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियों को शुरू करने के लिये मछली किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस वित्तीय सहायता में सघन मत्स्य विकास कार्यक्रम की योजना के अंर्तगत नये तालाबों की खुदाईध्मछली संस्कृति इकाई के निर्माण के लिये ऋण सहायता, सामुदायिक भूमि का नवीनीकरण करके अतिरिक्त जल क्षेत्र का निर्माण करना शामिल है। उन्होंने बताया कि मौजूदा तालाबों और सूक्ष्म जलक्षेत्रों में मछली संस्कृति को बनाये रखने के लिये मछली किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान करना है। इसके लिये शैलो, डीप ट्यूब्वैल और जलवाहक के लिये वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है।