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जिला सचिवालय के सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा।

जिला सचिवालय के सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा।

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पंचकूला 29 जुलाई- उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 की धारा 33 के तहत तुरंत प्रभाव से किसी प्रकार के घग्गर व इसकी सहायक नदियों में बरसाती पानी के उफान आने से किसी प्रकार अप्रिय घटनाओं को रोकने एवं प्रभावी कदम उठाने के आदेश जारी किए है।


उपायुक्त राजस्व एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संबधित पंचायतें ठीकरी पहरा लगाएं ताकि किसी प्रकार की जान व माल की हानि न हो। उन्होंने विशेषकर बुर्जकोटिया, कौशल्या डैम व माजरी चैक घग्गर नदी में पुलिस पैट्रोलिंग डयूटी लगाने के भी निर्देश दिए। कार्यकारी अभियंता सिंचाई विभाग ने बताया कि बुर्जकोटिया में जेसीबी से खुदाई करके रास्ता बंद कर दिया गया है ताकि कोई नहाने के लिए न जा सके।

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उपायुक्त के आदेशानुसार पुलिस उपायुक्त जिला में विशेषकर जलभराव वाले खतरनाक स्थानों पर प्रर्याप्त संख्या में पुलिस की तैनाती सुनिश्चित करेंगें। इसके अलावा सिंचाई विभाग के अधिकारी चिहिन्त किए गए ऐसे स्थानों पर चेतावनी संकेत बोर्ड लगाना सुनिश्चित करें ताकि बरसात के दिनों में घग्गर एवं इसकी सहायक नदियों में बरसात से ज्यादा पानी आने पर किसी प्रकार की दुर्घटना न घटित हो सके। इसके अलावा पानी के उच्च बहाव की भी सूचना भी देना सुनिश्चित करेंगेें ताकि कोई भी व्यक्ति उच्च बहाव वाले पानी के नजदीक न जाए। इसके अलावा सिंचाई विभाग के अधिकारी कौशल्या डैम पर नाव एवं बाढ बचाव के अन्य आवश्यक उपकरण एवं तेल आदि का उचित प्रबंध करें।


आदेशानुसार एसडीएम पंचकूला व एसडीएम कालका संबधित क्षेत्रों के ओवर आल इंचार्ज होंगें ओर किसी प्रकार की जान व माल के नुकसान को रोकने व आपदा से निपटने के लिए तत्पर रहेंगें। इसके अलावा पुलिस एवं सिंचाई विभाग के अधिकारी 24 घण्टें ऐसे स्थानों की सख्ती से निगरानी रखेंगें। इसके अलावा कालका में आईटीबीपी क्षेत्र का पानी उनकी दिवार के साथ साथ कच्चा नाला खोदकर एक स्थान पर आउटलेट के माध्यम से पानी निकालने के बारे भी विचार विमर्श किया गया ताकि सीधे रूप से पानी सड़क पर आकर परेशानी न डाले।


बैठक में नगराधीश धीरज चहल, एसडीएम कालका राकेश संधु, जिला राजस्व अधिकारी रामफल कटारिया, सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता सहित कई अधिकारी मौजूद थे।